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राहुल गांधी ने अमेरिका में ‘मोहब्बत की दुकान’ से देश के खिलाफ उगला जहर, चोला बदला, माथे पर टीका लगाकर सनातन का अपमान

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कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने 2022 में ब्रिटेन में ‘मोहब्बत की दुकान’ खोली थी और उसके बाद भारत जोड़ो यात्रा से होते हुए यह दुकान अब अमेरिका पहुंच चुकी है। ब्रिटेन में, भारत जोड़ो में और अब अमेरिका में वह देश के खिलाफ जहर उगल रहे रहे हैं। अमेरिका पहुंचते ही उन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगला। सनातन की आड़ में उन्होंने दुनिया में सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान किया और अपशब्द कहे। राहुल गांधी देश हो या विदेश अपने मोहब्बत की दुकान से देश को नीचा दिखाने का ही काम करते हैं। यह समझ से परे है कि भारत के प्रति उनकी इतनी नफरत क्यों है? दुनिया की बड़ी से बड़ी रेटिंग एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ कर रही हैं तो राहुल गांधी विदेश में जाकर भारत में बेरोजगारी, महंगाई, नफरत, शिक्षा संस्थानों में कमी की बात करते हैं। लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता मुसलमानों की रहती है और मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जाता है इसे वे जोर-शोर से उठाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी केवल मुसलमानों के नेता हैं?   
राहुल ने चोला बदला, माथे पर टीका लगाकर किया सनातन का अपमान 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ब्रिटेन यात्रा विवादों में घिर गई थी। वहां की गई कुछ टिप्पणियों पर देश में खूब बवाल हुआ। अब राहुल गांधी अमेरिका पहुंचे हैं तो थोड़ा बदलाव दिख रहा है। जब वह अमेरिका पहुंचे तब वह जींस-टी शर्ट में थे। वहीं जब 31 मई 2023 को राहुल ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में संबोधन के लिए पहुंचे तो उनका लुक बदला हुआ था। ब्रिटेन में राहुल जहां पश्चिमी परिधानों में नजर आए थे, अमेरिका में देसी हो गए। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में राहुल ने सफेद कुर्ता-पाजामा और काली सदरी पहनी और माथे पर टीका लगाए भी नजर आए। लंदन के बंदगला सूट के मुकाबले देसी अंदाज अपनाकर राहुल शायद खुद को भारतीय दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। यह विदेश में उनकी छवि को मजबूत करने की कोशिश भी हो सकती है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ऐसे लोग हैं, जो सोचते हैं कि वे भगवान से अधिक जानते हैं। 
विदेशों में राहुल गांधी के कार्यक्रम से जुड़े रहते हैं मुसलमान, ISI का लिंक तो नहीं? 
दरअसल राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अपने दिमाग से कुछ नहीं करती है। जैसे पड़ोसी देश पाकिस्तान लोन लेकर अपना काम चलाती रही है उसी तरह गांधी परिवार अब विदेशी ताकतों की बैशाखी लेकर देश को बदनाम का ठेका ले लिया। कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार आजादी के बाद से ही घोटाले और कमीशन से अपनी झोली भरती रही है, लेकिन अब नौ साल से सत्ता से बेदखल कांग्रेस पार्टी तिलमिला उठी है और इसी वजह से वह विदेशी ताकतों से हाथ मिलाकर पीएम मोदी को बदनाम कर उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश रचने में जुटी है। क्या वजह है कि राहुल गांधी जब ब्रिटेन जाते हैं वहां पाकिस्तानी मूल के प्रोफेसर और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले कमल मुनीर के साथ दिखते हैं और जब अमेरिका पहुंचते हैं तो इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल उनके कार्यक्रमों का आयोजन करती है। राहुल के कार्यक्रम में जाने के लिए मस्जिदों से बसों की व्यवस्था की गई।  
राहुल के आयोजकों के नाम देखकर शाहीन बाग की लिस्ट क्यों लगती है? 
अमेरिका में राहुल गांधी के कार्यक्रम के आयोजकों में से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार है- फ़्रैंक इस्लाम, माजिद अली, नियाज़ ख़ान, जावेद सैयद, मोहम्मद असलम, मीनाज़ ख़ान, अकील मोहम्मद आदि। इन नामों को देखने ऐसा लगता है कि गोया यह शाहीन बाग की वोटर लिस्ट हो। लेकिन नहीं, ये उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने राहुल गांधी का अमेरिका में प्रोग्राम ऑर्गनाइज़ कराया। इनमें से कई कश्मीर में कट्टरवाद के समर्थक हैं, यानी के आतंकवाद के समर्थक हैं। अब इससे यह समझना आसान हो जाता है कि राहुल गांधी क्यों देश की संस्कृति का मजाक बना रहे थे और बस मुसलमान परेशान हैं, मुसलमानों को सेकेंड क्लास सिटीजन माना जाता है भारत में यही सब गाना गा रहे थे।  
अमेरिका में राहुल गांधी ने पीएम मोदी का किया अपमान 
कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस यूएसए द्वारा 31 मई 2023 को आयोजित ‘मोहब्बत की दुकान’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ऐसे लोग हैं, जो सोचते हैं कि वे भगवान से अधिक जानते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका एक नमूना हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग इतिहासकारों को इतिहास, वैज्ञानिकों को विज्ञान और सेना को युद्ध कैसे लड़ना है, यह बता सकते हैं। और वे सुनने को तैयार नहीं हैं।
राहुल ने कहा- जो हाल 80 के दशक में दलितों का था वही अब मुस्लिमों का  
राहुल गांधी कहा कि जो 80 के दशक में दलितों का हाल था वही हाल अब मुस्लिमों का है, मुस्लिम को जो सिक्योरिटी थ्रेट आज है वह पहले कभी नहीं रहा, जब भी हम किसी से इस बारे में बात करते हैं तो वो पूछते हैं कि भारत में क्या हो रहा है। भारत में कई कई ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं जो पहले नहीं बने, जो क्राइम मुस्लिम लड़कों ने नहीं किए उसके लिए भी उनको जेल में डाला जा रहा है, उसके लिए आपकी क्या स्ट्रैटजी रहेगी? राहुल ने कहा कि इसीलिए हम नफरत के बाजार में मोहब्बत का कॉन्सेप्ट लेकर आए हैं। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के मद्देनजर नफरत के खिलाफ मोहब्बत का कॉन्सेप्ट लेकर आई है।  
राहुल गांधी ने स्वीकार किया, 80 के दशक में दलितों की हालत खराब थी
राहुल गांधी ने 80 के दशक में दलितों का हाल बयान कर अपनी ही कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। इससे यह साफ हो जाता है कि कांग्रेस जो 50 सालों से गरीबी हटाओ और दलितों के उत्थान की बात करती रही है वो केवल एक ढकोसला था। क्योंकि राहुल गांधी ने खुद स्वीकार किया कि 80 के दशक में दलितों की हालत खराब थी। 
राहुल ने कहा, जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया गया संसद का उद्घाटन 
देश में बने नए संसद भवन को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि इसका उद्घाटन देश से असल मुद्दों को भटकाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में बेरोजगारी, महंगाई, नफरत, शिक्षा संस्थानों में कमी जैसे मुद्दे हैं, लेकिन भाजपा सरकार इस पर चर्चा नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार इन मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है।
राहुल ने कहा- भारत में राजनीति करना अब आसान नहीं, एजेंसियों का हो रहा दुरुपयोग 
राहुल गांधी ने भारत में केंद्र सरकार पर एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति करना अब आसान नहीं रह गया है। देश में लोगों को धमकाया जा रहा है।
कोर्ट पहले ही कह चुका- विपक्ष का महत्व कम हो रहा तो इसका इलाज राजनीति में ही है, कोर्ट में नहीं
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में राजनीति करना अब आसान नहीं रह गया है। यही बात तब भी कही गई थी जब CBI और ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल को लेकर 14 विपक्षी दलों की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राजनेताओं के लिए अलग से गाइडलाइन नहीं बनाई जा सकती। CJI ने यह भी कहा कि जब आप ये कहते हैं विपक्ष का महत्व कम हो रहा है तो इसका इलाज राजनीति में ही है, कोर्ट में नहीं। याचिका में इन दलों ने गिरफ्तारी, रिमांड और जमानत को लेकर नई गाइडलाइन जारी करने की मांग की थी।
राहुल ने कहा- भाजपा ने भारत जोड़ो यात्रा रोकने की कोशिश की
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारी भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि पुलिस और एजेंसियों द्वारा यात्रा को रोकने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी कोशिश में नाकाम हो गई, क्योंकि आप सबने हमारी मदद की। यह बात भी कितनी झूठ है कि राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में देशभर में जहां मन किया वहां-वहां गए लेकिन अब वे कह रहे हैं कि भारत जोड़ो यात्रा रोकने की कोशिश की गई। 
विदेशी धरती पर राहुल के कार्यक्रम में राष्ट्रगान का अपमान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका के तीन शहरों की दस दिन की यात्रा पर हैं। राहुल की यह यात्रा भी विवादों में है। राहुल विदेश यात्रा में गलत टिप्पणियां कर देश की छवि खराब कर रहे हैं। उधर, राहुल ने जिस कार्यक्रम में बयान दिया, वहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो के जरिए आरोप लगाया जा रहा कि जिस कार्यक्रम में राहुल ने तमाम मुद्दों को लेकर विदेश में मोदी सरकार पर संवेदनशील आरोप लगाए, उस कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने राष्ट्रगान का अपमान किया। वहां मौजूद लोग राष्ट्रगान का सम्मान करना भी नहीं जानते, वे भला भारत की चीजों पर सवाल कैसे उठा सकते हैं।
राहुल गांधी अभी अमेरिका दौरे पर हैं। इससे पहले वह 2022 में ब्रिटेन गए थे तब भी उन्होंने देश को नीचा दिखाया था। इसी तरह भारत जोड़ो यात्रा में उन्होंने नफरत फैलाने में कोई कोर-कसर न छोड़ी। इस पर एक नजर- 
राहुल गांधी ने कहा था- पूरे भारत में केरोसिन छिड़का जा चुका है, बस एक चिंगारी की जरूरत है
लंदन में 2022 में ‘आइडिया फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस में पहुंचे राहुल गांधी ने कहा था- ‘देश में धुव्रीकरण बढ़ता जा रहा है, बेरोजगारी अपने चरम पर है, महंगाई बढ़ती जा रही है। बीजेपी ने देश में हर तरफ़ केरोसीन छिड़क दिया है बस एक चिंगारी से हम सब एक बड़ी समस्या के बीच होंगे।’ यहां समझने की बात है कि राहुल को केरोसीन छिड़कने की बात कहनी थी तो उन्होंने इसमें बीजेपी को लपेट लिया।
राहुल ने लंदन में पाकिस्तानी प्रोफेसर कमल मुनीर के साथ मंच साझा किया
लंदन में भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने पाकिस्तानी प्रोफेसर कमल मुनीर के साथ मंच साझा किया। राहुल गांधी का परिचय पाकिस्तान में जन्मे कमल मुनीर ने एमबीए दर्शकों से कराया। कमाल मुनीर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले राजकीय सम्मान तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया है। मुनीर का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संपर्क है। इससे आप समझ सकते हैं कि डीप स्टेट भारत को तबाह करने के लिए किस स्तर पर काम कर रहा है। एक तरफ राहुल गांधी को खड़ा किया गया, लेफ्ट लिबरल गैंग प्रोपेगेंडा फैलाने में जुट जाती है। आईएसआई नेटवर्क के जरिये खालिस्तान मुद्दे को जिंदा किया गया जिससे देश में उथल-पुथल मचे।
राहुल गांधी को ‘न खाऊंगा न खाने दूंगा’ से है दिक्कत
राहुल गांधी की पार्टी 10 सालों से सत्ता से वनवास झेल रही है। कांग्रेस की 60 सालों से कमीशन खाने की आदत रही है। अब 10 सालों से इस पर ब्रेक लगा हुआ है। एनजीओ और अन्य माध्यमों (बैकडोर) से जो कमाई हो रही थी वो भी अब बंद हो चुकी है। पीएम मोदी ने साफ कहा है- न खाऊंगा न खाने दूंगा। यानी देश का पैसा विकास में लगेगा, कोई कमीशनबाजी नहीं। कांग्रेस सरकार 60 सालों से देश के विकास कार्यों में लगने वाले पैसे को तो लूट ही रही थी साथ ही रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी, चीन और अमेरिका के कई संगठनों से दबे-छिपे रूप में एनजीओ के लिए या किसी और माध्यम से पैसे लेती रही है। दिलचस्प यह है कि कांग्रेस वर्षों से विदेशी संगठनों से मिलने वाले फंड सीधा स्विस बैंकों में लेती रही। जिसकी वजह से देश में उसकी जांच भी नहीं हो सकती।
घर का भेदी लंका ढाए, राहुल गांधी बन गए जयचंद
राहुल गांधी जयचंद बन गए हैं, जो अपने देश के विरुद्ध दूसरे देश में बयान दे रहे हैं। उनके इस बयान की वजह से पाकिस्तान और अन्य भारत विरोधी देश को भारत के विरुद्ध बोलने का मौका मिल जाता है। देश के लोग राहुल गांधी और उसके भारत विरोधी विचारों की हकीकत जानते हैं, विदेशियों को तो सिर्फ भारत के खिलाफ ही सुनना होता है। राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर जिस तरह देश विरोधी अमर्यादित भाषा बोल रहे हैं इसे अगर देशद्रोह की संज्ञा दी जाए तो अनुचित नहीं होगा। राहुल गांधी ने ब्रिटेन और अमेरिका में देश विरोधी भाषण देकर सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस को चीन से पैसा मिलता है और पकिस्तान से मुस्लिम वोट का भरोसा है।
राहुल विदेश जाते ही भूल जाते हैं सारी मर्यादा
राहुल गांधी जब विदेश जाते है तो पता नहीं उन्हें क्या हो जाता है? वे सारी मर्यादा, सारी शालीनता, लोकतांत्रिक शर्म… सब भूल जाते हैं। अब जब देश की जनता न उनको सुनती है… न समझती है तो विदेश में जाकर विलाप करते हैं कि भारत का लोकतंत्र खतरे में हैं। राहुल गांधी ने लंदन में अपने भाषणों में भारत के लोकतंत्र, संसद, राजनीतिक व्यवस्था और भारत की जनता समेत न्याय व्यवस्था और सामरिक सुरक्षा सभी का अपमान किया है। राहुल गांधी ने कहा कि यूरोप और अमेरिका को भारत में लोकतंत्र बचाने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। सरकार किसी की भी हो क्या भारतवासी किसी विदेशी ताकत के भारत में आंतरिक हस्तक्षेप को स्वीकार कर सकते हैं? कोई देशवासी इसे स्वीकार नहीं करेगा। यहीं राहुल गांधी मात खा जाते हैं वे ऐसा बयान दे रहे हैं जो देसवासियों को पसंद नहीं।
ब्रिटिश सांसदों से भारत में लोकतंत्र ‘बचाने’ की अपील, देश की संप्रभुता को कमजोर करने का षडयंत्र
इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी ब्रिटिश धरती पर जाकर भारत के आंतरिक मुद्दों पर बात करते हुए विदेशी दखल की बात करते हैं। वह ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं- इससे पहले उन्होंने निकोलस बर्न और अमेरिका के हस्तक्षेप की मांग की थी। और हम सभी को याद है कि कैसे कांग्रेस ने हाल ही में जॉर्ज सोरोस के बयान को लेकर हाय-तौबा मचाया था जबकि सोरोस राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डालर देने का ऐलान कर चुका है। यह एक बार नहीं बल्कि भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का एक सुनियोजित पैटर्न है। इससे यह भी साबित होता है कि राहुल विदेशी ताकतों के इशारों पर खेल रहे हैं।
राहुल गांधी को जेलेंस्की बनाना चाहता है डीप स्टेट!
राहुल गांधी हाल के समय में चीन का जिक्र बार-बार करते हैं। चीन भारत में घुसपैठ कर रहा है। चीनी सैनिक भारतीय जवानों को पीटते हैं। चीन में काफी सद्भावना है। इस तरह के न जाने कितने ही बयान हैं। लेकिन हाल में ब्रिटेन के दौरे के दौरान उनके जुबान से वह बात भी निकल गई जिसका उन्हें सब्जबाग दिखाया गया था। उन्होंने कहा- जैसा रूस ने यूक्रेन में किया, वही भारत के खिलाफ दोहरा सकता है चीन। पश्चिमी देशों के डीप स्टेट (दुनिया को अपने हिसाब से चलाने वाले) ने मई 2022 में राहुल गांधी के मेकओवर और पीएम उम्मीदवार बनाने की पटकथा तैयार की थी। उस वक्त राहुल भी ब्रिटेन के दौरे पर थे। उसी वक्त यह तय हुआ था कि जिस तरह यूक्रेन में आंदोलन खड़ा कर जेलेंस्की को प्रधानमंत्री बनाया गया उसी तरह 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर राहुल की ताजपोशी करवाई जाएगी।
डीप स्टेट के प्लान के मुताबिक बयान दे रहे हैं राहुल गांधी
राहुल के मेकओवर की पटकथा की कहानी भारत जोड़ो यात्रा से शुरू होती है। इसके बाद पटकथा के मुताबिक पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, अडानी समूह को बदनाम करने के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट और ANI, RSS जैसी संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं। फिर रामचरितमानस विवाद के जरिये हिंदू धर्म को बदनाम करना और खालिस्तान मुद्दे को हवा देकर देश को आंदोलन की आग में झोंकने की साजिश रची जा रही है। यह कोई संयोग नहीं है कि खालिस्तान के नए झंडाबरदार अमृतपाल सिंह जो बात कहता है वही राहुल गांधी भी कहते हैं। RSS के खिलाफ एक तरफ कनाडा में रिपोर्ट तैयार होती है उसे आतंकवादी संगठन करार दिया जाता है तो दूसरी तरफ राहुल गांधी लंदन में RSS के खिलाफ जहर उगलते हैं। RSS को लेकर उनसे प्लांटेड सवाल किए जाते हैं।
सोरोस ने राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डॉलर देने का किया ऐलान
अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने साल 2020 में वैश्विक स्तर पर राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डॉलर देने की बात कही थी। उसने कहा था कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना ‘राष्ट्रवादियों से लड़ने’ के लिए की जाएगी। सोरोस ने ‘अधिनायकवादी सरकारों’ और जलवायु परिवर्तन को अस्तित्व के लिए खतरा बताया था। सोरोस ने कहा था कि राष्ट्रवाद अब बहुत आगे निकल गया है। सबसे बड़ा और सबसे भयावह झटका भारत को लगा है, क्योंकि वहां लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नरेंद्र मोदी भारत को एक हिन्दू राष्ट्रवादी देश बना रहे हैं।
डीप स्टेट भारत की तरक्की से खुश नहीं
डीप स्टेट भारत की तरक्की से खुश नहीं है और वह चाहता कि किसी तरह से भारत को कमजोर किया जाए। इसीलिए उसने प्यादे के रूप में राहुल गांधी को चुना है। राहुल गांधी इसके लिए योग्य उम्मीदवार हैं। उनके पास अपना कोई विजन नहीं है। डीप स्टेट जैसा कहेगा वो वैसा ही करते जाएंगे। जैसा कि यूक्रेन में हो रहा है। कुल मिलाकर डीप स्टेट चाहता है कि पश्चिमी देशों को चुनौती देने वाली दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भारत और चीन के बीच रूस-यूक्रेन की तरह युद्ध छिड़ जाए जिससे ये दोनों देश कमजोर हो जाएं। और राहुल गांधी लालचवश में उनके एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें इस बात से तनिक भी दुख नहीं है कि इससे देश का क्या होगा।
पीएम मोदी के सामने बेवश पश्चिमी देश और अमेरिका बौखलाया
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पश्चिमी देश अपना हित साधने के लिए सरकार भी खरीद लेती थी और तमाम तरह की साजिश रचने में सफल हो जाती थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 90 के दशक में हुए इसरो जासूसी कांड है। उस वक्त भारतीय वैज्ञानिक नंबी नारायण के नेतृत्व में भारत लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन बनाने में सफल होने के करीब पहुंच गया था लेकिन CIA ने कांग्रेस सरकार और नेताओं को खरीद कर नंबी नारायण को जेल में डलवा दिया और भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम 20-30 साल पीछे चला गया। इसरो जासूसी कांड में जब नंबी नारायण को गिरफ्तार किया गया था तो उस वक्त केरल में कांग्रेस की सरकार थी। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि नंबी नारायण की अवैध गिरफ्तारी में केरल सरकार के तत्कालीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि नंबी नारायण की गिरफ्तारी संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी।
विदेशी ताकतें भारत में चाहती है कमजोर और गठबंधन सरकार
विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस जैसे लोग भारत में एक कमजोर और गठबंधन सरकार को पसंद करते हैं, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उसे चला सकें। एक स्थिर, पूर्ण बहुमत वाली सरकार से वे डरते हैं और इसीलिए उसे हटाना चाहते हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि राहुल गांधी 2022 में जब ब्रिटेन में थे उसी समय सोरोस भी ब्रिटेन में था। यह डीपस्टेट का षड़यंत्र है जिसमें कांग्रेस सहित लेफ्ट लिबरल मिले हुए हैं।
देश ने मोदी को दिल में बसाया, 2024 में विदेशी ताकतों का सपना होगा चकनाचूर
जिस तरह 2014 के बाद से भारत विकास के पथ पर अग्रसर है उसे देखते हुए देशवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल में बसाया है। इसकी झांकी पीएम मोदी के रोड शो में साफ देखने को मिलती है। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं भारतीय मतदाताओं को प्रभावित करने वाले ये विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस कौन होता है। भारतीय मतदाता निश्चित रूप से 2024 में मोदी जी को फिर से वापस लाएगा! 2024 में सोरोस और विदेशी ताकतों का सपना चकनाचूर होगा। देशों में शासन परिवर्तन के उसके मंसूबे का अंत भारत में होगा। भारत में ऐसा कुछ करने की कोशिश करना मुश्किल है। अब देश ने मोदी को दिल में बसा लिया है।

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