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राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के बीच गहलोत को राज्य से किनारे करने की रणनीति, सचिन के शक्ति-प्रदर्शन से CM Gehlot की मुश्किलें बढ़ीं, सीएम गुट के 7 विधायक PILOT के साथ नजर आए

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अशोक गहलोत को सीएम पद पर छह माह और बने रहने के लिए ऑक्सीजन देगी, या इसी यात्रा के दौरान उनकी जगह राजस्थान का ‘पायलट’ सचिन को बनाया जा सकता है? यह सवाल राजस्थान की सियासत में पुरजोर अंदाज में गूंज रहा है। पायलट के जन्मदिन के मौके पर किए गए शक्ति प्रदर्शन ने गहलोत वर्सेज सचिन की राजनीति को और हवा दे दी है। ऐसा इसलिए भी है कि पहली बार पूर्व डिप्टी सीएम पायलट के किसी शक्ति-प्रदर्शन में एक नहीं बल्कि सात विधायक गहलोत खेमे के नजर आए हैं। पायलट समर्थक विधायकों ने तो इसमें खुलकर पायलट को तत्काल सीएम बनाने की वकालत कर डाली है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए गहलोत की चर्चा होते ही पायलट को सीएम बनाने के लिए सक्रिय
कांग्रेस के दिल्ली-दरबार में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए भले ही तारीखों की नौटंकी शुरू हो गई हो, लेकिन सभी जानते हैं कि अध्यक्ष वही बनेगा, जिसके कांग्रेस की तिकड़ी (सोनिया-राहुल-प्रियंका) चाहेगी। कांग्रेस की सियासत में अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की सुर्खियां खूब आ रही हैं, हालांकि गहलोत ने इस बारे में पूछे जाने पर हर बार कहा है कि अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी को मनाया जाएगा। इस बीच गहलोत का नाम आने के बाद से ही पायलट समर्थकों में एकाएक जोश आ गया है, उन्हें लगता है कि गहलोत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाते हैं तो पायलट की ताजपोशी सीएम पद के लिए हो सकती है। पायलट के शक्ति-प्रदर्शन में गहलोत गुट के 7 MLA आने से सियासी पारा चढ़ा
राजस्थान कांग्रेस का सियासी पारा पायलट के शक्ति प्रदर्शन से और बढ़ गया। अपने जन्मदिन के मौके पर पायलट ने शक्ति प्रदर्शन कर अहसास करा दिया कि युवा कांग्रेसी ही उनके साथ नहीं है, बल्कि अब गहलोत गुट के विधायक और उनके कट्टर विरोधी भी उनके पाले में आने लगे हैं। पायलट को 45वें जन्मदिन की बधाई देने बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचे। बधाइयां देने वालों में राजस्थान के 21 विधायक भी शामिल रहे। आश्चर्य की बात यही है कि इनमें से सात विधायक गहलोत ग्रुप के थे। पहली बार ऐसा हुआ कि पायलट के शक्ति प्रदर्शन में गहलोत कैम्प इतने विधायक पहुंचे। गहलोत कैंप के 7 में से 5 विधायक ऐसे रहे, जिनका आना सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना।कभी पायलट पर 35 करोड़ का ऑफर का आरोप, अब सचिन के साथ आए मलिंगा
इनमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम था बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा का है। क्योंकि गहलोत समर्थक मलिंगा, वही विधायक हैं जिसने साल 2020 में राजस्थान कांग्रेस में हुई राजनीतिक उठापटक के समय सचिन पायलट पर खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते हुए उन्हें 35 करोड़ रुपये का ऑफर करने की बात कही थी। इतना ही नहीं, इन आरोपों से नाराज सचिन पायलट ने मलिंगा के खिलाफ मानहानि का भी वाद दायर किया था, लेकिन अब लगता है कि दोनों नेताओं के रिश्तों में जमी बर्फ पिघलने लगी है। दोनों विरोधियों के एक जाजम पर आने से पायलट को ताकत मिलेगी।

पायलट-मलिंगा का पैचअप कराने में गहलोत ग्रुप के खिलाड़ी लाल बैरवा का हाथ
राजनीति का दिलचस्प किस्सा यह भी है कि पायलट और मलिंगा का पैचअप कराने में भी गहलोत समर्थित विधायक का ही हाथ है। इस नई दोस्ती के पीछे एससी आयोग के अध्यक्ष और विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा हैं, जिन्होंने मलिंगा को पायलट के साथ जुड़ने के लिए तैयार किया। मलिंगा के बाद पायलट ग्रुप में नई एंट्री की बात करें तो वो हैं जयपुर के बगरू से विधायक गंगा देवी। वे भी पायलट के जन्मदिन पर बधाइयां देती मंच पर पायलट के साथ दिखाई दी। यही हाल निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला और सुरेश टांक का रहा। वो पहले गहलोत के साथ दिखाई देते थे, लेकिन अब वे खुलकर पायलट के शक्ति प्रदर्शन में शामिल हुए। इसी तरह गहलोत कैंप के विधायक चौधरी वीरेंद्र सिंह भी पायलट से जुड़े हैं। इसी प्रकार कभी पायलट कैंप के प्रमुख सिपहसालार माने जाने वाले विधायक प्रशांत बैरवा और विधायक इंदिरा मीणा जो छुप-छुप कर सचिन पायलट से मुलाकात करते दिखाई देते थे, वे अब खुलकर पायलट का समर्थन देते दिखाई दिए।

पायलट को शक्ति प्रदर्शन में मिले समर्थन से सीएम गहलोत की मुश्किलें बढ़ीं
पायलट के समर्थन में राजस्थान में हो रहे इस शक्ति प्रदर्शन से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। गहलोत कैंप के ही विधायक और एससी आयोग के चेयरमैन खिलाड़ीलाल बैरवा ने दावा कि राजस्थान के सौ फीसदी युवा पायलट के साथ हैं। पायलट को सीएम बनाया जाना चाहिए। अशोक गहलोत को खुद कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। एक दूसरे कार्यक्रम में सचिन पायलट के समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने पायलट की सीएम बनाने की वकालत करते हुए मंच से कह दिया कि वे कांग्रेस के साथ नहीं सचिन पायलट के साथ हैं।

‘सरकार ने पायलट के घर के रास्तों से पायलट की तस्वीरों वाले पोस्टर हटवाए’
पायलट का शक्ति प्रदर्शन हो और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम न आए ऐसा संभव नहीं है। पायलट समर्थक नेताओं का आरोप है कि सरकार ने पायलट के घर की ओर जा रहे रास्तों से पायलट की तस्वीरों वाले पोस्टर हटवा दिए। विरोध में पायलट समर्थक कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की कुछ टोलियां ये पोस्टर पहनकर पायलट के आवास पहुंची। समर्थकों की भारी भीड़ देखकर पायलट भी गदगद नजर आए। जयपुर के सिविल लाइन में सचिन पायलट के सरकारी आवास की ओर जाने वाली हर सड़क पर पायलट के पोस्टर थामे भीड़ नजर आ रही थी। सीएम वाले सवाल पर सचिन पायलट ने मीडिया से हंसकर कहा कि अभी सफर लंबा है।

 

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