चार महीने पहले बनी मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर एक और घोटाले का आरोप लगा है। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री बनने के एक महीने के अंदर कमलनाथ और उनके तीन अफ़सरों की स्विट्ज़रलैंड यात्रा पर 1.58 करोड़ रुपए से ज़्यादा ख़र्च कर दिए गए। राज्य सरकार एक तरफ तो सरकारी ख़ज़ाना खाली बता रही है, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके ख़ास लोगों के खर्चों में किसी तरह की कटौती नहीं हो रही। स्विट्जरलैंड के दावोस में जनवरी, 2019 में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ तीनों अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। किसानों को कर्ज माफी का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस के मुख्यमंत्री गरीब किसानों के पैसे से विदेश यात्राएं कर रहे हैं। वहीं, कर्ज माफी के वादे की याद दिलाते ही वे खजाना खाली होने का बहाना बना लेते हैं।
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घोटालों से बाज नहीं आ रही कांग्रेस
- कमलनाथ के पूर्व ओएसडी के घर और दफ्तरों पर इनकम टैक्स की छापेमारी में सैकड़ों करोड़ रुपये बरामद हुए थे।
- इसी साल अप्रैल में कमलनाथ के भतीजे की कंपनी पर छापेमारी में 1350 करोड़ रुपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी गई थी।
- किसान कर्ज माफी के नाम पर भी 2 हजार करोड़ का घोटाला हुआ। खुद सीएम ने माना कि लिस्ट में फर्जी नाम शामिल कर पैसों की बंदरबांट हुई।