दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की शर्मनाक पराजय के बाद भी आप के और ज्यादा बुरे दिन अभी आने वाले हैं। एक ओर पंजाब में भगवंत मान की सरकार और संगठन में विरोध की सुगबुगाहट और तकरार के स्वर उभरने लगे हैं। वहीं, दिल्ली में आप की बची-खुची ‘शहरी सरकार’ की डांवाडोल हो रही है। जहाज डूबने से पहले जैसे चूहे सबसे पहले भागते हैं, ऐसे ही दिल्ली नगर निगम में काबिज आप के पार्षद पार्टी को डूबता देखकर भागने लगे हैं। आप के तीन पार्षदों ने तो भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम भी लिया है और बाकि कुछ पार्षद सही मौके की कतार में लगे हुए हैं। इससे एमसीडी में भाजपा लगातार मजबूत हो रही है। दिल्ली के सियासत के दरबार में ये पुरजोर कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वह दिन दूर नहीं, जबकि दिल्ली नगर निगम में भी भाजपा काबिज होगी। दिल्लीवासियों की लॉटरी लगी तो ऐसा होने पर दिल्ली का विकास ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ तीन गुना तेजी से करेगी। एक ओर आप में टूट-फूट जारी है तो दूसरी ओर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह एंटी करप्शन ब्यूरो के राडार पर आने के कारण नई मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं।
आज, आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन निगम पार्षद—एंड्रयूज़ गंज से श्रीमती अनीता बसोया जी(वार्ड 145), हरिनगर से श्री निखिल चपराना जी(वार्ड 183) और आर.के. पुरम से श्री धर्मवीर सिंह जी(वार्ड 152) भाजपा परिवार में शामिल हुए; सभी का भाजपा परिवार में स्वागत व अभिनंदन।
जनता भ्रम और… pic.twitter.com/xcFJHdmbuw
— Virendraa Sachdeva (@Virend_Sachdeva) February 15, 2025
आप के तीन पार्षद आने से भाजपा शहरी सरकार में हुई मजबूत
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के बाद, पार्टी ने राजधानी में ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। इस प्रयास के तहत, आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन मौजूदा पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन तीनों पार्षदों को औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता दिलाई। यह घटनाक्रम दिल्ली की राजनीति में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहा है, जिससे एमसीडी (नगर निगम) में भी बीजेपी के प्रभाव को मजबूती मिल सकती है। बीजेपी में शामिल हुए आम आदमी पार्टी के जो पार्षद में एंड्रयूज गंज से पार्षद अनीता बसोया, आरके पुरम से पार्षद धर्मवीर और चपराना वार्ड 152 से पार्षद निखिल शामिल हैं। दिल्ली विधानसभा में जीत के बाद अब बीजेपी की नजर एमसीडी चुनाव पर भी हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के बाद अब एमसीडी में भी बीजेपी का पलड़ा भारी होगा। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटें हासिल की हैं तो वहीं AAP के खाते में 22 सीटें आई हैं।
मेयर चुनाव से पहले भाजपा 10 विधायकों को एमसीडी में कर सकती है नामांकित
बता दें कि इसी साल अप्रैल में दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव होना तय है। AAP ने पिछले साल हुए मेयर चुनाव में तीन वोटों से जीत हासिल की थी। पार्षदों के अलावा, सात लोकसभा सांसद (सभी भाजपा के), तीन राज्यसभा सांसद (सभी आप के) और दिल्ली में 14 नामांकित विधायक दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में मतदाता हैं। तीन पार्षदों के शामिल होने से भाजपा की सीटें अब आप से अधिक हो गई हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि भाजपा अपने 10 विधायकों को एमसीडी के लिए नामांकित करने जा रही है, जबकि आप के पास नागरिक निकाय के लिए चार नामांकन होंगे। पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के आठ और आप के तीन पार्षद विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2022 के एमसीडी चुनावों में, AAP ने 134 वार्ड, भाजपा ने 104, कांग्रेस ने नौ और निर्दलीय ने तीन वार्ड जीते थे।ACB ने आप नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शिकंजा कसा
आम आदमी पार्टी के लिए इस नए साल में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त, खुद पूर्व सीएम और डिप्टी सीएम की हार और अब पार्टी में भगदड़ जैसी स्थिति है। इसी बीच नई खबर यह है कि दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भी आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए शिकंजा कस लिया है। एसीबी के राडार पर आप के जो नेता हैं, उनमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मुकेश अहलावत और राज्यसभा सांसद संजय सिंह शामिल हैं। एसीबी ने इन नेताओं को नोटिस भेजा था। अपनी आदत के मुताबिक आप नेता केजरीवाल समेत किसी ने इसका जवाब नहीं दिया। नोटिस का जवाब न मिलने पर आप नेताओं के खिलाफ एसीबी कड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। अगर AAP की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया तो एसीबी दिल्ली पुलिस को लेटर लिखकर इन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
केजरीवाल के घर की जांच, नोटिस में 16 आप विधायकों की जानकारी मांगी
गौरतबल है कि इससे पहले 7 फरवरी को एसीबी की टीम अरविंद केजरीवाल, सांसद संजय सिंह और मुकेश अहलावत के घर जांच के लिए पहुंची थी। करीब डेढ़ घंटे तक केजरीवाल के घर में जांच की, उनको लीगल नोटिस दिया और रवाना हो गई। दिल्ली चुनाव नतीजों से एक दिन पहले केजरीवाल ने दावा किया था कि भाजपा उनके विधायकों और कैंडिडेट्स को फोन पर 15-15 करोड़ के ऑफर दे रही है। इसके बाद भाजपा ने दिल्ली के LG वीके सक्सेना को पत्र लिखकर आरोपों की जांच की मांग की थी। LG ने जांच का जिम्मा एसीबी को सौंपा था। एसीबी ने नोटिस में केजरीवाल से उन 16 आप विधायकों की जानकारी मांगी थी, जिनके बारे में दावा किया गया था कि उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई। इसके अलावा इन विधायकों के सोशल मीडिया पोस्ट और रिश्वत की पेशकश करने वालों की पहचान से संबंधित जानकारी भी मांगी गई। एसीबी ने आरोपों पर आप नेताओं से आरोप से जुड़े सारे सबूत मांगे हैं।
दिल्ली ACB के AAP नेताओं से 5 सवाल…
1. आरोपों से जुड़ी पोस्ट आपने लिखी या किसी और ने।
2. जिन 16 विधायकों को पैसे ऑफर किए गए, उनकी जानकारी दीजिए।
3. उन फोन नंबर्स की जानकारी दीजिए, जिनसे विधायकों को कॉल आए थे।
4. आरोपों से जुड़े सबूत दीजिए, ताकि कार्रवाई की जा सके।
5. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए, जो झूठे आरोप लगाकर परेशानी खड़ी करते हैं।
केजरीवाल ने हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप में जरा भी सत्यता नहीं-भाजपा
अरविंद केजरीवाल ने मतगणना से दो दिन पहले 6 फरवरी को भाजपा पर आरोप लगाया था कि पार्टी उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है और हर एक को 15 करोड़ रुपए की पेशकश कर रही है। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। आप संयोजक केजरीवाल ने कहा था कि कुछ एजेंसियां दिखा रही हैं कि भाजपा को 55 से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। पिछले दो घंटों में हमारे 16 उम्मीदवारों को फोन आए हैं कि अगर वे आप छोड़कर उनकी पार्टी में आ जाएं, तो उन्हें मंत्री पद दिया जाएगा और 15 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। हालांकि भाजपा नेताओं ने इन आरोपों का जोरदार तरीके से खंडन किया और केजरीवाल को इसका सबूत पेश करने के कहा। केजरीवाल जब कोई तथ्य नहीं दे पाए तो उसकी शिकायत एलजी से की गई।