भारत और चीन के बीच जारी टकराव के बीच कांग्रेस और वामपंथी मीडिया चीनी एजेंडे के तहत मोदी सरकार को बदनाम करने में लगे हैं। इसके लिए वे झूठी खबरों को आधार बनाकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। लेकिन झूठ की पोल खुलने से उनकी कोशिशें नाकाम होती जा रही हैं। हालत ये है कि हर रोज राहुल गांधी प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए झूठे ट्वीट करते हैं, फिर भी लोग उनकी बातों पर भारोसा नहीं कर रहे हैं। खुद राहुल गांधी के बयानों से उनके और चीन के बीच मिलीभगत के बीजेपी के दावों की पुष्टि हो रही है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसा। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आप chronology समझिए: PM बोले कि कोई सीमा में नहीं घुसा। फिर चीन-स्थित बैंक से भारी क़र्ज़ा लिया। फिर रक्षामंत्री ने कहा चीन ने देश में अतिक्रमण किया। अब गृह राज्य मंत्री ने कहा अतिक्रमण नहीं हुआ। मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ? इतना डर किस बात का?”
आप chronology समझिए:
?PM बोले कि कोई सीमा में नहीं घुसा
?फिर चीन-स्थित बैंक से भारी क़र्ज़ा लिया
?फिर रक्षामंत्री ने कहा चीन ने देश में अतिक्रमण किया
?अब गृह राज्य मंत्री ने कहा अतिक्रमण नहीं हुआमोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ?
इतना डर किस बात का?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 16, 2020
इससे पहले ‘द टेलीग्राफ’ में ‘China loan horse without a mouth‘ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भारत ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत किए गए उपायों का समर्थन करने के लिए $750 मिलियन के लिए एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के साथ एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि PLA पर जारी गतिरोध के बीच भारत ने बैंक से 1,350 मिलियन डॉलर के दो ऋण लिए, जिसमें बीजिंग बहुसंख्यक शेयरधारक है।
The Narendra Modi government has formally confirmed that India took two loans totalling $1,350 million (Rs 9,202 crore) from the China-controlled bank in the thick of the border standoff.@imrantelegraphhttps://t.co/MKNgqD95xX
— The Telegraph (@ttindia) September 16, 2020
द टेलीग्राफ ने अपने लेख में लिखा, “गलवान नरसंहार (जिसमें चीन को भी काफी हताहतों का सामना करना पड़ा) के चार दिन बाद 19 जून को, भारत ने AIIB के साथ कोरोना वायरस के संकट के लिए 750 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह वह दिन भी था जब प्रधानमंत्री मोदी ने “no-intrusion” का दावा किया था।”
लेख में आगे कहा गया, “8 मई को, ऐसे समय में जब पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर चीनी घुसपैठ की पहली रिपोर्ट आनी शुरू हो गई थी, भारत सरकार द्वारा काफी हद तक इसे नजरअंदाज कर दिया गया था। भारत सरकार ने महामारी से लड़ने के लिए AIIB से 500 मिलियन डॉलर का अन्य ऋण लिया गया था।” यह लेख भारत सरकार द्वारा सीमा पर तनाव के मद्देनजर चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने की नीति पर सवाल उठाता है, साथ ही बीजिंग से ऋण देने की बात पर भी जोर देता है।
हैरानी की बात है कि राहुल गांधी और द टेलीग्राफ ने एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक को चीनी बैंक करार दिया। साथ ही झूठ फैलाने और लोगों को गुमराह करने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने ये नहीं बताया कि यह बैंक (AIIB) चीन से बाहर है और एक बहुपक्षीय संस्था हैं, जिसमें 100 से अधिक सदस्य हैं।
AIIB की तीसरी सालाना बैठक को पीएम मोदी ने किया संबोधित
बता दें कि जून 2018 में AIIB की तीसरी वार्षिक बैठक भारत के मुंबई में हुई थी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अपने लोगों के बेहतर भविष्य की कामना के साथ एशियाई देशों के संयुक्त प्रयास से जनवरी में AIIB ने वित्तीय कामकाज शुरू किया। भारत और AIIB आर्थिक विकास को अधिक सतत और समावेशी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत में आधारभूत ढांचा विकास फंड के लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी और इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट फंड का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का सहारा भी है। इनका उद्देश्य बुनियादी ढांचा विकास के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से निवेश जुटाना है।
इस बैंक की स्थापना एशिया और इससे आगे के क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक परिणामों में सुधार के उद्देश्य से की गई थी। बैंक का संचालन जनवरी 2016 से शुरू हुआ। इसके 103 से अधिक सदस्य हैं। हालांकि चीन 26.61 प्रतिशत वोटिंग शेयरों के साथ बैंक का बड़ा शेयरहोल्डर है, लेकिन भारत 7.6 प्रतिशत वोटिंग शेयर के साथ दूसरा सबसे बड़ा शेयरहोल्डर है। किसी भी अन्य बहु-राष्ट्रीय संस्थान की तरह, AIIB एक ऐसा संगठन है जो अपने सदस्य देशों को इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट की चुनौतियों से उबरने में मदद करता है।