दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने झूठे वादे, कारनामों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नकल करने की वजह से हमेशा सूर्खियों में रहते हैं। एक बार फिर वो प्रधानमंत्री मोदी की नकल करते नजर आए। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का नकल करते हुए ‘हर हाथ तिरंगा’ अभियान चलाया। इसके तहत दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह तिरंगे का अपमान किया, उससे लगता है कि उनके अंदर राष्ट्रीय प्रतीकों को लेकर कोई सम्मान नहीं है। केजरीवाल की नकल अब उनके गले की फांस बनती नजर आ रही है। इस मामले में यह कहना सही होगा कि नकल भी अकल से होता है, सिर्फ दिखावा करने से नहीं होता।
दरअसल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 अगस्त की शाम को दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित ‘हर हाथ तिरंगा’ अभियान कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें अरविंद केजरीवाल मंच पर हाथ में तिरंगा लहराते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि केजरीवाल के हाथ में झंडा नीचे की तरफ झुका हुआ है। उसका एक सिरा जमीन को स्पर्श कर रहा है। फिर भी केजरीवाल अपना चेहरा चमकाने में व्यस्त थे। उनको झंडे के सम्मान की कोई परवाह नहीं थी।
तालकटोरा स्टेडियम में केजरीवाल ने तिरंगे को ज़मीन पर घसीटकर देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया
जिस व्यक्ति के दिल में देशभक्ति और राष्ट्रवाद न हो वो तिरंगे का सम्मान क्या करेगा!!— Subhash (@subsharma740) August 16, 2022
सोशल मीडिया में यह वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि तालकटोरा स्टेडियम में केजरीवाल ने देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को जमीन पर नहीं घसीटा है, बल्कि तिरंगा विरोधी अपनी मानसिकता का खुलेआम प्रदर्शन किया है। अब बंद भी करो केजरीवाल ये नाटक, ये दिखावा।
तालकटोरा स्टेडियम में केजरीवाल ने देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को जमीन पर नहीं घसीटा है बल्कि तिरंगा विरोधी अपनी मानसिकता का खुलेआम प्रदर्शन किया है। अब बंद भी करो केजरीवाल ये नाटक – ये दिखावा। pic.twitter.com/7NfJ2zLBgQ
— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) August 14, 2022
बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी केजरीवाल पर तंज कसते हुए लिखा कि जिस तिरंगे के लिए लाखों क्रांतिकारियों ने अपनी शहादत दे दी, भारतीय सेना से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले घटिया आदमी ने उसी तिरंगे का अपमान किया, जो व्यक्ति IRS रहा हो उससे गलती नहीं हो सकती, ये ज़रूर अपने विदेशी आकाओं को खुश करने का प्रयास है।
जिस तिरंगे के लिए लाखों क्रांतिकारियों ने अपनी शहादत दे दी, भारतीय सेना से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत माँगने वाले घटिया आदमी ने उसी तिरंगे का अपमान किया । जो व्यक्ति IRS रहा हो उससे गलती नही हो सकती, ये ज़रूर अपने विदेशी आकायों को खुश करने का प्रयास है
pic.twitter.com/LLL1Uw0Z2k— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) August 15, 2022
मनीष नाम के यूजर ने लिखा, “केजरीवाल जी ये भारत का झंडा हैं, झाड़ू नहीं। इसकी इज्जत नहीं कर पा रहे हैं ठीक से तो भारत और भारत के लोगों की इज्जत क्या करोंगे? केजरीवाल जी आपसे कुछ नहीं हो पायेगा सिर्फ विज्ञापन के। देश प्रेम विज्ञापन देने से नहीं आता, दिल से आता है। स्वार्थी आदमी”
केजरीवालजी ये भारत का झंडा हैं, झाडू नहीं।
इसकी इज्जत नहीं कर पा रहे हैं ठीक से तो भारत और भारत के लोगो की इज्जत क्या करोगे?
केजरीवाल जी आपसे कुछ नहीं हो पायेगा सिर्फ विज्ञापन के।
देश प्रेम विज्ञापन देने से नहीं आता, दिल से आता है।
स्वार्थी आदमी? pic.twitter.com/3IedS2EBOh— राष्ट्रचेतना मंच,01, INDIA,राष्ट्र सर्वोपरि,KRT (@Mahesh_garg) August 15, 2022
राधा वशिष्ठ नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल ने हर मौके पर देश की सेना और तिरंगे और देश का अपमान किया है। क्या यह सबूत नहीं हैं ? किसान आंदोलन में भी लाल किले पर तिरंगे का अपमान करने की साजिश इसी गैंग की थी।
अरविंद केजरीवाल ने हर मौके पर देश की सेना और तिरंगे और देश का अपमान किया है
क्या यह सबूत नहीं हैं
किसान आंदोलन में भी लाल किले पर तिरंगे का अपमान करने की साजिश इसी गैंग की थी pic.twitter.com/C5P3i7BXoz— Radha Vashishtha (@RadhaVashisht12) August 16, 2022
केजरीवाल का ‘पाक’ प्रेम, 14 अगस्त को तिरंगा फहराने पर उठे सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब केजरीवाल ने तिरंगा झंडे का अपमान किया हो। इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 05 अगस्त, 2022 को डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले शाम 5 बजे हर भारतवासी अपने हाथ में तिरंगा लेकर राष्ट्रगान गाएं। केजरीवाल की इस अपील पर सवाल उठाए जाने लगे थे। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह अच्छी तरह से जानते हुए कि भारत को 15 अगस्त को स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन हम समझते हैं कि शाहीन बाग में जिन्ना वाली आजादी का समर्थन करने वाले 14 अगस्त को इसे क्यों मनाना चाहेंगे।
14th August? Arvind Kejriwal is sinister and evil. He is playing to a constituency, knowing fully well that India got its independence on 15th August. But we understand why those who supported ‘Jinnah Wali Azadi’ in Shaheen Bagh would want to celebrate it on 14th August. pic.twitter.com/vTlueBUkpy
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 5, 2022
दिल्ली भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने वीडियो संदेश जारी करते हुए सीएम केजरीवाल की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “14 अगस्त को आज़ादी का दिन बॉर्डर के इस पार नहीं बॉर्डर के उस पार होता हैं। दिल्ली में स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया जाएगा। आपको पाकिस्तान का जश्न मनाना है तो उधर जाकर मनाइए।”
सुनिए @ArvindKejriwal जी
14 अगस्त को आज़ादी का दिन बॉर्डर के इस पार नहीं बॉर्डर के उस पार होता हैं
दिल्ली में स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया जाएगा , आपको पाकिस्तान का जश्न मनाना है तो उधर जाकर मनाइए pic.twitter.com/rjldjbckR6
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 5, 2022
केजरीवाल ने खुद को किया शर्मसार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चार वीडियो आज सोशल वीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में सीएम केजरीवाल आजादी की 75वीं वर्षगांठ को स्वतंत्रता दिवस की 175वीं वर्षगांठ बोलते दिखाई दे रहे हैं, तो एक में वो 15 अगस्त को 26 जनवरी बता रहे हैं। एक अन्य वीडियो में केजरीवाल कह रहे हैं कि देश को आजाद हुए 70 साल हो गए हैं, जबकि एक वीडियो वो एक जवान को सम्मानित करते वक्त जो व्यवहार कर रहे हैं, उससे लोगों की हंसी बंद नहीं हो रही है। आप भी देखिए
पहला वीडियो: 175वीं वर्षगांठ-
दूसरा वीडियो: 15 अगस्त या 26 जनवरी-
तीसरा वीडियो: 70 साल
चौथा वीडियो: सम्मान-
केजरीवाल पर तिरंगे के साथ छेड़छाड़ का आरोप
मई 2021 में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तिरंगे का अपमान करने का आरोप लगाया था। इस विषय को लेकर केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल और अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी थी।
केंद्रीय मंत्री ने तिरंगे के अपमान को लेकर उपराज्यपाल से की शिकायत
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा था कि कुछ दिन से अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस देख रहा था, उनके पीछे लगे 2 ध्वज में सफेद रंग पर हरी पट्टियां बढ़ाई गई हैं। मैंने इसके लिए अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है, मैंने उपराज्यपाल को भी पत्र की कॉपी पहुंचाई है। अपनी चिट्ठी में केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो पीछे दो राष्ट्रीय ध्वज लगे होते हैं, उनमें सफेद हिस्से को छोड़कर हरा हिस्सा बढ़ा दिया गया है। इसमें गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन किया गया है।
केजरीवाल ने की थी गणतंत्र दिवस के बहिष्कार की बात
14अगस्त, 2022 को दिल्ली में तिरंगा फहराने की अपील करने वाले केजरीवाल से क्या आप गणतंत्र दिवस के बहिष्कार की बात सोच सकते हैं? नहीं ना? ऐसा वही सोच सकते हैं जिन्हें भारतीय लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। जैसे- आतंकवादी, नक्सलवादी। लेकिन आपकी सोच गलत है। ऐसा खुद को अराजकतावादी कहने वाले अरविंद केजरीवाल भी कर सकते हैं। जनवरी 2014 में रेल भवन पर धरने पर बैठे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 26 जनवरी का उत्सव संसाधनों की बर्बादी है। जो इंसान मुख्यमंत्री रहते संविधान दिवस तक की परवाह नहीं करे, वो वाकई अराजकतावादी ही हो सकता है।
आइए देखते हैं अरविंद केजरीवाल की देशभक्ति और पाकिस्तान परस्ती पर उठ रहे सवालों में कितना दम है और केजरीवाल ने कब-कब देश विरोधी हरकतें की हैं…
देश और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में चुनाव से पहले कहा था कि मैं अपने बच्चों की कसम खाकर कहता हूं कि कांग्रेस और बीजेपी से कोई गठबंधन नहीं करूंगा। लेकिन उन्होंने बच्चों की कसम तोड़कर कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बना ली। इसी तरह दिल्ली में बच्चों में देशभक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ की शुरुआत की, लेकिन पंजाब में सीमा सुरक्षा के मामले में केंद्र सरकार के फैसले का विरोध कर देश और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया।
देश की सुरक्षा के मुद्दे पर ‘आप’ की सियासत
दरअसल पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मामले पर आम आदमी पार्टी ने जमकर सियासत की। तत्कालीन AAP के प्रवक्ता और पंजाब के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने इसके लिए तत्कालीन राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर सीधा निशाना साधा था। उन्होंने सीएम चन्नी पर आरोप लगाया था कि चन्नी ने पंजाब का 50 प्रतिशत हिस्सा प्रधानमंत्री को सौंप दिया है। उन्होंने कहा था कि चन्नी ने आत्मसमर्पण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के हाथ राज्य की चाभी सौंप दी है।
50 प्रतिशत पंजाब पर राष्ट्रपति शासन लगाने का आरोप
राघव चड्ढा ने बीएसएफ का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किमी किए जाने पर कहा था कि आधे से ज्यादा पंजाब बीएसएफ को दिया गया है। आप नेता ने आगे कहा कि छह जिले पूरी तरह से, जबकि छह जिले आंशिक रूप से केंद्र सरकार के पास चले गए हैं। माझा इलाका तो अब केंद्र सरकार ही चलाएगी। एक तरह से 50 प्रतिशत पंजाब पर राष्ट्रपति शासन लग गया है।
केजरीवाल के लिए राजनीतिक मुद्दा
आम आदमी पार्टी केेंद्र सरकार के फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा न मानकर राजनीतिक मुद्दा मान रही थी। राघव के मुताबिक केंद्र सरकार यह अच्छी तरह समझ गई है कि पंजाब में वह कभी चुनावी जीत हासिल नहीं कर सकती और इसलिए इस इलाके पर उसका शासन होना संभव नहीं है। इसलिए उसने एक राजनीतिक साजिश के तहत बीएसएफ को ज्यादा अधिकार दिए जाने का पैंतरा अपनाया है।
देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
- बीते दो साल में ड्रोन ड्रॉपिंग की 33 घटनाएं हुई थीं।
- ड्रोन से 35 से ज्यादा ग्रेनेड गिराए जा चुके थे। (अक्टूबर 2021 तक के आंकड़े)
- ड्रोन से एके-47 और विस्फोटक भेजे जा रहे हैं।
- ड्रोन से टिफिन बम,आरडीएक्स, डेटोनेटर भेजे गए।
- ड्रोन्स के जरिए ड्रग्स की सप्लाई हो रही है।
- ड्रोन से बड़े पैमाने पर नकली नोट भेजे जा रहे हैं।
- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपना एजेंट भेज रही है।
- पाकिस्तान की सीमा से खालिस्तानियों की घुसपैठ का खतरा है।
क्या केजरीवाल के लिए ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है ?
पंजाब सीमावर्ती राज्य है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील है। आईएसआई, खालिस्तान समर्थकों और आतंकवादियों का खतरनाक कॉकटेल अवैध हथियारों और ड्रग्स की बदौलत भारत में अस्थिरता फैलाने की नापाक कोशिश में लगा है। ज्यादातर मामलों में ये ड्रोन हथियार या मादक पदार्थ गिराकर भागने में कामयाब हो जाते हैं। पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान के साथ सटी हुई है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों की सीमा पाकिस्तान से लगती है। 149 किलोमीटर की सीमा तो ड्रोन घुसपैठ के लिहाज से अति संवेदनशील है। लेकिन केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को ये राजनीतिक मुद्दा दिखाई दे रहा है।
नशे के चंगुल में फंसे युवा कैसे पढ़ेंगे देशभक्ति ?
केजरीवाल सरकार ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ के जरिए देशभक्ति की पाठ पढ़ा रही है। लेकिन सवाल उठ रहे है कि जब पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रग्स आ रहे हैं और इसकी वजह से पंजाब के साथ देश के अन्य हिस्सों में युवा इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं, तो इन युवाओं को देशभक्ति कैसे समझ में आएगी ? क्या इससे बच्चों का भविष्य बनेगा ? आखिर केजरीवाल सरकार युवाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर किस तरह की देशभक्ति सीखाना चाहती है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
उरी हमले पर देशविरोधी बोल
18 सितम्बर, 2016 को सुबह 4 बजे बारामूला में उरी के 12 वीं ब्रिगेड के मुख्यालय पर आतंकवादियों के आत्मघाती हमले में 17 जवान मारे गये और 19 जवान घायल हुए। पाकिस्तान की इस कायरतापूर्ण हरकत की जहां देशवासी और दुनियाभर के लोग निंदा कर रहे थे, वहीं केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाक को अलग-थलग करने की नीति की धज्जियां उड़ाने के मूड में राष्ट्रविरोधी वक्तव्य देने से भी नहीं चूके। केजरीवाल के लिए विरोध का मतलब विरोध होता है चाहे उसके लिए किसी भी हद तक उतर जाना पड़े। केजरीवाल ने एक अखबार के उस लेख का हवाला देते हुए 27 सितम्बर, 2016 को ट्विटर पर लिखा कि पाकिस्तान नहीं भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अलग पड़ता जा रहा है। इस ट्वीट को लेकर पाकिस्तान में केजरीवाल ने काफी वाहवाही बटोरी और यहां देश में सोशल मिडिया पर उनकी जमकर लताड़ मिली।
सर्जिकल स्ट्राइक पर राष्ट्रविरोधी बयान
29 सितंबर, 2016 की अंधेरी रात भारत के स्पेशल कमांडो दस्ते ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें कई आतंकवादी मारे गये। यह पूरा आपरेशन इतना खुफिया था कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई को इसकी जरा भी भनक नहीं लगी। इस आपरेशन से पूरा पाकिस्तान सकते में था और ऐसी किसी सर्जिकल स्ट्राइक को मानने से इंकार ही नहीं कर रहा था, बल्कि सबूत मांग रहा था। 29 सितम्बर को ही दिन में डीजीएमओ ले. जनरल दलबीर सिंह ने पूरे आपरेशन की सफलता की जानकारी देश को दी और सेना की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक होने की बात को साफ किया। केजरीवाल इस सर्जिकल स्ट्राइक की कामयाबी से इतने असहज हो गये कि वह देश के खिलाफ ही बोलने लगे और सेना की बात पर भरोसा न करते हुए पाकिस्तान की तरह सबूत मांगन लगे। दूसरे दिन अरविन्द केजरीवाल को पाक मीडिया ने अपने ‘हीरो’ की तरह पेश किया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा कि भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया के शक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी अविश्वास जताया।
जेएनयू में कश्मीर की आजादी और देश विरोधी नारे लगाने वालों का समर्थन
जेएनयू में 9 फरवरी, 2016 को अफजल गुरु पर एक सभा का आयोजन किया गया। अफजल को संसद हमला मामले में 2013 में फांसी दे दी गई थी। इस सभा में देश-विरोधी नारों में कश्मीर की आजादी के नारे लगे। जब इन नारों का विरोध करने के लिए छात्रों का एक गुट सामने आया तो स्थिति बिगड़ गई और पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम में केजरीवाल ने उन छात्रों का साथ दिया जो कश्मीर की आजादी और देश के टुकड़े होने के नारे लगा रहे थे। केजरीवाल के लिए बोलने की आजादी का महत्व देश की एकता और अखंडता से कहीं अधिक था। इन छात्रों का साथ देते हुए 12 फरवरी को उन्होंने एक ट्वीट किया।
इससे साफ पता चलता है कि विरोध के लिए केजरीवाल देश विरोधी शक्तियों का भी साथ दे सकते हैं। केजरीवाल से ही मिलता-जुलता ट्वीट भारत के मोस्ट वाटेंड आतंकवादी हाफिज सईद ने भी किया। एक आतंकवादी और केजरीवाल की जुबान में कोई फर्क नहीं दिखता।
देश की गरिमा को तार तार करने में नहीं चूकते
2015 में जब मोदी अमेरिका के दौरे पर थे तो वहां अलग-अलग कंपनियों के सीईओ से मिलना हो रहा था। प्रधानमंत्री उनसे देश में निवेश के लिए कह रहे थे, जो किसी भी देश के प्रधानमंत्री के लिए सामान्य व्यवहार है। ऐसे में केजरीवाल ने ट्वीट करके देश की गरिमा को तार-तार कर दिया।