Home गुजरात विशेष ‘पंच शक्ति’ से हुआ गुजरात का विकास

‘पंच शक्ति’ से हुआ गुजरात का विकास

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इमारत बुलंद बनानी हो तो पहले उसकी नींव मजबूत करो। 2001 में जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात की कमान संभाली तो विकास के हर पैमाने पर पिछड़े गुजरात की बुनियाद को ठीक करने की ठानी। उन्होंने सबसे पहले विकास की पंच शक्ति को अपनाया और गुजरात के विकास की नींव मजबूत करनी शुरू कर दी। जन शक्ति, जल शक्ति, ऊर्जा शक्ति, ज्ञान शक्ति और रक्षा शक्ति को मजबूत करने के लिए उन्होंने पंचामृत योजना की शुरुआत की। इस पंच आयामी योजना से गुजरात की शक्ति बढ़ी है। इसी का नतीजा है कि गुजरात आज एक मॉडल स्टेट के तौर पर स्थापित हो चुका है।

जन शक्ति से बदला गुजरात
गुजरात में जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ कई ऐसी योजनाएं बनाईं जो जन भागीदारी की मिसाल बन गईं। नरेंद्र मोदी ने कमान संभालने के पहले साल में ही 20 हजार चेक डैम का निर्माण जन सहयोग के बूते किया। नर्मदा से सीधे पाइपलाइन के जरिये घर-घर में पानी पहुंचाई गई। 2005 तक गुजरात में छह लाख चेक डैम बना दिए गए। विश्वकर्मा योजना के तहत एक करोड़ बीस लाख युवकों को औजार और मशीनें दी गईं। प्राकृतिक आपदा राहत कार्य योजना से 4,80,000 लोगों को रोजगार दिलाया।


रक्षा शक्ति से कायम हुआ कानून का राज
गुजरात में कानून का राज कायम करके लोगों में भय का निवारण किया गया है। सीमांत गांवों में शक्ति ग्राम और महिला पुलिस थानों के जरिए महिला अपराध पर रोक लगाई गई है। भय और बल से मतान्तरण पर रोक लगाने के लिए धर्म परिवर्तन निरोधक कानून पारित किया गया। सहकारी बैंक के क्षेत्र में आर्थिक अपराध और जालसाजी की रोकथाम के लिए कानून बनाए। आतंकवाद से निपटने के लिए चेतन कमान्डो का गठन किया गया। महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए हर जिले में महिला पुलिस थानों की स्थापना की गई।

ज्ञान शक्ति से गुजरात ने दिखाई राह
ज्ञान रथ योजना, कर्मयोगी योजना जैसी कई योजनाएं बनाई गईं जिससे गुजरात में शिक्षा के स्तर में सुधार आया। तत्कालीन गुजरात सरकार ने स्कूल में बच्चे के प्रवेश के समय पिता के साथ माता का नाम अनिवार्य कर दिया। कर्मयोगी योजना के तहत माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए सघन प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। सीमा क्षेत्र में कच्छ विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।

ऊर्जा शक्ति से रोशन हुआ गुजरात
बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए कई ऐसी योजनाएं बनाई गईं जिसने गुजरात की तस्वीर बदल दी है। आज ये गुजरात की शक्ति है। बिजली उत्पादन और उसके वितरण प्रणाली में सुधार किए गए। औद्योगिक इकाइयों को बिजली मिलने में सहूलियत दी गई। बिजली चोरी के खिलाफ अभियान शुरू किया गया। ज्योति ग्राम योजना के तहत गांवों में 24 घंटे बिजली दी गई।

जल शक्ति से हरा-भरा हुआ गुजरात
जल समितियों का गठन, चेक डैम का निर्माण और स्कल्पर जैसी योजनाओं ने हरित गुजरात की कल्पना को साकार किया। जल समितियों के जरिये नर्मदा के जल का वितरण किया जाता है। छह लाख से ज्यादा तालाबों, झीलों, कुओं और जलाशयों को पुनर्जीवित किया गया। नर्मदा नदी का पानी सूखी साबरमती में बह रहा है। सरस्वती, रूपेण और पुष्पवती सहित 23 नदियों में नर्मदा का पानी पहुंचाया जा रहा है।

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