प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर और महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश की बागड़ोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 70 वर्षों की नीतिगत जड़ता को खत्म करते हुए हर क्षेत्र में रिफॉर्म और इनोवेशन को बढ़ावा दिया। यहां तक कि कोरोना महामारी के दौरान भी सुधार का प्रयास जारी रखा। इसका परिणाम है कि दुनियाभर में देश की साख मजबूत होने से वैश्विक स्तर पर भारत की तमाम रैंकिंग में सुधार हो रहा है। वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी आर्गनाइजेशन (डब्ल्यूआइपीओ) की ओर से सोमवार (20 सितंबर, 2021) को जारी ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2021 में भारत दो पायदान की छलांग लगाकर 46वें स्थान पर पहुंच गया। डब्ल्यूआइपीओ के मुताबिक यह रैंकिंग सरकारी और निजी शोध संस्थानों द्वारा शानदार काम और बेहतर स्टार्टअप इकोसिस्टम का प्रमाण है। परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, बायोटेक्नोलाजी विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग जैसे विभागों ने भारत के नेशनल इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
संगठन का दावा है कि इस रिपोर्ट से दुनियाभर के देशों की सरकारों को अपने यहां नवाचार बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका मूल उद्देश्य नए विचारों और तकनीकों को सामाजिक व आर्थिक बदलावों के लिए इस्तेमाल करना है। मोदी सरकार के पिछले सात साल में भारत ने इस सूचकांक में जबरदस्त तरक्की की है। 2015 में जहां भारत का जीआईआई 81 था, वहीं 2021 में यह 46वें पायदान पर पहुंच गया है। यह सुधार स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल बनाने सरकारी और निजी संगठनों की ओर से शोध पर जोर दिए जाने से आया है। देश का नीति आयोग विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार लाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। आयोग ने वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति की निगरानी और मूल्यांकन पर निरंतर जोर दिया है, जिसमें जीआईआई भी शामिल है।
मोदी सरकार के सुधारों की वैश्विक मान्यता
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में लगातार सुधार |
वर्ष | रैंकिंग |
2021 | 46 |
2020 | 48 |
2019 | 52 |
2018 | 57 |
2017 | 60 |
2016 | 66 |
2015 | 81 |
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत की साख विश्व में काफी तेजी से बढ़ी है और भारत हर एक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे ही कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग हब
अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया। रियल एस्टेट कंसल्टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड के मुताबिक, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रिस्क इंडेक्स- 2021 में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर पहुंच गया। पिछले साल की रिपोर्ट में अमेरिका दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर था। इस रैंकिंग से पता चलता है कि अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तुलना में मैन्युफैक्चरर भारत को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह इंडेक्स यूरोप, अमेरिका और एशिया-पैसेफिक (एपीएसी) के 47 देशों में से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग के लिए आकर्षक या प्रॉफिटेबल डेस्टिनेशन की रैंकिंग करता है।
ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रिस्क इंडेक्स में अप्रत्याशित सुधार
सात साल में 22 स्थानों की छलांग |
वर्ष | भारत की रैंकिंग |
2021 | 2 |
2014 | 24 |
भारत की ओर मैन्युफैक्चरर का बढ़ा आकर्षण
परिचालन की परिस्थतियों और लागत दक्षता की वजह से मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में भारत का आकर्षण बढ़ा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने आउटसोर्सिंग की जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इससे सालाना आधार पर भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। जहां कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार ने प्रक्रिया को आसान बनाया और राहत पैकेज की घोषणा की, वहीं भारतीय मैन्युफैक्चर ने भी काफी लचीलापन दिखाया है।
भारत की व्यापार सुविधा रैंकिंग में 11.83 प्रतिशत अंक की उछाल
कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार ने नीतिगत बदलाव के साथ कई प्रोत्साहन योजनाओं को लागू किया। इसके तहत सीमा शुल्क विभाग सहित विभिन्न विभागों ने व्यापार को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए कई सुधार किए, जिसका असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिला। इन सुधारों की वजह से भारत की व्यापार सुविधा रैंकिंग बेहतर हुई। वित्त मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा पर संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक सर्वेक्षण में भारत की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ। भारत ने ताजा सर्वेक्षण में 90.32 प्रतिशत अंक हासिल किए, जबकि इससे पहले 2019 में उसे 78.49 प्रतिशत अंक मिले थे। दुनिया भर की 143 अर्थव्यवस्थाओं के मूल्यांकन के बाद 2021 के सर्वेक्षण में भारत की स्थिति पारदर्शिता, संस्थागत व्यवस्था और सहयोग, कागज रहित व्यापार सहित कई लिहाज से बेहतर हुई।
सर्वेक्षण में कहा गया कि दक्षिण एवं दक्षिण पश्चिम एशिया क्षेत्र (63.12 प्रतिशत) और एशिया प्रशांत क्षेत्र (65.85 प्रतिशत) की तुलना में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा। भारत का समग्र स्कोर भी फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, नॉर्वे, फिनलैंड आदि कई ओईसीडी देशों के मुकाबले अधिक पाया गया और उसका समग्र स्कोर यूरोपीय संघ के औसत स्कोर से अधिक है। भारत ने पारदर्शिता सूचकांक के लिए 100 प्रतिशत और व्यापार में महिलाओं की भागीदारी संबंधी घटक में 66 प्रतिशत स्कोर हासिल किया। यूएनईएससीएपी द्वारा डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा पर वैश्विक सर्वेक्षण हर दो साल में जारी किया जाता है। यह सर्वेक्षण काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि कारोबारी उच्च स्कोर देखकर किसी देश में निवेश का फैसला करते हैं।
व्यापार सुविधा पर UN का वैश्विक सर्वेक्षण-2021
भारत के स्कोर में महत्वपूर्ण सुधार |
संकेतक | वर्ष 2019 | वर्ष 2021 | प्रतिशत वृद्धि |
पारदर्शिता | 93.33% | 100% | 6.67 |
औपचारिकताएं | 87.5% | 95.83% | 8.33 |
संस्थागत व्यवस्था एवं सहयोग | 66.67% | 88.89% | 22.22 |
कागज रहित व्यापार | 81.48% | 96.3% | 14.82 |
सीमा पार कागज रहित व्यापार | 55.56% | 66.67% | 11.11 |
मोदी राज में भारत की व्यापार सुविधा रैंकिंग में सुधार
सात साल में 26.88 प्रतिशत अंक की छलांग |
वर्ष | प्रतिशत अंक |
2021 | 90.32 |
2019 | 78.49 |
2017 | 67.74 |
2015 | 63.44 |
ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स में 10वें स्थान पर पहुंचा भारत
आईटीयू ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स 2020 में 37 स्थान की छलांग लगाकर भारत 10वें स्थान पर पहुंच गया। ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स में भारत इससे पहले 47वें स्थान पर था। इंटरनेशनल टेलिकम्युनिकेशन यूनियन की तरफ से जारी GCI 2020 के अनुसार साइबर सिक्योरिटी के मामले में भारत को 100 में से 97.5 अंक मिले। पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत चौथे स्थान पर है, एशिया प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया और जापान भारत से आगे है। चीन और पाकिस्तान भारत से काफी पीछे है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से की गई इस स्टडी में चीन 33वें और पाकिस्तान 79वें स्थान पर है।
?In a big leap, India jumps 37 places to be ranked ?th in Global Cybersecurity Index (GCI) 2020 launched by @ITU
4️⃣th in Asia-Pacific,
demonstrating India’s success and commitment to cybersecurity. @PMOIndia @DrSJaishankar @GoI_MeitY @MEAIndiahttps://t.co/DvBcw4RVIG pic.twitter.com/xnXo2qRpdk— India at UN, Geneva (@IndiaUNGeneva) June 29, 2021
विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट में भारत की स्थिति सुधरी
संयुक्त राष्ट्र की विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट-2021 में भारत को 139वां स्थान मिला। वर्ष 2019 में भारत 140वें पायदान पर था। संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास उपाय नेटवर्क की ओर से जारी रिपोर्ट में कोरोना और उससे लोगों पर पड़ने वाले असर पर ध्यान केंद्रित किया गया। सूची में अमेरिका को 19वां और पाकिस्तान को 105वां स्थान मिला।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 63वें स्थान पर पहुंचा भारत
विश्वबैंक की कारोबारी सुगमता पर संशोधित रैंकिंग में भारत ने चीन को नीचे धकेल दिया। कारोबारी सुगमता की संशोधित रैंकिंग में भारत 14 पायदान की छलांग लगाकर 63वें स्थान पर पहुंच गया। भारत ने पिछले पांच साल (2014- 2019) में 79 पायदान की छलांग लगायी। विश्वबैंक की संशोधित रिपोर्ट में चीन की रैंकिंग सात अंक गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गई। इसके पहले चीन के साथ कई देशों के गलत आंकड़े पेश करने पर अगस्त 2020 में विश्वबैंक ने अक्टूबर 2020 में आने वाली रैंकिंग लिस्ट पर रोक लगा दी थी।
क्लाइमेट चेंज इंडेक्स के टॉप 10 परफॉर्मर में भारत
ग्लोबल क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत टॉप 10 में शामिल है। पेरिस जलवायु समझौते की पांचवीं वर्षगांठ पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार क्लाईमेट चेंज परफारमेंस इंडेक्स (सीसीपीआई)-2021 में भारत टॉप 10 देशों में स्थान पाने में सफल रहा। इंडेक्स में भारत दसवें स्थान पर रहा। मोदी सरकार बनने के समय साल 2014 में भारत 31वें स्थान पर था। इस ग्लोबल क्लाइमेट चेंज इंडेक्स में चीन और अमेरिका भारत से पीछे हैं। चीन 33वें पायदान पर है जबकि अमेरिका सूची में सबसे नीचे है। रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष दस में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने में कोई भी देश नाकाम रहा। चौथे पर स्वीडन, पांचवें पर यूके, छठे पर डेनमार्क, सातवें पर मोरक्को, आठवें पर मोरक्को, नौवे पर चिली तथा दसवें पर भारत रहा।
रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स
विश्व बैंक के रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स 2019 में 56 अंकों की छलांग लगाकर भारत 52वें पायदान पर पहुंच गया। यूपीए सरकार के दौरान 2014 में भारत 137वें स्थान पर था। रिसॉल्विंग इन्सॉल्वेंसी इंडेक्स में भारत का यह बेहतर प्रदर्शन मोदी सरकार की ओर से सन 2016 में लागू इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 (IBC) के कारण संभव हो सका है।
विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में चार पायदान की छलांग
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। डिजिटल प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत ने चार पायदान की छलांग लगायी। भारत अब 44 वें स्थान पर पहुंच गया है। आईएमडी की विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धात्मकता रैकिंग 2019 के अनुसार, भारत 2018 में 48वें स्थान से आगे बढ़कर 2019 में 44वें पर पहुंच गया। भारत ने सभी कारकों ज्ञान, प्रौद्योगिकी और भविष्य की तैयारी के मामले में काफी सुधार दर्ज किया है। अमेरिका इस लिस्ट में पहले स्थान पर है।
विश्व यात्रा पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में छह पायदान की छलांग
वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 में छह पायदान की छलांग लगाकर भारत 34वें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2017 में भारत 40वें स्थान था, जबकि सन 2013 में 65वें स्थान पर था। मोदी सरकार के दौरान रैंकिंग में भारत ने 31 पायदान की छलांग लगाई है। विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार इसकी वजह प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन के मामले में भारत का समृद्ध होना और कीमत के लिहाज से बेहद प्रतिस्पर्धी होना है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत दक्षिण एशिया में सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
भारत की ईज ऑफ ट्रैवल रैंकिंग में सुधार
भारत की ईज ऑफ ट्रैवल रैंकिंग में सुधार हुआ है। भारत ने 2019 के लिए जारी की गई हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में 80वां स्थान हासिल किया है। पिछले साल 2018 में भारत 81वें स्थान पर था और 2015 में जब बार इलेक्ट्रॉनिक वीजा या ई-वीजा की शुरुआत की गई थी तब भारत 88वें स्थान पर था। अब भारतीय पासपोर्ट धारक 60 देशों में वीजा-फ्री यात्रा कर सकते हैं।
ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में टॉप पर भारत
मोदी राज में भारत वैश्विक उपभोक्ता विश्वास (ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस) 2019 सर्वे में पहले पायदान पर है। नेल्सन के सर्वे के अनुसार भारत में वैश्विक उपभोक्ता विश्वास सबसे ज्यादा है। इस सर्वे के परिणाम दर्शाते हैं कि भारत में उपभोक्ता का विश्वास दो साल के शीर्ष पर है। नेल्सन के इस सर्वे में 64 देशों के 32 हजार उपभोक्ताओं ने हिस्सा लिया। भारत कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) में 133 अंकों के साथ पहले पायदान पर है। सर्वे में 131 अंकों के साथ फिलीपिंस दूसरे और 127 अंकों के साथ इंडोनेशिया तीसरे पायदान पर है।