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अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में सजा पाये आतंकी के परिवार से अखिलेश का संबंध, आतंकी का पिता कर रहा सपा का प्रचार

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अहमदाबाद सीरियल बम ब्‍लास्‍ट केस में करीब 14 साल के इंतजार के बाद शुक्रवार (18 फरवरी, 2022) को स्‍पेशल कोर्ट का फैसला आया। 2008 में हुए इस ब्लास्ट केस में कोर्ट ने 49 में से 38 दोषियों को मौत की सजा सुनाई। बाकी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली है। इन 49 दोषियों में से 8 उत्‍तर प्रदेश के हैं। इनमें से फांसी की सजा पाये 6 यूपी के आजमगढ़ से हैं और ये सभी एक ही इलाके सरायमीर के रहने वाले हैं। इससे आजमगढ़ जिला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। इसको लेकर अब उत्तर प्रदेश की सियासत भी गर्मा गई है। राजनीतिक संरक्षण पाये आतंकियों ने अहमदाबाद को दहला कर पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इसके बाद सियासी और आतंकी गठजोड़ का वीभत्स चेहरा सामने आया।

केवल नाम समाजवादी है, लेकिन काम दंगावादी

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि फांसी की सजा पाये एक आतंकवादी मोहम्मद सैफ के परिवार का संबंध समाजवादी पार्टी से है। सैफ के पिता सपा के रहनुमा बताए जाते हैं। इतना ही नहीं वो खुद इन दिनों सपा का जोर शोर से इलाके में प्रचार भी कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि सपा दंगावादी पार्टी है। केवल नाम समाजवादी है, लेकिन काम दंगावादी है और सोच परिवारवाद तक सीमित है। सीएम योगी ने जनता से पूछा कि चुनाव में आप अनुमान कर लें कि आतंकवादियों के हितचिंतक और आतंकवादियों के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाला राजनीतिक दल को चुनाव जीताना है या सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की ओर ले जाने वाली भाजपा को जिताना है।

आतंकी और सपाई, आपस में भाई-भाई

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पहले ये आतंकियों को निर्दोष बताते हैं फिर आतंकियों के साथ हमदर्दी जताते हैं। इसके बाद आतंकियों के मुकदमे वापस लिए जाते हैं। अंत में पता चलता है…आतंकी और सपाई, आपस में भाई-भाई। योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लिखा कि अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के दोषी आतंकवादी में से एक आतंकवादी जो आजमगढ़ का था, उसके पिता के संबंध अखिलेश यादव से थे। उन्होंने सवाल किया कि राष्ट्र विरोधी लोगों से आपकी आत्मीयता इतनी ज्यादा क्यों? गौरतलब है कि जुलाई 2021 में लखनऊ के काकोरी इलाके से ‘आतंक निरोधी दस्ता’ ने अलकायदा के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पत्रकारों ने जब इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने साफ कहा कि वह यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं करते। 

अखिलेश यादव का करीबी है आतंकी का पिता 

फांसी की सजा पाये बाज बहादुर निवासी मोहम्मद सैफ के पिता शादाब अहमद शेख उर्फ मिस्टर आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी के पुराने नेताओं में शामिल रहे हैं। वह 2008 में सपा के जिला उपाध्यक्ष और पार्टी के महासचिव भी रह चुके है। आजमगढ़ सांसद और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नजदीकी में शुमार है। सैफ छह भाइयों मे चौथे नंबर पर है। कम्प्यूटर व इंगलिश स्पीकिंग कोर्स करने आजमगढ़ से दिल्ली गए सैफ को दिल्ली के बटला हाउस कांड में गिरफ्तार किया गया था।

आजमगढ़ के 6 आतंकियों को फांसी की सजा

मोहम्मद सैफ के अलावा अबु बशर, आरिफ मिर्जा नसीम, आरिफ बदर, सैफूल रहमान और कोट मोहम्‍मद जीशन को भी फांसी की सजा सुनाई गई है। वहीं, आजमगढ़ के ही मोहम्‍मद सादिक को आजीवन कारावास की सजा मिली है। आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के रहने वाला अबु बशर इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से जुड़ा था। साथ ही इस सीरियल ब्लास्ट का भी मास्टरमाइंड भी था। आजमगढ़ के जिन छह युवकों को फांसी की सजा सुनवाई गई है, उनमें कोई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने तो कोई कारोबार के सिलसिले में दिल्ली गया था

बाटला हाउस एनकाउंटर से आजमगढ़ का कनेक्शन

अखिलेश यादव के लोकसभा क्षेत्र आजमगढ़ का बाटला हाउस एनकाउंटर में भी कनेक्शन सामने आया था। इस एनकाउंटर में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद वर्मा को गोली लगी थी। इंस्पेक्टर वर्मा को अस्पताल ले जाया गया, कुछ ही घंटों में अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद आजमगढ़ को एक आतंक का केंद्र बताया गया क्योंकि मारे गए दो संदिग्ध और गिरफ्तार किए गए तीन सभी जिले के सराय मीर इलाके के संजरपुर गांव के थे। आजमगढ़ के सरायमीर थाना क्षेत्र के बीनापार गांव का रहने वाला मास्‍टर माइंड अबू बशर का नाम अहमदाबाद ही नहीं जयपुर, लखनऊ और दिल्‍ली में भी हुए बम धमाकों में आया था। 

रची गई थी पीएम मोदी की हत्या करने की साजिश 

इस फैसले में एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। दरअसल, आतंकियों ने बम विस्फोट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की भी साजिश रची थी। प्रधानमंत्री मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे। सरकारी वकील सुधीर ब्रहमभट्ट ने बताया कि एक आरोपी ने बाकायदा मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश कबूल की है। सुधीर ब्रहम भट्ट ने कहा कि आरोपी जानते थे कि विस्फोट के बाद नरेन्द्र मोदी घायलों से मिलने सिविल अस्पताल जाएंगे। इसके लिए अस्पताल में भी बम प्लांट किए गए थे। हालांकि, बमों में विस्फोट नहीं हो सका था।

70 मिनट में 21 बम धमाकों से दहला अहमदाबाद

गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008, यही वह दिन था, जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए थे। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। आतंकियों का कहना था कि उन्होंने 2002 में हुए गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था।

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