प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को विश्व आर्थिक मंच के डावोस एजेंडा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आशंकाओं के बीच मैं आपने सामने आत्मविश्वास, सकारात्मकता और दुनिया के लिए उम्मीद के साथ 130 करोड़ से अधिक भारतीयों का संदेश लेकर आया हूं।’
डिजिटल माध्यम से हुए इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘केवल 12 दिन में भारत ने 23 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में हम देश में 30 करोड़ बुजुर्ग और अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाने का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।’
उन्होंने कहा कि आज भारत उन देशों में है जो कोरोना से अपने ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाने में सफल रहे और जहां कोविड मामलों की संख्या लगातार घट रही है। भारत अपने नागरिकों को अब यूनिक हेल्थ आईडी देने का काम शुरू कर रहा है। इससे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच आसान होगी।
‘भारत से आएंगे अभी और कोरोना टीके’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तो दो मेड इन इंडिया वैक्सीन उपलब्ध हैं। विश्व आर्थिक मंच को यह जानकर राहत मिलेगी कि आने वाले समय में भारत से और टीके आएंगे। बता दें कि ‘कोवैक्सीन’ का निर्माण भारत बायोटेक ने किया है। वहीं, ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ का निर्माण भारत के सीरम संस्थान ने किया है।
‘भारत ने अपनी वैश्विक जिम्मेदारी निभाई’
उन्होंने कहा कि ‘सर्वे संतु निरामया’ यानी पूरा संसार स्वस्थ रहे, इस हजारों वर्ष पुरानी परंपरा पर चलते हुए भारत ने इस कठिन समय में अपनी वैश्विक जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। जब कई देशों में हवाई क्षेत्र बंद थे, भारत ने एक लाख से ज्यादा लोगों को उनके देशों तक पहुंचाया और 150 से अधिक देशों में आवश्यक दवाएं पहुंचाईं।
‘कई देशों के लोगों की जान बचा रहा भारत’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैक्सीन भेजकर और टीकाकरण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करके भारत कई देशों के लोगों की जान बचा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग में भारत का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
भारत के पास क्षमता, योग्यता, विश्नसनीयता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा आत्मनिर्भर भारत अभियान दुनिया की भलाई और वैश्विक सप्लाई चेन को लेकर प्रतिद्ध है। उन्होंने कहा कि वैश्विक सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए भारत के पास क्षमताएं हैं, योग्यता है और विश्वसनीयता है। भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था की क्षमताओं को बढ़ाने के संकल्प के साथ इसकी शुरुआत की थी।
बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए किए कई सुधार
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भारत ने एक के बाद एक कई सुधार किए हैं, जिनका लंबे समय से इंतजार था। सरकार ने उत्पादन बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। हमने नई उत्पादन इकाइयों के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 15 फीसदी कर दिया है, जीएसटी दरें घटाई हैं, कर व्यवस्था आसान की है।