प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सवा सौ करोड़ लोगों की उम्मीद और भरोसे का प्रतीक बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में बनी केंद्र सरकार पर लोगों का विश्वास दिन- प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। लोग महसूस करते हैं कि मोदी सरकार हर पल उनके साथ है… किसी भी संकट में उसका तत्काल निदान किया जाएगा। कार्रवाई की तेजी का हाल यह है कि कर्नाटक में कोप्पल गांव के एक किसान विजय कुमार यातनल्ली ने एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी और उनकी समस्या सुलझ गई।
असल में किसान विजय के खेत में खड़ा बिजली का खंभा बारिश के कारण झुक गया था। बिजली खंभा के झुक जाने के कारण विजय को खेत में हल चलाने में और पटवन में काफी परेशानी होती थी। विजय ने इस बारे में गुलबर्ग इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (GESCOM) से कई बार शिकायत की, लेकिन परेशानी का कोई हल नहीं निकाला गया। परेशान होकर विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर दिया। प्रधानमंत्री को ट्वीट किए जाने के बाद 24 घंटे के भीतर बिजली खंभे को खेत से हटा दिया गया।
@narendramodi Respected Sir, Kindly help us on this issue. We tried our level best but there is no response from their end. pic.twitter.com/H50Nbqe8Yq
— vijayakumar (@vyatnalli) June 14, 2017
बुधवार को ट्वीट किया गया और गुरुवार को उनके खेत से खंभे को हटा दिया गया। किसान विजय कुमार का यह पहला ट्वीट था और पहले ट्वीट में ही उनका काम हो गया।
कार्रवाई की तेजी तो यहां तक देखी गई है कि पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में एटा के एक गांव में 11 साल बाद बिजली व्यवस्था बहाल करने के लिए सीधा दखल दिया तो सोशल मीडिया पर ट्रेन में मुसाफिर की ओर से जताई गई परेशानी को भी सीधा रेल मंत्री ने दूर करवाने का इंतजाम करवाया है।
सरकार-जनता एक-दूसरे से कनेक्टेड
सोशल मीडिया से कनेक्टेड होने के चलते मोदी सरकार के मंत्रालयों तक आज जनता की भी सीधी पहुंच है। साथ ही मंत्री भी जनता की किसी भी जरूरत में फौरन हाजिर होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों की समस्याओं या किसी खास स्थिति में उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर हमेशा जोर देते रहे हैं । प्रधानमंत्री कार्यालय-PMO हो या विदेश मंत्रालय या रेल मंत्रालय, सोशल मीडिया से जुड़े होने के कारण ऐसे सभी अहम मंत्रालय आज अचानक पैदा हुई किसी भी स्थिति को लगे हाथ सुलझाने को तैयार हैं। देश के लिए आज सबसे बड़ी बात तो ये है कि प्रधानमंत्री खुद आगे बढ़कर जनसामान्य की सुध ले रहे हैं। सब देख चुके हैं कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर एक मुस्लिम छात्रा को लोन मुहैया कराया गया। कर्नाटक के मांड्या की रहने वाली सारा को एमबीए की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन चाहिए था लेकिन बैंक ने उसे लोन देने में असमर्थता जताई थी। बैंक के रुख से निराश सारा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मदद मांगी। पत्र मिलने के साथ पीएमओ फौरन मामले में सक्रिय हुआ और बैंक के जरिए सारा को दस दिन के भीतर डेढ़ लाख रुपये का एजुकेशन लोन मुहैया करवाने में मदद की गई। सारा के पिता ने प्रधानमंत्री को ये कहते हुए धन्यवाद दिया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि एक पत्र पर मदद के लिए वो खुद इस तरह से आगे आएंगे। इससे पहले इस तरह की मदद का कदम उठाते हुए आपने किस प्रधानमंत्री को देखा था..या सुना था?
PMO की पहल पर 11 साल बाद बिजली बहाल
पीएमओ की पहल पर ही उत्तर प्रदेश के एटा के भिड़इया गांव में 11 साल बाद नये सिरे से विद्युतीकरण का काम शुरू करवाया गया। एक छात्रा ने पीएमओ की वेबसाइट पर शिकायत कर ये जानकारी दी थी कि 2005 में आंधी में तार टूटने के बाद प्रशासन और शासन में से कोई भी गांव में बिजली बहाली की सुध नहीं ले रहा। पीएमओ के संज्ञान लेते ही विद्युत निगम के अफसरों की नींद खुली और 15 दिन के अंदर बजट आवंटित होने के साथ गांव में दोबारा बिजली बहाल करवाई गई।
गरीब की बेटी की शादी में मदद की पहल
पीएमओ ने तो आर्थिक तंगी से जूझ रहे शख्स के सामने बेटी की शादी को लेकर आ रही मुसीबत में भी आगे आने का काम किया है। वाराणसी में सारनाथ के सारंग तालाब निवासी जितेंद्र साहू को बेटी की शादी के लिए पीएमओ की पहल पर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से 50 हजार रुपये का चेक दिलवाया गया। बेटी की शादी के निमंत्रण कार्ड के साथ जितेंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आर्थिक मदद के लिए एक पत्र लिखा था जिसके बाद पीएमओ ने जिलाधिकारी को खत लिखकर मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया था। ये सब कुछ विरले उदाहरण हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को औरों से बिल्कुल अलग करते हैं। उन्होंने पीएमओ को कार्यकुशलता के साथ ढाला है तो इसके केंद्र में भी आम जनता है। भारत में आज सचमुच आम जनता की सरकार है, ये समझने के लिए इससे बड़ी आदर्श मिसाल क्या हो सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने और मंत्रालयों में भी भरी तेजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे और मंत्रालयों में भी पीएमओ जैसी तेजी भरने का काम किया है। विदेशों में संकट में फंसे भारतीयों की मदद में आज हमारा विदेश मंत्रालय भी किस कदर तेजी दिखाता है इसकी बानगी भी दुनिया देख चुकी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तो खुद किसी भी मुसीबत की घड़ी आने पर लोगों को निजी मदद का आश्वासन दे रखा है। भारतीय उच्चायोग को ट्वीट करने पर विदेशों में बसे भारतीयों को भी किसी खास घड़ी में मदद मिल रही है। यमन समेत विदेश के कई देशों में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी करवाकर विदेश मंत्रालय ने भी जनता का विश्वास जीता है। सोशल मीडिया इसमें आज बड़ा रोल निभा रहा है।
रेल यात्रियों की ऐसी सुध पहले कभी नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की समस्याओं की त्वरित सुनवाई का एक ऐसा माहौल पैदा किया है जिसका असर सरकार के हर विभाग में नजर आ रहा है। भारतीय रेलवे भी आज सोशल मीडिया के सहारे जरूरत में यात्रियों की मदद कर रहा है। रेल मंत्रालय में तो इसके लिए खासकर एक ट्विटर कंट्रोल रूम काम कर रहा है जो चौबीसों घंटे पैसेंजर की शिकायतों का तुरंत संज्ञान लेता है। किसी भी रेल यात्री का ट्वीट आने के बाद यहां बैठी टीम पांच मिनट के भीतर उस यात्री की समस्या को दूर करवाती है। मुंबई से बिहार के दरभंगा जा रही एक ट्रेन में जयश्री नाम की महिला अपने बेटे के साथ यात्रा कर रही थीं। यात्रा के दौरान जबलपुर में उनके बेटे की तबीयत खराब हो गई। जयश्री को कुछ सूझ नहीं रहा था कि क्या करें, ऐसे में उन्हें रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट करने का ख्याल आया। उनके ट्वीट करने के तुरंत बाद कटनी स्टेशन पर रेलवे अफसर डॉक्टर के साथ हाजिर थे। सोशल मीडिया के जरिए रेल यात्रियों को मदद पहुंचाने के ऐसे कई उदाहरण हैं जहां ठंड में ठिठुरने की शिकायत पर फौरन कंबल तक मुहैया कराये जा रहे हैं। इतना ही नहीं समस्या के निस्तारण की व्यवस्था सुदृढ़ रहे इसके लिए अलग-अलग मंत्रालयों के ऐप भी हैं।