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प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को करेंगे पवित्र ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को नए संसद भवन में स्थापित

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एक और नया इतिहास बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन में पवित्र ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ स्थापित करेंगे। 24 मई को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि रविवार 28 मई को इतिहास की पुनरावृत्ति होगी, जब नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन के पवित्र प्रतीक सेंगोल को ग्रहण कर उसे नए संसद भवन में स्थापित करेंगे। यह वही सेंगोल है जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात को अपने आवास पर, कई नेताओं की उपस्थिति में स्वीकार किया था।

अमित शाह ने कहा, “आज आजादी के 75 साल बाद भी, अधिकांश भारत को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। 14 अगस्त, 1947 की रात को वह एक विशेष अवसर था, जब जवाहर लाल नेहरू जी ने तमिलनाडु के थिरुवदुथुराई आधीनम (मठ) से विशेष रूप से पधारे आधीनमों (पुरोहितों) से सेंगोल ग्रहण किया था। पंडित नेहरू के साथ सेंगोल का निहित होना ठीक वही क्षण था, जब अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के हाथों में सत्ता का हस्तांतरण किया गया था। हम जिसे स्वतंत्रता के रूप में मना रहे हैं, वह वास्तव में यही क्षण है।”

केन्द्रीय गृह मंत्री ने बताया, “सेंगोल का गहरा अर्थ होता है। ‘सेंगोल’’ शब्द तमिल शब्द “सेम्मई” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “नीतिपरायणता”। इसे तमिलनाडु के एक प्रमुख धार्मिक मठ के मुख्य आधीनम (पुरोहितों) का आशीर्वाद प्राप्त है। ‘न्याय’ के प्रेक्षक के रूप में, अपनी अटल दृष्टि के साथ देखते हुए, हाथ से उत्कीर्ण नंदी इसके शीर्ष पर विराजमान हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सेंगोल को ग्रहण करने वाले व्यक्ति को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रूप से शासन करने का ‘आदेश’ (तमिल में‘आणई’) होता है और यह बात सबसे अधिक ध्यान खींचने वाली है- लोगों की सेवा करने के लिए चुने गए लोगों को इसे कभी नहीं भूलना चाहिए।” 1947 के उसी सेंगोल को प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास प्रमुखता से स्थापित करेंगे। इसे राष्ट्र के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और विशेष अवसरों पर बाहर ले जाया जाएगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक ‘‘सेंगोल’ के लिए संसद भवन ही सबसे अधिक उपयुक्त और पवित्र स्थान है। ‘‘सेंगोल’ ’की स्थापना 15 अगस्त, 1947 की भावना को अविस्मरणीय बनाती है। यह असीम आशा, अनंत संभावनाओं और एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का संकल्प है। यह अमृतकाल का प्रतिबिंब होगा, जो नए भारत को विश्व में अपने यथोचित स्थान को ग्रहण करने के गौरवशाली क्षण का साक्षी बनेगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सेंगोल के बारे में विवरण और डाउनलोड करने योग्य वीडियो के साथ एक विशेष वेबसाइट https://sengol1947.ignca.gov.in को भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत के लोग इसे देखें और इस ऐतिहासिक घटना के बारे में जानें, यह सभी के लिए गर्व की बात है।”

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