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‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार’ में आपका स्वागत है! तीज, रक्षाबंधन, मकर संक्रान्ति की छुट्टियां रद्द!! ईद-बकरीद पर 3-3 दिन अवकाश!

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इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार में आपका स्वागत है! बिहार अब हिंदू प्रदेश नहीं रहा। 81 प्रतिशत हिंदुओं को बधाई। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने 2024 के लिए जो छुट्टी का कैलेंडर जारी किया है उसमें 81 प्रतिशत हिंदुओं के छुट्टी के 9 दिन हैं और 17 प्रतिशत मुसलमानों को 10 दिन का अवकाश दिया गया है। हिंदुओं के कुल चार पर्व पर छुट्टी दी गई है जबकि मुसलमानों को छह पर्व पर अवकाश दिया गया है। होली, दिवाली, छठ और दुर्गा पूजा पर नौ दिनों की छुट्टी। दोनों ईद पर तीन-तीन दिन की छुट्टी। रक्षाबंधन, मकर संक्रांति, सरस्वती पूजा, जन्माष्टमी, रामनवमी, भाईदूज आदि पर कोई छुट्टी नहीं। कमाल यह है कि जब इस कैलेंडर पर विवाद शुरू हो गया तो सरकार एक नया कैलेंडर लेकर सामने आ गई। इस कैलेंडर के अनुसार तीज, जितिया, रक्षाबंधन, मकर संक्रान्ति की छुट्टियां रद्द की गई है। अब कहा जा रहा है कि उर्दू स्कूलों के लिए अलग कैंलेंडर जारी किया गया है। यानि वोट बैंक के चक्कर में अब स्कूल स्तर पर ही बच्चों के मन में हिंदू-मुस्लिम का जहर भरा जाएगा। यही नहीं, उर्दू स्कूलों या मुस्लिम बहुल सरकारी स्कूलों में जुमा के दिन यानि शुक्रवार को अब साप्ताहिक अवकाश किया जा सकेगा। इंडी अलायंस के नेताओं ने पहले ही कहा था कि अलायंस का गठन सनातन को खत्म करने के लिए किया गया है। बिहार में सरकार उसी पर अमल करते हुए आगे बढ़ रही है। अब अगर हिंदू नहीं जागे तो फिर बिहार को इस्लामिक रिपब्लिक बनने से रोका नहीं जा सकता है।

छुट्टियों पर छीछालेदर के बाद बिहार में उर्दू स्कूलों के लिए अलग कैलेंडर
असल में सरकार ने गैर उर्दू स्कूलों के लिए अलग से कैलेंडर जारी किया है। ऐसा पहली बार है कि शिक्षा विभाग ने उर्दू स्कूलों के लिए अलग से कैलेंडर जारी किया है। दूसरे कैलेंडर में मुस्लिम त्योहारों में छुट्टियों की तादाद कम की गई है। शिक्षा विभाग ने पहली बार गैर उर्दू स्कूलों और उर्दू स्कूलों के लिए अलग–अलग कैलेंडर जारी किया है। इसके पहले शिक्षा विभाग की तरफ से एक ही कैलेंडर जारी किया जाता था।  

तीज, जितिया, रक्षाबंधन, मकर संक्रान्ति की छुट्टियां रद्द
बिहार में शिक्षा विभाग ने छुट्टी का जो कैलेंडर जारी किया है उसके तहत सामान्य स्कूलों में तीज, जितिया, रक्षाबंधन, मकर संक्रान्ति की छुट्टियां रद्द की गई हैं, दशहरे की छुट्टी काफी कम कर दी गयी है, छठ की छुट्टी भी कम हो गयी है, वहीं, उर्दू स्कूलों में ईद- बकरीद की 3- 3, मुहर्रम की 2 दिन की छुट्टियां कर दी गई हैं। कुछ महीने पहले भी कुछ हिन्दू त्योहारों की छुट्टियां रद्द की गयी थी, शिक्षकों ने किया था विरोध, इसके बाद रद्द छुट्टियां वापस ले ली गई थीं। अब कहा जा रहा है कि सामान्य स्कूलों में महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, बसंत पंचमी की छुटियां रहेंगी जबकि उर्दू स्कूलों की अवकाश तालिका में महाशिवरात्रि, जन्माष्टमी, बसंतपचमी की छुट्टियां खत्म की गईं हैं। ईद और बकरीद पर पहले दो दिनों की छुट्टी होती थी। 2024 में दोनों पर्वों पर स्कूल तीन-तीन दिन बंद रहेंगे। इसके अलावा मुहर्रम पर दो दिन, शब-ए-बारात, चेहल्लुम, हजरत मोहम्मद साहब की जयंती पर एक-एक दिन की छुट्टी होगी।

होली, दिवाली की छुट्टी हुई कम
2023 में होली पर अवकाश 3 दिन का था, लेकिन 2024 में इसे 2 दिन कर दिया गया है. दुर्गा पूजा की छुट्टी भी अब 6 दिन की जगह केवल 3 दिन होगी। दीपावली से लेकर छठ तक पहले 8 दिनों की छुट्टियां होती थी। अब यह छुट्टी केवल चार दिन होगी. दूसरी ओर, ईद और बकरीद पर हमेशा दो दिन की छुट्टी होती थी, लेकिन अब तीन दिन होगी। 2023 में पहली बार मोहर्रम पर 1 दिन की छुट्टी घोषित हुई थी, इसे 2024 में बढ़ाकर 2 दिन कर दिया गया है।

बिहार शायद देश का पहला राज्य जहां शुक्रवार को सरकारी साप्ताहिक
बिहार सरकार ने उर्दू स्कूलों के साथ ही सरकारी स्कूलों में जुमा के दिन यानि शुक्रवार को अब साप्ताहिक अवकाश देने मंजूरी दे दी है। यानी बिहार में जिस इलाके में मुस्लिम आबादी ज़्यादा है, यानी उनकी बहुलता है वहां अब जुमे के दिन यानी शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश होगा। बिहार संभवतः देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां मुसलमानों के लिए जुमे को सरकारी साप्ताहिक अवकाश घोषित किया गया है।

हिंदू छात्रों पर थोपा जाएगा शु्क्रवार का साप्ताहिक अवकाश
साप्ताहिक अवकाश का यह आदेश सिर्फ उर्दू स्कूलों के लिए ही नहीं है बल्कि कोई भी सरकारी स्कूल मुस्लिम बाहुल्य इलाके में होगा, वहां अब रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश होगा। इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है लेकिन उसमें ये भी साफ किया गया है कि इसके लिए उस जिले के DM की अनुमति लेनी होगी। यानी DM ने रजामंदी दे दी तो किसी भी स्कूल में रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश घोषित किया जा सकता है। यहां सवाल यह है कि उस स्कूल में पढ़ने वाले हिंदू छात्रों पर आखिर यह थोपा क्यों जा रहा है।

बीजेपी का 24 घंटे में जारी कैलेंडर को वापस लेने का अल्टीमेटम
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार में हिंदुओं की छुट्टियों में कटौती को लेकर नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बिहार सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर जारी कैलेंडर को वापस नहीं लिया गया तो सीएम का पुतला दहन किया जाएगा।

तुष्टिकरण के सरदार-बिहार के कुर्सी कुमार
बिहार सरकार के इस फैसले पर भाजपा नेता अश्विनी चौबे ने तंज कसते हुए कहा कि “तुष्टिकरण के सरदार-बिहार के कुर्सी कुमार”। एकबार फिर चाचा-भतीजे की सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आया। एक तरफ स्कूलों में मुस्लिम पर्व की छुट्टी बढ़ाई जा रही हैं,वहीं हिंदु त्योहारों में छुट्टियां खत्म की जा रही हैं। लानत है वोटबैंक के लिए सनातन से घृणा करने वाली सरकार को।

INDI Alliance के दलों के नेताओं ने सनातन संस्कृति के खिलाफ जहर उगल कर लाखों करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। इस पर एक नजर-

सनातन धर्म का विरोध करने में 26 विपक्षी दल एकजुट
चेन्नई में 2 सितंबर को सनातन धर्म के उन्मूलन को समर्पित सम्मेलन में पोनमुडी ने कहा कि सनातन धर्म का विरोध करने की विचारधारा INDI Alliance के भीतर एक साझा उद्देश्य था, जो इसके सदस्य दलों के बीच किसी भी आंतरिक मतभेद से परे था। उन्होंने बताया कि गठबंधन के सभी सदस्य समानता को बढ़ावा देने, अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करने और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट हैं। इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामाजिक जागरूकता और चेतना बढ़ाने के लिए 26 राजनीतिक दलों वाले I.N.D.I. Alliance की स्थापना की गई थी।

चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?: स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दीपावली के मौके पर अपनी पत्नी की पूजा की और सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें डालीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘दीपोत्सव के अवसर पर अपनी पत्नी का पूजा और सम्मान करते हुए कहा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग और देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट और पीठ ही होती है, चार हाथ, आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ और हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है?’

स्वामी प्रसाद मौर्य के मुंह में बवासीर हो गया हैः प्रमोद कृष्णम
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने स्वामी प्रसाद मौर्य के माता लक्ष्मी को लेकर दिए बयान पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सीएम योगी से भी एक अपील की है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सपा नेता को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्य के मुंह में बवासीर हो गई है। उन्हें इलाज की बहुत जरुरत है, मैं सीएम योगी आदित्यनाथ जी कहूंगा कि उनके बोलने पर पाबंदी लगाई जाई जाए।”

केदारनाथ-बद्रीनाथ बौद्ध मठ थे, तोड़कर मंदिर बनेः स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्या ने इससे पहले कई बार सनातन संस्कृति के खिलाफ बयान दिए हैं। उन्होंने जुलाई 2023 को कहा कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम ‘बौद्ध मठ’ थे जिन्हें आठवीं शताब्दी में तोड़ कर हिन्दू मंदिर बनाए गए। उन्होंने कहा कि सातवीं शताब्दी तक उस जगह पर बौद्ध मठ था जहां आज केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम मौजूद हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि अगर जांच इस बात की हो रही है कि मस्ज़िद से पहले क्या था तो फिर इसकी भी जांच होनी चाहिए कि मंदिर से पहले क्या था।

हिंदू कोई धर्म नहीं, केवल धोखा हैः स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अगस्त 2023 में कहा कि हिन्दू नाम का कोई धर्म नहीं नहीं है। हिन्दू धर्म केवल धोखा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया में अपना एक वीडियो शेयर कर लिखा है कि ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बताया बकवास, बोले- बैन कर दी जाए
स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनवरी 2023 में हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि रामचरतिमानस में सब बकवास है। रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है। तुलसीदास ने शूद्र को अधम जाति कहा है। जो कि सही नहीं है। रामचरितमानस में जो आपत्तिजनक चौपाई है उनको हटाया जाना चाहिए उनको बैन किया जाना चाहिए. रामचरितमानस में जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया है। उससे हमें आपत्ति है।

सनातन धर्म मच्छर, डेंगू, फ्लू, मलेरिया की तरहः स्टालिन
तमिलनाडु सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान देकर मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डाल दिया है। उदयनिधि ने एक सभा में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की है। उदयनिधि ने कहा- ”मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना, ये कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। इसे खत्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।” यह देश के 100 करोड़ हिंदुओं और सनातनी का अपमान है।


मोदी दोबारा जीतेंगे तो सनातन का राज होगाः मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि नरेंद्र मोदी को वोट मत दीजिए। यदि मोदी दोबारा जीतते हैं तो फिर से देश में सनातनियों का, सनातन धर्म का तथा सनातनियों की सरकार बन जाएगी।


मंदिरों के सामने फांसी पर लटका देंगेः मुस्लिम लीग
केरल में मुस्लिम लीग के सदस्यों द्वारा हिंदू विरोधी नारे लगाए गए। नारे लगाए गए- “तुम्हें मंदिरों के सामने फांसी पर लटका देंगे और जला देंगे।” हालांकि, राहुल गांधी के अनुसार, मुस्लिम लीग एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, इसलिए वे I.N.D.I. Alliance का भी हिस्सा हैं।


हिंदू धर्म को नष्ट करना डीएमके का उद्देश्य
उदयनिधि और उनकी पार्टी द्रमुक की हिंदू धर्म के प्रति नफरत रातोंरात विकसित नहीं हुई; यह शुरू से ही रहा है। यह वीडियो एक साल पुराना है, जिसमें डीएमके के एक मंत्री ने कहा था कि उनकी पार्टी का एकमात्र उद्देश्य हिंदू धर्म को नष्ट करना है।


भगवान गणेश एक मिथक हैंः सीपीआई (एम)
केरल सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन कहते हैं कि भगवान गणेश एक मिथक हैं, लेकिन अन्य धर्मों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी मान्यताएं मिथक नहीं हैं। सीपीएम I.N.D.I. Alliance का एक महत्वपूर्ण गठबंधन भागीदार है।


ममता बनर्जी ने तिलक लगाने से किया इनकार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की तीसरी बैठक में भाग लेने के लिए मुंबई के होटल पहुंचीं, लेकिन उन्होंने परिसर में आने वाले सभी मेहमानों को लगाए गए औपचारिक तिलक लगाने से इनकार कर दिया। बैठक के लिए ममता बनर्जी जैसे ही होटल के अंदर पहुंचीं, तो होटल की महिला कर्मी ने उनको माथे पर तिलक लगा कर स्वागत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने माथे पर तिलक लगवाने से मना कर दिया।


केजरीवाल ने स्वास्तिक और भगवान हनुमान का उपहास किया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली में दिवाली से पहले पटाखे पर तो बैन लगाती ही रही है लेकिन इससे पहले भी केजरीवाल ने कई अवसरों पर देवी-देवताओं का उपहास उड़ाकर हिंदू भावनाओं का मजाक उड़ाया। चाहे भारतीय संस्कृति के शुभ प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक हो या फिर भगवान हनुमान, केजरीवाल ने उनका भी उपहास उड़ाया।


प्रियांक खड़गे ने सनातन को कहा बीमारी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन अर्जुन खड़गे के पुत्र और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता है या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता है वह बीमारी के समान है।


हिंदू मंदिर अश्लील संरचनाओं का एक संग्रहः तिरुमावलवन
I.N.D.I. Alliance से जुड़े सांसद तिरुमावलवन ने कहा, “भगवान अयप्पा का जन्म समलैंगिक विवाह से हुआ था। हिंदू मंदिर अश्लील संरचनाओं का एक संग्रह हैं जबकि मस्जिद और चर्च अच्छी संरचनाएं हैं। तिरुमावलवन, एक दलित कार्यकर्ता और 15वीं लोकसभा में संसद सदस्य हैं। वे भारत के तमिलनाडु राज्य की एक दलित राजनीतिक पार्टी, विड़ूदलाई चिरुतैगल कच्ची के मौजूदा अध्यक्ष हैं।


अनपढ़ और मूर्ख ही सनातन धर्म का पालन करते हैंः डीएमके प्रवक्ता
डीएमके प्रवक्ता कह रहे हैं, “केवल अनपढ़ और मूर्ख ही सनातन धर्म का पालन करते हैं, इसीलिए अधिकांश सनातनी यूपी-बिहार में पाए जाते हैं।”

सनातन धर्म कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक: ए राजा 
सनातन धर्म के खिलाफ हेट स्पीच देने का सिलसिला नहीं थम रहा है। तमिलनाडु की सत्तारुढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के नेताओं में सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगलने की होड़ मची हुई है। डीएमके के ए राजा ने सनातन धर्म का अपमान करते हुए इसकी HIV से तुलना की है। ए राजा ने कहा- ‘सनातन धर्म सामाजिक बीमारी है। यह कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक है।’

राहुल गांधी ने कहा था- ये देश तपस्वी का है पुजारी का नहीं
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि “भारत देश तपस्वी का है पुजारी का नहीं है”। राहुल गांधी के इस बेतुके बयान पर विवाद काफी बढ़ गया। देशभर में पुजारी राहुल गांधी के विरोध में उतर आए तो वहीं संत समाज ने कहा कि पुजारी और तपस्वी में कोई अंतर नहीं होता है। देश के प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तपस्या की है तभी आज वो इस मुकाम पर हैं।

बिहार के शिक्षा मंत्री ने किया भगवान राम का अपमान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने बीते दिनों रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी 2023 को कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस “समाज में नफरत फैलाती है”। बिहार के शिक्षा मंत्री की टिप्पणी राष्ट्र के राम भक्तों और सर्व समाज के भक्तों का घोर अपमान है। यह बयान जातीय विवाद पैदा करने, हिंदुओं को जातियों में बांटने के घृणित सोच के तहत दिया गया जिससे चुनावी लाभ हासिल किया जा सके।

केजरीवाल के करीबी ने शपथ दिलाई- मैं किसी हिंदू देवी-देवता को नहीं मानूंगा
केजरीवाल के करीबी और दिल्ली सरकार में तब मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम ने 5 अक्तूबर 2022 को एक कार्यक्रम में लोगों को हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने की शपथ दिलाई थी। शपथ दिलाते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश को नहीं मानूंगा। मैं राम-कृष्ण की पूजा नहीं करूंगा। मैं किसी हिंदू देवी-देवता को नहीं मानूंगा।’ वीडियो सामने आने के बाद काफी विवाद हुआ था।

ममता बनर्जी को जय श्रीराम के नारे से चिढ़ है
पश्चिम बंगाल कि सीएम ममता बनर्जी को सनातन प्रतीकों और जय श्रीराम से चिढ़ है। मुंबई की बैठक में पहुंचे ममता ने तिलक लगाने से इनकार कर दिया वहीं उन्होंने 2019 में इंटेलिजेंस एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा है कि जो लोग जय श्रीराम के नारे लगाते दिखें उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। पश्चिम बंगाल की हिंदू विरोधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं की आस्था पर लगातार प्रहार करती रहती हैं। ममता राज में राज्य में पूरी तरह से तालिबानी शासन है। पश्चिम बंगाल में हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेना अपराध बन गया है। यहां हिन्दुओं को न तो मंदिरों में पूजा करने की आजादी है और न ही सार्वजनिक रूप से जय श्री राम बोलने की।

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बताया बकवास
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू धर्म, रामचरितमानस और ब्राह्मणों पर विवादित बयान दे रहे हैं। रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देकर विवाद को बढ़ा दिया है। सपा नेता ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों के खिलाफ पार्टी के अंदर से ही विरोध के सुर उठने लगे। अमेठी से सपा विधायक राकेश प्रताप ने मौर्य कहा कि राम के चरित्र पर टिप्पणी करने वाला न तो सनातनी हो सकता है और न ही समाजवादी हो सकता है। ऐसा करने वाला सिर्फ एक विक्षिप्त प्राणी हो सकता है। लेकिन अखिलेश के करीबी स्वामी प्रसाद मौर्य अपने एजेंडे में लगे हुए हैं।

उद्धव ने कहा था- अयोध्या में भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के पहले महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के एक मशविरे पर विवाद शुरू हो गया। उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर का भूमि पूजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराने का सुझाव दिया था जिस पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि ये बयान शिवसेना के पतन का परिचायक है। यह सुझाव केवल एक अंधे विरोध करने की भावना से आया है। आलोक कुमार ने कहा कि यह शिवसेना का कैसा पतन है, जिसे कभी बाला साहब ठाकरे ने प्रखर हिंदुत्व की राजनीति के लिए गढ़ा था।

पीएम मोदी सनातन के उत्थान से दिला रहे भारत का प्राचीन वैभव
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी ने जब देश की बागडोर संभाली तो तीर्थक्षेत्र के अर्थशास्त्र को नई ऊंचाई देने का काम शुरू किया। मोदी सरकार ने पिछले नौ साल के कार्यकाल में ऐसे कई तीर्थक्षेत्रों का विकास किया है जिससे न केवल देश में पर्यटन को नई ताकत मिली है बल्कि सनातन संस्कृति के उत्थान से अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। पिछले कुछ सालों में तीर्थ क्षेत्रों में विस्तार और सुविधाओं में बढ़ोतरी से भक्तों की संख्या यहां इतनी अधिक हो गई है कि अब पर्यटन से इतर हिंदू तीर्थ क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में एक अलग आर्थिक क्षेत्र भी बनता दिख रहा है और इस पर न रिसेशन की माया है न ही NPA का काला साया। यह सब पीएम मोदी के विजन से संभव हो पाया है। भारत की यह अनोखी अर्थव्यवस्था सैकड़ों सालों से चली आ रही है और अब 2014 के बाद पीएम मोदी भारत को प्राचीन वैभव दिला रहे हैं।

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