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PM Modi सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम कर दी, फिर भी राजस्थान की ‘जिद्दी सरकार’ नहीं घटा रही वैट, जनता को राहत देने से गहलोत का इनकार

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केंद्र की पीएम मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के बावजूद राजस्थान की जिद्दी सरकार वैट नहीं घटा रही है। केंद्र के बाद गैर कांग्रेस शासित 22 राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाकर जनता को अतिरिक्त राहत दी है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान की जनता की कोई चिंता नहीं है। प्रदेश में अब भी पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत वैट वसूला जा रहा है, जो देश में सबके अधिक है।दो साल में डीजल की बिक्री 9.51 लाख लीटर कम
गैर कांग्रेस शासित राज्यों के बाद अब तो पंजाब ने भी आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए पेट्रोल-डीजल पर से वैट कम किया है। इससे वहां पेट्रोल 95 रुपए और डीजल 84 रुपए प्रति लीटर हो गया है। पंजाब से लगते श्रीगंगानगर में पड़ौसी राज्य से पेट्रोल-डीजल 20 प्रतिशत महंगा मिल रहा है। पंजाब की तुलना में यहां पेट्रोल-डीजल पहले ही महंगा था, लेकिन अब बहुत ज्यादा अंतर आ गया है। यही वजह है कि प्रदेश में दो साल में डीजल की बिक्री 9.51 लाख लीटर कम हुई है। हरियाणा-पंजाब सीमा के लगे एक हजार से ज्यादा पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर हैं, लेकिन सरकार अपनी मनमानी पर उतारू है।राजधानियों में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल जयपुर में
श्रीगंगानगर ही नहीं, यदि बात राज्यों की राजधानियों की करें तो जयपुर में पेट्रोल-डीजल अन्य राजधानियों के महंगा मिल रहा है।
राजधानी     पेट्रोल        डीजल
जयपुर       111.10    95.79
मुंबई         103.97    94.14
दिल्ली       103.97    86.67
कोलकाता   104.67    89.79
लखनऊ      95.28    86.80
बेंगलुरु      100.58    85.01
हैदराबाद    108.2     94.62
चेन्नई        101.4      91.43
*पेट्रोल-डीजल के रेट 6 नवंबर के हैंसरकार ने कमाए 10 हजार करोड़, पर जनता को राहत नहींं
सीएम अशोक गहलोत पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराते रहे हैं। अब जबकि केंद्र सरकार ने एक साथ पेट्रोल-डीजल पर इतनी कीमत कम कर दी है तो खुद राज्य की जनता को राहत देने के बजाए बहानेबाजी कर रहे हैं। गहलोत के मुताबिक एक्साइज ड्यूटी कम होने के राजस्व में 1800 करोड़ की हानि हुई है। हकीकत यह है कि राज्य सरकार मार्च से सितंबर तक छह माह में पेट्रोल-डीजल की बिक्री से 10 हजार करोड़ रुपए कमा चुकी है, लेकिन जनता को राहत देने के कतरा रही है।वैट घटाने के बजाए गहलोत ने गृह मंत्री को भेजी चिठ्ठी
सीएम गहलोत ने खुद तो वैट घटाने से इनकार कर दिया है। इसके उलट राजनीति करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भेजा है। गहलोत ने केन्द्र सरकार से कहा है कि केन्द्र पेट्रोलियम कंपनियों को पाबंद करे कि वो रोज-रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी न करें। साथ ही केन्द्र से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और घटाने की मांग की है। सीएम की इस सियासतबाजी में नुकसान राज्य की जनता का हो रहा है।पेट्रोल-डीजल पर गहलोत सरकार को एक्सपोज करेगी बीजेपी
दूसरी ओर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान बीजेपी को कांग्रेस सरकार के लिए टास्क दिया है। दरअसल, केंद्र के बाद कांग्रेस शासित पंजाब ने भी वैट घटा दिया है, लेकिन राजस्थान में वैट कम न होने से इसके दाम अन्य राज्यों के ज्यादा हैं। बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व जो टास्क दिेया है, उसके तहत राजस्थान की कांग्रेस सरकार राज्य में वैट कम नहीं कर रही है, जबकि पहले कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हल्ला मचा रही थी. अब अपनी जिम्मेदारी से कांग्रेस और उसकी सरकार पीछे हट रही है। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पेट्रोल-डीजल के मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर कांग्रेस सरकार को एक्सपोज करना है।

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