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असम में अब मुस्लिम समाज ही ढहा रहे मदरसे, सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा- ये अलकायदा के सेंटर थे

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असम के कई मदरसों का आतंकी संगठनों से लिंक सामने आने के बाद उन्हें तोड़ने की कार्रवाई जोरों पर है। राज्य सरकार ने अब तक तीन मदरसों को गिरा दिया है जबकि मंगलवार को चौथे मदरसे को स्थानीय लोगों ने ही गिरा दिया। लोगों का कहना है कि यह आतंकवाद की शिक्षा का केंद्र बन गया था और यहां अलग कायदा से जुड़े आतंकी पनाह पाते थे और लोगों को देश विरोधी काम अंजाम देने के लिए भड़काने का काम करते थे। इस मामले में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जिन मदरसों को गिराया गया है वो अल कायदा के सेंटर थे। हम लोगों ने 2-3 मदरसों को गिराया है जबकि अब लोग खुद मदरसों को गिराने के लिए आगे आ रहे हैं। खास बात यह है कि मुस्लिम समाज से जुड़े लोग ही आगे आ रहे हैं।

असम के सीएम ने कहा कि अब तो मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि वो ऐसा कोई मदरसा नहीं चाहते जिसके जरिए आतंकवाद की शिक्षा दी जाती हो। मुस्लिम समाज ऐसा मदरसा नहीं चाहता जिसकी वजह से समाज में आतंक की खेप पैदा हो। यही वजह है कि मंगलवार को असम के गोलपाड़ा के पखिरुआ के एक मदरसे को लोगों ने ही ढहा दिया। सरमा ने कहा कि सभी ध्वस्त मदरसे अल कायदा के कार्यालय थे। इससे मदरसे का चरित्र बदल जाता है। गोलपारा एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने जानकारी दी, ‘स्थानीय लोग मदरसा गिराने की पहल कर रहे हैं। इसमें सरकार शामिल नहीं है। वे इस बात को लेकर हैरान हैं कि गिरफ्तार किए गए जिहादी मदरसा में शिक्षक थे। लोगों ने एक मजबूत संदेश दिया है कि वे जिहादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करना चाहते।

असम के बारपेटा जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्यों को चार साल तक पनाह देने वाले एक मदरसे को जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद बोंगाईगांव जिले के कबाईटरी पार्ट- IV गांव में स्थित मरकजुल मा-आरिफ क्वारियाना मदरसा को तोड़ा गया था। असम पुलिस ने इस साल मार्च से अब तक AQIS/ABT से जुड़े 37 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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