Home पोल खोल कांग्रेस विधायक मेघवाल ने ही खोली गहलोत सरकार के अत्याचारों की पोल,...

कांग्रेस विधायक मेघवाल ने ही खोली गहलोत सरकार के अत्याचारों की पोल, बोले-प्रदेश में दलितों पर अमानवीयता अब सहन नहीं होती, इसलिए दे दिया इस्तीफा, राजस्थान में दलित छात्र की हत्या का मामला गरमाया

SHARE

राजस्थान की कांग्रेसी गहलोत सरकार में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा गर्मा गया है। जालोर जिले में स्कूल टीचर की निर्ममता से की पिटाई से हुई नौ साल के दलित मासूम छात्र की ‘हत्या’ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी के बारां के अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने दलितों पर हो रहे लगातार अत्याचार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस पर चुप्पी से आहत होकर सीएम को अपना इस्तीफा ही भेज दिया है। अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने अपने पत्र में साफ लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी राजस्थान में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। अपने ही विधायक के आरोपों के बाद कांग्रेस में खलबली है। दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश महामंत्री व रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने वीडियो बयान जारी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।

नौ साल के दलित छात्र की बेहद निर्ममता के पिटाई, बीजेपी ने कहा-यह मौत नहीं हत्या है
राजस्थान सरकार द्वारा लापरवाह रवैया अख्तियार करने के कारण सरकारी स्कूलों में आए दिन बच्चों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आती रही हैं। कई बार मासूम बच्चों की छोटी सी बात पर इतनी पिटाई की जाती है कि उनकी हड्डी तक टूट जाती है। इस बार तो जालौर में अत्याचार की सारी हदें ही पार कर दी गईं। जालोर जिले में स्कूल टीचर की निर्ममता से की पिटाई से नौ साल के दलित मासूम छात्र की मौत ही हो गई। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा एक दलित बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और यह सरकार संवेदनहीन और अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है।आज राजस्थान में दलित समाज जितने अत्याचार झेल रहा है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता
राजस्थान में दलितों पर अत्याचार का यह कोई पहला मामला नहीं है। दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म, दलितों से मारपीट और हत्या के कई मामले प्रदेश के थाने में दर्ज हैं। यहां तक कि कई बार तो दलित समाज के दूल्हों को घोड़ी तक पर नहीं बैठने दिया जाता है। दलितों के खिलाफ प्रदेश के इसी सिस्टम को कटघरे में खड़ा करते हुए दलित कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने यह लिखित इस्तीफा सीएम को भेजा है। पानाचंद ने कहना है कि ऐसी घटनाओं से मेरा मन काफी आहत है। मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है। उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

गहलोत सरकार में कहीं घोड़ी पर चढ़ने तो कहीं मूंछ रखने पर दलितों पर घोर यातनाएं
अपने त्याग पत्र में विधायक पानाचंद मेघवाल ने लिखा कि प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।अत्याचार से आहत होकर अंतरआत्मा की आवाज सुनकर दे रहा हूं इस्तीफा-मेघवाल
जालोर में दलित छात्र के साथ मारपीट के बाद उसकी मौत की घटना से आहत हुए दलित विधायक पानाचंद मेघवाल ने कहा कि जब हम हमारे समाज के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलवाने में नाकाम होने लगे तो हमें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। एमएलए ने लिखा’ ‘मैं अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा देता हूं।’ उन्होंने सीएम से कहा, ‘विधायक पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें, ताकि मैं बिना पद के ही समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा कर सकूं।’

सीएम को चेताया कि दलितों पर अत्याचार के मामलों में जानबूझकर FR लगा दी जाती है
विधायक पानाचंद मेघवाल ने त्यागपत्र लिखकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एमएलए ने अपने त्यागपत्र में यह लिखते हुए सीएम को चेताया कि दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में FR लगा दी जाती है। कई बार ऐसे मामलों को जब मैंने विधानसभा में उठाए, उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया। बता दें कि मुख्यमंत्री को त्यागपत्र भेजने वाले बारां-अटरू विधानसभा के विधायक पानाचंद मेघवाल खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया गुट से आते हैं।

गहलोत सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया
जालौर के सुराणा गांव टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीजेपी प्रदेश महामंत्री व रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने वीडियो बयान जारी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। दिलावर ने कहा सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के अध्यापक ने एक छोटे बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी और यह सरकार संवेदनहीन है। यानी सरकार अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है। दिलावर ने कहा कि सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया है। 8 लाख 25 हजार तो इंट्रो सिटी में किसी का मर्डर हो जाता है, तो मिलता ही है। 5 लाख चिरंजीव योजना में मिलता है। 13 लाख 25 हजार तो वैसे भी होते हैं। प्रदेश सरकार ने क्या दिया? झुनझुना पकड़ा दिया गरीब परिवार को जानकारी नहीं इसलिए बेवकूफ बना रहे हैं।कांग्रेस दलितों की दुश्मन, महिलाओं से रेप होते हैं तो ये बलात्कारियों के साथ हो जाते हैं- दिलावर
सरकार ने नियमों से हटकर कोई भी राहत नहीं दी। इसका सीधा-सीधा अर्थ है यदि कोई बड़े आदमी का बेटा मरता है, या किसी हस्ती के साथ ये घटना होती तो शायद 25-50 लाख तक दे देते लेकिन वह गरीब का बेटा, अनुसूचित जाति का बेटा है। उसकी हत्या हुई है इसलिए सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया। उन्होंने कहा कि इसीलिए अनुसूचित जाति के लोगों से कहना चाहता हूं ये ऊपर से लेकर नीचे तक कांग्रेस हमारी दुश्मन है। और हमारी हत्या करवाने के बावजूद भी हमारा मजाक बनाती है। हमको नासमझ समझती है। हम सब जानते हैं। अनुसूचित जाति की महिलाओं व बच्चों के साथ रेप होते हैं, तो ये उन बलात्कारियों के साथ खड़े हो जाते हैं।

 

Leave a Reply