प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले तीन साल में महिला कल्याण और बाल-विकास के क्षेत्र में काफी काम किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सशक्त नेतृत्व में महिला कल्याण और विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं। सरकार की सक्रियता के कारण महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाएं चमात्कारिक असर दिखा रही हैं। आइए नजर डालते हैं उन योजनाओं पर-
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
मोदी सरकार ने यह योजना बेटियों की लगातार गिरती जनसंख्या के मद्देनजर लागू की है। इस योजना के बाद राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 1000 लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या 912 से बढ़कर 919 पर पहुंच गई है। केरल में लिंग अनुपात सबसे ज्यादा है। यहां प्रति 1000 की तुलना में लड़कियों की संख्या 1047, मेघालय में 1009 है। हरियाणा में जहां हालात सबसे बुरे थे। लेकिन दो साल पहले प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम लांच करने के बाद वहां इस स्कीम का चमात्कारिक असर देखने को मिल रहा है। 2000-2001 से 2005-2006 तक यहां जो प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या जहां सिर्फ 762 थी, अब वो आंकड़ा 846 तक पहुंच चुका है। असम में भी यह 794 से बढ़कर 996 पर पहुंच गया है।
प्रति 1000 पुरुष महिलाओं की संख्या | |
देश | 919 |
केरल | 1047 |
मेघालय | 1009 |
हरियाणा | 846 |
असम | 996 |
सुकन्या समृद्धि योजना
ये योजना बेटी, बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का ही विस्तार है। ये योजना बालिकाओं के सुनहरे और सुरक्षित भविष्य के लिए बनाई गई है, जिसके तहत उन्हें पूरी शिक्षा और 18 साल की होने पर शादी के खर्च की व्यवस्था सुनिश्चित होती है। ये योजना बालिकाओं और उनके माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू की गई है, जिसमें छोटे निवेश पर ज्यादा ब्याज दर का इंतजाम है। 2 दिसंबर 2014 को लांच होने के बाद से 31 अक्टूबर 2016 तक इस योजना के तहत 99,96,085 खाते खोले जा चुके थे और इसमें 9455.30 करोड़ रुपए जमा हो चुके थे।
खाते खुले | रुपए जमा | |
पोस्ट ऑफिस | 800121 | 7292.93 |
बैंक | 91,95,964 | 2162.37 |
कुल | 99,96,085 | 9455.30 |
प्रधानमंत्री सुरक्षा बंधन योजना
प्रधानमंत्री सुरक्षा बंधन योजना के जरिए सरकार देश को एक सामाजिक सुरक्षा का तंत्र देना चाहती है जो विशेष रुप से गरीबों और वंचितों को भी सुरक्षा दे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 अगस्त 2015 को कोलकाता में इस योजना की शुरुआत की। ये एक फिक्स डिपॉजिट स्कीम है जिसपर सभी राष्ट्रीय बैंक 8 फीसदी की दर से ब्याज देते हैं। ये योजना मूल रूप से उन लोगों के लिए है जो अपनों को किसी खास त्योहार पर कुछ गिफ्ट देते हैं, वो गिफ्ट न देकर उनके नाम पर इस योजना में निवेश कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बंधन योजना में 1 मार्च 2017 तक कुल 133,854,778 इनरॉलमेंट हो चुके थे। इसमें से अटल पेंशन योजना में 3,790,996, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 30,888,908 और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 99,174,874 इनरॉलमेंट शामिल है।
1 मार्च, 2017 तक | |
अटल पेंशन योजना | 3,790,996 |
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना | 30,888,908 |
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना | 99,174,874 |
कुल | 133,854,778 |
मातृत्व लाभ कार्यक्रम प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
यह योजना तीन से छह महीने की गर्भवती महिलाओं के लिए है। इस के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की मुफ्त स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई है। इस जांच में गर्भ में पल रहे शिशु की जांच भी शामिल है।
इस योजना के अंतर्गत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को नकद प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 31 दिसम्बर, 2016 को राष्ट्र को दिये गये अपने संबोधन में सभी जिलों में मातृत्व लाभ कार्यक्रम के देशभर में विस्तार की घोषणा की थी और यह 1 जनवरी 2017 से लागू है। इससे करीब 51.70 लाख लाभार्थियों को प्रतिवर्ष लाभ मिलने की उम्मीद है। यह योजना पायलट आधार पर देश के 53 जिलों में 2010 से चल रही थी, जिसमें गर्भवती महिलाओं को 4000 रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब प्रधानमंत्री ने देश के सभी 650 जिलों के लागू कर दिया है जिसमें नकद राशि 4000 से बढ़ाकर 6000 रुपयों तक कर दी गई है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे के परिवार की महिलाओं को एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन देने का प्रावधान है। योजना के तहत 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए जाने हैं। ये एक समाज कल्याण योजना है, जिसे ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लागू किया गया है, अभी तक एक करोड़ 67 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
मोबाइल फोन में पैनिक बटन और जीपीएस
सभी फीचर और स्मार्ट मोबाइल फोन में पैनिक बटन की सुविधा सुनिश्चित की गई है। मोबाइल फोन में 5 और 9 नंबर का बटन इसके लिए निर्धारित होगा, स्मार्ट फोन में ऑन-ऑफ बटन को तीन बार हल्के से प्रेस करना होगा। 1 जनवरी 2018 से सभी मोबाइल फोन में जीपीएस की सुविधा देना अनिवार्य होगा। पैनिक बटन सीधे 112 नंबर से जुड़कर सहायता उपलब्ध कराएगा।
महिला हेल्पलाइन
यह योजना हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए 24 घंटे तत्काल और आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए है। ये योजना विशेष रूप से परिवार, समुदाय, कार्यस्थल आदि निजी और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा की शिकार सभी महिलाओं के लिए है।
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