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कृषि स्टार्ट अप से होगा किसानों का कल्याण: रंग ला रही मोदी सरकार की मुहिम

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मोदी सरकार किसानों की कमाई दोगुनी करने के लिए हर संभव कोशिशें कर रही है। इसके लिए युवा कारोबारियों को प्रोत्साहन देकर सरकार इस क्षेत्र में जान फूंकना चाहती है। कृषि स्टार्ट अप की मदद से कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक और युवा जोश को साथ लाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि कृषि उत्पादन में क्रांतिकारी बदलाव आ सके।

कृषि स्टार्ट अप से आएंगे क्रांतिकारी बदलाव

मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए जो कदम उठाए हैं, उससे कृषि क्षेत्र सुनहरे दौर से गुजर रहा है। कृषि स्टार्ट अप जैसे नवाचार को बढ़ावा देकर सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की कमाई दोगुनी करने के मिशन पर तेजी से आगे बढ़ रही है। कृषि क्षेत्र के विकास को लेकर पीएम मोदी की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कृषि मंत्रालय के अलावा, जल शक्ति मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय कृषि क्षेत्र में विकास की नई लहर लाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।

मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं से भी किसानों को भरपूर लाभ मिल रहा है साथ ही उनका सम्मान बढ़ा है। किसानों के कल्याण के लिए मोदी सरकार की पहल जैसे

• मृदा स्वास्थ्य कार्ड
• नीम कोटेड यूरिया
• प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
• पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan)
• ई-नाम (e-NAM)
• पीएम किसान मानधन योजना

मोदी सरकार की कोशिशों से कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ रहे हैं। इससे किसान अधिक साधन संपन्न हो रहे हैं।

अन्नदाता को मिल रहा है मोदी सरकार की योजनाओं का फल

अन्नदाता को सरकार की योजनाओं का बेहतर फल मिले उसके लिए मोदी सरकार ने किसी तरह का समझौता नहीं किया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत कृषि क्षेत्र में innovation and Agro-Entepreneurship Development Program को अपनाया गया है। ताकि देश के किसानों तक तकनीक और कारोबार जगत में हो रहे बदलाव का लाभ तेजी से पहुंच सके। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के पहले चरण में 112 स्टार्टअप को 1186 लाख रुपये की रकम देने का एलान किया गया था, साथ ही इन स्टार्ट-अप को 29 एग्रीबिजनेस इंक्यूबेशन केंद्रों में 2-2 महीने की ट्रेनिंग दी गई

देश में स्टार्ट अप के लिए माहौल बनाने में मोदी सरकार के कई बड़े फैसलों के नतीजे सामने आ रहे हैं।

  • आज देश में 41 हजार से ज्यादा स्टार्ट अप हैं
  • इनमें से 5,700 से ज्यादा स्टार्ट अप आईटी के क्षेत्र में हैं
  • 3,600 से ज्यादा स्टार्ट अप स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रहे हैं
  • करीब 1,700 स्टार्टअप कृषि क्षेत्र में काम कर रहे हैं
  • 30 से ज्यादा स्टार्ट अप का मूल्यांकन 1 अरब से ज्यादा है
  • वर्ष 2014 में महज 4 स्टार्ट अप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल थे

कृषि स्टार्ट अप से बदलेगी युवाओं की किस्मत 

आज स्टार्ट-अप के मामले में भारत दुनिया का तीसरा बड़ा देश बन गया है। सबसे ज्यादा खुशी की बात है कि देश में फल फूल रहे 44 प्रतिशत स्टार्ट-अप की कमान महिलाओं के हाथ में है। इतना ही नहीं नए उभरते 40 प्रतिशत स्टार्ट-अप देश के दूसरी और तीसरी कैटेगरी के शहरों से सामने आ रहे हैं। स्टार्ट अप तेजी से बढ़ेंगे को किसानों की आमदनी के साथ उत्पादन भी बढेगा। ऐसे में मोदी सरकार कृषि उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। 

कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि के लिए पहल

  • विभिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनियों का आयोजन
  • भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी में वृद्धि
  • वर्चुअल तरीके से क्रेता-विक्रेता बैठकों का आयोजन
  • 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता और उन्नयन
  • अवसंरचना विकास और गुणवत्ता सुधार पर जोर
  • ऑॅर्गेनिक वर्ल्ड कांग्रेस, बायोफैक इंडिया कार्यक्रम
  • ट्रैसियबिलिटी सिस्टमों का विकास और कार्यान्वयन
  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार सूचना का संकलन व विश्लेषण
  • ‘एक जिला, एक विशेष उत्पाद’ के लिए सूची बनाना

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