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भगोड़े विजय माल्या पर कसा शिकंजा, 10 हजार करोड़ की संपत्ति होगी जब्त!

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देश की बागडोर संभालते ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले में कोई मेरा रिश्तेदार नहीं है, जो भी पकड़ा जाएगा, बचेगा नहीं। बीते 47 महीनों के कार्यकाल में यह बात साबित भी हुई है। मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रही है और बड़े-बड़े भ्रष्टाचारी कानून की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। मोदी सरकार के प्रयासों को अब ब्रिटेन की अदालत का साथ मिला है।

8 मई, 2018 को लंदन की अदालत के निर्णय से भगोड़े विजय माल्या से 10 हजार करोड़ रुपये वसूलने का रास्ता साफ हो गया है। जाहिर है मोदी सरकार ने सख्त संदेश दिया है कि देश का पैसा हड़पकर भागने वालों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी और सरकार उससे पाई-पाई वसूल करेगी।

विजय माल्या से वसूले जाएंगे 10, 000 करोड़
ब्रिटेन और भारत में विजय माल्‍या पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। इनमें से एक मामले में विजय माल्या की याचिका को लंदन की एक कोर्ट ने खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि भारत के 13 बैंकों के समूह ने माल्या से 1.55 अरब डॉलर से अधिक की वसूली के लिए यहां एक मामला दर्ज कराया था। अदालत के इस आदेश से 10, 000 करोड़ रुपये से अधिक राशि वसूले जाने का रास्ता साफ हो गया है।

विजय माल्या की पीठ पर कांग्रेस नेताओं का हाथ
गौरतलब है कि विजय माल्या की पीठ पर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं हाथ था, इसलिए वे एक के बाद एक घोटाला करने में सफल होते चले गए। 2008 से जारी घोटाले की रकम जब 9000 करोड़ तक पहुंची तो मोदी सरकार ने शिकंजा कस दिया। हालांकि वे लंदन भाग गए, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार की सख्ती के चलते वे वहां भी चैन से नहीं रह पा रहे हैं। अक्टूबर, 2017 में जब पहली बार माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया, तभी साफ हो गया था कि मोदी सरकार इस भगोड़े को छोड़ने वाली नहीं है।

विजय माल्या की संपत्ति को अटैच करने का आदेश
08 मई, 2018 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फ़ॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन ऐक्ट (FERA) उल्लंघन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में विजय माल्या की संपत्तियों को अटैच करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भारत के ‘भगोड़े’ हैं और मार्च 2016 से लंदन में रह रहे हैं। पिछले साल अप्रैल में स्कॉटलैंड यार्ड के प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से वह जमानत पर हैं।

नीरव मोदी की 6 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त
देश का 11 हजार करोड़ रुपया लेकर विदेश में बैठै नीरव मोदी पर भी सरकार की सख्ती जारी है। अब तक 5 हजार 649 करोड़ की संपत्ति कब्जे में ले ली गई है। हैदराबाद में 3800 करोड़ की संपत्ति पर भी कब्जा कर लिया गया है। उनके सभी शो रूम को सील कर दिया गया है। विदेशों में उनके शो-रूम को भी बंद करने की कोशिश जारी है। इसके अतिरिक्त इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नीरव और उनके परिवार की 29 संपत्तियां और 105 बैंक अकाउंट भी जब्त कर लिया है।

मेहुल चोकसी की संपत्ति पर सरकार का कब्जा
मेहुल चोकसी को भी नीरव मोदी के साथ कांग्रेस की सरकार मे लोन दिए गए थे। हालांकि मोदी सरकार ने कार्रवाई करते हुए 86 करोड़ 72 लाख रुपये के शेयर और म्युचुअल फंड में निवेश को फ्रीज कर दिया। छत्तीसगढ़ के 12 आउटलेट्स पर छापे, 5,46 करोड़ के हीरे जब्त कर लिए गए। ईडी ने मेहुल चोकसी की 1217.20 करोड़ और 41 संपत्तियां भी अटैच कर ली हैं। इसके साथ ही मेहुल चोकसी के पासपोर्ट भी रद्द कर दिए गए हैं।

पीएमओ के क्विक एक्शन से पकड़ा गया घोटालेबाज
07 अप्रैल को जब एक और बड़े घोटालेबाज को सीबीआई ने धर दबोचा तो यह मामला भी 2008 से 2013 के बीच का निकला। यानि यह घोटाला भी कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान ही हुआ था। दरअसल डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रबंध निदेशक अमित भटनागर अलग-अलग बैंकों और गैर सरकारी बैंकों को करोड़ों का चूना लगा चुका है। वह विदेश भागने की तैयारी कर रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय की सक्रियता ने उसके सारे प्लान पर पानी फेर दिया। सीबीआई ने उसपर आपराधिक षड्यंत्र, बैंक से धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज और बैंक खाते के जरिए इस घोटाले को अंजाम देने का मामला दर्ज किया है।

भ्रष्टाचार पर सख्ती के लिए बनाए गए कई कानून
मोदी सरकार ने हर बार यह साबित किया है कि भ्रष्टाचार के मामले में कोई कितना भी बड़ा क्यों ना हो बख्शा नहीं जाएगा। सरकार हर स्तर पर देश के आर्थिक अपराधियों को कानून के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए कई सख्त कानून भी बनाए हैं, आइये डालते हैं एक नजर-

  • फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स ऑर्डिनेंस
  • राष्ट्रीय वित्तीय सूचना प्राधिकरण को मंजूरी
  • संपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा
  • इंसोल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड
  • अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम पर रोक विधेयक
  • पीएसबी पुनर्पूंजीकरण
  • एफआरडीआई विधेयक
  • बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम

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