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शहीद भगत सिंह के पोते यादवेन्द्र सिंह ने की बीजेपी उम्मीदवार को जीताने की अपील, कहा- डर का माहौल खत्म करने और इंकलाब लाने के लिए करें मतदान

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पंजाब में शहीद भगत सिंह के परिवार का काफी सम्मान है। हर कोई उनके परिवार के सदस्यों का आदर करता है। पंजाब में 20 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले शहीद भगत सिंह के पोते यादवेन्द्र सिंह ने फिरोजपुर के लोगों से बीजेपी उम्मीदवार राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को जीताने की अपील की है। उन्होंने डर का माहौल खत्म करने और इंकलाब लाने के लिए लोगों से अधिक से अधिक मतदान करने को कहा।

फिरोजपुर के विकास के लिए करें राणा सोढ़ी जी का समर्थन-यादवेन्द्र

यादवेन्द्र सिंह ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मेरा मानना है कि पूरा फिरोजपुर भगत सिंह जी का वारिस है। हमारा परिवार है। और फिरोजपुर के अंदर भगत सिंह जी की आत्मा बसती है। फिरोजपुर की दैनीय हालत देख के अब जो चुनावी क्रांति चल रही थी, उसमें जब मुझे पता चला कि राणा सोढ़ी जी का नाम विधायक के रूप में बीजेपी द्वारा पारित किया गया और वो लड़ रहे हैं, तो मैं अपने आप को रोक नहीं पाया। क्योंकि फिरोजपुर की दुर्दशा के बारे में, यहां पर किए जा रहे अत्याचार के बारे में, जब फिरोजपुर वासियों से बातें होती थीं, तब पता चलता था, तो उसका निदान करने के लिए राणा सोढ़ी जी के समर्थन में मैं यहां आया हूं।

बीजेपी के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान की अपील

यादवेन्द्र सिंह ने आगे कहा, “चार दिन से घूम रहा हूं। लोगों के अंदर एक बहुत उम्मीद की किरण जागी है राणा सोढ़ी जी के रूप में। जैसा कि मैंने बताया कि मेरा रिश्ता मेरे दादा जी कुलबीर सिंह, जो भगत सिंह के भाई हुए,वो खुद फिरोजपुर से विधायक रह चुके हैं। यहां तुड़ी वाली मंडी में हमारा घर रहा है। हमारे पिता जी स्वर्गीय बब्बर सिंह जी के काफी सहपाठी यहां मिले। जो ये डर का और भय का माहौल है, उसका निदान करने के लिए और इंकलाब लाने के लिए राणा सोढ़ी जी को आप सब से भगत सिंह के परिवार के होने के नाते, और आपका अपना होने के नाते अपील करता हूं कि 20 तारीख को ज्यादा तादाद में मतदान करें।”

गुंडों से आजादी और विकास का लक्ष्य- सोढ़ी

बीजेपी ने फिरोजपुर शहरी सीट पर चार बार विधायक रहे राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे लोगों में उत्साह का माहौल है। लोगों का कहना है कि राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ही फिरोजपुर को गुंडों से आजादी और शहर में रिकार्ड तोड़ विकास करवा सकते हैं। राणा ने कहा कि वह नेता बनकर नहीं बल्कि सेवादार बनकर अपनी जन्म भूमि को कर्म भूमि में बदलने आए है। उन्होंने कहा कि जिस उत्साह व जोश के साथ लोगों द्वारा उनका स्वागत किया जा रहा है और लोग उनसे मिलने आ रहे है, इससे यह साबित होता है कि लोग बीजेपी को जीताने का मन बना बैठे है। उन्होंने कहा कि शहर को गुंडों से आजादी दिलवाना और रिकार्ड तोड़ विकास करवाना समय की बड़ी मांग है। 

भगत सिंह के बड़े भाई के पोते हैं यादवेन्द्र

गौरतलब है कि यादवेन्द्र सिंह भगत सिंह के बड़े भाई के पोते हैं। उनके पिता का नाम बब्बर सिंह संधू है। यादवेन्द्र, शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के प्रेसिडेंट हैं। यह एक संगठन है जो देशभर में भगत सिंह के विचारों का प्रचार-प्रसार करता है। संगठन के जरिए यादवेन्द्र शहीदों के परिजनों के अधिकारों की लड़ाई भी लड़ते हैं। यादवेंद्र सिंह ने खुलासा किया था कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिवार की ही तरह कांग्रेस की सरकार में इंटेलिजेंस एजेंसी शहीद भगत सिंह के परिवार की भी जासूसी करती थी। 

कांग्रेस ने करायी भगत सिंह के परिवार की जासूसी

भगत सिंह से आठ साल छोटे भाई फ्रीडम फाइटर कुलबीर सिंह की जासूसी उनकी मौत के दिन तक होती रही। बाद में कुलबीर के बेटे अभय सिंह संधू और उनके परिवार की जासूसी होती रही। ये जासूसी कभी घरेलू नौकर तो कभी पुलिस के लोगों को भेजकर करवाई गई। कुलबीर सिंह की मौत के बाद भी लगातार 10 साल तक रोजाना उनके घर के बाहर जासूसी के लिए आदमी बिठाया गया। कारण ये कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया था। ये आरोप कुलबीर सिंह के बेटे अभय सिंह संधू ने लगाए हैं। कुलबीर सिंह का जन्म 1914 में हुआ था और वह फिरोजपुर से जनसंघ के विधायक थे। 

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