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लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी का भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ ऐलान-ए-जंग, देशवासियों से मांगा आशीर्वाद और सहयोग

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ पूरी ताकत से निर्णायक लड़ाई लड़ने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने इसे अपनी सांविधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी बताते हुए इस लड़ाई में देशवासियों से आगे आने और खुलकर साथ देने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह दृश्य देखने को मिलते हैं कि एक तरफ वह लोग हैं, जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है। दूसरी तरफ वह लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है।

भ्रष्टाचार और परिवारवाद देश की दो सबसे बड़ी चुनौतियां

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती- भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती भाई-भतीजावाद, परिवारवाद। भ्रष्टाचार से हर हाल में लड़ना होगा। बैंक लुटनेवालों की संपत्ति जब्त हो रही है। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है। उससे देश को लड़ना ही होगा। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं।

डीबीटी से 20 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचा 

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के द्वारा आधार और मोबाइल सहित अन्य आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये को गलत हाथों में जाने से बचाया गया और उसे देश की भलाई के काम में लगाने में सरकार सफल हुई। उन्होंने कहा कि जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूट करके भाग गए, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिश जारी है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में मांगा आशीर्वाद और सहयोग

प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की, “मेरे 130 करोड़ देशवासी आप मुझे आशीर्वाद दीजिए, आप मेरा साथ दीजिए, मैं आज आपसे साथ मांगने आया हूं, आपका सहयोग मांगने आया हूं, ताकि मैं इस लड़ाई को लड़ सकूं और इस लड़ाई को देश जीत पाए। उन्होंने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है और वह व्यक्त भी होती है लेकिन कभी-कभी भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता भी दिखाई जाती है जो किसी भी देश को शोभा नहीं देता है।”

भ्रष्टाचारियों का महिमामंडन करने वालों पर प्रहार

प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का महिमामंडन करने वालों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कई लोग तो इतनी हद तक चले जाते हैं कि अदालत में सजा हो चुकी हो। भ्रष्टाचार सिद्ध हो चुका हो। जेल जाना तय हो चुका हो। जेल गुजार रहे हो। इसके बावजूद भी उनका महिमामंडन करने में लगे रहते हैं, उनकी शान शौकत में लगे रहते हैं, उनकी प्रतिष्ठा बनाने में लगे रहते हैं।

भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति जागरूक होने की जरूरत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब तक समाज में गंदगी के प्रति नफरत नहीं होती है, स्वच्छता के प्रति चेतना भी नहीं जगती है। इसी प्रकार जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। इसलिए भ्रष्टाचार के प्रति भी और भ्रष्टाचारियों के प्रति भी हमें बहुत जागरूक होने की जरूरत है।

परिवारवाद से देश की प्रतिभा और सामर्थ्य को नुकसान

भाई-भतीजावाद और परिवारवाद के खिलाफ हल्ला बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुर्भाग्य से राजनीति के क्षेत्र की इस बुराई ने हिंदुस्तान की हर संस्था में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने में लपेटे हुए है और उसके कारण मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है। देश के सामर्थ्य को नुकसान होता है। भ्रष्टाचार का एक कारण परिवारवाद भी बन जाता है।’’

देश के शुद्धिकरण के लिए परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति की अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीति में भी परिवारवाद ने देश के सामर्थ्य के साथ सबसे ज्यादा अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में परिवारवाद परिवार की भलाई के लिए होता है और उसे देश की भलाई से कोई लेना देना नहीं होता। उन्होंने लोगों से अपील की, ‘हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण के लिए भी और सभी संस्थाओं के शुद्धिकरण के लिए भी… इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलानी होगी। योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने की ओर हमें बढ़ना होगा।”

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