राफेल डील मामले में मुंह की खाने के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। उनका दावा है कि इस केस में मोदी सरकार को क्लीन चिट देकर सुप्रीम कोर्ट ने गलत फैसला दिया है। वो इसे एक बार खुलवाएंगे।
Prashant Bhushan: In our opinion the Supreme Court judgement is totally wrong, the campaign will certainly not drop and we will decide if we will file a review petition #Rafaledeal https://t.co/djJheTLAhr
— ANI (@ANI) December 14, 2018
प्रशांत भूषण ने लिखा है, ‘’हमारी राय में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिल्कुल गलत है। ये अभियान नहीं रुकेगा और हम ये तय करेंगे कि क्या इस मामले में रीव्यू पिटीशन डाली जाए कि नहीं?’’
चाहते क्या हैं प्रशांत भूषण
दरअसल प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में हमेशा अपने मन मुताबिक फैसला चाहते हैं। इसके लिये वो जज, यहां तक कि चीफ जस्टिस से भी भिड़ जाते हैं। इससे पहले भूषण का 7 रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठियों को वापस भेजने से रोकने की मांग पर लेकर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से विवाद हुआ था। वो इस केस की तत्काल सुनवाई चाहते थे लेकिन गोगोई ने याचिका खारिज कर दी। भूषण ने पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस, ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी दलों के सहयोग से महाभियोग चलाने का अभियान भी चलाया था।
इतना ही नहीं, प्रशांत भूषण के पिता शांतिभूषण यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह से एक केस मैनेज कराने के लिए कथित रूप से 4 करोड़ मांग रहे थे, इसकी सीडी भी काफी विवादों में रही।
विवादों और भूषण का चोली दामन का साथ है। इसके लिए वो कश्मीरी आतंकवादियों की हिमायत से लेकर हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाने से भी बाज नहीं आते।
विवाद के प्रशांत ‘भूषण’
वाराणसी के पराडकर भवन में कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की वकालत करने पर कुछ लोगों ने प्रशांत भूषण से मारपीट की।
अलीगढ़ में उन्होने मैदान पर भारत माता की जय और वंदेमातरम कहने पर आपत्ति जताई, इस कार्यक्रम में नौबत मारपीट तक पहुंच गई।
आतंकवादी याकूब मेमन की फांसी रोकने के लिए आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा दी। तड़के 3.30 बजे सुनवाई शुरू हुई।
यूपी में एंटी रोमियो स्क्वॉड पर टिप्पणी करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की तुलना रोमियो से की।
हिमाचल प्रदेश में अवैध तरीके से जमीन खरीदने और शिक्षा संस्थान चलाने का आरोप।