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अब गुजरात से निकली ‘कांग्रेस तोड़ो यात्रा’… यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह वाघेला ने इस्तीफे में लिखा- कांग्रेस में आज सिर्फ और सिर्फ गांधी परिवार की पूजा

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ऐसा लगता है कि भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में लगे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आजकल सपने में भी इस्तीफे ही दिखाई दे रहे होंगे। एक के बाद एक इस्तीफा। छोटे से लेकर बड़े नेता तक का इस्तीफा। करीबी से लेकर दूर के नेता तक का इस्तीफा। पुरुष से लेकर महिलाओं तक का इस्तीफा। यकीन मानिए, राहुल गांधी जितनी शिद्दत के भारत जोड़ो में नहीं लगे हैं, उससे कहीं ज्यादा मजबूत, जोशो-जुनून के साथ कांग्रेसी ही कांग्रेस तोड़ो यात्रा बेहद तेजी से चला रहे हैं। अभी कांग्रेसी सियासत की फिजाओं में गुलाम नबी की ‘आजादी’ ही सुर्खियों में थी। कांग्रेसी एक के बाद एक मिल रहे सदमों से उबर भी नहीं पाए थे कि राहुल गांधी की गुजरात यात्रा से पहले एक ओर इस्तीफा उनकी झोली में आ गिरा। सिर्फ इस्तीफा ही नहीं, गांधी परिवार के लिए साथ में धारदार आरोप भी आए हैं।

राहुल के गुजरात विजिट से पहले गुजरात से ही आ गया इस्तीफा, गंभीर आरोप लगाए
यह वाकई दिलचस्प है कि एक ओर कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी करने में लगी है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी के नेता कांग्रस छोड़ रहे हैं। ऐसे में भारत जोड़ने से पहले कांग्रेस अपने ही नेताओं को जोड़े रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। राहुल गांधी की गुजरात यात्रा से पहले इस्तीफा भी गुजरात से ही आया है। गुजरात यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह वाघेला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस पद से इस्तीफा देने के बाद इसे कांग्रेस के लिए राज्य में एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।

कांग्रेस विचारधारा से भटकी, पार्टी में गुटबाजी के चलते युवाओं का कोई भविष्य नहीं
गुजरात कांग्रेस में जारी उठा-पटक थमने का नाम ही नहीं ले रही है। कुछ ही माह पहले गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हर्दिक पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। अब विश्वनाथ वाघेला ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया है। वाघेला ने अपने इस्तीफे में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। वाघेला ने इस्तीफा देते हुए कहा कि कांग्रेस में सिर्फ और सिर्फ गांधी परिवार की पूजा होती है। हर ओर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीर लगी रहती है। कांग्रेस अपनी विचारधारा से भटक गई है। पार्टी में गुटबाजी हावी है और इसमें युवाओं का कोई भविष्य नहीं है।

इससे पहले भी हार्दिक पटेल समेत कई नेता छोड़ चुके हैं कांग्रेस का दामन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज (सोमवार) गुजरात का दौरा करने वाले हैं और वाघेला का इस्तीफा उनके दौरे से एक दिन पहले आया है। वाघेला ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर को पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया। हाल ही के महीनों में गुजरात कांग्रेस के कई नेताओं ने कांग्रेस छोड़ा है। गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हर्दिक पटेल ने कुछ ही माह पहले पार्टी को अलविदा कह दिया था। राजिंदर प्रसाद और कई हाई- प्रोफाइल नेताओं ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ अन्य पार्टियों में शामिल हो गए। कांग्रेस नेता राजिंदर प्रसाद ने दो सितंबर को पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। पेशे से वकील जयवीर शेरगिल ने भी 24 अगस्त को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देते हुए पार्टी पर कई आरोप लगाए थे। मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

आनंद शर्मा ने हिमाचल चुनाव संचालन समिति से दिया इस्तीफा

ताजा मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए गठित संचालन समिति से इस्तीफा दे दिया है। आनंद शर्मा ने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। पत्र में आनंद शर्मा ने लिखा कि 26 अप्रैल को हिमाचल कांग्रेस के स्टीयरिंग कमिटी का प्रमुख बनाने के बावजूद आज तक उनकी भूमिका स्पष्ट नहीं की गई। उन्होंने लिखा कि बीते दिनों दिल्ली और शिमला में हिमाचल चुनाव को लेकर हुई महत्वपूर्ण बैठकों में भी उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। इसे ‘अपमान’ की बात कहत हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में अहम पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में संचालन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। आनंद शर्मा को हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में माना जाता है।

गुलाम नबी आजाद ने प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद लंबे समय से पार्टी से नाराज़ थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी के एक प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया है, जो अंदरूनी विद्रोह का एक संकेत है। पार्टी ने उन्हों प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया था लेकिन नियुक्ति के कुछ ही देर बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं, उन्होंने पार्टी की जम्मू-कश्मीर राजनीतिक मामलों की समिति से भी इस्तीफा दे दिया है। गुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस के एक अनुभवी नेता हैं और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा वो केन्द्र में मंत्री भी रहे हैं और पार्टी में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उन्हें सोनिया गांधी का राजनीतिक सलाहकार भी माना जाता है। आज़ाद उन 23 नेताओं के समूह में से एक हैं, जिन्होंने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को दो साल पहले एक विस्फोटक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें संगठनात्मक परिवर्तन की मांग की गई थी।

हाल के वर्षों में कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले दिग्गज

1. कपिल सिब्बल

इस साल की शुरुआत से लेकर इन पांच महीनों के भीतर कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले नेताओं में सबसे बड़ा नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का है। बीते काफी समय से उनके रिश्ते कांग्रेस आलाकमान के साथ अच्छे नहीं चल रहे थे। कपिल सिब्बल ने उदयपुर में कांग्रेस के चिंतिन शिवर में बैठक के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। सिब्बल कांग्रेस पार्टी में व्यापक सुधारों पर जोर देने वाले विद्रोही ग्रुप “जी -23” के एक प्रमुख सदस्य थे। सिब्बल काफी समय से ना केवल कांग्रेस, बल्कि राहुल गांधी पर भी निशाना साधते रहे हैं।

2. सुनील जाखड़

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया। सुनील जाखड़ को कांग्रेस नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जाखड़ ने एक तीखे संदेश में कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को दोस्तों और दुश्मनों की पहचान करने की आवश्यता है।

3. हार्दिक पटेल

गुजरात के नेता हार्दिक पटेल ने पार्टी में दरकिनार किए जाने से नाराज होकर कांग्रेस छोड़ दी थी। हार्दिक ने अपने त्यागपत्र में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे उनसे मिले तो शीर्ष नेता मोबाइल फोन पर व्यस्त थे। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात कांग्रेस पार्टी के मुद्दों की तुलना में नेताओं के लिए “चिकन सैंडविच” की व्यवस्था करने में अधिक रुचि रखती है।

4. अश्वनी कुमार

पूर्व कानून मंत्री अश्वनी कुमार ने इस साल की शुरुआत में फरवरी में कांग्रेस से अपना चार दशक पुराना रिश्ता खत्म कर लिया। उन्होंने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्यागपत्र में कहा कि यह कदम,”मेरी गरिमा के अनुरूप है।” उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि वह निकट भविष्य में कांग्रेस को पतन की ओर जाते हुए देख रहे हैं।

5. आरपीएन सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा (BJP) में शामिल हो गए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, वह 32 साल से कांग्रेस में थे लेकिन पार्टी अब वो नहीं रही जो पहले हुआ करती थी।

6. जयंती नटराजन

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन ने 30 जनवरी 2015 को कांग्रेस पार्टी का साथ छो़ड़ा था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे। हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ते वक्त राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया था। नटराजन का परिवार कांग्रेस के साथ 1960 के दशक से जुड़ा हुआ था। उनके नाना एम भक्तवत्सलम तमिलनाडु में कांग्रेस के आखिरी मुख्यमंत्री थे।

7. जीके वासन

यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके जीके वासन ने नवंबर 2014 में पार्टी छोड़ी थी। उनके पिता जीके मुपनार बड़े कांग्रेसी नेता रहे। वासन ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी में तमिलनाडु इकाई को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता। पार्टी छोड़ने के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने देसिया तमिल मनीला कांग्रेस की स्थापना की।

8. ज्योतिरादित्य सिंधिया

कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं में अब तक सबसे ज्यादा सुर्खियां ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय ही मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुई टकराहट आखिरकार सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर जाकर खत्म हुई। राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना। सिंधिया राहुल गांधी के बेहद करीबी थे और कांग्रेस के भविष्य के रूप में भी देखे जा रहे थे।

9. टॉम वडक्कन

तकरीबन 20 सालों तक सोनिया गांधी के खास रहने के बाद टॉम वडक्कन ने पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय में पार्टी के स्टैंड का विरोध किया था। बाद में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली।

10. रंजीत देशमुख

महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रंजीत देशमुख ने संगठन पर आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़ दी थी। वो महाराष्ट्र की विलासराव देशमुख सरकार में मंत्री भी रहे थे। हालांकि बाद में खराब स्वास्थ्य की वजह से रंजीत सक्रिय राजनीति से अलग हो गए।

11. चौधरी बीरेंदर सिंह

हरियाणा कांग्रेस के ताकतवर नेता रहे चौधरी बीरेंदर सिंह ने 2014 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। कहते हैं कि उन्होंने पार्टी राज्य के तत्कालीन सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के विरोध में छोड़ी थी। फिर उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर हरियाणा से जीता और फिर केंद्रीय मंत्री बने।

12. रीता बहुगुणा जोशी

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं रीता बहुगुणा जोशी ने साल 2016 में कांग्रेस छोड़ी थी। बाद में वो बीजेपी के टिकट पर लखनऊ से विधायक बनीं। उनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और यूपी के मुख्यमंत्री रहे।

13. हिमंता बिस्वा सरमा

हिमंता बिस्वा सरमा असम की तरुण गोगोई सरकार में मंत्री थे और गोगोई के ख़ास माने जाते थे। बाद में गोगोई से मतभेद होने पर 2015 में पार्टी छोड़ दी। राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा था पर तब राहुल गांधी कथित रूप से कुत्ते को खिलाने में व्यस्त थे। इन्होंने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए। अभी असम के मुख्यमंत्री हैं।

14. विजय और रीता बहुगुणा

2012 से 2014 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा की बहन उत्तर प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रही थीं। इनके पिता हेमवतीनंदन बहुगुणा का परिवार दशकों से कांग्रेस में था। 2013 की बाढ़ आपदा में राहत कार्यों में अनियमितता को लेकर उनके नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठे थे। मुख्यमंत्री का पद चला गया और दो साल बाद दोनों भाई बहन कांग्रेस छोड़ 2016 में बीजेपी में शामिल हो गए। रीता बहुगुणा जोशी अभी इलाहाबाद से बीजेपी सांसद हैं और विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा बीजेपी विधायक हैं।

15. नारायण राणे

कभी शिवसेना के बड़े नेता रहे नारायण राणे ने 2005 में कांग्रेस ज्वाइन की थी। कांग्रेस की सरकारों में वे मंत्री भी रहे थे। पार्टी छोड़ते वक़्त नारायण राणे ने कहा था- कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था पर अपने वादे से मुकर गई। उन्होंने 2017 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी। अभी मोदी सरकार में मंत्री हैं।

16. राधाकृष्ण विखे पाटिल

राधाकृष्ण विखे पाटिल 5 बार के विधायक और नेता प्रतिपक्ष रहे। पिता बालासाहब विखे पाटिल कद्दावर कांग्रेसी थे। राधाकृष्ण विखे पाटिल बेटे सुजय विखे पाटिल को अहमदनगर से लोकसभा का टिकट न मिलने से नाराज थे। सुजय विखे पाटिल ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया और अहमदनगर से बीजेपी सांसद है।

17. प्रियंका चतुर्वेदी

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से मथुरा में कुछ नेताओं ने अभद्रता की थी। अभद्रता करने वालों को पहले पार्टी ने निकाला और फिर पार्टी में शामिल भी कर लिया। प्रियंका इससे नाराज थीं। जिसके बाद उन्होंने 2019 में कांग्रेस का साथ छोड़ दिया.

18. जितिन प्रसाद

मनमोहन सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद अब योगी सरकार में मंत्री हैं। माना जाता है कि वह उत्तर प्रदेश के मामलों में सलाह न लिए जाने से नाराज थे। पिछले साल (2021 में) दिग्गज नेता जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे।

19. सुष्मिता देव

गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाली सुष्मिता देव कांग्रेस की महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं। उन्होंने 2021 में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह असम में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सिलचर सीट से हार गईं। बाद में अगस्त 2021 में वह ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं। अभी टीएमसी से राज्यसभा सांसद हैं।

20. जयवीर शेरगिल

जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से त्यागपत्र दे दिया और पार्टी से नाता तोड़ लिया। जयवीर शेरगिल ने अपने इस्तीफे को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि, ‘मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि फैसला लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।’ सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकील शेरगिल उस वक़्त सुर्ख़ियों में आए थे, जब उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को कानूनी मदद प्रदान करने के लिए 24×7 कानूनी टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किया था।

 

 

 

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