दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीति पूरी तरह झूठ की बुनियाद पर टिकी हुई है। सियासत में प्रवेश से लेकर दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने तक करेजरीवाल ने एक के बाद एक कई झूठे दावे किए, जो आज भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की है कि देश के सभी लोगों को मुफ्त कोरोना टीके लगाए जाएंगे। लेकिन मोदी सरकार की ओर से दिए जा रहे मुफ्त टीके का क्रेडिट अरविंद केजरीवाल सरकार ले रही है। दिल्ली के ज्यादातर टीकाकरण केंद्रों पर लगाए गए बैनर पोस्टर में दिल्ली वालों को फ्री वैक्सीन दिलाने के लिए अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद दिया गया है।
#लो_एक_ओर_झूठ
दिल्ली के एक ‘वेक्सिनेशन सेंटर” पर
पोस्टर” देखने को मिला , जो लोग अनपढ़ या भोले होंगे उन्हें लग रहा होगा @ArvindKejriwal Free में वैक्सीन लगवा रहे है, जबकि सच्चाई ये है PM @narendramodi जी Free में वैक्सीन भेज रहे है, गज़ब है ??♂️ pic.twitter.com/nwKkNbpDpp— Impreet Singh Bakshi ਇਮਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਬਖ਼ਸ਼ੀ (@impreetsbakshi) June 17, 2021
ये पहली बार नहीं है दिल्ली के सीएम केजरीवाल इससे पहले भी झूठ बोलकर क्रेडिट लेने का काम कर चुके हैं-
केजरीवाल सरकार की मुफ्त राशन की घोषणा निकली झूठी
कोरोना संकट काल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 मई को दिल्ली के सभी 72 लाख राशन कार्डधारियों को मई-जून का राशन फ्री दिए जाने की घोषणा की थी। केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली में 72 लाख राशन कार्ड धारकों को अगले दो महीने मुफ्त में राशन दिया जाएगा। लेकिन न्यूज चैनल पर की गई केजरीवाल की मुफ्त राशन की यह घोषणा झूठी निकली। एक हफ्ते के अंदर ही सोमवार, 10 मई को दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि मई का राशन मुफ्त नहीं, बल्कि सामान्य दरों पर ही मिलेगा। केजरीवाल की घोषणा से अलग खाद्य आपूर्ति विभाग ने कार्ड धारकों से राशन की तय कीमत वसूलने का आदेश जारी किया है।
जागरण की खबर के अनुसार खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सहायक आयुक्त (वितरण) देशराज सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मई, 2021 का राशन वितरित होगा। इसमें गेहूं दो रुपये प्रति किलो, चावल तीन रुपये प्रति किलो और चीनी 13.50 रुपये प्रति किलो की दर से दी जाएगी।
मुफ्त राशन की घोषणा को लेकर इस तरह पलटी मारने पर लोग केजरीवाल सरकार की थू-थू कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग जमकर आम आदमी पार्टी सरकार की क्लास लगा रहे हैं। आप भी देखिए…
एक बार फिर @ArvindKejriwal ने पलटी मारी।
कदम कदम पर यह शकस लोगों से झूठ बोलता है।
4 मई को कहा को दिल्ली में 72 लाख लोगों को फ़्री राशन मिलेगा।10 मई को आदेश जारी करता है के गरीब लोगों से गेहूं-2 रुपए, चावल-3रुपए और चीनी-13.50 रुपए किलो के हिसाब से ली जाए।
शर्म बची है या उसको भी pic.twitter.com/4xkK85Iws3
— Harish Khurana (@HarishKhuranna) May 12, 2021
पहली टीचर्स यूनिवर्सिटी की स्थापना के दावे की निकली हवा
केजरीवाल सरकार ने मंगलवार यानि 9 फरवरी, 2021 को विधानसभा में बजट पेश किया। इसमें बेहतरीन टीचरों को तैयार करने के लिए एक टीचर्स यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया। बाद में केजरीवाल ने ट्वीट कर दावा किया कि उनकी सरकार देश की पहली टीचर्स यूनिवर्सिटी बनाने जा रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘दिल्ली सरकार इस साल देश की पहली टीचर्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करेगी। जहां देश और दुनिया के बेहतरीन शिक्षक तैयार किए जाएंगे।’
दिल्ली सरकार इस साल देश की पहली टीचर्स यूनिवर्सिटी की स्थापना करेगी। जहां देश और दुनिया के बेहतरीन शिक्षक तैयार किए जाएंगे।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 9, 2021
केजरीवाल का यह दावा ज्यादा समय नहीं रह पाया। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टीचर एजुकेशन (IITE) के वाइस चांसलर हर्षद पटेल ने ट्वीट कर केजरीवाल को ध्यान दिलाया कि गुजरात में इस तरह की यूनिवर्सिटी 2011 में ही बन चुकी है। हर्षद पटेल ने ट्वीट किया, ‘महोदय, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने 2011 में IITE (टीचर्स युनिवर्सिटी) की स्थापना की है। और फिलहाल मैं उस यूनिवर्सिटी के कुलपति का दायित्व निभा रहा हूं।’
महोदय , देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने 2011 में IITE ( टीचर्स युनिवर्सिटी)की स्थापना की है । और फिलहाल में उस युनिवर्सिटी के कुलपति का दायित्व निभा रहा हु। https://t.co/eupW8XRVKn
— Harsahd Patel (हर्षद पटेल ) (@harshad5350) March 9, 2021
केजरीवाल का झूठ घोटाला, एक और दावा निकला गलत
दिल्ली के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूरी राजनीति ही झूठे वादों और नौटंकी पर टिकी है, ये एक बार फिर साबित हो गया है। हमेशा से झूठ की सियासत करने वाले केजरीवाल ने नया झूठ ट्री ट्रांसप्लांटेशन को लेकर बोला है। अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कैबिनेट की बैठक में हमने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी पास कर दी है। अब आपको पेड़ काटना नहीं, बल्कि उसे दूसरी जगह शिफ्ट करना होगा। आज हमारे पास ऐसी तकनीक है कि हम उस पेड़ को उठाकर दूसरी जगह ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि पूरे देश में दिल्ली पहला ऐसा राज्य है जहां ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी पास हुई है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गुजरात में ट्री ट्रांसप्लांटेशन का काम सात साल पहले 2013 से ही हो रहा है। इस बारे में साल 2013 में देश-विदेश की कई पत्र-पत्रिकाओं में इस बारे में खबर छपी थी।
देखिए यू-टर्न मास्टर केजरीवाल ने कब-कब बोला झूठ और देखिए कब-कब आप नेताओं ने माफी मांग बचाई जान
अरुण जेटली से कोर्ट में माफीनामा
आप संयोजक अरविंद केजरीवाल अप्रैल, 2018 में भाजना नेता अरुण जेटली से माफी मांगी। सीएम केजरीवाल के साथ आशुतोष, संजय सिंह और राघव ने एक संयुक्त माफीनामा पटियाला हाउस कोर्ट में सौंपा। केजरीवाल ने पहले भी अरुण जेटली से माफी मांगी थी, लेकिन तब उन्होंने कहा था कि जबतक आप के सभी नेता माफी नहीं मांगते, केस वापस नहीं होगा। केजरीवाल ने अरुण जेटली पर डीडीसीए की अध्यक्षता के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। केजरीवाल के आरोप लगाने के बाद जेटली ने उनपर और उनके सहयोगी नेताओं पर 10 करोड़ रुपये मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था।
नितिन गडकरी से लिखित में मांगी माफी
इसके पहले केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से माफी मांगते हुए कोर्ट केस खत्म करने की गुजारिश की। केजरीवाल ने नितिन गडकरी को एक पत्र लिखकर उनके खिलाफ लगाए गए असत्यापित आरोपों के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘मेरी आपसे कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं है। मैं इसके लिए खेद जताता हूं। इस मामले को पीछे छोड़ते हुए कोर्ट केस को खत्म करें।’ केजरीवाल के माफीनामे के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मानहानि केस वापस ले लिया।
कपिल सिब्बल से भी मांगी माफी
आम आदमी पार्टी नेता अरविन्द केजरीवाल ने वर्ष 2013 में प्रेस कांफ्रेंस करके अमित सिब्बल (कपिल सिब्बल का बेटा) पर ‘निजी लाभ के लिए शक्तियों के दुरुपयोग’ का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वह ऐसे समय में एक दूरसंचार कंपनी की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए, जब उनके पिता कपिल सिब्बल केंद्रीय संचार मंत्री थे। केजरीवाल ने भाजपा नेता नितिन गडकरी के बाद कपिल सिब्बल और उनके बेटे अमित सिब्बल से भी अपने बयान के लिए खेद प्रकट किया।
CM @ArvindKejriwal has tendered an apology to me in the court,for all the baseless&false allegations he & his party levelled against me in drug https://t.co/Fl679yeKHW mother suffered the most due to all this&this apology is vindication of her faith in Waheguru’s power of justice pic.twitter.com/YXs3f710eu
— Bikram Majithia (@bsmajithia) March 15, 2018
अकाली नेता बिक्रम मजीठिया से मांगी माफी
पंजाब चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने चुनावी रैलियों में अकाली दल के महासचिव और प्रदेश के तत्कालीन मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर ड्रग्स माफिया होने का आरोप लगाए। यह आरोप अलग-अलग जगहों पर विवादित मुख्यमंत्री केजरीवाल बार-बार दोहराते रहे। इन आरोपों से दुखी होकर बिक्रम मजीठिया ने मानहानि का केस अमृतसर कोर्ट में किया। अब जब अरविन्द केजरीवाल को लगने लगा कि उनके आरोपों में कोई दम नहीं है, झूठे आरोप लगाने के मामले में जेल हो जाएगी तो आदतन अरविन्द केजरीवाल ने यू-टर्न मारा और लिखित में माफी मांगकर मुकदमा वापस लेने का अनुरोध किया है।
‘ठुल्ला’ पर मांगी माफी
मुख्यमंत्री रहते अरविन्द केजरीवाल ने एक टीवी इंटरव्यू में पुलिस के जवानों को ठुल्ला कहा था, बवाल होने पर यू-टर्न लेते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के लिए उन्होंने इस शब्द का प्रयोग किया था। अपने कहे पर उन्होंने माफी भी मांगी।
ईवीएम पर केजरीवाल के झूठ का पर्दाफाश
मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनाव में प्रत्याशी रहे श्रीकांत सिरसाट का दावा था कि उसे खुद का भी वोट नहीं मिला था। इस दावे के साथ उसने ईवीएम पर संदेह जताया था। श्रीकांत के दावे को आम आदमी पार्टी ने खूब उछाला। आप नेता इसे एक सुनहरा मौका समझ भुनाने में लगे थे लेकिन चुनाव आयोग ने जब पड़ताल की तो पता चला कि उसे जीरो नहीं 44 वोट मिले थे। इसके बाद श्रीकांत ने चुनाव आयोग से माफी मांग ली लेकिन आम आदमी पार्टी अब तक इस मुद्दे पर चुप है।
आइए देखते हैं अपनी नाकामी और गलती छिपाने के लिए दूसरे को बदनाम करने की कोशिश करने वाले केजरीवाल और उनके पार्टी नेताओं ने कब-कब बोला झूठ और लिया यू-टर्न
एलजी पर झूठा आरोप
अपनी गलती छिपाने के झूठ का सहारा लेने वाले केजरीवाल का एक और झूठ उस समय पकड़ा गया, जब केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के फाइलों को मंजूरी नहीं देते हैं जिससे दिल्ली सरकार का काम बाधित होता है। इस पर पलटवार उपराज्यपाल ने एक डाटा जारी करते हुए किया। उपराज्यपाल के डाटा से केजरीवाल सरकार के झूठ का पर्दाफाश हुआ।
केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल के कार्यों को लेकर 89 पेज की रिपोर्ट पेश किया। जिसमें उपराज्यपाल पर फाइलों को मंजूरी नहीं देने को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ प्रस्तावों का जिक्र किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी दिल्ली सरकार पर पलटवार करते हुए एलजी कार्यालय के कामों को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया। उन्होंने बताया कि जब से इस सरकार का गठन हुआ है तब से 10 हजार फाइल आए उसमें से 97 प्रतिशत फाइल को ज्यों का त्यों बिना कोई संशोधन के स्वीकृति दी गई। जिन फाइलों को कानून सम्मत नहीं पाया गया और जो नियम विरुद्ध थे, उसमें संशोधन करने की टिप्पणी देकर लौटाया गया था।
बुलेट ट्रेन किराये को लेकर पकड़ा गया था झूठ
आईआईटी से इंजीनियर और पूर्व राजस्व अधिकार रहे अरविंद केजरीवाल खुलेआम झूठ बोलने में माहिर हैं। बुलेट ट्रेन को लेकर वह मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के बारे में लोगों को झूठी जानकारी दे रहे थे। वह लोगों को बता रहे थे कि मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराया 75 हजार रुपये होगा जबकि यह 1800 से 3000 रुपये के बीच ही होगा। आप भी देखिए केजरीवाल के झूठ का वीडियो –
राजनीति में न आने की बात पर मारा यू-टर्न
अन्ना आंदोलन के दौरान कहा करते थे- राजनीति करने नहीं आया हूं, मुझे संसद नहीं जाना, पीएम-सीएम नहीं बनना, मैं भ्रष्टाचार मिटाने निकला हूं। लेकिन यू टर्न लेते हुए 26 नवंबर, 2012 को केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन कर लिया। और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं।
अन्ना की बात मानने पर किया यू-टर्न
अरविन्द केजरीवाल कहा करते थे कि जो अन्ना कहेंगे वही कहूंगा। पर अन्ना ने जब राजनीतिक दल बनाने पर हामी भरने से इनकार कर दिया तो ‘जनता की राय’ के बहाने नयी पार्टी बना डाली। अपने गुरु को अकेला छोड़ दिया। उनकी बातें ही इसका सबूत हैं-
कांग्रेस से समर्थन न लेने पर मारा यू-टर्न
केजरीवाल ने अपने बच्चों की कसम खाकर कहा था कि सरकार बनाने के लिए वो कांग्रेस को ना समर्थन देंगे ना कांग्रेस से समर्थन लेंगे। लेकिन सत्ता के लोभ में यू-टर्न ले लिया। कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में पहली बार सरकार बनायी और मुख्यमंत्री बन बैठे। 31 जनवरी 2015 को एक ट्वीट किया, जो उनके डर को दिखाता है और यह भी बताता है कि सत्ता के लिए वह हर काम करने के लिए तैयार है। इस ट्वीट को उन्होंने दस मिनट अपने एकाउंट से हटा दिया था।
सरकारी सुविधाएं न लेने पर मारा यू-टर्न
केजरीवाल कहा करते थे कि वो सरकारी बंगला, गाड़ी और लालबत्ती नहीं लेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री बनने पर न सिर्फ खुद के लिए बल्कि अपने तमाम मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के लिए भी सरकारी एश-ओ-आराम हासिल किए।
जनलोकपाल देने के वादे पर मारा यू-टर्न
सरकार में आने के बाद 15 दिन में जनलोकपाल लाने का वादा किया, पर वो वादा भी अधूरा रहा।
शीला दीक्षित के खिलाफ जांच पर मारा यू-टर्न
शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले उठाने वाले अरविन्द केजरीवाल चुप रहे। उन्होंने कहा था कि शीला दीक्षित के खिलाफ 370 पन्नों का सबूत है और सीएम बना तो वो 2 दिन में जेल जाएंगी। लेकिन मुख्यमंत्री बनने पर लम्बी चुप्पी साध ली, फिर भेज दी केन्द्र को रिपोर्ट।
दिल्ली छोड़कर न जाने पर यू-टर्न
सत्ता को अपनी मर्जी से चलाने की ऐसी सनक सवार थी कि जब उन्होंने देखा कि केन्द्रशासित राज्य दिल्ली में शासन करना आसान नहीं है, तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली का काम सौंप कर पंजाब और गुजरात में चुनाव प्रचार करने चल दिए। प्रचार अभियान में खुलासा हुआ कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बनेगें। इससे दिल्ली के लोग नाराज हो गये क्योंकि उनका मुख्यमंत्री किसी दूसरे राज्य का मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहा था जबकि दिल्ली में समस्याओं का अंबार लगा था।
भ्रष्टाचार से उत्पन्न कालेधन को खत्म करने पर यू-टर्न
केजरीवाल के अन्ना आंदोलन का मूल उद्देश्य देश से भ्रष्टाचार को खत्म करना था। इस भ्रष्टाचार की जड़ में देश का कालाधन था जिसे खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी अभियान शुरू किया। लेकिन केजरीवाल ने इसका जमकर विरोध किया क्योंकि उन्हें पीएम मोदी का विरोध करना था। ममता बनर्जी के साथ मिलकर नोटबंदी के खिलाफ जनसभा की और मोर्चा निकाला, जिसकी हवा निकल गई। केजरीवाल ने ट्विटर पर झूठी बातों का प्रचार किया।
जाति-धर्म से ऊपर उठकर राजनीति करने पर यू-टर्न
केजरीवाल ने भ्रष्टाचार ही नहीं जाति से ऊपर उठकर राजनीति करने की वकालत की थी लेकिन पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने यू टर्न ले लिया। केजरीवाल ने एलान किया है कि पंजाब में उनकी पार्टी जीती तो प्रदेश को पहला डिप्टी दलित सीएम मिलेगा। इसी तरह से वह धर्म की भी राजनीति करने के लिए कोई अवसर नहीं छोड़ते। मोदी का विरोध करने के लिए कभी वह हिन्दू और कभी मुस्लिमों की राग छेड़ देते हैं।
देशभक्ति की भावना पर केजरीवाल का यू-टर्न
देशभक्ति के तराने गाने वाले अरविन्द केजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक पर भी अपने देश की सरकार के दावे पर उंगली उठाई। पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे। जिसको लेकर सोशल मिडिया पर उनकी काफी थू-थू हुई।
भष्टाचारियों का न साथ देने पर मारा यू-टर्न
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार के लिए लगातार उंगली उठाते रहे अरविन्द केजरीवाल बिहार में चुनाव के दौरान यू-टर्न लेते दिखे, जब वो सार्वजनिक मंच पर लालू से गले मिले।
पार्टी को मिले दान को लेकर लिया यू-टर्न
राजनीति को पाक-साफ करने के इरादे से आई आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविन्द केजरीवाल ने पार्टी की वेबसाइट से दानदाताओं की सूची गायब कर दी। चंदे को लेकर दूसरी पार्टियों पर सवाल उठाने वाली आम आदमी पार्टी ने वेबसाइट रीलांच के नाम पर दानदाताओं की लिस्ट के ऑप्शन ही हटा दिया है। इससे पहले डोनर लिस्ट ऑप्शन पर क्लिक करने पर टेक्लिकल प्रॉब्लम बताकर पेज नहीं खुलता था। हालांकि वेबसाइट में चंदा देने के लिए डोनेशन का ऑप्शन रखा गया है। इस तरह से केजरीवाल ने डोनेशन के मामले में यू-टर्न ले लिया है।
धारा 144 लगाने पर केजरीवाल का यू-टर्न
केजरीवाल ने 23 दिसम्बर, 2012 को ट्वीट करते हुए धारा 144 को गलत बताया था। आगे भी अपने और साथियों के खिलाफ इस धारा के इस्तेमाल को गलत करार दिया था। लेकिन सत्ता में आने पर उन्होंने खुद अपने ही पूर्व साथियों के खिलाफ इस धारा का तब इस्तेमाल किया जब विधानसभा के बाहर वो प्रदर्शन कर रहे थे।
सतलुज-यमुना लिंक नहर पर केजरीवाल का यू-टर्न
विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब को ललचाई नजर से देख रहे अरविन्द केजरीवाल ने सतलज यमुना लिंक के पानी पर पंजाब का अधिकार तो बता दिया लेकिन जैसे ही हरियाणा सरकार ने मुनक नहर का पानी दिल्ली को देने पर पुनर्विचार की धमकी दी, मुख्यमंत्री केजरीवाल को यू टर्न लेना पड़ा।
उप राज्यपाल को ड्राफ्ट्स भेजने पर यू-टर्न
केजरीवाल सरकार विधानसभा में पेश करने से पहले बिल ड्राफ्ट्स को उप-राज्यपाल के पास नहीं भेजने पर अड़ी थी। बाद में सरकार को यू-टर्न लेना पड़ा और सारे ड्राफ्ट्स उप-राज्याल के पास भेजे जाने लगे।
समर्थन पर यू-टर्न
केजरीवाल ने बिहार चुनाव में किसी भी दल या नेता का समर्थन करने से इनकार किया, लेकिन बाद में नीतीश कुमार के लिए दिल्ली में रह रहे बिहारियों से वोट करने की अपील की।
पानी पर यू-टर्न
दिल्लीवासियों को 700 लीटर पानी रोज मुफ्त देने का वादा आप नेता अरविन्द केजरीवाल ने किया था। इस वादे के बदले दिल्ली वालों को उन्होंने ऐसा पानी पिलाया कि पहले से भी दुगना-तिगुना बिल देना पड़ रहा है।
पक्की नौकरी पर यू-टर्न
ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिए पक्की नौकरी का वादा भी केजरीवाल ने किया था, पर अब उस वादे से भी यू-टर्न ले चुके हैं।
चुनावी वादों पर यू-टर्न
चुनावी वादों को पूरा करने पर भी मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यू टर्न लिया। पहले कहा करते थे कि सभी वादों को पूरा करूंगा लेकिन दिल्ली में एक समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि पांच साल में 100 फीसदी नहीं भी हो तो 40-50 फीसदी वादे पूरा करना भी काफी होगा।