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मोदी सरकार ने बनाया न्यू इंडिया का रोडमैप, 2030 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज विकास की सीढ़ी दर सीढ़ी तय करता जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है विकास का उनका स्पष्ट विजन, उसके अनुरूप योजनाओं की रूपरेखा तैयार करना और फिर उन पर जमीनी क्रियान्वयन। इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने न्यू इंडिया के लिए एक नया रोडमैप जारी किया है। नीति आयोग ने बुधवार को आजादी के 75वें साल में नए भारत के लिए रणनीति दस्तावेज ‘स्ट्रैटजी फॉर न्यू इंडिया@75’ पेश किया। इस दस्तावेज को वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जारी किया। दस्तावेज में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को आठ प्रतिशत पर पहुंचाने और देश को 2030 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

इस दस्‍तावेज की प्रस्‍तावना में प्रधानमंत्री ने कहा है, ‘‘नीति आयोग द्वारा लाई गई ‘अभिनव भारत @75 के लिए कार्यनीति’ नीति बनाने और उसे अमल में लाने के के लिए इनोवेशन, टेक्नोलॉजी, इंटरप्राइज और कुशल प्रबंधन को एक साथ लाने का प्रयास है। यह विचार विमर्श और चर्चा को प्रोत्‍साहन देगी तथा हमारे नीतिगत दृष्टिकोण को और बेहतर करने के लिए फीडबैक आमंत्रित करेगी। हमारा मानना है कि आर्थिक बदलाव जन भागीदारी के बिना संपन्‍न नहीं हो सकता। विकास को हर हाल में जन आंदोलन बनना चाहिए।’’

दस्तावेज को चार वर्गों वाहक, अवसंरचना, समावेशन और गवर्नेंस में बांटा गया है। इसमें नीति आयोग ने न्यू इंडिया के लिए अपनी व्यापक राष्ट्रीय रणनीति जारी किया। इसके तहत कुल 41 महत्वपूर्ण क्षेत्रों का जिक्र किया गया है।

वाहक (Drivers):
वाहकों पर आधारित पहला खंड विकास और रोजगार, किसानों की आमदनी दोगुनी करने, विज्ञान प्रौद्योगिकी और इनोवेशन इको सिस्टम को बेहतर बनाने और फिनटेक तथा पर्यटन जैसे उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देने संबंधी अध्‍यायों पर ध्‍यान केन्द्रित करता है। इसमें-

* वर्ष 2018-23 के दौरान लगभग 8 प्रतिशत जीडीपी की विकास दर प्राप्‍त करने के लिए अर्थव्‍यवस्‍था की गति को निरंतर तेजी से बढ़ाना। इससे यह 2017-18 में 2.7 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2022-23 तक लगभग चार ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।

* कृषि क्षेत्र में, ई-राष्‍ट्रीय कृषि मंडियों का विस्‍तार करते हुए तथा कृषि उपज विपणन समिति अधिनियम के स्थान पर कृषि उपज और मवेशी विपणन अधिनियम लाकर किसानों को ‘कृषि उद्यमियों’ में परिवर्तित करने पर बल दिया जाए।

* जीरो बजट प्राकृतिक खेती की तकनीकों पर बल देना जिससे लागत में कमी आती है, सॉयल की गुणवत्ता में सुधार होता है तथा किसानों की आमदनी बढ़ती है।

*रोजगार के अधिकतम साधनों का सृजन सुनिश्चित करने के लिए श्रम कानूनों का संहिताकरण और प्रशिक्षुताओं को बढ़ाने और विस्‍तार करने के प्रबल प्रयास किए जाने चाहिए।

*खनन अन्‍वेषण और लाइसेसिंग नीति का पु‍नर्निर्माण करने के लिए ‘एक्‍सप्‍लोर इन इंडिया’ मिशन का आरंभ।

अवसंरचना (Infrastructure)
दूसरा खंड इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित है। इसमें कुछ प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:

*पहले से मंजूर किए जा चुके रेल विकास प्राधिकरण (आरडीए) की स्‍थापना में तेजी लाना। आरडीए रेलवे के लिए एकीकृत, पारदर्शी और गतिशील मूल्‍य व्‍यवस्‍था के संबंध में परामर्श देने या सुविज्ञ निर्णय लेने का कार्य करेगा।

*तटीय जहाजरानी और अंतर्देशीय जलमार्गों द्वारा फ्रेट परिवहन के अंश का दोहरा करना। बुनियादी ढांचा पूरी तरह तैयार होने तक शुरुआत में, वायबिलिटी गैप फंडिंग उपलब्‍ध कराई जाएगी। परिवहन के विभिन्‍न साधनों को एकीकृत करने तथा मल्‍टी–मॉडल और डिजिटाइज्‍ड गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए आईटी-सक्षम मंच का विकास।

*2019 में भारत नेट कार्यक्रम के पूरा होने के साथ ही 2.5 लाख ग्राम पंचायतें डिजिटल रूप से जुड़ जाएंगी। वर्ष 2022-23 तक सभी सरकारी सेवाएं राज्‍य, जिला और ग्राम पंचायत स्‍तर पर उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य है।

समावेशन (Inclusion)
इस खंड में स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा और परंपरागत रूप से हाशिए पर मौजूद आबादी के वर्गों को मुख्‍य धारा में लाने के आयामों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। इस खंड में की गई कुछ प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:

* देश भर में 150,000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की स्‍थापना और प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य अभियान (पीएम-जेएवाई) प्रारंभ करने सहित आयुष्‍मान भारत कार्यक्रम का सफल कार्यान्‍वयन।

* केन्‍द्रीय स्‍तर पर राज्‍य के समकक्षों के साथ सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फोकल प्‍वाइंट बनाना। समेकित चिकित्‍सा पाठ्यक्रम को प्रोत्‍साहन।

* 2020 तक कम से कम 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्‍स की स्‍थापना के जरिए जमीनी स्‍तर पर नई नवोन्‍मेषी व्‍यवस्‍था सृजित करते हुए स्‍कूली शिक्षा प्रणाली और कौशलों की गुणवत्ता में सुधार लाना।

* प्रत्‍येक बच्‍चे की शिक्षा के निष्‍कर्षों पर नजर रखने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक राष्‍ट्रीय शैक्षिक रजिस्‍ट्ररी की संकल्‍पना करना।

* आर्थिक विकास पर विशेष बल देते हुए कामगारों के जीवन स्‍तर में सुधार लाने तथा समानता सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की ही तरह शहरी क्षेत्रों में भी किफायती घरों को प्रोत्‍साहन देना।

गवर्नेंस(Governance)
गवर्नेंस से संबंधित अंतिम खंड में इस बात पर गहन चिंतन किया गया है कि विकास के बेहतर निष्‍कर्ष प्राप्‍त करने के लिए गवर्नेंस के ढांचों को किस तरह सुव्‍यवस्थित और प्रक्रियाओं को अनुकूल बनाया जा सकता है। इसमें की गई कुछ प्रमुख सिफारिशों में शामिल हैं:

*उभरती प्रौद्योगिकियों के बदलते संदर्भ तथा अर्थव्‍यवस्‍था की बढ़ती जटिलताओं के बीच सुधारों का उत्तराधिकारी नियुक्‍त करने से पहले दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों का कार्यान्‍वयन करना।

*मध्‍यस्‍थता की प्रक्रिया को किफायती और त्‍वरित बनाने तथा न्‍यायालय के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता का स्‍थान लेने के लिए मध्‍यस्‍थता संस्‍थाओं और प्रत्यायित मध्‍यस्‍थों का आकलन करने के लिए नए स्‍वायत्त निकाय यथा भारतीय मध्‍यस्‍थता परिषद की स्‍थापना।

*लंबित मामलों को निपटाना- नियमित न्‍याय प्रणाली के कार्य के दबाव को हस्‍तांतरित करना।

*भराव के क्षेत्रों को कवर करने, प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट और नगर निगम के अपशिष्‍ट तथा अपशिष्‍ट से धन सृजित करने की पहलों को शामिल करते हुए स्‍वच्‍छ भारत मिशन के दायरे का विस्‍तार करना।

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