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प्रधानमंत्री ने रेलवे को दी 41 हजार करोड़ की 2,000 से अधिक परियोजनाओं की सौगात, कहा- आज भारत जो करता है, अभूतपूर्व स्पीड-स्केल से करता है

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भारतीय रेलवे के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 26 फरवरी को रेलवे के 41 हजार करोड़ रुपये की दो हजार से ज्यादा रेल परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 19 हजार करोड़ से अधिक लागत से अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम, नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतीक है। आज भारत जो करता है, अभूतपूर्व स्पीड से करता है। आज भारत जो करता है, अभूतपूर्व स्केल से करता है। आज के भारत ने छोटे-छोटे सपने देखना छोड़ दिया है। हम बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए दिन रात एक कर देते हैं। यही संकल्प इस विकसित भारत-विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी की उपस्थिति में आज एक साथ रेलवे से जुड़ी 2000 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। अभी तो इस सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत जून महीने से होने वाली है। अभी से जिस स्केल पर काम होना शुरू हो गया है, जिस स्पीड पर काम होना शुरू हो गया है, वो सबको हैरत में डालने वाला है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज की इन परियोजनाओं से देश के लाखों नौजवानों को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे। आज रेलवे का जो ये कायाकल्प हो रहा है, ये उन साथियों को भी लाभ देगा, जो स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं। ये कायाकल्प उनके भी बहुत काम आएगा, जो 30-35 वर्ष से कम आयु के हैं। विकसित भारत, युवाओं के सपनों का भारत है। इसलिए विकसित भारत कैसा होगा, ये तय करने का सबसे अधिक हक वो भी उन्हीं को है। मैं देश के हर नौजवान को बताना चाहता हूं कि आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। आपका सपना, आपकी मेहनत और मोदी का संकल्प, यही विकसित भारत की गारंटी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि ये जो अमृत-भारत स्टेशन हैं, विरासत और विकास, दोनों के प्रतीक होंगे। जैसे ओडिशा के बालेश्वर रेलवे स्टेशन को भगवान जगन्नाथ मंदिर की थीम पर डिजाइन किया गया है। सिक्किम के रंगपो रेलवे स्टेशन पर आप लोगों को स्थानीय वास्तुकला का प्रभाव दिखेगा। राजस्थान का सांगनेर रेलवे स्टेशन, 16वीं शताब्दी की हैंड-ब्लॉक प्रिंटिंग को दर्शाता है। तमिलनाडु के कुंभकोणम स्टेशन का डिजाइन चोल काल की वास्तुकला पर आधारित है। अहमदाबाद रेलवे स्टेशन, मोढेरा सूर्य मंदिर से प्रेरित है। गुजरात में द्वारका का स्टेशन, द्वारकाधीश मंदिर से प्रेरित है। आइटी सिटी गुड़गांव का रेलवे स्टेशन, आईटी के लिए ही समर्पित होगा। यानि अमृत भारत स्टेशन, उस शहर की विशेषता से दुनिया को परिचित कराएगा। इन स्टेशनों के निर्माण में दिव्यांगों और बुजुर्गों, उनकी सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 10 वर्षों में हम सभी ने एक नया भारत बनते देखा है। और रेलवे में तो परिवर्तन साक्षात हम अपनी आंखों के सामने देख रहे हैं। जिन सुविधाओं की हमारे देश के लोग कल्पना किया करते थे, लोगों को लगता था कि काश भारत में ये होता तो, लेकिन अब देखिए जो कभी आप कल्पना में सोचते थे आज हम आंखों के सामने होते हुआ देख रहे हैं। एक दशक पहले तक, वंदे भारत जैसी आधुनिक, सेमी-हाईस्पीड ट्रेन के बारे में कभी सोचा था, सुना था, किसी सरकार ने कभी बोला भी था। एक दशक पहले तक, अमृत भारत जैसी आधुनिक ट्रेन की कल्पना बहुत मुश्किल थी। एक दशक पहले तक, नमो भारत जैसी शानदार रेल सेवा के बारे में किसी ने कभी सोचा नहीं था।

उन्होंने कहा कि दशकों तक रेलवे को हमारे यहां की स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा। लेकिन अब भारतीय रेलवे, देशवासियों के लिए ईज ऑफ ट्रेवल का मुख्य आधार बन रही है। जिस रेलवे के हमेशा घाटे में होने का रोना रोया जाता था, आज वो रेलवे परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है। ये सब कुछ आज इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत 11वें नंबर से छलांग लगाकर 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बना। 10 साल पहले जब हम 11वें नंबर पर थे, तब रेलवे का औसत बजट, 45 हज़ार करोड़ रुपए के आसपास रहता था। आज जब हम 5वें नंबर की आर्थिक ताकत हैं, तो इस वर्ष का रेल बजट, ढाई लाख करोड़ रुपए से अधिक का है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 10 वर्षों में हमने बड़े-बड़े घोटालों को, सरकारी पैसे की लूट को बचाया है। इसलिए बीते 10 वर्षों में नई रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हुई। आज जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक, ऐसे स्थानों तक भी भारतीय रेल पहुंच रही है, जहां लोगों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। ईमानदारी से काम हुआ, तभी ढाई हज़ार किलोमीटर से अधिक के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम हुआ है। यानि आपने टैक्स के रूप में, टिकट के रूप में जो पैसा दिया, उसकी पाई-पाई आज रेल यात्रियों के हित में ही लग रही है। हर रेल टिकट पर भारत सरकार करीब-करीब 50 परसेंट डिस्काउंट देती है।

उन्होंने कहा कि जब नई रेल लाइन बिछती है, तो मजदूर से लेकर इंजीनियर तक अनेक लोगों को रोजगार मिलता है। सीमेंट, स्टील, ट्रांसपोर्ट जैसे अनेक उद्योगों, दुकानों में नई नौकरियों की संभावनाएं बनती हैं। यानि आज जो ये लाखों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है, ये हजारों प्रकार के रोजगार की गारंटी भी है। जब स्टेशन बड़े और आधुनिक होंगे, ज्यादा ट्रेनें रुकेंगी, ज्यादा लोग आएंगे, तो आसपास रेहड़ी-पटरी वालों को भी इससे फायदा होगा। हमारी रेल, छोटे किसानों, छोटे कारीगरों, हमारे विश्वकर्मा साथियों के उत्पादों को बढ़ावा देने वाली है। इसके लिए वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत स्टेशन पर विशेष दुकानें बनाई गई हैं। हम रेलवे स्टेशनों पर हजारों स्टॉल लगाकर उनके उत्पाद बेचने में भी मदद कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक माना जा रहा है। इसका एक बड़ा कारण ये आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। आने वाले 5 वर्षों में जब ये हजारों स्टेशन आधुनिक हो जाएंगे, भारतीय रेल की क्षमता बढ़ जाएगी, तो निवेश की एक और बहुत बड़ी क्रांति आएगी।

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