प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कोरोना संकट के दौरान विदेशों में भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू करने वाली है। बताया गया है कि इस ऑपरेशन में खाड़ी देशों समेत दुनिया के 12 देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा। 7 मई से शुरू होने वाले इस अभियान में 12 देशों में 64 विमान भेजे जाएंगे। इन लोगों में भारतीय छात्रों समेत 14 हजार 800 लोग शामिल होंगे। एक हफ्ते तक चलने वाले इस ऑपरेशन के दौरान हर दिन करीब 2000 लोगों को लाने की योजना है। वापसी से पहले सभी नागरिकों को कोरोना टेस्ट कराना भी जरूरी होगा।
यात्रियों को हवाई किराया खुद वहन करना होगा
गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, केवल उन लोगों को यात्रा की इजाजत मिलेगी, जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं होगा। भारत आने के बाद भी जरूरी जांच होगी और उन्हें 14 दिन तक क्वेरंटीन किया जाएगा। सभी यात्रियों को हवाई किराया स्वयं वहन करना होगा। क्वेरंटीन के दौरान रहने-खाने का खर्च भी खुद देना होगा। विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकाल बनाया गया है। बताया जा रहा है कि इस अभियान के पहले दौर में 14 हजार 800 भारतीयों की वापसी होगी।
2 लाख भारतीय करवा चुके हैं वापसी का रजिस्ट्रेशन
दुनियाभर के भारतीय दूतावास और उच्चायोग वहां फंसे भारतीयों की सूची तैयार कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विदेशों में फंसे 2 लाख भारतीय घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। 13 मई से शुरू होने वाले दूसरे दौर में इन भारतीयों को लौटने का मौका मिल सकता है। यह भारतीयों की घर वापसी का 30 साल का सबसे बड़ा अभियान होगा। इससे पहले 1990 में गल्फ वॉर के समय कुवैत से 1.70 लाख भारतीय एयरलिफ्ट किए गए थे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस अभियान के दौरान अभी यूएई, यूके, यूएसए, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत, ओमान में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा।
कितने भारतीयों को कब-कब लाया जाएगा?
पहले दिन: यानी 7 मई को 9 देशों से 2300 लोग कोच्चि, कोझिकोड, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर पहुंचेंगे।
दूसरे दिन: 8 देशों से करीब 2050 भारतीय चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरू और दिल्ली आएंगे।
तीसरे दिन: 9 देशों से 2050 भारतीय मुंबई, कोच्चि, त्रिची, हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली आएंगे।
चौथे दिन: 8 देशों से 1850 लोग त्रिवेंद्रम, कोच्चि, चेन्नई, त्रिची, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद पहुंचेंगे।
पांचवें दिन: 9 देशों से 2200 लोग कोच्चि, कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, श्रीनगर और बेंगलुरू आएंगे।
छठे दिन: 10 देशों से 2500 लोग हैदराबाद, दिल्ली, बेंगलुरू, श्रीनगर, अहमदाबाद और कोच्चि पहुंचेंगे।
सातवें दिन: 8 देशों से 1850 लोग कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद और अमृतसर आएंगे।
नौसेना ने भी शुरू किया बचाव अभियान
इस बीच, नौसेना ने मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फंसे भारतीयों को वापस लाने का अभियान सोमवार देर रात शुरू कर दिया। मुंबई के तट पर तैनात आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर को मालदीव रवाना किया गया है। वहीं, आईएनएस शार्दुल को दुबई के लिए रवाना किया गया है। ये तीनों जहाज लोगों को लेकर कोच्चि पहुंचेंगे। आईएनएस जलाश्व में एक हजार से ज्यादा लोग सवार हो सकते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इसमें 700 से 800 भारतीय ही लौट सकेंगे। वहीं, शार्दुल और मगर से एक बार में 400 से 500 लोगों को लाया जा सकेगा।
नौसेना के 14 पोत रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार
नौसेना का ऑपरेशन शुरू करने का फैसला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और विदेश मंत्रालय के बीच सहमति बनने के बाद लिया गया। एक बार में ज्यादा लोगों को लाने की क्षमता की वजह से बचाव अभियान के लिए नौसेना के पोतों के इस्तेमाल का फैसला लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नौसेना ने अपने 14 पोतों को तैयार रखा है। नौसेना के वाइस चीफ एडमिरल जी अशोक कुमार के मुताबिक, ऑपरेशन में पश्चिमी नेवल कमांड के 4 जहाजों, पूर्वी नेवल कमांड के 4, दक्षिणी कमांड के 3 और अंडमान निकोबार कमांड के 3 पोत लगाए जाएंगे।
एक नजर डालते हैं किस प्रकार पिछले तीन महीनों से मोदी सरकार विदेश में फंसे भारतीयों को लाने के लिए कार्य कर रही है और हवाई जहाजों के माध्यम से देश में लोगों तक जरूरी मदद पहुंचाने में लगी है।
कोरोना वायरस से जंग में भारतीय विमान भर रहे हैं राहत की उड़ानें
COVID-19 को परास्त करने में मोदी सरकार के सभी मंत्रालय अपनी-अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इनमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का महत्वपूर्ण योगदान है। विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने की बात हो, हवाई अड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की बात हो या फिर लॉकडाउन के दौरान रोजमर्रा की जरूरतों और मेडिकल सामानों की ढुलाई की बात, इस मंत्रालय ने देशवासियों को राहत देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। आइए, कोरोना टाइमलाइन में एक नजर डालते हैं कोरोना संकट के दौरान नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कामकाज पर।
7 जनवरी
चीन ने अपने देश में हो रही अज्ञात मौतों के कारण के तौर पर कोरोना वायरस की पहचान की।
17 जनवरी
चीन खासकर वुहान जाने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य स्थिति पर निगाह रखने की एडवायजरी जारी।
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बंगलुरु, हैदराबाद और कोच्ची के हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रींनिंग का काम शुरू।
25 जनवरी
प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक की, जिसमें ऐसी कई टीमें बनाने का फैसला लिया गया जो देश के हवाई अड्डों का निरीक्षण करें।
7 हवाई अड्डों पर 115 हवाई जहाजों से आने वाले 20,000 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई।
27 जनवरी
137 एयरलाइंस के 29,707 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें 12 को NIV पुणे भेजा गया, लेकिन अभी तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने नहीं आया।
30 जनवरी
WHO ने कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया।
चीन से लौटने वाले लोगों के लिए 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रहने के निर्देश जारी किए गए।
अब तक 234 विमानों के 43,346 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें 49 सैम्पल NIV भेजा गया, 48 सैम्पल निगेटिव आए।
कोरोना का पहला मामला सामने आया।
3 फरवरी
पीएम मोदी ने कोविड पर GoM का गठन किया
चीनी पासपोर्ट धारकों के भारत के वीजा को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया गया।
21 हवाई अड्डों पर 539 विमानों के साथ ही विभिन्न बंदरगाहों और नेपाल से लगी सीमाओं पर कुल 72, 353 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई।
7 फरवरी-
संसद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का बयान
1275 विमानों के कुल 1,39,539 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इनमें से 150 यात्रियों में कोरोना के लक्ष्ण पाए गए, जिन्हें आइसोलेशन में भेज दिया गया।
22 फरवरी
काठमांडू, इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया से आने वाले सभी विमानों की स्क्रीनिंग का काम शुरू।
21,805 यात्रियों को कम्यूनिटी सर्विलांस के दायरे में लाया गया। इसके साथ ही, 3,97,152 विमान यात्रियों और विभिन्न बंदरगाहों पर 9, 695 यात्रियों की स्क्रीनिंग।
24 फरवरी
21 हवाई अड्डों, 12 बड़े और 65 छोटे बंदरगाहों और सीमावर्ती इलाकों में यात्रियों की स्क्रीनिंग।
अब तक 4, 214 विमानों और 4, 48, 449 यात्रियों की स्क्रीनिंग।
26 फरवरी
10 फरवरी और उसके बाद कोरिया गणराज्य, ईरान और इटली से आने वाले या ऐसी ही ट्रैवल हिस्ट्री वाले लोगों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन किया जा सकता है।
चीन के वुहान शहर में फंसे 76 भारतीयों और 39 विदेशी नागरिकों को लाया गया।
27 फरवरी
जापान में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाया गया
एअर इंडिया का एक विमान जापान के योकोहामा बंदरगाह पर एक क्रूज शिप में फंसे 119 भारतीयों और 5 विदेशी नागरिकों को दिल्ली वापस लेकर आया। यह शिप भी कोरोना वायरस की जद में आ गया था।
3 मार्च
किसी भी अंतरराष्ट्रीय विमान के भारत पहुंचने पर सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू।
प्रधानमंत्री ने राज्यों और विभिन्न मंत्रालयों में कोरोना वायरस को लेकर हो रही तैयारियों का जायजा लिया।
7 मार्च
चीन, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, जापान, इटली, थाइलैंड, सिंगापुर, ईरान, मलेशिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी जैसे देशों से आने वाले यात्रियों को 14 दिनों के सेल्फ इम्पोज्ड क्वारंटाइन में रहने को कहा गया।
फ्रांस, जर्मनी और स्पेन के नागरिकों के लिए 11 मार्च या उससे पहले जारी किए गए सभी ई-वीजा और नियमित वीजा को स्थगित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री ने COVID-19 के संदर्भ में सभी संबंधित मंत्रियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।
11 मार्च
देश के बाहर जाने के लिए जारी सभी वीजा स्थगित
देश से बाहर जाने के लिए जारी सभी वीजा को 13 मार्च 2020 से 15 अप्रैल 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
15 फरवरी के बाद चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से भारत आ रहे सभी देशी-विदेशी यात्रियों को कम से कम 14 दिनों के क्वारंटाइन में भेजा जाएगा। यह आदेश 13 मार्च से लागू होगा।
18 मार्च
यूएई, ओमान, कतर और कुवैत से आने वाले यात्रियों का क्वारंटाइन पीरियड कम से कम 14 दिनों को होगा।
यूरोपियन यूनियन, तुर्की और ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों का प्रवेश बंद किया गया।
19 मार्च
राष्ट्र के नाम संबोधन में जनता कर्फ्यू की घोषणा- 19 मार्च को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देशवासियों से 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक स्वैच्छिक ढंग से जनता कर्फ्यू का पालन करने का आग्रह किया।
किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्री एअरक्राफ्ट को 22 मार्च से भारत में लैंड करने की इजाजत नहीं होगी।
25 मार्च
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कांफ्रेस के जरिए बातचीत की।
सरकार की पहल पर ईरान से 277 भारतीयों को विशेष विमान से जोधपुर लाया गया। इनमें 273 तीर्थयात्री शामिल हैं।
29 मार्च
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार साझा किए, उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई जीतेगा।
हमें सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने की जरूरत है न कि मानवीय या फिर भावनात्मक दूरी।
31 मार्च
मेडिकल एयर कार्गो से जुड़ा एक खास वेबसाइट 1 अप्रैल 2020 से लांच किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने मेडिकल और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ‘लाइफलाइन उड़ान’ फ्लाइट्स लॉन्च किए।
1 अप्रैल
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लाइफलाइन उड़ान अभियान के तहत मेडिकल और दूसरी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 74 फ्लाट्स सक्रिय रहे। अभी तक कुल 37.63 टन सामान विभिन्न स्थानों तक पहुंचाए गए।
2 अप्रैल
पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों से बातचीत
3 अप्रैल
पीएम मोदी का वीडियो सन्देश
खिलाड़ियों से बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कोविड से मुकाबला करने के लिए संकल्प, संयम, सकारात्मकता, सम्मान और सहयोग का पांच-सूत्री मन्त्र दिया।
पीएम मोदी ने सुबह नौ बजे देशवासियों के साथ एक वीडियो सन्देश साझा करते हुए लोगों से 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे 9 मिनट तक अपने घरों की बत्तियां बुझाकर दीपक, मोमबत्ती या मोबाइल की टॉर्च जलाने का आह्वान किया।
4 अप्रैल
प्रधानमंत्री ने GoM के साथ समीक्षा बैठक की।
मेडिकल एअर कार्गो से जुड़े ‘लाइफलाइन उड़ान’ वेबसाइट लॉन्च किया गया।
5 अप्रैल
पीएम मोदी के आह्वान पर कोरोना महामारी से लड़ने की इच्छाशक्ति के प्रतीक के रूप में देश भर के घर-घर में दीप-प्रज्वलन संपन्न हुआ।
14 अप्रैल
राष्ट्र के नाम संदेश में पीएम मोदी ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का एलान किया। ।
3 मई तक बढ़ा लॉकडाउन
16 अप्रैल
देश भर में 247 विमानों ने ‘लाइफलाइन उड़ान’ योजना के तहत उड़ान भरी, 418 टन मेडिकल सामग्रियों को विभिन्न स्थानों तक पहुंचाया।
19 अप्रैल
लाइफलाइन उड़ान के तहत विमानों ने जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए 287061 किलोमीटर की दूरी तय की गई।
23 अप्रैल
‘लाइफलाइन उड़ान’ विमानों ने 22अप्रैल को कुल 35.78 टन वजन की आवश्यक वस्तुओं और मेडिकल सामानों की ढुलाई की।