Home समाचार भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार की सख्ती का असर, केस दर्ज होने के...

भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार की सख्ती का असर, केस दर्ज होने के 20 साल बाद सट्टेबाज संजीव चावला का प्रत्यर्पण

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट कहना है कि भ्रष्टाचार में शामिल एक भी व्यक्ति सजा से बच नहीं पाएगा। सरकार उन्हें सजा दिलाकर रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी के इस सख्ती का असर भी देखाई दे रहा है। देश-विदेश में छिपे भ्रष्टाचारी और घोटालेबाजों की शामत आ गई है। मोदी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि दिल्ली पुलिस भगोड़े सट्टेबाज संजीव चावला को ब्रिटेन से भारत लाने में कामयाब रही है। 

सट्टेबाज संजीव चावला का प्रत्यर्पण

मैच फिक्सिंग के आरोपी सट्टेबाज संजीव चावला को गुरुवार को लंदन से प्रत्यर्पित कर लिया गया। वह 2000 के फिक्सिंग स्कैंडल में शामिल था। मामला दर्ज होने के 20 साल बाद उसे भारत लाया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही थी। 16 जनवरी को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। ब्रिटेन के गृह मंत्री के हस्ताक्षर के बाद चावला को 28 दिन के अंदर प्रत्यर्पित किया जाना था।

1996 में बिजनेस वीजा पर गया था ब्रिटेन

ब्रिटेन के कोर्ट के दस्तावेजों में चावला को दिल्ली में जन्मे एक बिजनेसमैन के रूप में बताया गया है। वह 1996 में बिजनेस वीजा पर ब्रिटेन चला गया था। 2000 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया गया। 2003 में ब्रिटेन में बने रहने के लिए उसे अनिश्चितकालीन अवकाश दिया गया। 2005 में उसे ब्रिटेन का पासपोर्ट मिला और तब से वह ब्रिटिश नागरिक है।

फिक्सिंग में शामिल क्रोनिए ने लिया था अजहरुद्दीन का नाम

मैच फिक्सिंग स्कैंडल में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए का भी नाम आया था। क्रोनिए को चावला और एक अन्य व्यक्ति द्वारा यह सुझाव दिया गया था कि अगर वे क्रिकेट मैच हारने के लिए राजी हो जाएं, तो भारी भरकम राशि दी जाएगी। दक्षिण अफ्रीका भारत दौरे के समय क्रोनिए को पैसे का भुगतान किया गया था। चावला और क्रोनिए के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट करने के बाद दिल्ली पुलिस ने मार्च 2000 में प्राथमिकी दर्ज की थी। बातचीत के दौरान चावला ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और कांग्रेस के सांसद रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम भी लिया था। क्रोनिए की 2002 में प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी।

इंग्लैंड के 2 खिलाड़ियों को भी पैसा देने का आरोप

दरअसल साल 2000 में 16 फरवरी और 20 मार्च को खेले गए भारत-दक्षिण अफ्रीका के मैच फिक्स करने के लिए दिल्ली पुलिस ने दक्षिण अफ्रीका टीम के कैप्टन रह चुके दिवंगत हैंसी क्रोनिए और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इसमें हैंसी क्रोनिए, सट्टेबाज संजीव चावला, मनमोहन खट्टर, दिल्ली के राजेश कालरा और सुनील दारा सहित टी सीरीज के मालिक के भाई कृष्ण कुमार को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद से पुलिस संजीव को भारत लाने का प्रयास कर रही थी। हालांकि मानवाधिकारों का हवाला देकर आरोपी ने यूरोपियन कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ पिछले साल 23 जनवरी को अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया था।

20 साल बाद संजीव चावला के प्रत्यर्पण से अन्य वांछितों को भारत लाने की उम्मीदें बढ़ी है। खासकर, भगोड़े विजय माल्या को देश लाने के मामले में कामयाबी की उम्मीद जताई जा रही है। उसके मामले में फिलहाल लंदन के कोर्ट में सुनवाई जारी है।

मोदी सरकार एक-एक भगोड़े अपराधी को भारत लाने में लगी है। डालते हैं एक नजर

मोदी सरकार अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल समेत 11 भगोड़े अपराधियों को भारत लाने में सफल रही है। सरकार के प्रयासों से ब्रिटेन की कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। जिसके खिलाफ माल्या ने अपील की थी। लंदन हाई कोर्ट ने माना है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ बेईमानी के पुख्ता सुबूत हैं। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दिसंबर 2018 में माल्या के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। फरवरी 2019 में ब्रिटेन के तत्कालीन गृह सचिव साजिद जाविद ने भी मंजूरी दी थी। माल्या ने प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील के लिए हाईकोर्ट से मंजूरी मांगी थी। हाईकोर्ट ने पिछले साल जुलाई में मंजूरी दी थी।

मेहुल चोकसी को इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस

अब सरकार एक और भगोड़े मेहुल चौकसी पर शख्त हो गई है। सीबीआई के अनुरोध पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ हजारों करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस किया है। चोकसी अभी एंटीगा में रह रहा है और उसने भारत न आने को लेकर बहाना बनाया था। मेहुल के वकील ने मुंबई की एक अदालत को बताया था कि चोकसी यात्रा करने के लिए पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हैं। इसलिए वे अगले तीन महीने तक भारत नहीं आ पाएगा।

नीरव मोदी पर कसता शिकंजा 

भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर भी मोदी सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। विशेष अदालत ने सीबीआई को भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी के खिलाफ पूरक प्रत्यर्पण आवेदन दायर करने की अनुमति दे दी। पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव इस समय लंदन की जेल में बंद है। ब्रिटेन में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई चल रही है। उसके प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई 11 मई से शुरू होने वाली है और इसके करीब पांच दिन चलने का अनुमान है।

स्विटजरलैंड में नीरव मोदी के चार बैंक एकाउंट सीज

मोदी सरकार की पहल पर स्विट्जरलैंड में नीरव मोदी से जुड़े चार बैंक खातों को सीज कर दिया गया और 283 करोड़ रुपये जब्त कर लिए गए। जिन स्विज बैंक खातों पर रोक लगाई गई है, वे दो अरब डॉलर से अधिक के पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी और उसकी बहन के थे। यह कार्रवाई भारत में नीरव मोदी के खिलाफ चल रहे आपराधिक धन शोधन मामले के तहत की गई।

बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल यूएई से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया
इसके पहले इसी महीने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की वजह से ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण पर राजी हुआ है। जाहिर है कि 3700 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मुख्य आरोपी है। अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और सोनिया गांधी समेत तत्कालीन यूपीए सरकार के लोगों को प्रभावित कर कंपनी की डील दिलाने में मदद के लिए मिशेल की नियुक्ति की थी। 

इंडोनेशिया से पकड़ा गया भगोड़ा कारोबारी विनय मित्तल
बैंकों का पैसा लूट कर विदेश भागने वालों को पकड़ने के लिए मोदी सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून बनाया था। इस कानून के बनने के बाद विदेशों में बैठे घोटालेबाजों की शामत आ गई है। सीबीआई ने इसकी कानून के तहत 7 बैंकों से 40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फरार उद्योगपति विनय मित्तल को पकड़ने में कामयाबी हासिल की। सीबीआई इस भगोड़े कारोबारी को इंडोनिशेया से प्रत्यर्पित कर भारत ले आई। 

 

मोदी सरकार की सख्ती का असर, बहरीन से पकड़ा गया भगोड़ा आर्थिक घोटालेबाज
सीबीआई ने 9 वर्ष पहले बैंकों को लाखों का चूना लगाने वाले एक आर्थिक घोटालेबाज को बहरीन में धर दबोचा है। सीबीआई ने मोहम्मद याहया नाम के इस शख्स के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के तहत कार्रवाई की है। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने बैंकों का धन लूट कर विदेश भागने वाले कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई के लिए इसी वर्ष अगस्त में भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून बनाया है। इस कानून के तहत देश ही नहीं विदेश में भी ऐसा घोटालेबाजों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।

मोदी सरकार के भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत सीबीआई को यह पहली कामयाबी थी। बता दें कि 47 वर्षीय मोहम्मद याहया 2003 में बैंगलुरू के कुछ बैंकों के साथ करीब 46 लाख रुपए का घोटाला करने बाद खाड़ी देश भाग गया था। याहया को बहरीन से पकड़ा गया। पिछले काफी समय से उस पर भारतीय एजेंसियों की नजर थी। बहरीन में उसकी गिरफ्तारी के बाद सभी आवश्यक कार्रवाई को पूरा कर भारत लाया गया। 

 

Leave a Reply