Home समाचार यह मोदी का इंडिया है… पाकिस्तान को झुकना ही था

यह मोदी का इंडिया है… पाकिस्तान को झुकना ही था

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के कारण आतंकवाद को देखने का दुनिया का नजरिया बदल चुका है। अच्छे और बुरे आतंकवाद में विभेद करने की जगह विश्व समुदाय आज इसके विरोध में खड़ा है। आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण आज पूरी दुनिया प्रधानमंत्री मोदी को एक ग्लोबल लीडर के तौर पर जानती है। यह प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही है कि पाकिस्तानी सेना जो पहले भारतीय जवानों का सिर काटकर ले जाया करती थी और जवानों के शव को क्षत- विक्षत भारत को देती थी आज 48 घंटे के अंदर ही विंग कमांडर अभिरंजन को सुरक्षित रिहा करने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति के कारण पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर होना पड़ा। मोदी सरकार ने साफ कर दिया था कि अभिनंदन के मामले पर कोई भी बातचीत नहीं होगी और उन्हें सुरक्षित वापस लौटाना ही होगा। पाकिस्तान ने शुरू में अभिनंदन को लेकर मोलभाव करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि वो गलतफहमी में ना रहे। अगर अभिनंदन को कुछ हुआ तो उसका खामियजा उसे भुगतना पड़ेगा। बालाकोट में भारतीय एक्शन और सीमा पर भारत की मुस्तैदी से घबराए पाकिस्तान ने आखिर अभिनंदन को शुक्रवार को छोड़ने की घोषणा कर दी।

इससे पहले की सरकार में बात-बात पर परमाणु शक्ति होने की धमकी देने वाला पाकिस्तान प्रधानमंत्री मोदी के सख्त रवैये से घबराया हुआ था। पाकिस्तान ने करगिल युद्ध के दौरान 1999 में अजय आहुजा के साथ अमानवीय हरकत की थी। पाकिस्तान ने अजय आहुजा को जिंदा पकड़ गोली मारकर भारत को सौंपा था।

इसी दौरान नचिकेता को भी पकड़ा गया था। उन्हें भी यातनाऐं दी गई और टेलीविजन के सामने परेड करवाया गया। आठ दिन की यातना के बाद पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय दवाब में नचिकेता को छोड़ा था।

करगिल के दौरान ही 5 मई 1999 को कैप्टन सौरव कालिया और उनके 5 साथियों को पाकिस्तान ने बंदी बना लिया था। 20 दिन बाद पाकिस्तान से भारतीय जवानों के शव वापस आए तो पता चला कि उनके साथ हद दर्जे की बेरहमी की गई थी। उन्हें सिगरेट से जलाया गया था। उनके कानों में लोहे की सुलगती छड़ें घुसेड़ी गई थीं। उनके क्षत-विक्षत शव की पहचान तक मुश्किल थी।

साल 2013 में 8 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के मेंढर सेक्टर में लांस नायक हेमराज सिंह और सुधाकर सिंह की क्षत-विक्षत शव बरामद की गई थी। हेमराज के शरीर से सिर गायब था। मारने के बाद भी शव से साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था।

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