प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में किसी को अपना बनाने का गजब का हुनर है। उनका व्यक्तित्व ही ऐसा है कि जो भी उनके करीब आता है और संवाद करता है, तो उनका मुरीद हुए बिना नहीं रहता है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा भी शामिल है। उन्होंने कई बार प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। एक बार फिर उन्होंने रविवार (05 दिसंबर, 2021) को कर्नाटक के मांड्या में खुलासा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रति मेरा आदर उस वक्त कई गुना बढ़ गया, जब उन्होंने 2014 के चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मुझे लोकसभा से इस्तीफा नहीं देने दिया।
“शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया”
उक्त घटना को याद करते हुए देवेगौड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”मैंने उनसे कहा था कि अगर आप 276 सीटें जीतते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। आप दूसरों के साथ गठबंधन करके शासन कर सकते हैं, लेकिन अगर आप अपने दम पर 276 सीटें जीतते हैं, तो मैं (लोकसभा से) इस्तीफा दे दूंगा।” उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी अपने दम पर सत्ता में आई, जिसके बाद उन्हें अपने किए वादे को पूरा करने की इच्छा हुई। जद(एस) संरक्षक ने याद करते हुए कहा कि जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।
“मोदी खुद आए, मेरा हाथ पकड़कर मुझे अंदर ले गए”
देवेगौड़ा ने कहा कि समारोह समाप्त होने के बाद उन्होंने मोदी से मिलने का समय मांगा, जिसके लिए वह सहमत हो गए। उन्होंने कहा कि जब उनकी कार संसद के बरामदे में पहुंची तो प्रधानमंत्री मोदी खुद वहां उनका स्वागत करने पहुंचे। देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘मुझे तब घुटने में दर्द था, जो अभी भी है। वह जिस भी तरह के व्यक्ति हों, उस दिन जब मेरी कार वहां पहुंची, मोदी खुद आए, मेरा हाथ पकड़कर मुझे अंदर ले गए। यह व्यवहार उस व्यक्ति के लिए था, जिसने उनका (मोदी) इतना विरोध किया था।’’
“हर मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी के प्रति बढ़ता गया सम्मान”
लोकसभा से इस्तीफा देने की इच्छा पर देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (प्रधानमंत्री मोदी) कहा कि मैं अपनी बात पर कायम हूं। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं चुनाव के दौरान बोली जाने वाली चीजों को इतनी गंभीरता से क्यों ले रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा कि जब भी स्थिति उत्पन्न होगी, तो उन्हें मेरे साथ मामलों पर चर्चा करने की आवश्यकता होगी।’’ देवेगौड़ा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी से छह से सात बार मिल चुका है। हर मुलाकात के बाद उनके प्रति उनका सम्मान बढ़ता गया।
“जब भी इच्छा व्यक्त की, मिलने के लिए तुरंत तैयार हो गए”
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने गोधरा की घटना के बाद मोदी का विरोध किया था और उस अवधि के दौरान संसद में दिए गए उनके भाषण उनके दावे की गवाही देते हैं। हालांकि, नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनसे हुई मुलाकात ने उनकी धारणा बदल दी। देवेगौड़ा ने कह, “मैंने उनके व्यक्तित्व में बदलाव देखा – वह गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में जो थे और प्रधानमंत्री बनने के बाद वे क्या हैं।’’ देवेगौड़ा ने यह भी कहा कि जब भी उन्होंने मोदी से मिलने की इच्छा व्यक्त की, वह मिलने के लिए तुरंत तैयार हो गए।
प्रधानमंत्री राज्यों के मुद्दों को समझते हैं- पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा
इससे पहले भी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खुल कर तारीफ कर चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘भाजपा के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी की तुलना में जनता के बीच भाषण देने में पीएम मोदी दो कदम आगे हैं। पीएम मोदी ज्यादा शार्प हैं।’ पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री राज्यों के मुद्दों को समझते हैं। प्रधानमंत्री जब भी किसी राज्य में जाते हैं, वहां के मुद्दों को समझते हुए उनके बारे में अपनी राय रखते हैं।
मुझसे बहुत बड़े नेता हैं पीएम मोदी-देवेगौड़ा
”मैं 85 वर्ष का हूं और दोबारा प्रधानमंत्री बनने की मेरी महत्वाकांक्षा नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुझसे बहुत बड़े नेता हैं।” The Economic Times में छपे इस इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा पहले भी ये स्वीकार कर चुके हैं कि पीएम मोदी से बड़ा नेता आज देश में नहीं है। दरअसल वर्तमान भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी वो चेहरा हैं जिनके आस-पास कोई अन्य नेता खड़ा हो पाने की हैसियत नहीं रखता है। सवा सौ करोड़ देशवासियों की आशा और आकांक्षा के प्रतीक बने प्रधानंत्री मोदी महिलाओं, युवाओं के मन-मस्तिष्क पर तो छा ही चुके हैं, साथ ही देश के बाल मन पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ चुके हैं।
ऐसा कोई पहली बार नहीं, इससे पहले कई और विपक्षी नेता भी प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ कर चुके हैं। डालते हैं एक नजर-
पीएम मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और कठोर परिश्रम के मुरीद रहे प्रणब दा
भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भले ही अलग-अलग राजनीतिक धाराओं से संबंध रहा, लेकिन विचारधारा के दो अलग ध्रुवों पर रहने के बावजूद दोनों एक-दूसरे का बेहद सम्मान करते रहे। पीएम मोदी उन विरले व्यक्तित्वों में से एक हैं, जिनसे प्रणब दा जैसे अनुभवी और ज्ञानी राजनेता प्रभावित हुए। दूसरी ओर, पीएम मोदी भी प्रणब मुखर्जी को अपना मार्गदर्शक और अभिभावक मानते रहे। राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी के आखिरी दिन पीएम मोदी ने उन्हें एक भावुक पत्र लिखा था, तो प्रणब दा ने संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विदाई समारोह के दौरान पीएम मोदी को बेहद कर्मठ और ऊर्जावान नेता बताते हुए उनके प्रति अपने हार्दिक उद्गार व्यक्त किए थे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के तौर पर प्रणब मुखर्जी और नरेन्द्र मोदी के परस्पर आदरपूर्ण और सहयोगात्मक रुख को हमेशा याद किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी के मुरीद हुए कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा
अमेरिका के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री मोदी का जलवा देखकर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने उनकी प्रशंसा की। कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कहा कि पीएम मोदी का संबोधन भारत की बौद्धिक और सांस्कृतिक ताकत को दर्शाता है। मिलिंदा देवड़ा ने ‘हाउडी-मोदी’ कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी की तारीफ में ट्विटर पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री का ह्युस्टन संबोधन भारत की सॉफ्ट पावर डिप्लोमैसी का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था। मेरे पिता मुरली भाई भारत-अमेरिका के गहरे संबंधों के शुरुआती शिल्पकारों में से एक थे। डोनाल्ड ट्रम्प की मेहमान नवाजी और भारतीय अमेरिकियों के योगदान को मान्यता देना हमें गौरवान्वित महसूस कराता है।’
.@PMOIndia’s Houston address was a momentous first for India’s soft power diplomacy.
My father Murlibhai was one of the early architects of deeper Indo-US ties.@realDonaldTrump’s hospitality & recognition of Indian Americans’ contributions makes us proud
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) September 22, 2019
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम हुए प्रधानमंत्री मोदी के मुरीद
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। चिदंबरम ने 15 अगस्त, 2019 के दिन लाल किले की प्राचीर से दिए गए भाषण में उठाए गए मुद्दों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। चिदंबरम ने कहा कि 15 अगस्त के भाषण में पीएम मोदी की तीन घोषणाओं का स्वागत होना चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि छोटा परिवार और प्लास्टिक बैन को जन अभियान बनाना चाहिए। इसके साथ ही दौलतमंद लोगों को शक के नजर से देखने के बजाए, उनका सम्मान किए जाने के पीएम मोदी के विचार का भी स्वागत होना चाहिए। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने छोटे परिवार को राष्ट्रिय कर्तव्य बताया था, प्लास्टिक बैन को लेकर मजबूत कदम उठाने की बात कही थी, और अमीरों को शक की नजर से नहीं देखने की अपील की थी।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बांधे पीएम मोदी की तारीफ के पुल
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने वालों में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शामिल है। मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी को दल ऊपर उठकर सभी के हित में काम करने वाला नेता बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी उनके साथ भेदभाव नहीं किया। उन्होंने नीति आयोग की सब कमेटी में मुझे शामिल किया और इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।
कांग्रेस विधायक ने राहुल गांधी को भेजी चिट्ठी में की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
गुजरात में कांग्रेस की विधायक आशा पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश के गरीब- वंचितों के विकास के लिए काम कर रहे हैं। वे देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस समाज को तोड़ने का काम कर रही है। ऊंझा विधानसभा क्षेत्र से विधायक आशा पटेल ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस यहां विभिन्न जातियों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश में जुटी है।
लाल बहादुर शास्त्री के बेटे ने की पीएम मोदी की तारीफ
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिल्कुल मेरे पिता की तरह काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा रहे हैं। सुनील शास्त्री ने कहा कि वे देश के भीतर व्यापक विकास योजनाओं से सबका साथ सबका विकास कर रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लाल बहादुर शास्त्री के बेटे ने यह भी कहा कि आज की भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी का कोई विकल्प नहीं है।
सुनील शास्त्री ने इसके पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी मेरे पिता की तरह बहुत मेहनत करते हैं।
पीएम मोदी के मुरीद हैं शशि थरूर
राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता शशि थरूर भी प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ कर चुके हैं। पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर अपने एक इंटरव्यू में सर्जिकल स्ट्राइक और डोकलाम विवाद जैसे विषयों पर पीएम मोदी की विदेश नीति की सराहाना की। थरूर ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विदेश नीति में गतिशीलता लाई है। विदेश नीति के प्रबन्ध में बहुत ऊर्जा और गतिशीलता है। वह अथक यात्रा करते हैं और यह सब अच्छा है। वह जहां भी जाते हैं, बहुत ऊर्जावान प्रभाव बनाते हैं। यह सकारात्मक पक्ष है।’ डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह भारत की बड़ी जीत है कि चीन को 200 मीटर दूर जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सितंबर 2016 में आतंकियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक भी निष्प्रभावी आतंकवाद के लिए एक बड़ी जीत है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थरूर इसके पहले भी पीएम की तारीफ कर चुके हैं। चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान को भारत की कूटनीतिक जीत करार देते हुए शशि थरूर ने पीएम मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि विदेश मंत्रालय के राजनयिकों और प्रधानमंत्री कार्यालय का कुशल नेतृत्व सभी को इसका श्रेय जाता है।
Now that Chinese withdrawal seems to be confirmed, it looks like a victory for @Indiandiplomacy. Congratulations MEA & @PMOIndia ! https://t.co/5B4O14DapV
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 28, 2017
2024 तक हराना मुश्किल- प्रकाश अंबेडकर
दलित नेता प्रकाश अंबेडकर ने भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि साफ-सुथरी है और कांग्रेस 2024 तक बीजेपी को सत्ता से हटा नहीं सकती। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस श्री मोदी की छवि का मुकाबला नहीं कर सकती। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि एक नेता के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की साफ-सुथरी छवि अब तक कायम है। प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषणों में कांग्रेस के दागदार अतीत की बातें करते हैं जिसका मुकाबला नहीं किया जा सकता। कांग्रेस 2024 तक बीजेपी को नहीं हरा सकती।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने की तारीफ
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं। विजयन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर केरल के ओखी तूफान प्रभावित इलाकों में दौरा करने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 20 दिसंबर, 2017 को तूफान प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने राहत कार्यों का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के लिए 325 करोड़ रुपये की वित्तिय मदद की घोषणा की। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तूफान से बर्बाद हुए 1400 घरों को फिर से बनाया जाएगा। विजयन ने संकट के समय तत्काल राहत के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया।
उमर अबदुल्ला ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
डोकलाम विवाद में भारत की सफल कूटनीति को नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी सराहा। उन्होंने ट्वीट कर पीएम मोदी और उनकी टीम को बधाई देते हुए लिखा कि ये इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने बिना किसी गरज और धमक के चीन पर अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी।
India getting the better of China is all the more remarkable because it was done without any chest thumping & bluster.Kudos PM Modi & team
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 28, 2017
मोदी विरोध में विपक्षी एकता Myth है !
इससे पहले भी उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं। यूपी चुनाव के बाद उमर अब्दुल्ला ने साफ कहा था कि विपक्षी एकता के ख्वाब देखने वाले 2019 का सपना देखना छोड़ दें और 2024 की तैयारी करें। इसके बाद उन्होंने सात अगस्त को भी एक ट्वीट किया जिसमें मोदी के विरुद्ध विपक्षी एकता को Myth करार दिया। हालांकि उनकी बात विरोधी दलों को रास नहीं आई थी। लेकिन उमर अब्दुल्ला अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, सो पीएम मोदी की तारीफ भी उन्होंने खुलकर की।
The myth of opposition unity has been systematically shown for what it is- a chimera.It’s each 1 for themselves in 2019 & 5 more years 2 BJP https://t.co/uKb8rym8Uu
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 7, 2017
नीतीश कुमार को भाता है पीएम मोदी का साथ
सितंबर 2013 में बिहार की सियासत ने नई करवट ली थी। ये वही समय था जब बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के नाम की घोषणा की थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने उनके नाम पर असहमति जताते हुए एनडीए से अपना नाता ही तोड़ लिया था, लेकिन चार साल बाद नीतीश कुमार की एनडीए में ‘घर वापसी’ हो गई। इस प्रकरण में सबसे खास यह रहा कि जिन पीएम मोदी के कारण नीतीश कुमार का एनडीए से नाता टूटा था, उन्हीं के कारण फिर से वह नाता वापस स्थापित हो गया। नीतीश के अनुसार पीएम मोदी के व्यक्तित्व का कोई मुकाबला करे ऐसी क्षमता आज किसी के पास नहीं है।
#WATCH: #Bihar CM and JD(U) president #NitishKumar says “No one is capable of challenging Modi ji in 2019 LS elections”. pic.twitter.com/iDn0LPkMUX
— ANI (@ANI) July 31, 2017
पीएम मोदी के दम खम से डरे वामपंथी !
वामपंथियों को बीजेपी और पीएम मोदी का धुर विरोधी माना जाता है। लेकिन बीते 3 अगस्त, 2018 को वामपंथी नेता प्रकाश करात ने माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में पीएम मोदी की कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता की तारीफ की। उन्होंने लिखा, “मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस वर्षों के अपने कुशासन और भ्रष्टाचार की वजह से बदनाम हो चुकी है, इसलिए वामपंथी और लोकतांत्रिक ताकतें देश की सबसे पुरानी पार्टी से गठबंधन करके भाजपा को रोकने की उपलब्धि नहीं हासिल कर सकती है।” उन्होंने कांग्रेस के साथ अन्य क्षेत्रीय दलों को भी कमजोर बताते हुए लिखा है कि अलग-अलग चरित्र वाली धर्मनिरपेक्ष पार्टियां गठबंधन बनाकर भी भाजपा के रथ को नहीं रोक सकती।
रामविलास पासवान थे पीएम मोदी के प्रशंसक
27 फरवरी, 2014 को भी एक ऐसी ही सियासी हलचल हुई थी। रामविलास पासवान ने कांग्रेस और आरजेडी का साथ छोड़ एनडीए में शामिल होने का निर्णय लिया था। रामविलास पासवान एनडीए में आने से पहले नरेन्द्र मोदी के विरोध की राजनीति करते रहे थे, लेकिन बाद में वे पीएम मोदी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक बन गए। दरअसल पीएम मोदी के व्यक्तित्व की विशेषता है कि उनके धुर विरोधियों को भी वे अपना बना लेते हैं।
रामदास अठावले को अच्छे लगते हैं पीएम मोदी
रामदास अठावले की आरपीआई जब 2012 में एनडीए का हिस्सा बनी थी तब प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी के नाम की चर्चा तक नहीं थी, लेकिन ऐसा माना जाता था कि रामदास अठावले गुजरात के तत्कालीन सीएम मोदी के विरोधी थे। जब नरेन्द्र मोदी का नाम पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर आया तो वे उतने उत्साहित भी नहीं थे। लेकिन अब पीएम मोदी के साथ वे लगातार कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। आज संसद में कोई बहस होती है तो अपने मसखरे अंदाज से पीएम मोदी के समर्थन में सबसे अधिक खड़े रहते हैं। विरोधियों द्वारा पीएम मोदी के हर वार का प्रतिकार करते हैं। साफ है कि पीएम मोदी अपनी सकारात्मक सोच की बदौलत अपने धुर विरोधियों को भी अपना मुरीद बना लेते हैं।