दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में अयोध्या को भी शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार (26 अक्टूबर, 2021) को रामलला के दर्शन के बाद ये बात कही थी कि अयोध्या दर्शन को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के साथ जोड़ा जाएगा। हालांकि केजरीवाल ने 24 घंटे बाद अपने वादे को पूरा कर दिया, लेकिन सवाल उठ रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ती, तो क्या केजरीवाल सरकार अयोध्या को हिन्दू तीर्थ स्थान का दर्जा दे पाती ?
सभी दिल्लीवासियों को बहुत-बहुत बधाई। अब मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत अपने बुजुर्गों को अयोध्या के दर्शन भी करवाए जाएंगे। आज कैबिनेट ने ये फ़ैसला लिया | LIVE https://t.co/3SQxukD8US
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 27, 2021
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि तीन साल बाद केजरीवाल सरकार को भगवान राम और उनकी अयोध्या नगरी की याद आई है। जनवरी 2018 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को मंजूरी दी गई थी। इसमें अयोध्या को शामिल नहीं किया गया था। इसमें जगन्नाथपुरी, शिर्डी, अमृतसर, जम्मू, द्वारका, तिरुपति रामेश्वरम, हरिद्वार, मथुरा, बोधगया ये स्थान शामिल थे। इस योजना पर अमल जून 2019 में शुरू हुआ। इस फैसले से पता चलता है कि केजरीवाल सरकार अयोध्या को हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ स्थान के रूप में दर्जा नहीं देती है। लेकिन चुनाव की मजबूरी और वोटों की चाहत ने भगवान राम और उनकी अयोध्या नगरी को मान्यता देने के लिए विवश किया।
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?मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal ने 2018 में दी थी मंजूरी, हर विधानसभा क्षेत्र के 1100 वरिष्ठ नागरिक करेंगे यात्रा pic.twitter.com/PMQu5PZDYR
— AAP Jhalawar (@AAP4Jhalawar) June 2, 2019
हालांकि आम आदमी पार्टी इसे केजरीवाल की भगवान राम में आस्था और विश्वास से जोड़ रही है। लेकिन दूसरे राजनैतिक दल केजरीवाल के इस कदम और अयोध्या दौरे को सियासी बता रहे हैं। अयोध्या की मुफ्त यात्रा के अरविंद केजरीवाल के ऐलान पर तंज कसते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिकों को दिल्ली से भगाने वाले मुख्यमंत्री को चुनाव के समय भगवान राम और यूपी के लोग याद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग पहले राम को गाली देने से भी नहीं चूकते थे मगर आज जब लग रहा है कि राम के बगैर नैया पार होने वाली नहीं है तो राम के दर्शन के लिए अयोध्या आ रहे हैं। अच्छी बात है, कम से कम राम के महत्व और अस्तत्वि को इन्होंने स्वीकार तो किया।
ये सपा-बसपा-कांग्रेस और अब एक दिल्ली वाले भी पहले भगवान श्री राम को गाली देते थे और अब माथा टेकने अयोध्या जा रहे हैं: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath#BJP4UP pic.twitter.com/KyD5lOEFFA
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) October 26, 2021
गौरतलब है कि मार्च 2014 में कानपुर की एक रैली में दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा था, “जब बाबरी मस्जिद का ध्वंस हुआ तब मैंने अपनी नानी से पूछा कि नानी आप तो अब बहुत खुश होंगी? अब तो आपके भगवान राम का मंदिर बनेगा। नानी ने जवाब दिया – ना बेटा, मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़ कर ऐसे मंदिर में नहीं बस सकता।” एक अन्य बयान में उन्होंने ‘मंदिर वहीं बनाएँगे, पर तारीख़ नहीं बताएँगे’ वाले नैरेटिव को आगे बढ़ाया था।
अब नानी को क्या मुँह दिखाओगे? pic.twitter.com/wafnnXgy4V
— माँ भारती के वीर (Ma Bharati Ke Veer) (@MaBhartiKeVeer) October 26, 2021