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मोदी राज में परिवहन क्रांति, देश की पहली कंटेनर आवाजाही कोलकाता से काशी के बीच शुरू

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश परिवहन क्रांति की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में विशेष ध्यान दे रही है। चाहे सड़क हो, रेल हो, हवाई मार्ग हो, जल मार्ग हो सभी के विकास के लिए मोदी सरकार लाखों करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसी क्रम में देश में पहली बार जल परिवहन सेवाओं के क्रम में कोलकाता से एक कार्गो कंटेनर वाराणसी के लिए रवाना हुआ। 

मंगलवार को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने गंगा नदी (राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1) पर कोलकाता से वाराणसी तक पेप्सिको (इंडिया) के कंटेनर कार्गो की ढुलाई शुरू किया। यह आजादी के बाद अंतर्देशीय जहाज पर भारत की पहली कंटेनर आवाजाही है। पेप्सिको (इंडिया) ‘एमवी आरएन टैगोर’ नामक जहाज के जरिए खाद्य एवं स्‍नैक्‍स पदार्थों से भरे 16 कंटेनरों की ढुलाई कर रही है जो 16 भरे हुए ट्रकों के बराबर है। यह जहाज 9-10 दिनों में वाराणसी पहुंचेगा। ‘एमवी आरएन टैगोर’ जहाज अपनी वापसी यात्रा के दौरान इफको के उर्वरकों की ढुलाई करेगा जिसकी खरीदारी इलाहाबाद के निकट स्थित इसके फूलपुर संयंत्र से की जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में नेशनल हाईवे की तरह ही देश में पहला नेशनल वाटरवे बनने जा रहा है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (एनडब्ल्यू-1) के हल्दिया-वाराणसी खंड में नौवहन के विस्तार के लिए 5,369 करोड़ रुपए की जल विकास परियोजना (जेपीएमपी) को मंजूरी दी थी। इससे परिवहन का वैकल्पिक तरीका उपलब्ध होगा जो पर्यावरण के अनुकूल होगा। इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक्‍स की लागत को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने कहा है कि इससे बुनियादी ढांचा विकास मसलन मल्टी माडल और इंटर मॉडल टर्मिनल, रोल ऑन-रोल ऑफ (रो-रो) सुविधा, फेरी सेवाओं तथा नौवहन को प्रोत्साहन मिलेगा।

46 हजार रोजगार का सृजन 
राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 के विकास एवं परिचालन से 46,000 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इसके अलावा जहाज निर्माण उद्योग में 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस परियोजना के मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में पड़ती है। इसके तहत आने वाले प्रमुख जिलों में वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, बक्सर, छपरा, वैशाली, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, साहिबगंज, मुर्शिदाबाद, पाकुर, हुगली और कोलकाता शामिल हैं।

परियोजना के प्रमुख घटक:

  • फेयरवे विकास
  • वाराणसी में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण
  • साहिबगंज में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण
  • हल्दिया में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण.कालूघाट में इंटरमॉडल टर्मिनल निर्माण
  • गाजीपुर में इंटरमॉडल टर्मिनल निर्माण
  • फरक्‍का में नए नेविगेशन लॉक का निर्माण
  • नौवहन सहायता का प्रावधान
  • टर्मिनलों पर रोल ऑन- रोल ऑफ (आरो-आरो) की पांच जोडि़यों का निर्माण
  • एकीकृत जहाज मरम्‍मत तथा रख रखाव परिसर का निर्माण
  • नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) तथा जहाज यातायात प्रबंधन प्रणाली (पीटीएमएस) का प्रावधान
  • किनारा संरक्षण कार्य

पीपीपी मोड में कोलकाता तथा पटना टर्मिनलों का विकासः
भारतीय जल परिवहन क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने के लिए एडब्ल्यूएआई ने कोलकाता टर्मिनल (जीआर जेट्टी-i, जीआर जेट्टी-ii तथा बीआईएसएन) और पटना टर्मिनल (गायघाट तथा कालूघाट) की पहचान की है ताकि सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मोड में उनका विकास और संचालन किया जा सके।

रो-रो टर्मिनलों का निर्माणः
इसके साथ ही राजमहल, मानिकचक, समदाघाट, मनीहारी, कहलगांव, तीनटंगा, हसनपुर, बख्तियारपुर, बक्सर तथा सरायकोटा में रो-रो टर्मिनलों का निर्माण किया जा रहा है।

6 शहरों में फेरी टर्मिनलः
वाराणसी, पटना, भागलपुर, मुंगेर, कोलकाता तथा हल्दिया में फेरी टर्मिनलों के निर्माण के लिए उचित स्थानों की पहचान के लिए दिसंबर, 2016 में थॉम्सन डिजाइन ग्रुप (टीडीजी), बोस्टन (अमेरिका) तथा मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईटी) (अमेरिका) के संयुक्त उद्यम को ठेका दिया गया।

राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर नदी सूचना सेवा
आईडब्ल्यूएआई ने भारत में पहली बार राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर नदी सूचना सेवा प्रणाली स्थापित करने की तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण परियोजना शुरू की है। नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) उपकरण, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी सेवाएं है जिसका उद्देश्य अंतर-देशीय नौवहन में अधिकतम यातायात और परिवहन प्रक्रिया हैं।

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