वैश्विक फुटबॉल संस्था फीफा (FIFA) ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ पर प्रतिबंध लगा दिया है। फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ/AIFF) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। फीफा के नियमों के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह निर्णय लिया गया है। भारतीय फुटबॉल महासंघ को अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार फीफा से निलंबन झेलना पड़ा है। और यह सब हुआ है सिर्फ एक व्यक्ति की वजह से जिनका नाम प्रफुल्ल पटेल है जो पिछले 12 साल से भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाए बैठे थे। उन पर यह जिम्मेदारी थी कि तय समय पर चुनाव करवाकर सत्ता नए अध्यक्ष को सौंप दें लेकिन कुर्सी पर बने रहने की लालच में वह चुनाव टालते गए। आखिरकार सर्वोच्च न्यायालय ने मई में एआईएफएफ को भंग कर दिया था और खेल को संचालित करने, एआईएफएफ के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय समिति की नियुक्त की थी। भारत पर लगे प्रतिबंध की वजह से अब इस साल अक्टूबर में होने वाला वीमेंस अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप की भारत की मेजबानी पर भी संकट के बादल छा गए हैं। वहीं प्रतिबंध रहने तक राष्ट्रीय फुटबॉल टीम किसी इंटरनेशनल इवेंट में नहीं खेल पाएगी।
The greed of one man cost us this.
Never Forget, Never Forgive what Praful Patel did pic.twitter.com/IaWcWlEDoI— ً (@TheRobustRascal) August 16, 2022
देश के खिलाफ काम कर रहे प्रफुल्ल पटेल
भारतीय फुटबॉल में इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मैदान के भीतर तो वैसे भी अपनी फुटबॉल टीम वर्ल्ड लेवल से काफी पीछे है, लेकिन देश के फुटबॉल को चलानी वाली संस्थाओं में भी गड़बड़झाला जारी है। लंबे समय तक भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष रहे एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल पर गंभीर आरोप लगे हैं। ऐसे आरोप जो किसी भी भारतीय नागरिक को अपने ही देश के खिलाफ काम करने वाला बताते हैं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार प्रफुल्ल पटेल ने विश्व फुटबॉल को चलाने वाली संस्था फीफा और एशियाई फ़ुटबॉल परिसंघ (AFC) से भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दिलवाई है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की एक समिति (CoA) ने एक अवमानना याचिका दायर की। फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को पांच अगस्त को भेजे गए पत्र में भारत पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। उसने यह लेटर सुप्रीम कोर्ट के फुटबॉल महासंघ के चुनाव करवाने के निर्देश दिए जाने के बाद भेजा था।
This is deeply embarrassing for India. Hope tomorrow’s Supreme Court hearing charts a positive course of action. https://t.co/Al1KGvfSWw
— Boria Majumdar (@BoriaMajumdar) August 16, 2022
This is the guy who along with his pal Mallya destroyed Air India – made an unimaginable amount of money…and now this. His other dark deeds are still unknown.
— Vapester (@Vapester2) August 16, 2022
3 time World Cup winner, 2 time world footballer of the year, LEGEND of corruption made sure All India Football Federation is banned by FIFA. #AIFF pic.twitter.com/HoQvcUtxpW
— ? (@INDYEAH_) August 16, 2022
फीफा ने इस महीने की शुरुआत में दी थी चेतावनी
इस महीने की शुरुआत में ही विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित करने की धमकी दी थी। इसके साथ ही फीफा ने अक्तूबर में होने वाले महिला अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी के अपने अधिकार भी छीन लेने की चेतावनी दी थी। यह चेतावनी एआईएफएफ के चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के कुछ ही दिनों बाद दी गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी है और 28 अगस्त को चुनाव होने हैं।
Sorry girls @praful_patel and his Biriyani boys let you down! (On Independence Day no less ) pic.twitter.com/WUNJwqPwc2
— Joe Morrison (@joefooty) August 16, 2022
प्रफुल्ल पटेल के कारण हुई फजीहत
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल काफी साल से ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। प्रफुल्ल पटेल ने दिसंबर 2020 में अध्यक्ष के रूप में 12 साल पूरे कर लिए थे। खेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के पास खेल निकाय चलाने का कोई जनादेश नहीं है, क्योंकि उन्होंने अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और राष्ट्रीय निकाय को बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए। उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने मई में एआईएफएफ को भंग कर दिया था और कामकाज देखने एवं चुनाव कराने के लिए प्रशासकों की समिति (CoA) गठित कर दी थी।
Senior NCP leader @praful_patel is responsible for FIFA banning India today. We’ve also been stripped of our right to host U17 Women’s World Cup this year. pic.twitter.com/fuu1ytGQ3K
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) August 16, 2022
प्रफुल्ल पटेल CoA को भी परेशान करने में लगे रहे
अब प्रफुल्ल पटेल राज्य फुटबॉल संघों के साथ मिलकर CoA को परेशान करने की कोशिश में लगे हैं। अदालत की कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे हैं। राज्य फुटबाल संघों में दखल दे रहे हैं। माननीय न्यायालय ने कहा कि अगर राज्य संघ, अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल की बैठकों में भाग लेते हैं तो कोर्ट अपनी कार्यवाही करेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि भारत में होने वाले फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी में रोड़ा डाला गया तो फिर वह हस्तक्षेप करेगा।
Shameful
Praful Patel ‘arranged’ FIFA letter on India ban: SC panel
Be it Kejriwal or Praful Patel- for them sports is about me & myself! One dupes athletes! Other one works against their interests!
On one hand PM Modi encourages a theke yes but Patel & Kejriwal cheat them pic.twitter.com/8h5nYB8bTG
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) August 12, 2022
क्या है पूरा मामला?
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मई में एआईएफएफ को भंग कर दिया था और खेल को संचालित करने, एआईएफएफ के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय समिति की नियुक्त की थी। जवाब में फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने एएफसी महासचिव विंडसर जॉन के नेतृत्व में एक टीम को भारतीय फुटबॉल के हितधारकों से मिलने के लिए भेजा और एआईएफएफ के लिए जुलाई के अंत तक अपनी विधियों में संशोधन करने और बाद में 15 सितंबर तक नवीनतम चुनाव संपन्न करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया था। एआईएफएफ के चुनाव फीफा परिषद के सदस्य प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में दिसंबर 2020 तक होने थे, लेकिन इसके संविधान में संशोधन पर गतिरोध के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद इसी महीने की शुरुआत में (तीन अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत चुनाव कराने का आदेश दिया था और कहा था कि निर्वाचित समिति (सीओए) तीन महीने की अवधि के लिए एक अंतरिम निकाय होगी। इस पर पांच अगस्त को फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को लेकर भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को निलंबित करने की धमकी दी थी। फीफा के नियमों के मुताबिक, सदस्य संघों को अपने-अपने देशों में कानूनी और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। फीफा ने पहले इसी तरह के मामलों में अन्य राष्ट्रीय संघों को भी निलंबित किया है।
A week ago, the CoA had obtained evidence that AIFF ex-chief Praful Patel was back in the picture. Patel had held meetings with 35 member associations of the country “with the express purpose of interfering with the proceedings of the Supreme Court”.https://t.co/Zru9vLWUre
— Rishabh Bhatnagar (@Rish_Bhat) August 16, 2022
कब निलंबन हटाएगा फीफा
फीफा ने कहा- एआईएफएफ कार्यकारी समिति की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए प्रशासकों की एक समिति गठित करने के आदेश के निरस्त होने और एआईएफएफ प्रशासन एआईएफएफ के दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के बाद निलंबन हटा लिया जाएगा।
Praful Patel murdered Indian Football. FIFA has just printed the Death Certificate.#IndianFootball pic.twitter.com/X1PiN3gGsX
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) August 16, 2022
11 अक्तूबर से शुरू होना था अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्वकप
अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्वकप 11 से 30 अक्तूबर तक भुवनेश्वर, गोवा और मुंबई में आयोजित होना प्रस्तावित था। इसकी सफल मेजबानी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जवाबदेही पत्र पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी पहले ही दे दी थी। हालांकि अब प्रतिबंध के परिणामस्वरूप 11-30 अक्तूबर तक होने वाला आगामी फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप स्थगित रहेगा। फीफा ने कहा कि टूर्नामेंट का भविष्य तय समय में तय किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले को ब्यूरो ऑफ काउंसिल को भेजा जा सकता है। फीफा ने साफ कहा है कि अब यह आयोजन अपने तय समय के अनुसार भारत में आयोजित नहीं हो सकता है।
Thank you so much @praful_patel for the @FIFAcom ban even though yesterday the COA & @IndiaSports agreed to all DEMANDS by them-always knew that FIFA was a CORRUPT body which supports corruption at all levels-only thing they said no to was letting PP or Subrata in ????? pic.twitter.com/Gi0TOYwJqy
— Ranjit Bajaj (@THE_RanjitBajaj) August 16, 2022
कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) में कौन-कौन हैं?
सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व जज एआर दबे इस कमेटी के मुखिया बनाए गए, इसके अलावा पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी इसमें शामिल हैं। CoA ने सुप्रीम कोर्ट से अपील कर प्रफुल्ल पटेल को फीफा और एशियाई फ़ुटबॉल परिसंघ (AFC) में उनके हर पद से हटाने की अनुशंसा की है।
COA ने मानी फीफा की शर्तें
इस बीच जानकारी मिली है कि फीफा (FIFA) के प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ घंटे बाद ही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था की शर्तों के अनुसार अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के चुनाव कराने पर सहमत हो गई है। उच्चतम न्यायालय से नियुक्त प्रशासकों की समिति चुनावों और नए संविधान को लेकर फीफा की लगभग सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार है। हालांकि, फीफा ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा था कि जब तक कुछ शर्तें नहीं मानी जातीं तब तक यह निलंबन लागू रहेगा और उस स्थिति में भारत वर्ल्ड कप की मेजबानी नहीं कर पाएगा। फीफा ने मंगलवार को भारत को करारा झटका देते हुए तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर एआईएफएफ को निलंबित कर दिया और उससे 11 से 30 अक्टूबर के बीच होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए।
कौन-कौन कर सकता है मतदान?
जानकारी के मुताबिक, सीओए, फीफा और खेल मंत्रालय राज्य संघों के प्रतिनिधियों से बने निर्वाचक मंडल के साथ एआईएफएफ के चुनाव कराने पर सहमत हैं। अब इन चुनावों के निर्वाचक मंडल में 36 प्रख्यात खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया जाएगा। इससे पहले निर्वाचन अधिकारी ने जिन 36 खिलाड़ियों की सूची जारी की थी उनमें शब्बीर अली, मनोरंजन भट्टाचार्य, प्रशांत बनर्जी, आईएम विजयन और बाईचुंग भूटिया भी शामिल हैं। पांच प्रतिष्ठित खिलाड़ी (तीन पुरुष और दो महिला) हालांकि प्रस्तावित 22 सदस्यीय कार्यकारी समिति के सदस्य बन सकते हैं और उन्हें मतदान का अधिकार होगा।