Home पोल खोल EXPOSED : कांग्रेस ने पंजाब में अपने वादे पूरे करने के बजाए...

EXPOSED : कांग्रेस ने पंजाब में अपने वादे पूरे करने के बजाए जनता को पकड़ाया झुनझुना, जानिए Top Ten कांग्रेसी वादे क्यों रहे बेनतीजा

SHARE

सत्ता में आने के लिए आतुर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आजकल उत्तर प्रदेश में वादों की लॉलीपॉप दे रही हैं, लेकिन हकीकत में जनता के हाथ में झुनझुना ही आता है। दरअसल, कांग्रेस की यही परंपरा रही है। कांग्रेस के पंजाब में साढ़े चार साल के कार्यकाल में हुए कामों और जनता के किए गए वादों की पड़ताल करें तो वास्तविकता बेहद चौंकाती है। जनता ने जिन उम्मीदों के साथ कांग्रेस को सत्ता सौंपी, वह तो पूरी हुई नहीं…मुश्किलें और बढ़ती गईं। दिग्गज कांग्रेस नेता जनता का भला करने के बजाए, आपस में ही लड़ते रहे। आइये,  2017 में कांग्रेस द्वारा पंजाब के लोगों से किए टॉप टेन वादों और उसके नतीजों की पड़ताल करते हैं…

1. वादा – चार हफ़्ते में नशे का खात्मा..
नतीजा : साढ़े चार साल में और बढ़ गया
नशा पंजाब में बड़ा मुद्दा रहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भटिंडा में प्रचार के दौरान हाथ में गटका साहिब उठा कर सरकार बनने पर चार हफ़्तों में नशा खत्म करने का वादा किया था…पर हकीकत यह है कि पंजाब में ड्रग्स का कारोबार अब भी जारी है. नवजोत सिंह सिद्धू और डिप्टी सीएम बने सुखजिंदर रंधावा तो पंजाब में नशे खासकर चिट्टे के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को सीधे दोषी ठहराते हुए उन्हें जेल में डालने की मांग करते रहे हैं। सिद्धू खेमा कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाता रहा है कि उन्होंने जानबूझकर मजीठिया के खिलाफ सख्ती बरतने के ऑर्डर नहीं दिए। कैप्टन के कार्यकाल के दौरान विभिन्न जिलों में 50 से ज्यादा युवाओं की नशे से मौत के मामले दर्ज हुए हैं। यह संख्या और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि ऐसे ज़्यादातर मामलों में पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। कांग्रेस सरकार ने ड्रग्स के ख़िलाफ़ बड़ी मुहिम कभी छेड़ी ही नहीं।

2. वादा – किसानों की कर्ज़ा-कुर्की ख़त्म, फ़सल की पूरी रकम
नतीजा : 90 हजार करोड़ में से सिर्फ सिर्फ 5 हजार करोड़ की माफी
कर्ज़ा-कुर्की ख़त्म, फसल की पूरी रकम का नारा लगाकर सत्ता में आई अमरिंदर सरकार ने न तो वादे के मुताबिक सभी किसानों का पूरा कर्ज़ा माफ किया और न ही प्रदेश में किसानों की कुर्की बंद हुई। इसके विपरीत कर्ज़ के बोझ तले किसान प्रदेश में ख़ुदकुशी कर रहे हैं. सरकार बनने से पहले सारे किसानों के सभी प्रकार के 90 हज़ार करोड़ रुपये के कर्ज़ माफ़ करने के वादा किया गया, लेकिन इसका परिणाम ऊंट के मुंह में जीरे के समान आया। कैप्टन सरकार ने कर्ज माफी की दिशा में जो थोड़ा-सा काम किया, उसमें बहुत ज्यादा शर्तें लगा दीं। नतीजा-कांग्रेस सरकार के साढ़े 4 साल के कार्यकाल में मात्र 5.64 लाख किसानों का 4623 करोड़ रुपए का कर्ज माफ हो पाया। 2.68 लाख मजदूरों का भी सिर्फ 526 करोड़ रुपए का लोन माफ किया गया।3. वादा – घर घर नौकरी, हर घर नौकरी, हर साल 1.61 लाख नौकरी
नतीजा : नौकरियां न दे पाने पर कांग्रेस ने ही कैप्टन की क्लास लगाई
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावी घोषणा पत्र में पंजाब के हर घर से एक व्यक्ति को नौकरी देने का वादा किया था. वादा किया गया था कि सरकार हर साल 1.61 लाख लोगों को नौकरियां देगी. पिछले साढ़े चार साल में घर घर नौकरी, हर घर नौकरी का वादा हवा-हवाई ही साबित हुआ है। दिखावे के लिए रोजगार मेले लगे, नियुक्ति पत्र भी बंटे, लेकिन लाखों की छोड़िए कुछ हजार युवाओं को ही नौकरी नसीब हो पाई। कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार पर ये वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगता रहा है। जुलाई-2021 में सोनिया गांधी के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे कैप्टन को जो 18 सूत्री कार्यक्रम दिया गया था, उसमें यह मुद्दा शामिल था। सिद्धू भी इसे लेकर कैप्टन सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं।4. वादा – खनन माफिया खत्म कर पंजाब का खजाना भरेंगे
नतीजा : माफिया हावी, रद्दी की टोकरी में सिद्धू की रिपोर्ट
पंजाब कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र की शुरुआत में तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार के कथित माफ़िया राज पर सवाल खड़ा करने की कोशिश की थी। लेकिन इस मुद्दे पर अब खुद ही कठघरे में है। कांग्रेस ने वादा किया था कि रेत माफ़िया, केबल माफ़िया, शराब माफ़िया, ड्रग्स माफ़िया औऱ ट्रांसपोर्ट माफ़िया को कांग्रेस सरकार बनने पर तुरंत खत्म किया जाएगा। लेकिन साढ़े चार साल में सरकार कुछ नहीं कर पाई। नवजोत सिंह सिद्धू और उनका खेमा इस बात को पूरी ताकत से उठाता रहा है कि पंजाब सरकार के पास रेत के अवैध खनन को रोकने के लिए न तो कोई पॉलिसी है और न ही सरकार ऐसी कोई पॉलिसी बनाना चाहती है। कांग्रेस सरकार ने खनन का खूनी खेल खेलने वाले किसी बड़े माफिया को जेल में नहीं पहुंचाया। इसके विपरीत कांग्रेस सरकार के ही एक मंत्री को गैरक़ानूनी खनन में नाम आने के कारण इस्तीफा देना पड़ा। 2017 में कैप्टन की कैबिनेट में मंत्री बनते ही सिद्धू, तेलंगाना और तमिलनाडू का मॉडल समझने के लिए खुद वहां गए और उसके बाद अपनी रिपोर्ट भी सरकार को दी, मगर कैप्टन ने उसे रद्दी की टोकरी के हवाले कर दिया।5. वादा – सरकारी कर्मचारियों का रखेंगे पूरा ख्याल
नतीजा : लाखों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत
कैप्टन ने सत्ता में आने के लिए ठेका भर्ती बंद करने, कर्मचारियों को रेगुलर करने, खाली पदों को भरने, बकाया भत्ते जारी करने के लिए महंगाई भत्ते की किस्त जारी करने के वादे किए थे. इनमें से वादे पूरे नहीं हुए. पंजाब में इस समय अध्यापक, आशा वर्कर, एएनएम, ठेका कर्मचारी, रोडवेज कर्मचारी और डीसी कार्यालय के कर्मचारी अपनी-अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इन कर्मचारियों की संख्या एक लाख से अधिक है। खुद सिद्धू का विरोध भी यही था कि कैप्टन सरकार को कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना चाहिए।6. वादा -नौजवानों, छात्रों को देंगा स्मार्टफोन
नतीजा : प्रियंका गांधी के वादे जैसा ही लॉलीपॉप
प्रियंका गांधी अब यूपी स्मार्टफोन देने का लॉलीपॉप दे रही हैं। पंजाब में चुनाव के दौरान स्मार्टफोन देने का वादा करते हुए कांग्रेस ने युवाओं से फॉर्म तक भरवाए। अब तक उनमें से किसी को भी फ़ोन नहीं मिला है. सरकार के खिलाफ की जा रही पोल खोल रैलियों में अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, कैप्टन के स्मार्टफोन पर चुटकुले सुना रहे हैं..

7. वादा – आटा दाल के साथ चीनी चाय पत्ती
नतीजा : अब लोगों को केवल गेहूं ही मिल पा रहा है
कांग्रेस ने अकाली-भाजपा सरकार की प्रतिष्ठित आटा दाल योजना के साथ चाय पत्ती और चीनी देने का वादा किया था। लेकिन अब लोगों को केवल गेहूं ही मिल पा रहा है. इस योजना में दाल, चीनी और चायपत्ती अब तक नहीं मिली। 

8. वादा – शराब माफिया पर पूरी तरह के नकेल कसेंगे
नतीजा : घर-घर में नकली और अवैध शराब की फैक्ट्रियां
कांग्रेस का वादा शराब माफिया पर पूरी तरह के नकेल कसने का था। लेकिन विपक्ष की छोड़िए कैप्टन सरकार के कई कैबिनेट मंत्री और नवजोत सिंह सिद्धू कहते रहे हैं कि प्रदेश में शराब माफिया हावी है। जगह-जगह अवैध शराब बिक रही है। घर-घर में नकली फैक्ट्रियां लगाकर शराब निकाली और बेची जा रही है। इससे पंजाब का खजाना बर्बाद हो रहा है। कांग्रेस हाईकमान को शराब माफिया के खिलाफ कैप्टन अमरिंदर सिंह को काम करने के लिए कहना पड़ा, लेकिन कुछ हुआ नहीं। पंजाब में केबल कारोबार भी पहले जैसा ही चल रहा है और शराब और ट्रांसपोर्ट के कारोबार में भी कहीं कोई अंतर नहीं दिख रहा।

9. वादा- बेघर दलितों को देंगे अपने घर की सौगात
नतीजा : राज्य में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़े
कैप्टन सरकार ने पंजाब में दलितों के सशक्तिकरण के लिए बेघरों को मकान, 50 हज़ार रुपये तक कर्ज़ माफ़ करने जैसे वादे किए थे जो जमीन पर पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। दलितों के खिलाफ अपराधों में जरूर बढ़ोतरी हुई है।10. वादा- कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की जान बचाएंगे
नतीजा : कर्ज के कारण किसानों की खुदकुशी अब भी जारी
कृषि प्रधान प्रदेश पंजाब का भूमिपुत्र बुरी तरह के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। कर्ज पर कर्ज बढ़ने से परेशान किसान खुदकुशी को मजबूर है। कांग्रेस ने सत्ता पाने के लिए वादा किया कि वह किसानों की जान बचाने के लिए सारे जतन करेंगे। साढ़े चार साल के बाद भी न तो किसानों की कर्जमाफी हो पाई और न ही उन्हें अन्य मुश्किलों से छुटकारा मिल पाया है। इसके कारण पंजाब में किसानों की खुदकुशी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

Leave a Reply