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प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार के लिए खोला पिटारा

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प्रधानमंत्री मोदी ने देश की अब तक की सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना को लागू करने का निर्णय कैबिनेट में पारित कर दिया है। 7 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को वर्ष 2022 तक पूरा किया जाएगा, जिससे देश में 15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार उत्पन्न होगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लागू होने से सीधे तौर पर युवाओं को रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही, साथ ही अपरोक्ष रूप से भी करोड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। सही ही कहा जाता है, संपन्नता से सड़कें नहीं बनाई जातीं, बल्कि सड़कों से संपन्नता आती है।

15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार– देश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कृत-संकल्प हैं। इस संकल्प की सिद्धि के लिए किसी भी प्रकार के कदम उठाने में वह पीछे नहीं हटे हैं और लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिनसे सभी को रोजगार के अवसर मिलें और सबका विकास सुनिश्चित हो सके। इसी को ध्यान में रखते हुए, 83 हजार किलोमीटर के राजमार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की योजना को लागू करने के लिए 7 लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लागू होने से 15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार युवाओं को मिलेगा।

राजमार्ग परियोजनाएं जिनसे रोजगार मिलेंगे-प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने के बाद से देश में राजमार्गों के निर्माण कार्यों में तेजी आई है। 2016-17 के दौरान प्रतिदिन अब तक की सबसे तेज गति से राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। प्रति दिन 22 किमी. राजमार्गों का निर्माण हुआ, जो 2015-16 में 16 किमी. प्रतिदिन था, वहीं यूपीए सरकार के दौरान साल 2014-15 में 12 किमी. और 2013-14 में 11 किमी. रहा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के समग्र विकास के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का जाल बिछा देने के उद्देश्य से योजनाओं को तैयार किया है। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं-

सागरमाला परियोजना-समुद्र तटीय राज्यों को सड़क नेटवर्क के जरिये जोड़ने वाली यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह परियोजना देश के बंदरगाहों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगी। इस परियोजना के तहत 2100 किलोमीटर लंबे तटीय राजमार्गों के निर्माण के अतिरिक्त 2000 किमी. लंबी सड़कें बंदरगाहों को तटीय राजमार्ग से जोड़ेंगी। इन सड़कों के निर्माण से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जो रोजगार के अतिरिक्त अनेक अवसरों का सृजन करेगा।


भारतमाला परियोजना- सागरमाला की तर्ज पर गुजरात से हिमाचल प्रदेश, कश्मीर होते हुए मिजोरम तक भारतमाला परियोजना का विकास होगा, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले प्रदेशों में सीमा पर सड़क नेटवर्क स्थापित किए जाएंगे, जो उत्तर भारत के व्यापारिक हितों के साथ-साथ भारत के सामरिक हितों का भी लक्ष्य साधेंगे। इसके तहत 3,300 किमी. लंबी सड़क बनाने की परियोजना को कैबिनेट में प्रधानमंत्री मोदी ने पारित कर दिया है।


एक्ट ईस्ट नीति के तहत अंतर्राष्ट्रीय सड़कें– प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों की सीमाओं से लगे देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए इस परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार आदि देशों की सीमाओं पर सड़कों और व्यापारिक केन्द्रों का निर्माण होगा। इससे पूर्वोत्तर में सृजित होने वाले उत्पाद और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध होगा।


इकोनॉमिक कॉरिडोर-देश के विभिन्न इकोनॉमिक जोंस को जोड़ने के लिए इस परियोजना को लागू किया जा रहा है। इन सड़कों से आर्थिक क्षेत्रों के उत्पादों के आवागमन मे तीव्रता आएगी, जिससे व्यापार के खर्चे कम होंगे। इस योजना के तहत लगभग 9,000 किमी. लंबी सड़कों के निर्माण की योजना है।

उन्नत सड़कों से जुड़ेंगे चार धाम -उत्तराखंड के चार धाम, जिनमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री भी भारतमाला परियोजना के तहत उन्नत सड़क मार्गों से जुड़ेंगे। इस तरह से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जो रोजगार के लाखों अवसरों को सृजित करने की क्षमता रखता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले तीन सालों में अनेक सुधारों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को एक नई उड़ान भरने की स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। अब देश उस मजबूत आधार पर खड़ा है, जहां सबके विकास का स्वप्न पूरा होकर ही रहेगा।

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