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भगवान श्री राम से नफरत करती है कांग्रेस, राम मंदिर का ताला खोलने को कांग्रेस नेता जयराम रमेश मान रहे गलती

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कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की हिंदू धर्म, हिंदू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। इसलिए भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण में हमेशा बाधा डालने की कोशिश की है। एकबार फिर कांग्रेस नेताओं का हिन्दू धर्म और भगवान श्री राम विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। हाल ही में लिंगायत बने राहुल गांधी के खासमखास वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भगवान श्री राम के मंदिर को लेकर जो बयान दिया है, उससे पता चलता है कि कांग्रेस के नेता नहीं चाहते हैं कि भगवान श्री राम भव्य मंदिर में विराजमान हों। वे हमेशा उन्हें कैद में रखना चाहते थे। इसलिए कांग्रेस नेता अयोध्या में ताला खोलने और भगवान श्री राम को आजाद करने को गलती मान रहे हैं।

दरअसल सोशल मीडिया पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो वेबसाइट Satyahindi.com पर आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और पत्रकार आशुतोष से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। इस बातचीत में जयराम रमेश ने कांग्रेस की भगवान श्री राम विरोधी मानसिकता को फिर जाहिर करते हुए कहा कि गलतियां हमसे भी हुई हैं। ऐसा नहीं कि हमने गलतियां नहीं कीं। जो ताले खुलवाए गए अयोध्या में, 1986 में। इस पर फिर से चर्चा हो सकती है। 

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस महासिचव जयराम रमेश का बयान शेयर करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिख, “1986 में अयोध्या के ताले खुलवाना हमारी गलती थी – कांग्रेस की भगवान राम विरोधी मानसिकता एक बार फिर तुष्टिकरण के दोराहे पर खड़ी है। ये भारत जोड़ो यात्रा नहीं, हिंदुओं को अपमानित करो, जातियों में तोड़ो और देश विरोधी ताक़तों को जोड़ो मुहिम है।”

आइए जानते हैं राहुल गांधी और कांग्रेस कब-कब भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण में बाधाएं खड़ी कीं और हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित किया… 
  
अयोध्या में राम भूमि पूजन को लेकर दुनिया भर में हिंदुओं के बीच उत्साह का माहौल था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करने वाले थे। यहां 4 और 5 अगस्त को भव्य दीपावली मनाने की तैयारी की थी। भूमि पूजन से पहले अयोध्या में जश्न का माहौल था, लेकिन कांग्रेस के खेमे में मायुसी थी। कांग्रेस के नेता मंदिर निर्माण के खिलाफ बयान दे रहे थे। यहां तक कि भूमि पूजन कार्यक्रम को टालने के लिए हथकंडे भी अपना रहे थे। साथ ही भगवान श्री राम के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर रहे थे।

कांग्रेसी सांसद केतकर ने राम को बताया काल्पनिक
कांग्रेसा सांसद कुमार केतकर ने 2 अगस्त, 2021 को जी न्यूज पर एक चर्चा के दौरान भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया। केतकर ने कहा कि रामायण की वजह से राम का अस्तित्व है। हालांकि, इस निष्कर्ष पर पहुंचना अभी बाकी है कि राम इतिहास या साहित्य की रचना है या नहीं। वाल्मीकि ने एक महान महाकाव्य लिखा था और इसका प्रभाव भारत और विदेशों दोनों में महसूस किया गया था। लेकिन, मुझे नहीं पता कि वह इतिहास में मौजूद है या नहीं।

दिग्विजय ने भूमिपूजन के मुहूर्त पर उठाए सवाल
अयोध्या में श्रीराम मंदिर भूमिपूजन तय देख राहुल गांधी के करीबी कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह मुहूर्त पर सवाल उठाया। दिग्विजिय ने ट्वीट किया कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के अशुभ मुहूर्त में कराये जाने पर हमारे हिंदू (सनातन) धर्म के द्वारका व जोशीमठ के सबसे वरिष्ठ शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज का संदेश व शास्त्रों के आधार पर प्रमाणित तथ्यों पर वक्तव्य अवश्य देखें। उन्होंने यह भी कहा कि इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूं इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है।

राम मंदिर भूमि पूजन के खिलाफ याचिका दायर

अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन पर रोक लगाने के लिए राहुल गांधी के करीबी और वकील साकेत गोखले ने पीआईएल याचिका दायर की थी। साकेत ने कोरोना संकट काल में जारी अनलॉक 2.0 के दिशानिर्देशों के तहत भूमिपूजन पर रोक लगाने की मांग की थी। गौरतलब है कि साकेत सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ फेक न्यूज फैलाते रहते हैं। फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार साकेत बीजेपी के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में अभियान चलाकर 22 लाख रुपये जुटाए थे।

जनेऊधारी पंडित राहुल गांधी ने साधी चुप्पी
राम मंदिर निर्माण पर सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा ने कुछ नहीं कहा। खुद को जनेऊधारी हिंदू बताने वाले और चुनाव के समय मंदिरों में चक्कर लगाने वाले राहुल गांधी भी कुछ नहीं कह रहे थे। जब राम मंदिर मामला सुप्रीम कोर्ट में था तो कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता ही राम मंदिर के विरोध में दलीलें देते रहते थे। यहां तक कि यूपीए शासन के दौरान इसी कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम के अस्तिव पर भी सवाल उठा दिए थे।

चिदंबरम ने उठाए-अयोध्या पर अदालत के फैसले पर सवाल

09 नवंबर, 2021 को कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब के विमोचन पर पहुंचे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम अयोध्या के मसले पर उल्टी गंगा बहाते नजर आए, वे राम मंदिर पर अदालत के फैसले पर ही सवाल उठाते नजर आए, उन्होंने कहा कि इस फैसले का कानूनी आधार बहुत संकीर्ण है। बहुत पतली सी रेखा है लेकिन समय बीतने के साथ ही, दोनों पक्षों ने इसे स्वीकार किया। दोनों पक्षों ने स्वीकार किया, इसलिए यह सही फैसला है। ऐसा नहीं है कि यह सही फैसला था, इसलिए दोनों पक्षों ने स्वीकार किया।

देखिए किस तरह हिंदू आस्था का मजाक उड़ाने में अपनी शान समझते हैं राहुल गांधी।-

हिंदू आस्था से खिलवाड़
मध्य प्रदेश में चुनाव अभियान के दौरान जबलपुर में कांग्रेस पार्टी ने राहुल के शिव भक्त की तरह है नर्मदा भक्त होने का जमकर प्रचार किया। राहुल गांधी के लिए मां नर्मदा की आरती का भी आयोजन किया गया। पर यहां अपनी राजनीतिक चमकाने के लिए राहुल गांधी ने हिंदू आस्था का अपमान किया और मां नर्मदा की शाम को होने वाली आरती दोपहर में ही कर दी। दरअसल, राहुल गांधी को सिर्फ हिंदुओं को प्रभावित करने के लिए आरती का नाटक करना था, असर में तो उन्हें रोड शो करना था।

राहुल गांधी क्यों हैं ‘फर्जी’ हिंदू , जानिये हकीकत
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भोपाल में कार्यकर्ता संवाद के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा सवाल करती हैं कि कार्यकर्ता आपके कैलास मानसरोवर यात्रा के संस्मरण जानना चाहते हैं। ये सुनते ही राहुल गांधी कुछ बोल ही नहीं पाए। ऐसा लगा जैसे वे कैलास यात्रा के बारे में कुछ जानते ही न हों। थोड़ी देर तो बगल में खड़े मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अवाक रह गए और एक दूसरे का मुंह देखने लगे। राहुल को चुप देख कर उन्होंने कुछ समझाने की भी कोशिश की, लेकिन इसी बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने भी शुरू कर दिए।

काफी सोचने के बाद राहुल ने जो जवाब दिया वह भी काफी चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा, ‘’जो एक बार कैलास पर्वत और मानसरोवर चला जाता है वापस आने पर सब-कुछ बदल जाता है। सोच बदल जाती है और गहराई आ जाती है।‘’ जाहिर है राहुल के जवाब में उनका ‘झूठ’ छिपा हुआ है क्योंकि यात्रा वे यात्रा के संस्मरण बता ही नहीं पाए।

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि वे 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच कैलास मानसरोवर यात्रा पर गए थे। यात्रा शुरू करने से पहले नेपाल में सूअर और चिकेन कुरकुरे खाने को लेकर भी काफी विवाद हो चुका है। इतना ही नहीं लोग यह भी जानना चाहते हैं कि जिस कैलास मानसरोवर की यात्रा में कम से कम 21 दिन लगते हैं, कांग्रेस अध्यक्ष ने 9 दिनों में ही अपनी यात्रा कैसे पूरी कर ली?

दरअसल खुद को हिंदू साबित करने वाले राहुल न तो सनातन धर्म के बारे में जानते हैं और पूजा का विधि-विधान जानते हैं। मां सोनिया गांधी ईसाई हैं, इतना ही नहीं उनके दादा का नाम भी फिरोज खान गांधी है। जाहिर है वे न तो धर्म से, न संस्कार से और न ही जन्म के आधार पर हिंदू हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वे बार-बार खुद को हिंदू साबित करने में क्यों लगे रहते हैं?

इसलिए ‘ढोंगी’ हिंदू हैं राहुल गांधी

मार्च 2017
काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा के दौरान नमाज की मुद्रा बना ली

नवंबर, 2017
सोमनाथ मंदिर के एंट्री रजिस्टर में अपने नाम के आगे ‘M’ लिखा

जुलाई, 2018
मुस्लिम बुद्धिजीवियों से राहुल ने कहा- ‘’कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी’’

फरवरी, 2018
कर्नाटक में हंपी के विरुपाक्ष शिव मंदिर में जाने से किया इनकार

अगस्त, 2014
मंदिर दर्शन को जाने वाले हिंदुओं को लड़कियां छेड़ने वाला बताया

जुलाई, 2009
विकिलीक्स को बताया कि अलकायदा-लश्कर से खतरनाक हैं हिंदू

कांग्रेस नेता किस हद तक हिंदू धर्म के विरोधी हैं, एक नजर डालते हैं-

कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है- राहुल गांधी
जम्मू कश्मीर में छपने वाले उर्दू दैनिक अखबार “इंकलाब” ने 12 जुलाई, 2018 को बहुत बड़ा खुलासा किया। फ्रंट पेज पर खबर छापी कि 11 जुलाई को राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ ‘सीक्रेट मीटिंग’ में कहा कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। इसके साथ यह खबर भी छपी है कि राहुल ने कहा कि उनका और उनकी मां का कमिटमेंट है कि मुसलमानों को उनका हक मिलना चाहिए और इससे वो कोई समझौता नहीं कर सकते।

गुजरात में मंदिर दर्शन के लिए राहुल ने मांगी माफी
12 तुगलक लेन स्थित अपने निवास पर राहुल गांधी ने लगभग 2 घंटे तक मुस्लिमों से बातचीत की। इस दौरान मुस्लिम नेताओं ने राहुल से आपत्त्ति दर्ज कराई और कहा कि आप तो सिर्फ मंदिर जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने तो मुसलमानों को भुला ही दिया है। मुस्लिम नेताओं की बात सुनकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कर्नाटक में कई मस्जिदों में भी गया हूं। अब मस्जिदों में लगातार जा रहा हूं। खबर ये भी है कि उन्होंने कहा कि  गुजरात में मंदिरों में गया था उसके लिए माफी मांगता हूं।

शरिया अदालत लागू करने का राहुल ने किया वादा
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांगें भी मान ली थी। बताया गया कि उस समय राहुल गांधी ने ये वादा किया कि अगर वे 2019 में देश के प्रधानमंत्री बने तो देश के हर जिले में शरिया अदालत बनाने की मांग पूरी कर देंगे।

राहुल के आदेश से हिंदुओं को ‘गाली’ देते कांग्रेसी!
पिछले दिनों कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हिंदुओं को कट्टरपंथी बताते हुए ‘हिंदू पाकिस्तान’ की बात कही। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने हिंदुओं को कट्टरपंथी कहा और भारत के पाकिस्तान बन जाने की बात कही। खबर है कि यह सब राहुल गाधी के आदेश से किया जा रहा है। गौरतलब है कि 11 जुलाई को ही राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी और मुलाकात से पहले और बाद वह यही संदेश देना चाहते हैं कि मुस्लिमों की असल हितैषी कांग्रेस है।  

कांग्रेस के डीएनए में है हिंदू विरोध
हिंदू विरोध की भावना कांग्रेस के डीएनए में है। 17 दिसंबर, 2010… विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक ब्योरा दिया। राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ‘भारत विरोधी मुस्लिम आतंकवादियों और वामपंथी आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।’ अमेरिकी राजदूत के सामने दिया गया उनका ये बयान कांग्रेस की बुनियादी सोच को ही दर्शाता है। ये कहा जा सकता है कि कांग्रेस हमेशा ही देश की 20 करोड़ की आबादी को खुश करने के लिए 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करती रही है।

मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम के अस्तित्व पर उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की हिंदू धर्म, हिंदू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। हिंदू धर्म में आस्था और जनेऊधारी हिंदू बनने का ढोंग करने वाले राहुल गांधी के खासमखास वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। दिल्ली में राष्ट्र विरोधी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भगवान राम, अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि स्थल सभी को कठघरे में खड़ा कर दिया। मस्जिद और मुसलमानों के प्रेम में डूबे अय्यर ने कहा कि राजा दशरथ एक बहुत बड़े राजा थे, उनके महल में 10 हजार कमरे थे, लेकिन भगवान राम किस कमरे में पैदा हुए ये बताना बड़ा ही मुश्किल है। इसलिए ये दावा करना कि राम वहीं पैदा हुए थे, यह ठीक नहीं है।

अब तक राहुल गांधी के खानदान का इतिहास हिंदुओं के खिलाफ ही रहा है। चलिए गिनते हैं राहुल गांधी के खानदान की ‘हिंदू विरोधी’ साजिशों के सबूत।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 1
आज़ादी के बाद से ही नेहरू गांधी ख़ानदान ने हिंदुओं को नीचा दिखाने और उनका मनोबल तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसकी शुरुआत आज़ादी के बाद से ही हो गई थी। लेकिन जब नेहरू के हिंदू विरोधी काम पर अंकुश लगाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल नहीं रहे तो नेहरू पूरी बेशर्मी से इस काम में जुट गए।

इंग्लिश अखबार ‘द हिंदू’ के मौजूदा संपादक एन. राम के पिता कस्तूरी ने तब ‘द हिंदू’ का संपादक रहते हुए लेख छापा था। मौजूदा तेलंगाना के सिकंदराबाद के के. सुब्रह्मण्यम के इस लेख में आजाद भारत में हिंदू और उनकी आस्था से हो रहे खिलवाड़ और सरकार की अल्पसंख्यकपरस्त नीतियों का खुलासा किया गया था।

के. सुब्रह्मण्यम हिंदू आस्थाओं का मजाक उड़ते देखकर ही परेशान नहीं हुए। उन्होंने ये भी देखा की नेहरू सरकार बेशर्मी से दूसरे धर्मों को हिंदू धर्म से श्रेष्ठ बताने की कोशिश कर रही है।  के. सुब्रह्मण्यम ने अंबेडकर की तुलना में अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, बीएन राव जैसे दूसरे हिंदू संविधान निर्माताओं को कम महत्व देने के लिए नेहरू को जिम्मेदार माना था। के. सुब्रह्मण्यम इस बात से भी दुखी थे कि वेद और हिंदू धर्मग्रन्थों का अनुवाद करने वाले अग्रेज मैक्सम्यूलर का भी सरकार गुणगान करती है। जबकि वो इनके जरिए हिंदुओं को पिछड़ा और ईसाई धर्म की सर्वोच्चता स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सरकार हिंदुओं का अहित और अल्पसंख्यकों को बढ़ावा दे रही है। अंग्रेज तो चले गए लेकिन हमारी सरकार अब भी उनकी नीतियों पर ही चल रही है। 

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 2
7 फरवरी, 1916 को मोतीलाल नेहरू ने अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की शादी के तीन कार्ड छपवाए गए थे। तीनों कार्ड अंग्रेजी के अलावा सिर्फ अरबी लिपि और फारसी भाषा में छपे थे। तीनों ही कार्ड में किसी भी हिन्दू देवी देवता का नाम नहीं लिखा गया था। न ही उन कार्ड पर हिन्दू धर्म से जुड़ा कोई श्लोक लिखा था। हिन्दू संस्कृति या फिर संस्कृत भाषा का कार्ड में कोई नामोनिशान तक नहीं था।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 3
आजादी के बाद जब बल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर के दोबारा निर्माण की कोशिश शुरू की तो महात्मा गांधी ने इसका स्वागत किया, लेकिन जवाहर लाल नेहरू इसका लगातार विरोध करते रहे। जब तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर गए तो नेहरू ने न केवल उन्हें जाने से मना किया और विरोध भी दर्ज कराया।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 4
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हिन्दू शब्द रखने पर जवाहर लाल नेहरू को घोर आपत्ति थी, उन्होंने इस शब्द को हटाने के लिए कहा था। पंडित मदन मोहन मालवीय पर भी नेहरू ने यूनिवर्सिटी से हिंदू शब्द हटाने के लिये दबाव डाला था। हालांकि उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मुस्लिम शब्द रखने पर कभी आपत्ति नहीं जताई।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 5
वंदे मातरम को राष्ट्रगीत बनाने पर जवाहर लाल नेहरू ने आपत्ति जताई थी। उन्हीं की आपत्ति के बाद मुस्लिमों का मनोबल बढ़ा, जिससे आज तक मुस्लिम वंदे मातरम गाने का विरोध करते हैं।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 6
7 नवंबर, 1966 को दिल्ली में हजारों नागा साधु इकट्ठा होकर ये मांग कर रहे थे कि – गाय की हत्या बंद होनी चाहिए, इंदिरा गांधी किसी भी कीमत पर गौ हत्या बंद करने के मूड में नहीं थी। फिर क्या था, दिल्ली में ही इंदिरा गांधी ने जालियांवाला कांड दोहराया और जनरल डायर की तरह हजारों नागा साधुओं के ऊपर गोलियां चलवा दीं। इस गोलीबारी में 6 साधु की मौत हो गई, यही नहीं उस समय गौभक्त माने जाने वाले गुलजारी लाल नंदा को इंदिरा ने गृहमंत्री पद से हटा दिया। इस घटना के बाद इंदिरा गांधी कई राज्यों में चुनाव हार गई थीं।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 7
साधु- संतो पर गोली चलाने से चुनाव हार चुकी इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी की शादी में हिन्दी में कार्ड तो छपवाया… लेकिन कार्ड में कहीं भी हिन्दू देवी देवता के नाम से परहेज किया गया। इसमें भगवान गणेश का भी नाम नहीं था ।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 8
नेहरू-गांधी परिवार ने कभी कोई हिन्दू त्योहार पारंपरिक रूप से नहीं मनाया। रमजान में गांधी परिवार हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन करता है, वैसा आयोजन आज तक कभी नवरात्रि में उनके घर पर नहीं हुआ। कभी कन्याओं को भोजन नहीं कराया गया। कभी किसी ने इनको दीपावली में दीये जलाते नहीं देखा।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 9
राहुल गांधी की उम्र 50 साल है, जबकि प्रियंका वाड्रा की 48 साल। कभी राहुल को प्रियंका वाड्रा से किसी ने राखी बंधवाते नहीं देखा। हिन्दुओं में भाई-बहन का रिश्ता बहुत ही पवित्र माना जाता है। कोई भी हिन्दू परिवार रक्षा बंधन से परहेज नहीं करता।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 10
राहुल गांधी सिर्फ मोदी को हराने के लिए हिन्दू बने हैं… वर्ना पूरे नेहरू परिवार का कभी भी हिन्दू धर्म से नाता नहीं रहा है। यहां तक कि हिन्दू पर्व- त्योहारों में बधाई देना भी अपमान माना जाता है। उदाहरण के लिए 2017 में साल पहली बार कांग्रेस दफ्तर में होली मनाई गई, इससे पहले अघोषित बैन था। राहुल गांधी ने पहली बार लोगों को 2017 में दिवाली की शुभकामनाएं दी।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 11
नेहरू गांधी परिवार कभी भी राम मंदिर निर्माण का समर्थन नहीं करता। बल्कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में भी कांग्रेसियों ने रोड़े अटकाने का काम किया। कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राम मंदिर की सुनवाई जुलाई 2019 तक टाल दी जाए, ताकि लोकसभा चुनाव हो सके। कांग्रेस चाहती थी कि 2019 तक वो हिन्दुओं को बरगला कर सत्ता में आ जाए और राम मंदिर का निर्माण हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाए। 

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 12
2007 में कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि राम, सीता, हनुमान और वाल्मिकी काल्पनिक किरदार हैं, इसलिए रामसेतु का कोई धार्मिक महत्व नहीं माना जा सकता है।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 13
कांग्रेस ने ही पहली बार मुस्लिमों को हज में सब्सिडी देने और अमरनाथ यात्रा पर टैक्स लगाने का पाप किया। दुनिया के किसी भी देश में हज में सब्सिडी नहीं दी जाती है, सिर्फ कांग्रेस सरकारों ने भारत में मुसलमानों के वोट के लिए ये खैरात बांटना शुरू किया। लेकिन मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 14
कांग्रेस ने ही सबसे पहले दुनिया भर में हिन्दुओं को बदनाम करने के लिए हिन्दू आतंकवाद नाम का शब्द गढ़ा। एक ऐसा शब्द ताकि मुस्लिम आतंकवाद की तरफ से दुनिया का ध्यान भटकाकर हिन्दुओं को आतंकवादी सिद्ध किया जा सके।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 15
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बयान के जरिए देश की बहुसंख्यक आबादी को चौंका दिया, जब उन्होंने कहा कि मंदिर जाने वाले लोग लड़कियों को छेड़ते हैं। हिन्दू धर्म में मंदिर जाने वाले लोग लफंगे होते हैं।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 16
तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के करीबी कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस्लामी कुरीति की तुलना राम से कर दी। जाहिर ये कांग्रेस आलाकमान के इशारे के बिना कपिल सिब्बल ये जुर्रत नहीं कर सकते थे।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 17
राहुल गांधी ने विदेश जाकर ये फैलाने की कोशिश की कि लश्कर से भी ज्यादा कट्टर आतंकी हिन्दू होते हैं। जबकि आज तक कभी ये सामने नहीं आया कि कोई हिन्दू आतंकी बना हो।

गांधी परिवार की हिंदू विरोधी साजिश- सबूत नंबर 18
राहुल गांधी ने जर्मनी जाकर फिर से हिन्दू धर्म को बदनाम करने का प्रयास किया। राहुल ने जर्मनी में कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं, उसकी वजह भारतीय संस्कृति है।

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