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राहुल गांधी को ‘भारत जोड़ो’ की जगह ‘पार्टी जोड़ो’ यात्रा निकालने की जरूरत, कांग्रेस की हल्ला बोल रैली से गायब रहे पार्टी के बड़े नेता, पीएम मोदी की कर रहे हैं तारीफ

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी 07 सितंबर से ‘भारत जोड़ो’ यात्रा पर निकलने वाले हैं। इससे पहले कांग्रेस ने रविवार (04 सितंबर, 2022) को दिल्ली के रामलीला मैदान में हल्ला बोल रैली का आयोजन किया था,जिसमें कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेता गैरहाजिर रहे। इससे कांग्रेस के अंदर जारी गुटबाजी और पार्टी में नेताओं को अपने भविष्य को लेकर चल रही आशंकाओं को उजागर कर दिया है। कई वरीष्ठ नेताओं को कांग्रेस में अपना भविष्य अंधकारमय लग रहा है, इसलिए वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करने से भी नहीं चूक रहे हैं।

असंतुष्ट नेताओं ने हल्ला बोल रैली से बनायी दूरी

दरअसल कांग्रेस की रैली में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीडब्ल्यूसी के सदस्य आनंद शर्मा गैर हाजिर रहे। वहीं, असंतुष्ट नेताओं में शामिल मनीष तिवारी भी मौजूद नहीं थे। मनीष के समर्थकों का कहना है कि वह देश से बाहर है, इसलिए उपस्थित नहीं हो पाए। आनंद शर्मा और मनीष तिवारी ने पिछले दिनों अध्यक्ष पद के चुनाव पर सवाल उठाए थे। वहीं कांग्रेस सवाल उठाने वाले अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेताओं पर आरोप लगाकर उन्हें अपमानित करने का कोई मौका नहीं चुकती है। इससे कांग्रेस अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है, जिससे पार्टी का जनाधार भी कमजोर हो रहा है।

वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी से संकट में कांग्रेस 

अब कांग्रेस को सलाह दी जा रही है कि राहुल गांधी को ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की जगह ‘पार्टी जोड़ो’ यात्रा निकालने की जरूरत है। दरअसल राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा को लेकर काफी तैयारियां की हैं। इसका मकसद राहुल को जनता से जोड़ना है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस कवयाद से कोई फायदा नजर नहीं आ रहा है। उन्हें लग रहा है, इससे कांग्रेस पार्टी को मजबूती नहीं मिलने वाली है। उनके मुताबिक पार्टी को संगठन के स्तर पर मजबूत बनाने और असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी दूर कर उनको पार्टी से जड़ने की जरूरत है। 

कांग्रेस छोड़ने की तैयारी में कुछ और बड़े नेता 

आज कांग्रेस की हालत ये है कि वो जितना जोड़ने की कोशिश कर रही है, उतना ही बिखरती जा रही है। एक के बाद एक नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। राज बब्बर फिलहाल कांग्रेस संगठन में किसी पद पर नहीं हैं। वह लंबे वक्त से पार्टी की बैठकों और कार्यक्रमों से भी दूर हैं। ऐसे में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस के साथ अपने पचास साल पुराने रिश्ते खत्म करने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ और नेता भी पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। हालांकि, राज बब्बर ने अभी इस तरह के कोई संकेत नहीं दिए हैं। लेकिन मोदी सरकार की योजना की तारीफ कर उन्होंने कांग्रेस का टेंशन बढ़ा दिया है।

राज बब्बर ने की मोदी सरकार की योजना की तारीफ

राज बब्बर पार्टी के असंतुष्ट नेताओं में शामिल हैं। उन्होंने मोदी सरकार की प्रधानमंत्री जनधन योजना की जमकर तारीफ की है। राज बब्बर ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना को आठ साल पूरे हो गए। लोगों तक पैसा और मदद सीधे बिना किसी दखल के पहुंचे। यह एक क्रांति है। इसमें आधी से ज्यादा खाता धारक महिलाएं हैं। ऐसी योजना ‘आपका पैसा आपके हाथ’ के नाम पर मनमोहन सिंह सरकार में भी शुरु हुई थी। मौजूदा सरकार ने इस बेहतर तरीके से लागू किया है।

तारीफ से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को लगी मिर्ची

मोदी सरकार की योजना की तारीफ के बाद राज बब्बर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस नेताओं ने राज बब्बर की तीखी आलोचना की है। दरअसल कांग्रेस पार्टी में युवा और वरिष्ठ नेताओं का एक गुट बना हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ और दिग्गज नेता यदि किसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ कर देते हैं तो उन्हें पार्टी के ही युवा नेताओं द्वारा अपमानित होना पड़ता है।

कांग्रेस नेताओं ने बोला हमला

राज बब्बर के इस ट्वीट पर कांग्रेस के कई नेता भड़क गए। वहीं यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जो डर गया, वो समझो मर गया। उन्होंने कहा, “देश में महंगाई चरम पर है। आटा-तेल हर वस्तु पर जीएसटी लग गई है। यहां तक कि व्यक्ति को टॉयलेट यूज करने पर भी टैक्स देना पड़ रहा है। ऐसे में जो केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन कर रहा है, वह समझ लो डर गया और जो डर गया वह समझो मर गया।”

 

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