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शिवराज सरकार को घेरने के चक्कर में झूठे ट्वीट से दिग्विजय फिर खुद फंसे, कूटरचित दस्तावेज पहले भी कर चुके हैं वायरल, धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज

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हमेशा जान-बूझकर विवादित बयान देकर सुर्खियों में रहने की कुचेष्ठा करने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अब शिवराज सरकार को घेरने के चक्कर में खुद ही घिर गए हैं। दिग्विजय ने बिहार का वीडियो ट्वीटर पर शेयर कर उसे खरगोन हिंसा का बता दिया। इस तरह का धार्मिक उन्माद फैलाना अब उनको महंगा पड़ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बिहार के फोटो को खरगोन का बताकर ट्वीट करने के मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने कूटरचित दस्तावेज से धार्मिक भावनाएं आहत करने समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बीजेपी ने ट्वीट को अंतरराष्ट्रीय साजिश बताकर जांच करने की मांग की है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह का ट्विटर हैंडल बंद करने की अपील की है।

दिग्विजय सिंह ने बिहार का फोटो खरगोन का बताकर किया था भड़काऊ ट्वीट
खरगोन दंगे के मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की है। उन्होंने मंगलवार को मस्जिद पर चढ़े एक शख्स का फोटो ट्वीट करके उसे खरगोन का बताया था। हकीकत में यह फोटो बिहार का है। ट्वीटर पर दिग्विजय के लाखों फोलोअर होने के कारण यह फोटो खरगोन का मानते हुए वायरल हो गया। दिग्विजय ने पुलिस कमिश्नर भोपाल और श्यामला हिल्स थाने को इस संबंध में पत्र भी भेजा। उनका कहना है कि कानून की अलग-अलग व्याख्या नहीं हो सकती, अपराध सामान्य नागरिक करे या मुख्यमंत्री मुकदमा दर्ज होना चाहिए। इससे पहले मस्जिद पर चढ़े शख्स का फोटो शेयर करते हुए दिग्विजय ने लिखा था- ‘क्या तलवार-लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है? क्या खरगोन प्रशासन ने इसकी इजाजत दी थी।’

दिग्विजय सिंह प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की कर रहे साजिश-सीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश कर रहे हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि आगे हनुमान जयंती और ईद है, अपने प्रभार के जिलों में कानून व्यवस्था दुरुस्त रखें। प्रदेश शांति का टापू है। किसी भी कीमत पर अशांति नहीं होने दूंगा।

मध्य प्रदेश को बदनाम करना दिग्विजय की आदत- नरोत्तम मिश्रा
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात कही। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा- मध्य प्रदेश को बदनाम करने की बात हो या साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की बात हो, दिग्विजय सिंह ऐसा करते रहे हैं। पहले पाकिस्तान के ब्रिज को भोपाल से जोड़ दिया था। अब बिहार की मस्जिद, जिसमें झंडा फहराया जा रहा है, उसे मध्यप्रदेश से जोड़कर दिखाया। दिग्विजय सिंह पर क्या वैधानिक कार्रवाई हो सकती है, इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

 दिग्विजय ट्वीट कर देते हैं, हमसे जवाब देते नहीं बनता- कांग्रेस विधायक
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के ट्वीट से बीजेपी ही नहीं कांग्रेसी नेता भी आहत हैं। इस ट्वीट ने कांग्रेस की फूट भी उजाकर कर दी है। छिंदवाड़ा के परासिया से कांग्रेस के विधायक सोहन बालमिक ने कहा है कि दिग्विजय सिंह अपने ट्वीट से कांग्रेस को कठघरे में खड़ा ना करें। वे कांग्रेस के बड़े नेता है, अगर उनके पास इसका प्रमाण है तो सामने लाएं। उनके एक ट्वीट से कांग्रेस पार्टी कटघरे में खड़ी हो जाती है, हम लोगों को जवाब देते नहीं बनता है। अपनी गलती का अहसास होने पर दिग्विजय ने पोस्ट डिलीट कर दी।

 जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ उनमें सात साल की सजा का प्रावधान
दिग्विजय पर IPC की धारा 153(A), 295(A), 465 और 505 (2) के तहत केस रजिस्टर्ड किया गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ ये मामला राजधानी के MP नगर इलाके में रहने वाले प्रकाश माण्डे की शिकायत पर दर्ज किया। प्रकाश ने क्राइम ब्रांच को आवेदन देते हुए बताया कि दिग्विजय सिंह ने फेब्रिकेटेड फोटो ट्वीट कर धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश कर, प्रदेश में अस्थिरता लाने की कोशिश की। प्रकाश प्राइवेट जॉब करते हैं। क्राइम ब्रांच ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर जिन धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। वह सभी जमानती धाराएं हैं। सात साल से कम सजा की धाराएं हैं। पुलिस के पास दिग्विजय के लिए दो रास्ते हैं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है, या नोटिस तामील कराकर उन्हें छोड़ सकती है। नोटिस तामीली के बाद उन्हें कोर्ट में जमानत लेनी होगी।

इन पांच बिन्दुओं के आधार पर पुलिस कर सकती है दि्ग्विजय की गिरफ्तारी
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ जमानती धाराओं में केस दर्ज किया गया है, लेकिन पुलिस कुछ बिंदुओं के आधार पर गिरफ्तारी भी कर सकती है। सात वर्ष से कम कारावास के मामले में अभियुक्तों को सीधे गिरफ्तार करने के बजाय पहले धारा 41 दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता देखी जाती है। पुलिस का जांच अधिकारी धारा 41 के प्रावधानों के अनुपालन में चेक लिस्ट प्रयोग करते हुए संतुष्ट न होने पर अभियुक्त की गिरफ्तारी करते हैं। चेक लिस्ट के पांच बिंदु ये हैं-1. कोई अपराध घटित कर सकता हो। 2. साक्ष्य मिटा सकता हो। 3. विवेचना में जरूरत हो। 4. कोर्ट में पेश नहीं होने की आशंका हो और 5. साक्षी पर दबाव डाल सकता हो।

दिग्विजय के झूठे ट्वीट पर बीजेपी हमलावर, प्रदेश अध्यक्ष बोले-यह अंतरराष्ट्रीय षड़यंत्र
दूसरी ओर मध्य प्रदेश बीजेपी झूठे ट्वीट को लेकर दिग्विजय पर हमलावर है। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि यह दिग्विजय सिंह का आज का नहीं, बहुत पुराना चरित्र है। एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है, जिसके तहत वे काम कर रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत वे इस देश के अंदर प्रदेश के अंदर काम कर रहे हैं।बीजेपी ने भी दिग्विजय सिंह पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, क्योंकि वे पहले भी इस तरह के अनर्गल ट्वीट करते रहते हैं। मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि इस झूठे फोटो को ट्वीट करने के लिए उन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने और दंगे भड़काने के प्रयास का मामला दर्ज होना चाहिए। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हितेष बाजपेयी ने लिखा- आज अपनी गिरफ्तारी के डर से, पहले से ही “जमानतशुदा” दिग्गी ने झूठा ट्वीट डिलीट कर बचने की कोशिश की है।

अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे दिग्विजय, दो साल पहले भी किया कूटरचित वीडियो वायरल
दिग्विजय सिंह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। दो साल पहले भी सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कूटरचित वीडियो वायरल करने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत 12 लोगों पर केस दर्ज किया था। पुलिस ने ये कार्रवाई भाजपा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर की थी। पुलिस ने एक एफआईआर में 11 लोगों को आरोपी बनाया, जबकि दूसरी एफआईआर में दिग्विजय सिंह आरोपी थे। उन्होंने यह वीडियो ट्विटर पर जारी किया था। भोपाल रेंज एडीजी उपेंद्र जैन के मुताबिक दिग्विजय को मानहानि, कूट रचना समेत अन्य धाराओं में आरोपी बनाया था। उनके खिलाफ पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विश्वास सारंग, रामेश्वर शर्मा और जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी समेत समेत अन्य नेताओं ने शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि 21 जनवरी 2020 को शिवराज सिंह ने खुद 2.19 मिनट का यह वीडियो ट्विटर पर जारी किया था, लेकिन दिग्विजय ने कांट-छांट कर 9 सेकंड का वीडियो जारी किया। इसमें सिर्फ यह है था कि शराब इतना पिलाओ की पड़े रहें।

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