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बजट 2020: किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार, बजट में कृषि विकास की कई योजनाएं

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मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इस बार का बजट पूरी तरह से गांव, किसान और खेती के विकास को लेकर समर्पित है। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हमारी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है।’ वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बजट 2020 लोगों की आय को बढ़ाने और उनकी क्रय शक्ति (Purchasing)को बढ़ाने के लिए है।

बजट में खेती-किसानी और कृषि के लिए 16 सूत्रीय एजेंडे का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘कृषि बाजारों को उदारीकृत करने की आवश्यकता है, खेती को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की आवश्यकता है, कृषि-आधारित गतिविधियों को संचालन प्रदान करने की आवश्यकता है और स्थायी फसल पैटर्न के साथ इसमें अधिक तकनीक की जरूरत है।’ उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों को मॉडल कानूनों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिसमें 2016 के मॉडल कृषि लैंड लीजिंग एक्ट, मॉडल कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन अधिनियम 2017 और मॉडल कृषि उपज और पशुधन अनुबंध खेती और सेवा संवर्धन और सुविधा अधिनियम 2018 है।

ऊर्जादाता बनेंगे अन्नदाता
बजट में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्‍थान महाभियान (PM KUSUM) का विस्तार करने का ऐलान किया गया। इससे 20 लाख किसानों को सोलर पंप स्थापित करने में मदद मिलेगी।

किसान रेल की शुरुआत करेगी मोदी सरकार
वित्त मंत्री ने कहा, ‘खराब हुए सामान के लिए एक सहज राष्ट्रीय कोल्ड सप्लाई चेन का निर्माण किया जाएगा, जिसे भारतीय रेलवे पीपीपी मॉडल के माध्यम से किसान रेल की शुरुआत करेगी, ताकि खराब होने वाले सामान को जल्दी से ले जाया जा सके। कृषि उड़ान को अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मार्गों पर MoCA (नागर विमानन मंत्रालय) द्वारा लॉन्च किया जाएगा।’ वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान कहा, ‘कृषि, संबद्ध गतिविधियों, सिंचाई और ग्रामीण विकास के क्षेत्र के लिए, 2020-21 के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।’

 

मोदी सरकार का कृषि विकास का 16 सूत्रीय एजेंडा

  1. उन राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा जो केंद्र के मॉडल लॉ को मानेंगे।
  2. पानी की कमी की समस्या, 100 ऐसे जिलों के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे।
  3. अन्नदाता ऊर्जादाता भी है। पीएम कुसुम स्कीम से फायदा हुआ है। अब हम 20 लाख किसानों को सोलर पंप देंगे।
  4. 15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ा जाएगा।
  5. अगर बंजर जमीन है तो सोलर पावर जेनरेशन यूनिट लगा सकते हैं, उसे ग्रिड को बेच भी सकते हैं।
  6. खाद के बैलेंस्ड इस्तेमाल पर जोर. अधिक केमिकल फर्टिलाइजर यूज करने की प्रवृत्ति घटेगी।
  7. 162 मिलियन टन के भंडारण की क्षमता है। नाबार्ड इसे जीयोटैग करेगा. नए बनाए जाएंगे, ब्लॉक और ताल्लुक के स्तर पर बनेंगे, राज्य सरकार जमीन दे सकती है। एफसीआई अपनी जमीन पर भी बना सकती है।
  8. विलेज स्टोरेज स्कीम – सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए, इसमें महिलाओं की भूमिका अहम होगी।
  9. मिल्क, मीट, फिश को प्रीजर्व के लिए किसान रेल बनेगा।
  10. कृषि उड़ान लांच किया जाएगा. ये प्लेन कृषि मंत्रालय की तरफ से चलेंगे।
  11. होर्टिकल्चर – 311 मिलियन टन के साथ ये अन्न उत्पादन के आगे निकल चुका है, हम राज्यों को मदद करेंगे। वन प्रॉडक्ट , वन डिस्ट्रिक्ट का स्कीम बनाएंगे।
  12. इंटिग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम – संचयित इलाकों में नैचुरल फार्मिंग – जैविक खेती के लिए पोर्टल है. ऑनलाइन मार्केट मजबूत बनाया जाएगा
  13. फिनांसिंग ऑन निगोशिएबल वेयर हाउसिंग स्कीम – मजबूत बनाएंगे।
  14. नॉन बैंकिंग फाइनान्स कंपनियों को उत्साहित किया जाएगा. 15 लाख करोड़ रुपए का कर्ज किसानों को देने का लक्ष्य है। मिल्क प्रोसेंसिंग क्षमता 108 मिलियन टन करने का लक्ष्य।
  15. समुद्री इलाकों के किसानों के लिए फिश उत्पादन का लक्ष्य 208 मिलियन टन। 3077 सागर मित्र बनाए जाएंगे, तटवर्ती इलाकों के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
  16. दीनदयाल अंत्योदय योजना – 58 लाख एसएचजी बने हैं. इन्हें मजबूत बनाएंगे।

इन 16 स्कीमों के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया जाएगा। कुल फंड में कृषि, सिंचाई के लिए 1.2 लाख करोड़ रुपये की राशि शामिल है।

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