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रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर, जनवरी में EPFO से जुड़े 14.86 लाख नए सदस्य

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रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेतृत्व में केंद्र सरकार की नीतियों के कारण देश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। देश में रोजगार की स्थिति बेहतर हुई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। ईपीएफओ की ओर से जारी पेरोल डेटा के अनुसार ईपीएफओ ने जनवरी, 2023 के दौरान कुल 14.86 लाख नए ग्राहक बनाए हैं। यह पेरोल डेटा अनंतिम है, डेटा जनरेशन के बाद इसे अपडेट किया जाता है।

जनवरी में जुड़े 14.86 लाख सदस्यों में से 7.77 लाख नए सदस्य हैं। इसमें से 55.52 प्रतिशत 18-25 वर्ष आयु- वर्ग के हैं। 18 से 21 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों की संख्या 2.26 लाख है, जबकि 22 से 25 साल के आयु वर्ग के लोगों की संख्या 2.06 लाख है। यह दिखाता है कि संगठित क्षेत्र के कार्यबल में रोजगार के इच्छुक बहुत से लोग पहली बार बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं।

जनवरी माह के दौरान 2.87 लाख नए महिला पेरोल जोड़े गए। इसमें से 1.97 लाख नई महिला सदस्य हैं। इस तरह कुल महिला सदस्यों में से 68.61 प्रतिशत महिलाएं पहली बार ईपीएफओ के अंतर्गत आई हैं।

पेरोल के आंकड़ों की राज्य-वार डेटा में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और दिल्ली की कुल सदस्यों में 58.85 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। कुल सदस्यों की संख्या में 22.73 प्रतिशत सदस्‍य जोड़कर महाराष्ट्र सबसे आगे है, इसके बाद 10.58 प्रतिशत सदस्‍यों के साथ कर्नाटक राज्य का नंबर है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन संगठित क्षेत्र में 15,000 रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले और कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (EPS-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं।

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