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सुनियोजित साजिश के तहत कराए गए दिल्ली दंगे, नहीं बख्शे जाएंगे दंगाई- अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा को सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया गया और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, वहीं किसी निर्दोष को तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि दिल्ली दंगे एक सोची-समझी साजिश के तहत किए गए थे। उन्होने कहा कि दिल्ली पुलिस इतनी कठोर कार्यवाही करेगी कि दंगा करने वालों के लिए यह एक सबक होगा। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में जिन लोगों की जान गई है उन सब के लिए हृदय की गहराइयों से दुख व्यक्त करता हूं । श्री शाह ने दंगों में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सदन के माध्यम से देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार दंगों में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बक्शेगी। इतने कम समय में दंगे इतने बड़े स्तर पर फैलना यह जाहिर करता है कि कोई पूर्व नियोजित साजिश रही है। इस तरह के कामों में लिप्त संस्थाओं में कितनी राशि कहां से आई है इस पर भी जांच की जा रही है। श्री शाह ने बताया कि 3 लोग जो दिल्ली के दंगों में वित्तीय सहायता पहुंचा रहे थे उनकी शिनाख्त कर ली गई है। श्री शाह ने कहा कि जिन्होंने भी दंगा करने की हिमाकत की है वह कानून की गिरफ्त से भाग नहीं पाएंगे। श्री शाह ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी निर्दोष को परेशान न किया जाए।

गृह मंत्री ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को जिस तरह से रखने का प्रयास किया जा रहा है वह ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि 25 तारीख रात 11 बजे के बाद एक भी घटना घटित नहीं हुई। अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के 4 प्रतिशत क्षेत्र और 13 प्रतिशत आबादी तक ही हिंसा सीमित रखने का काम दिल्ली पुलिस ने किया है और यह 12 थानों तक ही हिंसा रुकी रहे यह एक अच्छा प्रयास रहा । श्री शाह ने यह भी कहा कि 24 फरवरी 2020 को दंगों की पहली सूचना प्राप्त हुई और 25 फरवरी रात 11 बजे अंतिम सूचना प्राप्त हुई और दिल्ली पुलिस ने बहुत ही संयम से काम लेकर 36 घंटों के अंदर हिंसा को समेटने का काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि कहा कि दिल्ली के दंगों पर पूरी नजर थी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए वहां भेजा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि तुरंत ही स्पेशल सीपी अपॉइंट किए गए और शीघ्रता के आधार पर इस को काबू करने का प्रयास किया गया। अमित शाह ने बताया कि वर्तमान में 80 से ज्यादा कंपनियां वहां तैनात हैं और गुनहगारों को पकड़ने की व्यवस्था शुरू की जा चुकी है। श्री शाह ने सदन को बताया कि 26 तारीख के बाद से 700 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है, 26 सौ से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं। सीसीटीवी और वीडियो फुटेज का डिटेल एनालिसिस किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि आम लोगों से भी हिंसा से संबंधित वीडियो फुटेज मंगाए गए हैं और बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस को फुटेज प्राप्त भी हुए हैं। फेस आईडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा चेहरों की पहचान की जा रही है जिसके आधार पर यह भी तथ्य प्राप्त हुए हैं कि 300 से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से आकर यहां हिंसा करने के लिए जिम्मेदार हैं।

उन्होंने कहा कि सीएए पर पूरे देश के अल्पसंख्यकों को गुमराह किया जा रहा है। सीएएए में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है इसमें केवल पीड़ित लोगों को नागरिकता देने का काम किया जा रहा है। अमित शाह ने कहा कि पूरे देश में सीएए के समर्थन में रैलियां निकली हैं और बड़ी संख्या में लोग उनमें शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश की बड़ी पार्टी के नेता लोगों को उकसा रहे थे और 14 दिसंबर की हेट स्पीच के बाद शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ। श्री शाह ने बताया कि इस तरह भड़काऊ भाषण 24 तारीख को दंगों की शक्ल में परिवर्तित हो गए।

अमित शाह ने कहा कि दिल्ली दंगों में पैसा पहुंचा है, सोशल मीडिया में भड़काया गया है इन सब की जांच चल रही है और कोई बच नहीं पाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को क्लेम सबमिशन समिति के गठन से संबंधित पत्र लिखा जा चुका है।

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