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मोदी राज में आतंक मुक्त होने के करीब जम्मू-कश्मीर

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मोदी सरकार जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही वहां के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। जम्मू कश्मीर में जहां एक ओर हालात सामान्य हो रहे हैं वहीं मोदी सरकार के प्रयासों से घाटी में आतंकवाद की घटनाओं पर भी रोक लगी है।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने जानकारी दी है 2020 में पिछले साल की तुलना में आतंकी गतिविधियों में 60 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने साफ किया की जम्मू कश्मीर में अब कानून व्यवस्था नियंत्रण में है।

पत्थरबाजों पर लगी लगाम

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात कर घाटी में सुरक्षा स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस साल 13 फरवरी तक 20 आतंकवादियों को मार गिराया गया हैं और चार को गिरफ्तार किया गया है और श्रीनगर में ग्रेनेड हमलों में शामिल 12 आतंकियो को भी गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2020 में पिछले साल के मुकाबले आतंकी घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी हुई है और वर्तमान समय में जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी दर्ज की गई है।

आतंकी बनने जा रहे युवकों को वापस भेजा घर

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने आगे बताया कि मारे आतंकियों में 10 जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के थे और कई आतंकवादी हिजबुल मुजाहिद्दीन संगठन के भी थे। उन्होंने बताया कि हमने सर्वेलांस तंत्र को मजबूत किया है, जिसकी वजह से दक्षिण कश्मीर के सात युवा जो आतंकी बनने जा रहे थे उन्हें उनके परिवार वालों के पास वापस भेज दिया गया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू कश्मीर में पुलिस, अर्ध सैनिक बलों और सेना के आपसी तालमेल की तारीफ की और संतोष जताया कि उपराज्यपाल शासन में कोई भी बड़ी कानून व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं हुई।

आइए एक नजर डालते हैं कि मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर के विकास के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं-

जम्मू कश्मीर को मिलेंगे 2 एम्स और 9 मेडिकल कॉलेज

केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में दो अलग-अलग AIIMS खोले जाएंगे, जिनमें से एक AIIMS जम्मू में होगा और दूसरा कश्मीर में होगा। मोदी सरकार की प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत जम्मू के सांबा जिले स्थित विजयपुर में AIIMS खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है, साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर में नए मेडिकल कॉलेज भी खोलेगा।

स्पेशियलिटी विभागों से युक्त 750 बिस्तरों वाला होगा अस्पताल

1661 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस परियोजना को सीपीडब्ल्यूडी द्वारा पूरा किया जा रहा है, इसका कुल बिल्ड-अप एरिया 22,315 वर्ग मीटर है। बनकर तैयार होने के बाद जम्मू का यह एम्स स्पेशियलिटी विभागों से युक्त 750 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा। यह परियोजना अगस्त 2022 तक पूरी हो जाने का अनुमान है।

जम्मू के एम्स में मेडिकल कॉलेज के साथ एक नर्सिंग कॉलेज भी होगा। वहीं इस एम्स में मॉडर्न टेक्नोलॉजी और इक्विप्मेंट्स भी मौजूद होंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने 3 फरवरी 2019 को जम्मू एम्स की आधारशिला रखी थी।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जम्मू कश्मीर के किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। जम्मू कश्मीर के आड़ू और अखरोट किसानों को सरकार मदद देने के लिए तैयार है, इसके साथ ही जल्द नाबार्ड की अगुवाई में एक टीम भी भेजी जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी ग्रामीण और कृषि वित्त पर आयोजित 6वीं विश्व कांग्रेस के कार्यक्रम में दी।
वहीं इस दौरान नाबार्ड चेयरमैन हर्ष भानवाला ने कहा ‎कि हमें खुशी है कि हमें ये जिम्मेदारी मिली है, हमारी टीम वहां जाकर किसानों के क्लब बनाने में सहायता करेगी, उन्हें बाकी राज्यों की तरह ही कम दर 4% पर लोन मिले ये सुनिश्चित करेगी। साथ ही एफपीओ बनाने पर जोर देगी इससे किसानों की फसल के लिए अच्छा बाजार भी मिलेगा उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। इसके लिए रीजनल रुरल बैंकों की सहायता भी ली जाएगी।

250 जिलों में एसएसजीएस के डिजिटलाइजेशन का लक्ष्य

सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजना देश भर में चला रही है, उन्हें वह जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी लागू कर रही है। मोदी सरकार लद्दाख के किसानों के लिए सौर ऊर्जा पर भी जोर दे रही है, जिसके लिए न्यू एंड रीन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं की मदद करने की भी योजना है। साथ ही नाबार्ड के एसएचजी प्रोजेक्ट हेड राजश्री के बरुआ ने बताया कि हमने देश में ई-शक्ति प्रोजेक्ट के नाम से 250 जिलों में एसएसजीएस के डिजिटलाइजेशन का लक्ष्य तय किया है।

डिजिटलाइजेशन से काम होगा बेहद आसान

बता दें कि अब तक 4.42 लाख से ज्यादा डिजिटलाइज़ हो चुके हैं, जिसका फायदा नए हरेक राज्य के साथ केंद्र शासित प्रदेश को भी मिलेगा। जानकारी के अनुसार एसएसजीएस के डिजिटल होने से सारे सदस्यों का काम मोबाइल के जरिए आसानी से हो जाता है, उनके लोन अकाउंट से जुड़े काम भी मोबाइल से ही हो जाते हैं।

युवाओं के लिए नौकरियां पैदा करने पर फोकस

मोदी सरकार कश्मीरी युवाओं के लिए बड़े स्तर पर नौकरियों के मौके पैदा करने के लिए भी विचार-विमर्श के साथ योजना बना रही है। मंगलवार (27 अगस्त, 2019) को अल्पसंख्यक मंत्रालय का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिन के लिए कश्मीर के दौरे पर रवाना हुआ, जो घाटी में ऐसे इलाकों की पहचान करेगा,जहां विकास से जुड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए जा सकते हैं। इनमें नए स्कूल-कॉलेज की स्थापना शामिल है।

85 विकास योजनाओं की शुरुआत

इससे पहले मंगलवार को 15 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर नई दिल्ली में चर्चा की थी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन और सामान्य स्थिति बहाल करने के कदमों पर चर्चा की गई। यही नहीं बैठक में लद्दाख क्षेत्र में सर्दियों की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं को स्टॉक करने के लिए किए जाने वाले उपायों पर भी चर्चा की गई। 25 अगस्त,2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री किसान योजना, प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना और स्टैंड-अप इंडिया जैसी 85 विकास योजनाओं की शुरुआत की। सरकार का लक्ष्य है कि 21 मंत्रालयों के तहत आने वाली इन योजनाओं के 100 प्रतिशत कवरेज को एक महीने (30 सितंबर) के भीतर पूरा कर लिया जाए।

106 केंद्रीय कानून हो जायेंगे लागू

मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में 106 केंद्रीय कानून 31 अक्टूबर, 2019 से पूरी तरह लागू हो जाएंगे। बदलाव की इस अवधि के दौरान 30 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय और राज्य कानून दोनों लागू रहेंगे। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले सप्ताह श्रम, बिजली, अक्षय ऊर्जा और मानव संसाधन विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के 12 से अधिक मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में पुनर्गठित जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए परियोजनाओं और कोष की जरूरत पर चर्चा हुई थी। केंद्र सरकार को बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा कानून, 2009 पर अमल करने के लिए भी करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ेंगे। जम्मू-कश्मीर के लोगों को विभिन्न लाभ और सब्सिडी के प्रत्यक्ष ट्रांसफर के लिए केंद्र सरकार को वहां आधार को भी लागू करना होगा।

जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में फिर चमकेगा पर्यटन 

जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने मेगा प्‍लान तैयार किया है। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय की एक टीम घाटी में भेजी जा रही है, यह टीम उन जगहों की पहचान करेगी, जो टॉप के टूरिज्‍म डेस्टिनेशन बन सकते हैं। साथ ही मोदी सरकार राज्य के टूरिस्ट गाइड को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देगी। टूरिस्टों को राज्य में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल के साथ टीम पहले लेह जाएगी फिर घाटी की यात्रा करेगी।

जम्मू-कश्मीर के 15 पर्वत चोटियों पर ट्रैकिंग की छूट

मोदी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के इरादे से हिमालय की 137 पर्वत चोटियां विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दी हैं, जिनमें 15 चोटियां जम्मू-कश्मीर की हैं। जिनमें 6400 मीटर ऊंचे माउंट कैलाश भी शामिल है। अब इन चोटियों पर पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के लिए विदेशी पर्यटकों को सरकार से अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। 

हर्बल औषधि उद्योग

पर्यटन मंत्रालय की टीम माउंटेन स्पोर्ट्स, गाइड प्रशिक्षण, ट्रैकिंग के लिए पोर्ट्स प्रशिक्षण और होटल के वैकल्पिक अवसरों के बारे में भी पता लगाएगी ताकि स्थानीय निवासियों को इसका लाभ मिल सकें। हर्बल औषधि उद्योग की शुरुआत भी की जाएगी। अब मंत्रालय, बौद्ध धर्म और इसकी शिक्षाओं का अनुभव कराने के लिए लद्दाख को एक पर्यटन केंद्र बनाने की पहल करेगा।

अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में होगा बड़ा निवेश सम्मेलन

केंद्र सरकार ने अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा निवेश सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें देश के नामी-गिरामी कारोबारी हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन दशहरे के आसपास किया जाएगा, क्योंकि सरकार का मानना है कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने से इलाके में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनेगा। 

निवेश में बड़ा बाधक था अनुच्छेद 370

सरकार ने कहा कि प्रदेश के विकास के मार्ग में यह अनुच्छेद सबसे बड़ा बाधक था, क्योंकि इसके कारण कश्मीर के बाहर के लोग प्रदेश में जमीन-जायदाद में निवेश नहीं कर पाते थे। इस कारण उद्योगपति अपना कारखाना नहीं लगा पाते थे। सरकार ने कहा कि यह अनुच्छेद राज्य में निजी या वैश्विक निवेश के मार्ग में बाधक था। अधिकारियों को उम्मीद है कि हालात जब सुधरेंगे और शांति बहाल होगी, तब लोगों को समझ में आएगा कि विशेष दर्जा समाप्त करना उनके हित में था। 

निवेशक शिखर सम्मेलन में निवेश का होगा ऐलान
जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार के कदम का स्वागत करते हुए एशिया की सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता कंपनी स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष सुभाष कपूर ने कहा कि पीएम मोदी की ओर से आर्टिकल 370 को खत्म करना एक बहुप्रतीक्षित कदम है। कंपनी के एमडी राजीव कपूर ने कहा कि हम अक्टूबर के महीने में आगामी निवेशक शिखर सम्मेलन के अनुसार विनिर्माण सुविधा के साथ आने की योजना बना रहे हैं। हमें उम्मीद है कि ये सभी फैसले घाटी में समान नियमों के तहत कारोबार और निर्माण क्षेत्र को स्वतंत्र रूप से संचालित करने की अनुमति देंगे।

जल्द कई बड़े प्रोजेक्ट्स का होगा ऐलान

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर के लिए नए तरीके से विकास का खाका खींचने का काम करेगी। अगले कुछ दिनों में ही जम्मू-कश्मीर के लिए फूड पार्क, रेलवे और हाइवे के कई बड़े प्रोजेक्ट्स का ऐलान किया जाएगा। इससे राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

जम्मू-कश्मीर में बढ़ेंगे नौकरियों के अवसर 
माना जा रहा है कि कंपनियों के निवेश करने से जम्मू-कश्मीर का आर्थिक विकास बढ़ेगा। साथ, ही स्थानीय लोगों को नौकरियों के अवसर भी बड़ी तादाद में मिलेंगे। स्टीलबर्ड हाई-टेक इंडिया लिमिटेड के प्रेसिडेंट सुभाष कपूर ने कहा कि उनकी कंपनी ने जम्मू और कश्मीर में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की पेशकश की है। स्टीलबर्ड का इरादा लगभग 1000 रोजगार के अवसरों को स्थापित करना है। सुभाष कपूर ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने से जम्मू और कश्मीर अर्थव्यवस्था को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। दशकों से राज्य की अर्थव्यवस्था का जो ठहराव था, वह पूरी तरह से बदल जाएगा। साथ ही, यह पूरे भारत के छात्रों के लिए भी एक वरदान है जो घाटी में रोजगार की तलाश में हैं और हम अपने प्लांट के माध्यम से घाटी में बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा करेंगे।

‘करनी होगी इकॉनमी की रिस्ट्रक्चरिंग’ 

इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम के अध्यक्ष बीके गोयनका ने बताया कि यह ऐतासिहक कदम है। भारतीय कंपनियां अब मुस्तैदी के साथ जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए तैयार है। एक तरह से वहां अर्थव्यवस्था की रिस्ट्रक्चरिंग करनी होगी, क्योंकि जम्मू-कश्मीर को देश के मुख्य आर्थिक विकास से जोड़ना है।

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश को प्राथमिकता
बीके गोयनका ने बताया कि इस वक्त जम्मू-कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मजबूत बनाने की जरूरत है। यह बात सभी जानते हैं कि वहां औद्योगिक गतिविधियों की हालत काफी ज्यादा खराब है। ऐसे में सबसे पहले इसी सेक्टर पर फोकस किया जाएगा।

रियल एस्टेट भी नहीं है पीछे 
रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नेरेडको के नेशनल चेयरमैन डॉ. निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि रियल एस्टेट कंपनियों को जम्मू-कश्मीर में इस सेक्टर में निवेश की काफी संभावनाएं दिखाई दे रही है। साथ ही अन्य संभावनाओं को अब तलाशा की जाएगी। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश की रणनीति बनाकर निवेश को बढ़ाया जाएगा।

प्रॉपर्टी के रेट में करीब 50 फीसदी के उछाल का अनुमान

जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी के रेट में करीब 50 फीसदी के उछाल का अनुमान लगाया जा रहा है। दरअसल, मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक अगर चाहे तो वो जम्मू-कश्मीर में घर, प्लॉट, खेती की जमीन, दुकान वगैरह खरीद सकेगा। पहले केवल राज्य का निवासी ही संपत्ति को खरीद सकता था और भारतीयों को संपत्ति खरीदने पर रोक थी। इससे जम्मू-कश्मीर के रियल एस्टेट सेक्टर में जबरदस्त उछाल की उम्मीद की जा रही है।

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