दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात में मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। हिन्दुओं को झांसा देने के लिए जनसभा में कृष्ण और अर्जुन की कहानियां सुना रहे हैं। लेकिन असल में आम आदमी पार्टी की विचारधार पूरी तरह हिन्दू धर्म विरोधी है। क्योंकि इस पार्टी के जन्मदाता अरविंद केजरीवाल ईसाई संत मदर टरेसा के शिष्य है और उनके ही बताये रास्ते पर चल रहे हैं। इसलिए आम आदमी पार्टी में वही लोग शामिल है, जो हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं को नहीं मानते और इस धर्म को खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के अभियान चला रहे हैं। इसका प्रमाण दिल्ली में ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला, जब केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर ना मानने और इनकी कभी पूजा नहीं करने की शपथ दिलाई।
In a viral video, AAP Minister Rajendra Pal Gautam was spotted participating at an event, where people took an oath, boycotting several Hindu Gods
(Picture source: Viral video) pic.twitter.com/rO8oVshGcG
— ANI (@ANI) October 7, 2022
हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की शपथ
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने और उनकी पूजा ना करने की शपथ लेते दिख रहे हैं। इस कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार के मंंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। 05 अक्टूबर, 2022 को विजयादशमी के अवसर पर दिल्ली के करोलबाग स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित ‘मिशन जय भीम’ कार्यक्रम में 10 हजार लोगों ने बौद्ध दीक्षा ली। इसके साथ ही उन्हें हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने शपथ दिलाई गई…
शपथ
मैं…
राम और कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूंगा,
ना ही कभी उनकी पूजा करूंगा,
गौरी गणपति आदि हिन्दू धर्म के किसी भी देवी देवाताओं को नहीं मानूंगा,
और ना ही उनकी पूजा करूंगा।
श्रीराम श्रीकृष्ण से इतना बैर ?
ये हैं @AamAadmiParty सरकार के मंत्री राजेन्द्र गौतम पाल, जिनके द्वारा आयोजित जय भीम मिशन में 10 हजार लोगों को शपथ दिलाई गई
“मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा,विष्णु,महेश, श्रीराम, श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, न ही उनकी पूजा करूंगा।” https://t.co/pHipfGQ7kX pic.twitter.com/cmoELzEQHR— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) October 7, 2022
हिन्दुओं के धर्मांतरण के लिए “मिशन जय भीम”
केजरीवाल सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा, ”चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है। आज “मिशन जय भीम” के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ. अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!”
चलो बुद्ध की ओर मिशन जय भीम बुलाता है।
आज “मिशन जय भीम” के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ०अंबेडकर भवन रानी झांसी रोड पर 10,000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धम्म में घर वापसी कर जाति विहीन व छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली।
नमो बुद्धाय, जय भीम! pic.twitter.com/sKtxzVRYJt
— Rajendra Pal Gautam (@AdvRajendraPal) October 5, 2022
AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनका- आदेश गुप्ता
राजेन्द्र पाल गौतम के इस ट्वीट के बाद राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ है। बीजेपी नेताओं ने इस वीडियो के साथ केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो के साथ लिखा, ”एक बार फिर AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब। अरविंद केजरीवाल के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा! तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो? क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है AAP की आंखों में? इतनी नफरत क्यों?”
एक बार फिर AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब..@ArvindKejriwal के मंत्री लोगों से शपथ दिलवा रहे हैं कि मैं किसी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को नहीं मानूंगा!
तो फिर चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो?
क्या हिंदू धर्म इतना चुभता है AAP की आंखों में? इतनी नफरत क्यों? pic.twitter.com/beQeYR4LUA
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) October 7, 2022
“अब पता चला दिवाली,दशहरे पर पाबंदी क्यों लगती है”
बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए लिखा कि अब पता चला अरविंद केजरीवाल दिवाली,दशहरे पर हिंदुओं पर पाबंदी क्यों लगवाता है। कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को झूठा क्यों बोलता है। ये मंच पर शपथ लेने वाला और हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने वाला केजरीवाल का मंत्री राजेंद्र पाल हैं। केजरीवाल का हिंदू विरोधी चेहरा आज नंगा हो गया है।
अब पता चला @ArvindKejriwal दिवाली,दशहरे पे हिंदुओं पर पाबंदी क्यू लगवाता है,कश्मीरी पंडितो के नरसंहार को झूठा क्यों बोलता है। ये मंच पर शपथ लेने वाला और हिंदू देवी-देवताओं को अपमानित करने वाला केजरीवाल का मंत्री राजेंद्र पाल हैं। केजरीवाल का हिंदू विरोधी चेहरा आज नंगा हो गया है pic.twitter.com/2hGVglAmw6
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) October 7, 2022
गुजरात में केजरीवाल की कृष्ण भक्ति, दिल्ली में अपमान
सोशल मीडिया पर लोगों में अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री राजेंद्र पाल गौतल के खिलाफ काफी आक्रोश देखा जा रहा है। हिन्दू धर्म के खिलाफ केजरीवाल की साजिश के खिलाफ लोग तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि केजरीवाल गुजरात चुनाव में जनता को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं और दिल्ली में अपने नेता राजेन्द्र पाल गौतम से हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करवा रहे हैं।
अरे हिंदू विरोधी केजरीवाल ….?
गुजरात चुनाव में जनता को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए मंदिर-मंदिर घूम रहे हो और दिल्ली में अपने नेता राजेन्द्र पाल गौतम से हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करवा रहे हो !@blsanthosh @Tejasvi_Surya @friendsofrss pic.twitter.com/UZuoBJeyhl— Vasu Rukhar ?? (@VasuRukharBjp) October 7, 2022
आइए देखते हैं किस तरह हिन्दू विरोधी और चुनावी भक्त केजरीवाल ने कब-कब भगवान राम और हिन्दू देवी-देवाताओं का अपमान किया…
सत्यनारायण और भागवत कथा फालतू, हिजड़ों की तरह बजाते हैं ताली- गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इटालिया
गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, राम मंदिर और हिंदू धर्म के खिलाफ बयान देने वाले आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल फिर से हिंदू बन गए हैं और इसी गोपाल इटालिया के साथ माथे पर त्रिपुंड लगा और गले में रुद्राक्ष की माला पहन गुजरात में मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं। सोशल मीडिया पर आप नेता गोपाल इटालिया का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वे कह रहे हैं, “लोग सत्यनारायण कथा और भागवत कथा जैसी अवैज्ञानिक और फालतू की चीजों पर पैसा और समय बर्बाद कर देते हैं। इसके बाद भी लोगों को यह नहीं पता चलता कि उन्हें ऐसा करके क्या हासिल हुआ। वे दूसरों का समय भी बर्बाद कर देते हैं। अगर हम 5 पैसे भी ऐसी फालतू चीजों पर खर्च कर देते हैं तो हमें मनुष्य की तरह जीने का अधिकार भी नहीं है।” उन्होंने कहा, “मुझे ऐसे लोगों पर शर्म आती है। जो मैं कहता हूं वह आपको अगर अच्छा न लगे तो मुझे ब्लॉक कर दीजिए। लेकिन हमें उनकी जरूरत नहीं है जो संस्कृति और प्रथाओं के नाम पर हिजड़ों की तरह ताली बजाते हैं। कुछ साधु स्टेज से फालतू बातें करेंगे और हम हिंजड़ों की तरह ताली बजाएंगे।”
AAP गुजरात अध्यक्ष @Gopal_Italia ने कहा था – “सत्यनारायण और भागवत कथा फालतू, हिजड़ों की तरह बजाते हैं ताली”
“ताली बजाने वाले छक्कों की हमें ज़रूरत नहीं”
केजरीवाल इसी गोपाल इटालिया के साथ दिखावे का पूजा कर रहे हैं, हिंदुओं के वोट के लिए. pic.twitter.com/0sbrBdXCQt
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 27, 2022
केजरीवाल ने दिवाली-छठ पर दिल्ली में फिर बैन किए पटाखे
हिंदू विरोधी केजरीवाल सरकार के कारण दिल्ली के लोगों की इस बार भी दिवाली बिना पटाखों वाली रहेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बार फिर से दिल्ली में दिवाली-छठ पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली में अगले साल एक जनवरी तक सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी। यह प्रतिबंध पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी लागू रहेगी। केजरीवाल के करीबी मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया कि ‘दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री / डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, DPCC और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।’
दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तांकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) September 7, 2022
केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण-प्रदूषण के नाम पर पिछले साल भी दिवाली-छठ में पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया था। जबकि तमाम जांच और रिपोर्ट से ये साफ हो गया था कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पटाखे स्रोत नहीं हैं। दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य स्रोत पराली जलाना और कल-कारखानों के साथ गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण है। इसको लेकर लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल किए हैं कि ईद-बकरीद पर पशुओं की हत्या पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता है? लोग सोशल मीडिया पर मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर केजरीवाल सरकार पर तंज कस रहे हैं।
बकरीद और ईद पर छूट, छठ पूजा पर पाबंदी
इससे पहले अक्टूबर 2021 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में यमुना घाट पर छठा पूजा करने पर पाबंदी लगा दी थी। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) ने 30 सितंबर को दिल्ली में कोरोना से जुड़ी नई गाइडलाइंस जारी की। गाइडलाइंस के मुताबिक दिल्ली में मंदिरों, तालाबों, नदियों या जलाशयों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा नहीं मन सकेगी। लेकिन केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार के बिना गाइडलाइन के बकरीद और ईद मनाने की पूरी छूट दी थी। एक समुदाय को त्योहार मनाने की अनुमति और दूसरे समुदाय के त्योहार पर पाबंदी ऐसी चीज है जो केजरीवाल के तुष्टिकरण और सौतेले व्यवहार को प्रदर्शित करती है।
24 घंटे में भगवान राम और अयोध्या को भूल गई आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी को पता था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवंबर 2018 में दीपावली से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था। लेकिन यूपी चुनाव से पहले अयोध्या को फैजाबाद बताना आम आदमी पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। एक तरफ पार्टी के नेता भगवान राम का दर्शन कर हिन्दुओं को झांसा देने की कोशिश कर रहे थे, वहीं फैजाबाद का जिक्र कर मुस्लिम वोट बैंक को भी साधने का प्रयास कर रहे थे। दरअसल अयोध्या को फैजाबाद बताकर आम आदमी पार्टी ने फिर साबित कर दिया था कि उनकी सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। वे सिर्फ चुनाव को देखते हुए सियासी गिरगिट बने हुए।
देश की तरक्की मंदिर बनाने से नहीं होती-केजरीवाल
14 सितंबर, 2021 को अयोध्या पहुंचे दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरे देश में अरविंद केजरीवाल ही ऐसे एकमात्र मुख्यमंत्री हैं जो अयोध्या के राजा मयार्दा पुरूषोत्तम श्रीराम की प्रेरणा लेकर सरकार चला रहे हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2018 में राममंदिर विवाद पर कहा था कि अगर जवाहरलाल नेहरू ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बजाय मंदिर बनाया होता, तो भारत आगे नहीं बढ़ता। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को मंदिर और स्टेच्यू में उलझा दिया है। अगर ये मंदिर या मस्जिद बनाते रहे तो आपको अपने बेटे को मंदिर में पुजारी बनाना पड़ेगा। अब सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल के इस बात पर अमल हुआ तो आज भगवान राम का मंदिर बन पाता ?
‘हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ – संजय सिंह
आम आमदी पार्टी के नेता भगवान श्रीराम के प्रति कितनी श्रद्धा रखते हैं, उसका अंदाजा उनके पूर्व के बयान से लगाया जा सकता है। ‘हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ कहने वाले संजय सिंह भगवा गमछा ओढ़ कर और राम मंदिर की जगह स्कूल-कॉलेज बनाने की बात करने वाले मनीष सिसोदिया रामनामी गमछा पहन कर अयोध्या में प्रविष्ट हुए।
राम मंदिर ट्रस्ट पर झूठा आरोप लगाकर निर्माण कार्य रोकने की साजिश
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में घोटाले का आरोप लगाकर निर्माण कार्य में बाधा डालने की कोशिश की। ‘आप’ नेता रत्नेश मिश्र ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह को झूठा करार देते हुए राम विरोधी होने तक के आरोप लगाए। आम आदमी पार्टी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश प्रवक्ता रत्नेश मिश्र ने ट्रस्ट पर लगे आरोपों से मायूस होकर अयोध्या में प्रेस वार्ता कर संजय सिंह को झूठा और राम विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने के मामले में संजय सिंह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बदनाम कर रहे हैं।
राम मंदिर भूमि पूजन के संबंध में संजय सिंह का आपत्तिजनक ट्वीट
अगस्त 2020 में संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के संबंध में आपत्तिजनक ट्वीट कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इसके साथ ही संजय सिंह ने दलित समाज को अपमानित करके उनकी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया और साफ झूठ बोला। संजय सिंह ने कहा था कि राम मंदिर भूमि पूजन से दलितों को दूर रखा गया है। आखिर ऐसा क्यों है कि भूमि पूजन में किसी दलित को नहीं बुलाया गया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज मुझे एक दलित नेता ने फोन किया। बोले भाई साहब राष्ट्रपति दलित, उन्हें नहीं बुलाया गया, उप मुख्यमंत्री मौर्य, उन्हें नहीं बुलाया गया। ऐसा क्यों? भाजपा दलितों को मंदिरों से बाहर क्यों रखना चाहती है?’
केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री ने राम और कृष्ण के अस्तित्व पर उठाया सवाल
नवंबर 2019 में केजरीवाल कैबिनेट के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भगवान राम और भगवान कृष्ण के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया था। उन्होंने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “अगर यह बात प्रमाणित है कि भगवान राम और कृष्ण पूर्वज हैं तो इन्हें इतिहास में क्यों नहीं पढ़ाया जाता। पूर्वजों का इतिहास होता है जबकि इनका कोई प्रमाणिक इतिहास नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर पेरियार का दृष्टिकोण प्रमाणिकता और तार्किकता के आधार पर था।”
मनीष सिसोदिया का राम मंदिर की जगह यूनिवर्सिटी बनाने का सुझाव
दिसंबर 2018 में मनीष सिसोदिया ने एक निजी न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था। सवाल अयोध्या में राम मंदिर को लेकर था। मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘राम मंदिर और मस्जिद दोनों वालों से पूछ लो और अगर दोनों की सहमति हो तो वहां एक अच्छी यूनिवर्सिटी बना दो। हिंदुओं के बच्चे भी पढ़ें, मुसलमानों के बच्चे भी पढ़ें, क्रिश्चियन के भी पढ़ें, भारतीयों के भी पढ़ें, विदेशियों के भी पढ़ें…सबके बच्चे पढ़ें। वहीं से राम के सिद्धांतों को निकालो। राम मंदिर बनाने से राम राज्य नहीं आएगा, पढ़ाने से राम राज्य आएगा।’
मनीष सिसोदिया की ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की सलाह
2017 में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि काश नेताओं में चुनाव से पहले सरकारी स्कूलों के दर्शन करने की परंपरा होती। सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘अगर चुनावों से ठीक पहले ‘मंदिर-दर्शन’ की जगह ‘सरकारी स्कूलों के दर्शन’ की राजनीतिक परम्परा होती तो देश के हर बच्चे को आज बेहतरीन शिक्षा मिल रही होती।’
केजरीवाल ने सुनाई राम मंदिर विरोधी नानी की कहानी
मार्च 2014 में कानपुर की एक रैली में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा था, “जब बाबरी मस्जिद का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” एक अन्य बयान में उन्होंने ‘मंदिर वहीं बनाएँगे, पर तारीख़ नहीं बताएँगे’ वाले नैरेटिव को आगे बढ़ाया था।
अब नानी को क्या मुँह दिखाओगे? pic.twitter.com/wafnnXgy4V
— माँ भारती के वीर (Ma Bharati Ke Veer) (@MaBhartiKeVeer) October 26, 2021