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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला, ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी गिरफ्तार, ईडी की छापेमारी में करीबी के घर से मिले 20 करोड़ रुपये के कैश

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पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके मंत्री जनता को लूटने में लगे हैं। इसका खुलासा प्रवर्तन निदेशालय ने किया है। ईडी ने शनिवार (23-07-2022) को शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में ले लिया है। एक दिन पहले ही ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापेमारी की थी, जिसमें करीब 20 करोड़ रुपये के कैश मिले। ईडी ने एक बयान में कहा क‍ि ये कैश शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े हो सकते हैं। 

ईडी के अधिकारी शुक्रवार सुबह पार्थ चटर्जी के घर पहुंचे थे और उनसे एसएससी घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ शुरू की थी। करीब 26 घंटे तक पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में ईडी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों समेत करीब एक दर्जन लोगों के घरों पर शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये कैश मिले। ईडी अधिकारियों को 500 और 2000 के नोटों को गिनने के लिए काउंटिंग मशीन की मदद लेनी पड़ी।

ममता बनर्जी की टीएमसी ने भले ही एक आधिकारिक बयान जारी कर खुद को इस घोटाले से दूर कर लिया हो, लेकिन बीजेपी नेता सुवेंदू अधिकारी सरकार को घेर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 करोड़ रुपये मिले हैं। वे पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की खास सहयोगी हैं। जानकारी तो ये भी मिली है कि ये पैसा शिक्षा मंत्रालय के लिफाफे में पड़ा मिला है। उस लिफाफे पर भी राष्ट्रीय स्मारक का लोगो प्रिंट किया हुआ है। क्या ये मामले का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है?

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदारी ने तो इसे बंगाल का मॉडल बता दिया। उनके मुताबिक टीएमसी ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। टीएमसी अभी पूरे मामले को करीब से देख रही है। समय आने पर प्रतिक्रिया दी जाएगी। कहा गया है कि जांच में जिनके भी नाम सामने आए हैं, जवाब देना उनका और उनके वकीलों का काम है।

गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर ईडी की टीम पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी के घर पहुंची थी। जब यह कथित घोटाला हुआ था, तब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे। पार्थ चटर्जी अभी उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री हैं। सीबीआई दो बार उनसे पूछताछ कर चुकी है। पहली बार 25 अप्रैल को और दूसरी बार 18 मई को पूछताछ की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय इस घोटाले में कथित रूप में शामिल लोगों के खिलाफ धनशोधन संबंधी पहलू की जांच कर रहा है। ईडी की रडार पर और भी लोग शामिल हैं। उनके खिलाफ भी छापेमारी जारी है। 

ईडी की छापेमारी से सु्र्खियों में आई अर्पिता मुखर्जी की बात करें तो वो बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री में भी काम कर चुकी हैं, हालांकि बेहद कम समय के लिए। अर्पिता मुखर्जी ने अपने फिल्मी कॅरियर में ज्यादातर साइड रोल ही किए हैं। उन्होंने बांग्ला फिल्मों के अलावा ओडिया और तमिल फिल्मों में भी काम किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्थ चटर्जी दक्षिण कोलकाता में एक दुर्गा पूजा समिति के संरक्षक हैं। यह कोलकाता की बड़ी दुर्गापूजा समितियों में एक है। अर्पिता भी इसी दुर्गापूजा समिति से जुड़ी रही हैं। दुर्गा पूजा के दौरान कई बार पूजा पंडलों में लगे पोस्टरों पर उनका नाम अध्यक्ष के रूप में लिखा देखा गया था। दुर्गापूजा समिति के माध्यम से अर्पिता मुखर्जी पार्थ चटर्जी के करीब आईं।

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