26 मई को मोदी सरकार के चार साल पूरे हो जाएंगे। इन चार वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे आम लोगों का जीवन आसान बना है। रोजमर्रा के जीवन में असर डालने वाले इन फैसलों पर हालांकि अधिकतर लोगों का ध्यान नहीं जाता है, लेकिन इन फैसलों से सभी को बहुत सहूलियत हुई है। नौकरियों में स्वप्रमाणित सर्टिफिकेट को मान्यता, सरकारी की तरफ से आर्थिक मदद और सब्सिडी का सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर, मुफ्त में बिजली और गैस कनेक्शन, बिना मतलब के सैकड़ों कानूनों को खत्म करने जैसे कई फैसले हैं, जो कदम-कदम पर लोगों को होने वाली मुश्लिकों को कम कर रहे हैं। डालते हैं मोदी सरकार के कुछ ऐसे ही फैसलों पर नजर।-
स्वप्रमाणित सर्टिफिकेट
मोदी सरकार ने सरकारी नौकरियों या शिक्षण संस्थाओं में एडमीशन के वक्त किसी गैजटेड अधिकारी से सत्यापित प्रमाणपत्रों के नियम को खत्म किया। सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने स्वप्रमाणित यानी सेल्फ अटेस्टेड सर्टिफिकेट को मान्यता देने का नियम बनाया। केंद्र सरकार के इस फैसले से युवाओं और छात्रों की बहुत बड़ी परेशानी खत्म हो गई।
ग्रुप सी और ग्रुप डी में इंटरव्यू खत्म किया
मोदी सरकार ने ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियों में साक्षात्कार की बाध्यता को खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला किया। इस निर्णय के बाद ग्रुप सी और ग्रुप डी की सरकारी नौकरियों में सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया और इंटरव्यू के दौरान भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी खत्म हो गईं।
गरीबों को जन-धन खातों के जरिए बैंकों से जोड़ा
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत मोदी सरकार ने आजादी के इतना वर्षों बाद बैंकिंग व्यवस्था के दूर रहने वाले करोड़ों को इससे जोड़ा। इस योजना के तहत 18 मई, 2018 तक 31.60 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं और इन खातों में 81,203 करोड़ रुपयों से अधिक रकम जमा है।
डीबीटी से रुका भ्रष्टाचार
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी योजना का दायरा बढ़ाया। मोदी सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, खाद्य सब्सिडी, फर्टिलाइजर सब्सिडी समेत कई सरकारी योजनाओं के तहत लोगों को मिलने वाली आर्थिक मदद को अब सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है और करोड़ों फर्जी लाभार्थी गायब हो गए हैं। पहले सिर्फ 28 योजनाएं डीबीटी से जुड़ी थीं, अब 433 सरकारी योजनाएं डीबीटी से जुड़ी हैं। मार्च, 2018 केंद्र सरकार ने डीबीटी के जरिए रिकॉर्ड 83,000 करोड़ रुपये बचाए हैं।
मुफ्त गैस कनेक्शन
मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र खासकर महिलाओं की जिंदगी बदलने वाली प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लॉन्च की। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ग्रमीण परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन और गैस का चूल्हा उपलब्ध कराती है। सरकार अब तक 3,95,77,000 मुफ्त एलपीजी कनेक्श दे चुकी है। सरकार ने इस योजना के तहत 2020 तक 8 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पहले यह लक्ष्य 2019 तक 5 करोड़ गैस कनेक्शन देने का था।
मुफ्त बिजली कनेक्शन
देश के 4 करोड़ घरों आज भी बिजली का कनेक्शन नहीं है। मोदी सरकार ने सौभाग्य योजना के तहत अंधेरे में रहने को मजबूर 4 करोड़ परिवारों को 31 मार्च, 2019 तक मुफ्त बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब तक 58,56,584 घरों में बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जोरशोर से काम चल रहा है। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने 18000 गांवों में बिजली पहुंचाने का भी काम किया है और अब देश का एक भी गांव बिना बिजली का नहीं है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
युवाओं में स्वरोजगार बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की थी। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है। इस योजना के तहत 12,78,08,464 लाभार्थियों को 5,93,841करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है। सबसे खास बात यह है कि मुद्रा योजना के तहत लाभ पाने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। यानी इस योजना के माध्यम से 8 करोड़ से अधिक महिलाओं ने अपना उद्यम शुरू किया है।
स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन के तहत मोदी सरकार ने देशभर में स्वच्छता के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब देश की बागड़ोर संभाली थी तब देश में ग्रामीण स्वच्छता का दायरा करीब 40 फीसदी था, जो अब बढ़कर 80 प्रतिशत से अधिक हो गया है। 2 अक्टूबर, 2014 के बाद से अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 7,21,62,000 से अधिक शौचालयों को निर्माण हो चुका है। इतना ही नहीं 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। देश में अब तक कुल 385 जिलों और 3,61,693 गांवों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।
नीम कोटेड यूरिया
खेती के लिए यूरिया आवश्यक है, लेकिन पहले यूरिया की कालाबाजी होती थी इससे किसानों को समय पर यूरिया नहीं मिल पाती थी और उन्होंने इसके लिए भारी परेशानी होती थी। मोदी सरकार ने नीम कोटेड यूरिया लाने का फैसला किया। इस फैसले ने किसानों की सबसे बड़ी परेशानी को खत्म कर दिया है। अब नीम कोटेड यूरिया की कालाबाजारी नहीं हो सकती है, साथ ही इसकी सब्सिडी की रकम भी सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
एमएसपी को डेढ़ गुना किया
मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम कर रही है। इसी के मद्देनजर मोदी सरकार ने एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना करने का फैसला लिया है। इसके तहत किसानों को फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा है। इस फैसले से देशभर के करोड़ों किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
मैटर्निटी लीव बढ़ाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कामकाजी महिलाओं को बढ़ी राहत दी है। सरकार ने मैटर्निटी लीव को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया। इतना ही नहीं 50 से अधिक कर्मचारियों वाले दफ्तर में कैच रखना भी अनिवार्य किया गया है, ताकि महिला कर्मचारी अपने बच्चों को साथ में रख सकें।
बेकार के कानून खत्म किए
मोदी सरकार ने एक और बहुत बड़ा काम किया है, वह बेकार के कानूनों को खत्म करना। मोदी सरकार ने कुल 1827 ऐसे कानूनों की पहचान की है, जिनका आज के माहौल में कोई मतलब नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि केंद्र सरकार 1175 ऐसे कानूनों को खत्म कर चुकी है और बाकी कानूनों को भी खत्म करने की प्रक्रिया चल रही है।