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सरकारी योजनाओं की डेडलाइन पर पीएम मोदी की नजर: तेजी से पूरा हो रहा परियोजनाओं का काम

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देश भर में विकास की परियोजनाओं पर पीएम मोदी की करीबी नजर है, परियोजनाओं से जुड़ी चुनौतियों का जल्द निपटारा हो और प्रोजेक्टस का काम तय वक्त पर पूरा हो, इसके लिए पीएम मोदी लगातार प्रोजेक्ट्स से जुड़े अपडेट्स लेते रहते हैं। मंगलवार को हुई कैबिनेट्स की बैठक में भी पीएम मोदी ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स की जानकारी ली। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में 7 जुलाई को हुए फेरबदल और विस्तार के बाद से यह चौथी बैठक थी। 14 सितंबर को भी हुई थी कैबिनेट की बैठक, जिसमें इस बात को लेकर चर्चा हुई की सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ किस तरह और प्रभावी तरीके से लोगों को मिल सके।

स्वास्थ्य सेवाओं के विकास पर पीएम मोदी का विशेष जोर 

देश की स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव की पहल करते हुए , पीएम मोदी ने इस साल सितंबर महीने में ही आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरुआत की है, इससे स्वास्थ्य सेवाओं तक गरीबों की आसान पहुंच  सुनिश्चित होगी। यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा। आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री डिजिटल फार्मेट में अपडेट होगी। आप किसी दूसरे शहर, अस्पताल में भी यूनीक आईडी से डॉक्यूमेंट्स देख सकेंगे। इससे डॉक्टर्स को इलाज करने में आसानी होगी। यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं।

 

आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का नेटवर्क बनाने की पहल

डिजिटल हेल्थ मिशन की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों और अन्य आधुनिक स्वास्थ्य संस्थानों का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा हर तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज बनाने पर काम चल रहा है। उन्होंने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का उल्लेख करते हुए बताया कि गावों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नेटवर्क और आरोग्य केंद्रों को दुरुस्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 80 हजार से अधिक ऐसे केंद्रों को चालू किया जा चुका है।

आयुष्मान भारत से देश को करोड़ों गरीबों का फायदा

इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी लाल किले से भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सरकारी योजनाओं का जिक्र किया था। मोदी सरकार की इन योजनाओं का फायदा देश के कोने -कोने तक पहुंच रहा है।देश के हर नागरिक तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ (पीएम-जेवाई) की शुरुआत की थी, जिसने इसी साल 23 सितंबर को तीन साल पूरे कर लिए हैं , यह योजना गरीबों के इलाज में अहम भूमिका निभा रही हैं। दवाओं की लागत, उपचार सहित विभिन्न प्रकार के खर्च की चिंता से मुक्त करते हुए यह योजना गरीब को बेहतर इलाज सुनिश्चित कर रही है। इस योजना के तहत हर मिनट 14 लोगों को अस्पताल में दाखिला मिल रहा है। अब तक 2.19 करोड़ लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

उज्जवला योजना की तेज रफ्तार 

उज्ज्वला की मुफ्त एलपीजी कनेक्शन योजना 2019 में उन आठ करोड़ लाभार्थियों के लिए समय सीमा से पहले पूरी हो गई, जिनके पास देश में गैस कनेक्शन नहीं था. पीएम मोदी इस योजना के दूसरे संस्करण को लॉन्च कर चुके हैं , जिसमें एक करोड़ और लाभार्थियों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मिलेगा, जिससे देश में पूर्ण एलपीजी पहुंच में तब्दील होने की उम्मीद है, इस योजना के शुरू होने से अब तक बेहद कम वक्त में ही तीन लाख से अधिक कनेक्शन दिए जा चुके हैं और उम्मीद है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केद्र सरकार वर्ष 2021 में ही अपना लक्ष्य हासिल कर सकती है।

1 करोड़ फ्री गैस कनेक्शन बांटे जाएंगे

पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत देश की महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था ताकि वे धुएं से मुक्ति पा सकें. वहीं, 25 अगस्त से उत्तर प्रदेश में उज्जवला योजना 2.0 की शुरुआत हुई. जहां पहले चरण में देश की करीब 8 करोड़ महिलाओं को धुएं से आजादी मिली, वहीं योजना के दूसरे चरण में राज्य की करीब 20 लाख महिलाओं को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है, वहीं, देशभर में 1 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन बांटने का लक्ष्य तय किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में हर गरीब को घर का लक्ष्य

प्रधानमंत्री आवास योजना में मोदी सरकार का लक्ष्य हर गरीब को घर देने का है, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के 6.1 लाख लाभार्थियों के बैंक खातों में 2,690 करोड़ रुपये की राशि का डिजिटल ट्रांसफर किया। पीएम मोदी ने वर्ष 2020-21 के तहत आवास योजना के 5.3 लाख लाभार्थियों को आवास निर्माण की पहली किस्त तथा 80 हजार लाभार्थियों को दूसरी किस्त की धनराशि ट्रांसफर की है।

ये एक ऐसी योजना है जो 2022 के अंत तक हर बेघर व्यक्ति को एक घर देने का लक्ष्य रखती है। 2022 के अंत तक लगभग 2.67 करोड़ घरों को वितरित करने के नए लक्ष्य के मुकाबले 1.53 करोड़ घरों (60%) का काम अब तक पूरा हो चुका है और अन्य 48 लाख स्वीकृत किए जा चुके हैं और निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं. सरकार का लक्ष्य मार्च 2022 तक 2.01 करोड़ घरों और बाक़ी लक्ष्य (65 लाख घरों) को 2022 के अंत तक पूरा करने का है।

अटल पेंशन योजना-अंशधारकों की संख्या तेजी से बढ़ी

पेंशन फंड रेग्युलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) की प्रमुख पेंशन योजनाओं में से एक अटल पेंशन योजना के तहत अंशधारकों की संख्या इस साल 31 अगस्त तक 33.20 फीसदी बढ़कर 304.51 लाख पर पहुंच गई है। योजना के तहत प्रबंधनाधीन संपत्ति 18,059 करोड़ रुपये रही। जबकि एक साल पहले यह इससे 33 फीसदी कम थी।

क्या है अटल पेंशन योजना ?

अटल पेंशन योजना को 18 से 40 वर्ष की आयु का कोई भी ऐसा भारतीय नागरिक ले सकता है जिसके पास बैंक खाता है। यह 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन प्रदान करती है। योजना के तहत ग्राहक की मृत्यु पर पति या पत्नी को आजीवन पेंशन की राशि की गारंटी दी जाती है। वहीं दोनों ग्राहकों की मृत्यु की स्थिति में पेंशन की पूरी राशि नामित व्यक्ति को भुगतान कर दी जाती है।

गेम-चेंजर है जल जीवन मिशन-हर घर नल योजना

जल जीवन मिशन- हर घर नल योजना ने 5 करोड़ (5,00,09,340 घर) नए ग्रामीण परिवारों के घर में नल से जल पहुंचाने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली। अब देश के 8 करोड़ 24 लाख ग्रामीण परिवारों (42.83 फीसदी) को उनके घर में पर्याप्त मात्रा में पीने का शुद्ध जल मिलना शुरू हो गया है। देश के 919 ब्लॉक के 1 लाख 15 हजार 278 गांव ‘हर घर जल गांव’ बन चुके हैं । 15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी, तब 3 करोड़ 24 लाख परिवारों (17 फीसदी) को ही घर में नल कनेक्शन से पीने का पानी मिल रहा था।

35 विशेष गुणों वाली फसल किस्में राष्ट्र को समर्पित

सितंबर 2021 में पीएम मोदी ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा विकसित 35 विशेष गुणों वाली फसल किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया। इन किस्मों का विकास जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से किया गया है।

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