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प्रधानमंत्री मोदी के प्रोत्साहन से केवीआईसी ने रचा इतिहास, 9 साल में खादी उत्पादों की बिक्री 332 प्रतिशत बढ़ी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खादी खरीदने की लगातार अपील के कारण खादी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। देश भर में बड़े पैमाने पर खादी की बिक्री हो रही है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाते हुए विश्व के सामने बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर पेश की है। आजादी के बाद पहली बार केवीआईसी के उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। मोदी सरकार बनने के बाद पिछले 9 साल में ग्रामीण क्षेत्र के कारीगरों द्वारा बनाए गए स्वदेशी खादी उत्पादों की बिक्री में 332 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का कारोबार 31154 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 1,34,630 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह से ग्रामीण क्षेत्र में 9,54,899 नये रोजगार का सृजन कर, केवीआईसी ने नया मील का पत्थर स्थापित किया है।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की ‘ब्रांड शक्ति’ और देश के सुदूर गांवों में कार्यरत कारीगरों की अथक मेहनत को दिया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश और विदेश में हर मंच से खादी का प्रचार-प्रसार किया है, जिससे आज खादी लोकप्रियता के नये शिखर पर पहुंच चुकी है। आज खादी उत्पादों की गिनती विश्व के सबसे विश्वसनीय ब्रांडों में होती है। वित्त वर्ष 2013-14 से 2022-23 में खादी और ग्रामोद्योग के प्रोडक्ट्स के उत्पादन में जहां 268 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं बिक्री ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 332 प्रतिशत के आंकड़े को छू लिया है। यह इस बात का प्रमाण है कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी उत्पादों’ पर देश की जनता का भरोसा बढ़ा है।

मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने 9 ऐसे कीर्तिमान स्थापित हुए हैं जिसने खादी को नई संजीवनी दी है।

1-खादी और ग्रामोद्योगी प्रोडक्ट्स के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि
वित्त वर्ष 2013-14 में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का उत्पादन जहां 26,109 करोड़ रुपये था वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह 268 प्रतिशत के उछाल के साथ 95957 करोड़ रुपये पहुंच गया।

2-खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री में बड़ा उछाल
पिछले 9 वित्त वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों ने बिक्री के मामले में हर वर्ष नये रिकॉर्ड बनाये हैं। वित्त वर्ष 2013-14 में बिक्री जहां 31154 करोड़ रुपये थी, वहीं 332 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ यह वित्त वर्ष 2022-23 में 1,34,630 करोड़ रुपये पहुंच गई, जोकि अब तक की सर्वाधिक बिक्री रही है।

3-खादी कपड़ों के उत्पादन का नया कीर्तिमान
पिछले 9 साल में खादी कपड़ों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी कपड़ों का उत्पादन 811 करोड़ रुपये था, वहीं 260 प्रतिशत के उछाल के साथ यह वित्त वर्ष 2022-23 में 2916 करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया, जोकि अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

4-खादी कपड़ों की बिक्री ने भी रचा नया इतिहास
पिछले 9 वर्षों में खादी के कपड़ों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1081 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में 450 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 5943 करोड़ रुपये पहुंच गई।

5-रोजगार सृजन का नया कीर्तिमान
खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर इस क्षेत्र में भी रिकॉर्ड कायम किया है। वित्त वर्ष 2013 -14 में जहां संचयी रोजगार (Cumulative Employment) 13,038,444 था, वहीं यह 2022-23 में 36 प्रतिशत वृद्धि के साथ 17,716,288 तक पहुंच गया। इसी तरह से वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5,62,521 नए रोजगार का सृजन हुआ था, वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यह 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,54,899 पहुंच गया।

6-खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में रिकॉर्ड वृद्धि
खादी कपड़ों के उत्पादन और बिक्री बढ़ने का लाभ खादी क्षेत्र से जुड़े खादी कामगारों को भी मिल रहा है। वित्त वर्ष 2013-14 से अब तक इनके पारिश्रमिक में 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। हाल ही में, 1 अप्रैल, 2023 से खादी कारीगरों के पारिश्रमिक में 33 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है।

7-नई दिल्ली के खादी भवन का नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित केवीआईसी के फ्लैगशिप ‘खादी भवन’ की बिक्री ने 2 अक्टूबर 2022 को पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर खादी प्रेमियों ने एक दिन में पहली बार 1.34 करोड़ रुपये की खादी और ग्रामोद्योगी उत्पाद खरीद कर नया कीर्तिमान बना दिया।

8-प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण
प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी अभियान से देश के युवाओं को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम-PMEGP ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह योजना ‘नौकरी मांगने वाले के बजाय नौकरी देने वाला बनने’ के पीएम मोदी के सपने को साकार करती है। वर्ष 2008-09 से वर्ष 2022-23 तक 21870.18 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी वितरण के साथ ही, इस वर्ष 8.69 लाख परियोजनाओं की स्थापना कर 73.67 लाख लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया गया है। यही नहीं, 80 प्रतिशत से अधिक इकाइयां ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत से अधिक इकाइयों का नेतृत्व एससी, एसटी और महिला उद्यमी कर रही हैं। इतना ही नहीं, आकांक्षी जिलों में 14 प्रतिशत से अधिक इकाइयां स्थापित की गई हैं। वर्ष 2022-23 के दौरान उपलब्धि 85167 इकाइयों की थी जिसमें 9.37 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए।

9-ग्रामोद्योग विकास योजना का नया रिकॉर्ड-
गरीब कल्याण और समाज के सबसे निम्न स्तर पर कार्य करने वाले कारीगरों के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग ‘ग्राम विकास योजना’ के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित कर रहा है। “हनी मिशन” कार्यक्रम के अंतर्गत 2017-18 से अब तक, 19118 लाभार्थियों को 1,89,989 लाख मधुमक्खी-बॉक्स और मधुमक्खी कालोनी का वितरण किया जा चुका है। ‘कुम्हार सशक्तिकरण’ कार्यक्रम के माध्यम से, अभी तक 25 हजार से अधिक कुम्हारों को आधुनिक विद्युत चालित चाक (इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील) का वितरण किया जा चुका है।

आइए अब देखते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किस तरह से रोज बन रहे हैं नए रिकॉर्ड

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में खादी इंडिया पवेलियन ने की 12.06 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री
नई दिल्ली के भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में खादी इंडिया पवेलियन ने 12.06 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की। इसके साथ ही उद्यमियों को उनके उत्पादों की आपूर्ति के लिए काफी सारे ऑर्डर प्राप्त हुए। खादी इंडिया पैवेलियन में प्रदर्शित प्रीमियम खादी वस्त्रों, पश्चिम बंगाल की मलमल खादी, जम्मू और कश्मीर की पश्मीना, गुजरात से पटोला रेशम, बनारसी रेशम, भागलपुरी रेशम, पंजाब की फुलकारी, आंध्र प्रदेश की कलमकारी और कई अन्य प्रकार के सूती, रेशम और ऊनी उत्पादों में लोगों ने रूचि दिखाई और खरीदारी की।

सीपी आउटलेट में एक दिन में 1.34 करोड़ रुपये की बिक्री कर तोड़े सभी रिकॉर्ड
हाल ही में गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2022 को खादी इंडिया के कनॉट प्लेस स्थित आउटलेट ने बिक्री के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। खादी इंडिया के इस आउटलेट ने सिर्फ एक दिन में 1.34 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री की। खादी इंडिया आउटलेट ने पिछले साल गांधी जयंती पर बनाए गए 1.01 करोड़ रुपये की बिक्री रिकॉर्ड तोड़ने के साथ ही 30 अक्टूबर, 2021 के 1.29 करोड़ रुपये के अब तक के सबसे ज्यादा सेल्स रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 25 सितंबर, 2022 को “मन की बात” में खादी खरीदने की अपील की थी, जिसने इस रिकॉर्ड बिक्री को प्राप्त करने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री की अपील के चलते बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर युवाओं का रुझान खादी खरीदने की ओर हुआ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने की मन की बात में अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार दो अक्टूबर, 2014 को मन की बात में देशवासियों से खादी खरीदने की अपील की थी। उसके बाद से अब तक खादी के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार, 25 जुलाई, 2021 को मन की बात में उन्होंने एक बार फिर खादी का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा, ‘साल 2014 के बाद से ही ‘मन की बात’ में हम अक्सर खादी की बात करते हैं। ये आपका ही प्रयास है कि आज देश में खादी की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। क्या कोई सोच सकता था कि खादी के किसी स्टोर से एक दिन में एक करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हो सकती है! लेकिन आपने ये भी कर दिखाया है। आप जब भी कहीं पर खादी का कुछ खरीदते हैं, तो इसका लाभ, हमारे गरीब बुनकर भाइयो-बहनों को ही होता है। इसलिए खादी खरीदना एक तरह से जन-सेवा भी है, देश-सेवा भी है।’

खादी ने किया 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार
केवीआईसी ने वित्त वर्ष 2021-22 में पहली बार 1.15 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया। केवीआईसी ने कुल 1,15,415.22 करोड़ रुपये का कारोबार किया जो पिछले वर्ष यानी 2020-21 में 95,741.74 करोड़ रुपये की तुलना में 20.54 प्रतिशत ज्यादा है। इसके साथ ही वर्ष 2014-15 की तुलना में 2021-22 में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्रों में कुल उत्पादन में 172 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इस अवधि के दौरान सकल बिक्री में 248 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। अकेले ग्रामोद्योग क्षेत्र में कारोबार 2021-22 में 1,10,364 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 92,214 करोड़ रुपये था। पिछलेa 8 वर्षों में, 2021-22 में ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्पादन में 172 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि बिक्री में 245 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

40 दिन में चार बार एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा के खादी उत्पादों की बिक्री
खादी उत्पादों ने कोरोना काल में भी बिक्री में रिकॉर्ड बनाया। नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया स्टोर पर खादी की एक दिन की बिक्री 30 अक्टूबर, 2021 को 1.29 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इसके पहले साल 2020 में 2 अक्टूबर के बाद से सिर्फ 40 दिनों में कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया आउटलेट पर खादी की एक दिन की बिक्री चार बार 1 करोड़ रुपये को पार कर गया है। दिवाली से एक दिन पहले 13 नवंबर को इस आउटलेट की कुल बिक्री 1.11 करोड़ रुपए रही, जो इस साल किसी एक दिन में सबसे बड़ी बिक्री का आंकड़ा है। कोरोना काल में खादी की बिक्री का आंकड़ा गांधी जयंती (दो अक्टूबर) को 1.02 करोड़ रुपए और 24 अक्टूबर को 1.05 करोड़ रुपए और सात नवंबर को 1.06 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।

इससे पहले 2018 में एक दिन की बिक्री ने चार मौकों पर एक करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया था। 13 अक्टूबर, 2018 को 1.25 करोड़ रुपए की बिक्री एक दिन की बिक्री का सबसे बड़ा आंकड़ा थी। खादी की एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी बिक्री 1.27 करोड़ रुपए दर्ज की गयी है जो 02 अक्टूबर, 2019 के दिन हासिल हुई थी। गौरतलब है कि 2016 से पहले खादी की एक दिन की बिक्री कभी भी एक करोड़ रुपए के पार नहीं गई थी। 22 अक्टूबर, 2016 को कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया के आउटलेट पर एक दिन की बिक्री का आंकड़ा पहली बार एक करोड़ रुपए के पार गया था, यह 116.13 लाख रुपए था।

खादी की एक दिन की बिक्री का आंकड़ा:

* 22 अक्टूबर, 2016 – 116.13 लाख रु.

* 17 अक्टूबर, 2017 – 117.08 लाख रु.

* 02 अक्टूबर, 2018 – 105.94 लाख रु.

* 13 अक्टूबर, 2018 – 125.25 लाख रु.

* 17 अक्टूबर, 2018 – 102.72 लाख रु.

* 20 अक्टूबर, 2018 – 102.14 लाख रु.

* 02 अक्टूबर, 2019 – 127.57 लाख रु.

* 02 अक्टूबर, 2020 – 102.24 लाख रु.

* 24 अक्टूबर, 2020 – 105.62 लाख रु.

* 07 नवंबर, 2020 – 106.18 लाख रु.

* 13 नवंबर, 2020 – 111.40 लाख रु.

* 02 अक्टूबर, 2021 – 101.66 लाख रु.

* 30 अक्टूबर, 2021- 129 लाख रुपये

* 02 अक्टूबर, 2022 – 133.97 लाख रुपये

मोदी राज में बिक्री में हुई जबरदस्त वृद्धि
मोदी सरकार द्वारा मिले बढ़ावे से देश भर में खादी वस्त्रों और कपड़े की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। वर्ष 2014-15 में खादी की बिक्री 1,310.90 करोड़ रुपये थी, जो 2018-19 में बिक्री 3,215.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इसमें 31% की वृद्धि दर्ज करते हुए, खादी की बिक्री वित्त वर्ष 2019-20 में 4211.26 करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई।

खादी ई-पोर्टल, खादी मास्क, खादी फुटवियर, खादी प्राकृतिक पेंट और खादी हैंड सैनिटाइज़र आदि का शुभारंभ, नई प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) इकाइयों की रिकॉर्ड संख्या की स्थापना, नए स्फूर्ति क्लस्टर, स्वदेशी’ के लिए सरकार की पहल और खादी आयोग का अर्धसैनिक बलों के सामाग्री की आपूर्ति करने के ऐतिहासिक समझौते से महामारी के इस दौर में केवीआईसी के कारोबार में वृद्धि हुई।

खादी उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला
खादी परिधानों के अलावा, ग्राम उद्योग उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला जैसे सौंदर्य प्रसाधन, साबुन और शैंपू, आयुर्वेदिक दवाएं, शहद, तेल, चाय, अचार, पापड़, हैंड सैनिटाइजर, मिष्ठान्न, खाद्य पदार्थ और चमड़े की वस्तुओं ने भी बड़ी संख्या में देश-विदेश के उपभोक्ताओं को आकर्षित किया है। इसके परिणामस्वरूप, पिछले पांच वर्षों में ग्रामोद्योग उत्पादों के उत्पादन और बिक्री में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।

‘मोदी जैकेट और कुर्ता’ के दीवाने हुए युवा
प्रधानमंत्री मोदी का अंदाज हमेशा ही चर्चा का विषय बना रहा है, फिर चाहे उनका कुर्ता हो या फिर जैकेट। युवाओं में ‘मोदी जैकेट और कुर्ता’ को लेकर खासी दीवानगी देखी जा रही है। मोदी स्टाइल का खादी ‘कुर्ता-जैकेट’ युवाओं के फैशन का एक अहम हिस्सा बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा खादी से बने परिधानों के अधिक से अधिक इस्तेमाल के पक्षधर रहे हैं। सत्ता में आने के बाद से ही पीएम मोदी ने खादी के प्रति लोगों का लगाव बढ़ाने के लिए हर मंच से अपील की है। चाहे वो मन की बात हो या फिर लाल किले से भाषण, हर जगह से प्रधानमंत्री ने देशवासियों से खादी से बने वस्त्रों और दूसरे उत्पादों को अपनाने का आग्रह किया है। इसी का असर है आज खादी जितनी अधिक लोकप्रिय है, उतनी पहले कभी नहीं रही।

मोदी जैकेट की भारी मांग
नरेन्द्र मोदी सरकार आने के बाद मोदी जैकेट की मांग तेजी से बढ़ी है। खासकर युवाओं में मोदी जैकेट का क्रेज काफी देखा जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग आयोग के अनुसार देशभर के खादी बिक्री केन्द्रों पर मोदी जैकेट और मोदी कुर्ते की भारी मांग है। यहां सूती और रेशमी के बाद अब ऊनी कपड़े में भी मोदी जैकेट बेची जा रही है।

खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन
खादी एक ऐसा वस्त्र है, जो आज भी ग्रामीण भारत को चेहरा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से खादी का उपयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने युवाओं से खादी के उपयोग की अपील की और फैशन के लिए खादी पर बल दिया। उन्होंने नारा दिया ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’। प्रधानमंत्री के इस नारे ने गजब का कमाल दिखाया। लोगों में खादी को लेकर जबरदस्त क्रेज सामने आया। परिणाम यह रहा कि देश में खादी की बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची।

खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन
प्रधानमंत्री मोदी ने खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन से इसे नया स्वरूप दे दिया है। मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही ग्रामीण इकाइयों के उत्थान की दिशा में प्रयास तेज कर दिए। इन लघु इकाइयों को अनेक योजनाओं की सहायता से हर जरूरी साधन-संसाधन उपलब्ध कराए, इकाई आरंभ करने के लिए ऋण उपलब्ध कराया। उन्होंने इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आवश्यकताओं और परेशानियों को समझा। उसे दूर करने के लिए आवश्यक प्रावधान किए। प्रधानमंत्री का यह सपना है कि जल्दी ही खादी इतनी ऊंचाइयों को छुए कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा भारतीय ब्रांड बन जाए।

विदेशी भी हुए मोदी जैकेट के दीवाने 
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति मून इस ‘मोदी जैकेट’ से इस तरह प्रभावित हुए कि वह अपने दफ्तर भी मोदी जैकेट पहनकर जाने लगे । ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए मून ने बताया कि भारत दौरे पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के जैकेट की तारीफ की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनके लिए उसी तरह की जैकेट भेज दीं। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने ट्वीट किया कि, ‘मैंने अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि वे इस जैकेट में शानदार दिखते हैं। उन्होंने मुझे ये जैकेट भेजे हैं। सारे मेरी साइज के हिसाब से तैयार किये गये हैं। इस सद्‌भाव के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं।’ ब्रिक्स समिट 2016 में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील राष्ट्रपति माइकेल टेमर ने डिनर के दौरान मोदी जैकेट में नजर आए थे।

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