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विकसित भारत का सपना लेकर देश की अमृत यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं युवा- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 25 फरवरी को ‘हार्नेसिंग यूथ पॉवर – स्किलिंग एंड एजुकेशन’ (युवाशक्ति का सदुपयोग–निपुणता और शिक्षा) पर बजट बाद वेबिनार को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कौशल और विकास, भारत के अमृत काल के दौरान दो प्रमुख उपकरण हैं और ये युवा ही हैं, जो विकसित भारत का सपना लेकर देश की अमृत यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का बजट शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और उद्योगोन्मुख बनाकर उसकी बुनियाद को मजबूत करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “युवाओं की सहज योग्यता और भविष्य की मांग को ध्यान में रखकर शिक्षा और निपुणता को नई दिशा दी जा रही है।” उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति के अंग के रूप में शिक्षा और निपुणता, दोनों पर समान जोर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत के नियम-कानून के बोझ से छात्रों को मुक्त करने के साथ-साथ सरकार शिक्षा और कौशल विकास सेक्टरों में आगे और सुधार करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी नये स्वरूप की कक्षाएं बनाने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार उन उपायों पर गौर कर रही है, जो ‘हर स्थान से ज्ञान तक सुगमता’ सुनिश्चित करें। उन्होंने ‘स्वयम्’ नामक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का उदाहरण दिया, जिसके 3 करोड़ सदस्य हैं। उन्होंने इस संभावना का संकेत दिया कि वर्चुअल प्रयोगशालाएं और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय ज्ञान का विशाल माध्यम बन रहे हैं। उन्होंने डीटीएच चैनलों के जरिए स्थानीय भाषाओं में पढ़ने के अवसर का भी उल्लेख किया और कहा कि देश में ऐसी अनेक डिजिटल व प्रौद्योगिकी आधारित पहलें हो रही हैं, जिन्हें राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय से अधिक से अधिक ताकत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश के युवाओं को ‘कक्षा से बाहर का अनुभव’ देने के लिए इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप प्रदान करने पर ध्यान दे रही है। प्रधानमंत्री ने बताया, “आज नेशनल इंटर्नशिप पोर्टल” पर लगभग 75 हजार नियोक्ता उपस्थित हैं, जहां अब तक 25 लाख इंटर्नशिप की आवश्यकताओं को पोस्ट किया गया है।” उन्होंने उद्योगों और शिक्षा संस्थानों से आग्रह किया कि वे इस पोर्टल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें तथा देश में इंटर्नशिप संस्कृति को और विस्तार दें।

प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि अप्रेंटिसशिप हमारे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि इससे उद्योगों को ऐसी श्रमशक्ति की पहचान करने में मदद मिलेगी, जो उसके लिए सही कौशल से लैस हो। इस वर्ष के बजट पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने वजीफे के प्रावधान का उल्लेख किया, जो नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोमोशन स्कीम के तहत लगभग 50 लाख युवाओं को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि इससे अप्रेंटिसशिप के लिए माहौल बन रहा है तथा भुगतान के मामले में उद्योग को भी मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में निपुणता पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 का उल्लेख किया जो आने वाले वर्षों में लाखों युवाओं को ‘स्किल, री-स्किल और अप-स्किल’ करेगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के जरिए जनजातियों, दिव्यांगों और महिलाओं के लिए उनके अनुरूप सटीक कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार, उद्योग 4.0 के एआई, रोबोटिक्स, आईओटी और ड्रोन जैसे सेक्टरों के लिए कुशल श्रमशक्ति बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

प्रधानमंत्री ने भारत में शिक्षा सेक्टर में तेजी से बदलाव लाने के लिए अकादमिक जगत और उद्योग के बीच साझेदारी की भूमिका के महत्‍व का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बाजार की जरूरतों के मुताबिक अनुसंधान किया जाना चाहिए। उन्होंने आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के बारे में बताया कि ये प्रयोगशालायें अब मेडिकल कॉलेजों और निजी क्षेत्र की अनुसंधान व विकास टीमों के लिए भी उपलब्ध कराई जायेंगी। प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे देश में अनुसंधान व विकास इको-प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए उठाये गये सभी कदमों का भरपूर लाभ उठायें।

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