कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मोदी सरकार ने नीतिगत बदलाव के साथ कई प्रोत्साहन योजनाओं को लागू किया। इसके तहत सीमा शुल्क विभाग सहित विभिन्न विभागों ने व्यापार को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए कई सुधार किए, जिसका असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिल रहा है। इन सुधारों की वजह से भारत की व्यापार सुविधा रैंकिंग बेहतर हुई है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा पर संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक सर्वेक्षण में भारत की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भारत ने ताजा सर्वेक्षण में 90.32 प्रतिशत अंक हासिल किए, जबकि इससे पहले 2019 में उसे 78.49 प्रतिशत अंक मिले थे। दुनिया भर की 143 अर्थव्यवस्थाओं के मूल्यांकन के बाद 2021 के सर्वेक्षण में भारत की स्थिति पारदर्शिता, संस्थागत व्यवस्था और सहयोग, कागज रहित व्यापार सहित कई लिहाज से बेहतर हुई।
सर्वेक्षण में कहा गया कि दक्षिण एवं दक्षिण पश्चिम एशिया क्षेत्र (63.12 प्रतिशत) और एशिया प्रशांत क्षेत्र (65.85 प्रतिशत) की तुलना में भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा। भारत का समग्र स्कोर भी फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, नॉर्वे, फिनलैंड आदि कई ओईसीडी देशों के मुकाबले अधिक पाया गया है और उसका समग्र स्कोर यूरोपीय संघ के औसत स्कोर से अधिक है। भारत ने पारदर्शिता सूचकांक के लिए 100 प्रतिशत और व्यापार में महिलाओं की भागीदारी संबंधी घटक में 66 प्रतिशत स्कोर हासिल किया है। यूएनईएससीएपी द्वारा डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा पर वैश्विक सर्वेक्षण हर दो साल में जारी किया जाता है। यह सर्वेक्षण काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि कारोबारी उच्च स्कोर देखकर किसी देश में निवेश का फैसला करते हैं।
व्यापार सुविधा पर UN का वैश्विक सर्वेक्षण-2021
भारत के स्कोर में महत्वपूर्ण सुधार |
संकेतक | वर्ष 2019 | वर्ष 2021 | प्रतिशत वृद्धि |
पारदर्शिता | 93.33% | 100% | 6.67 |
औपचारिकताएं | 87.5% | 95.83% | 8.33 |
संस्थागत व्यवस्था एवं सहयोग | 66.67% | 88.89% | 22.22 |
कागज रहित व्यापार | 81.48% | 96.3% | 14.82 |
सीमा पार कागज रहित व्यापार | 55.56% | 66.67% | 11.11 |
मोदी राज में भारत की व्यापार सुविधा रैंकिंग में सुधार
सात साल में 26.88 प्रतिशत अंक की छलांग |
वर्ष | प्रतिशत अंक |
2021 | 90.32 |
2019 | 78.49 |
2017 | 67.74 |
2015 | 63.44 |