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पीएम मोदी के विजन से देश में पानी की समस्या का समाधान करेगा मिशन अमृत सरोवर! 40 हजार से अधिक अमृत सरोवर बनकर तैयार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से देश आज कई क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बन रहा है। इसी कड़ी में भारत ने जल संरक्षण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। देशभर में अब तक 40,000 से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं। यह उपलब्धि अप्रैल 2022 में मिशन अमृत सरोवर शुरू होने के बाद 11 महीने की छोटी अवधि में हासिल हुई है। मिशन के तहत इस वर्ष 15 अगस्त तक 50,000 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य है। देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का संकल्प तेजी से आकार ले रहा है। ‘मिशन अमृत सरोवर’ के शुभारंभ के 6 महीने के भीतर 25 हजार से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण पूरा भी कर लिया गया था। यह पीएम मोदी का विजन है जिससे देशभर में भू-जल स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी और भविष्य में कभी देश में सूखा आता है या जलसंकट का सामना करना पड़ता है तो अमृत सरोवर बड़ी मददगार साबित होंगी।

प्रधानमंत्री ने मिशन अमृत सरोवर की उपलब्धि की सराहना की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिशन अमृत सरोवर की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि जिस गति से देशभर में अमृत सरोवरों का निर्माण हो रहा है, वह अमृत काल के हमारे संकल्पों में नई ऊर्जा भरने वाली है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक ट्वीट संदेश में जानकारी दी है कि 40 हजार से अधिक अमृत सरोवर राष्ट्र को समर्पित किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि 15 अगस्त 2023 तक 50 हजार अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

अमृत सरोवर से भू-जल स्तर बढ़ाने में मिलेगी मदद

देश में प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण हो जाने से भू-जल बढ़ाने में खासी मदद मिलेगी। पीएम मोदी द्वारा लिए गए इस संकल्प से पूरे देश में जल संकट की बड़ी समस्या का समाधान होगा और हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी सुरक्षित हो जाएगा। वहीं देश में सूखाग्रस्त इलाकों की पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा। बुंदेलखंड जैसे इलाकों में गंभीर जल संकट को समाप्त किया जा सकेगा। आगामी दिनों में इसका लाभ छोटे किसानों, महिलाओं और यहां तक कि पक्षियों और जानवरों के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होगा।

पीएम मोदी ने लिया था हर जिले में 75 अमृत सरोवर का संकल्प

पीएम मोदी ने देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का संकल्प लिया था और इसमें जनभागीदारी का आह्वान किया था। पीएम मोदी के एक आह्वान पर देश की जनता ने भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि यह कितना बड़ा अभियान है। इस अभियान को आगे बढ़ता देख आज प्रतीत होता है कि अब वह दिन दूर नहीं जब आपके अपने शहर में 75 अमृत सरोवर होंगे।

15 अगस्त तक 50,000 अमृत सरोवर निर्माण का लक्ष्य

भारत सरकार ने ‘मिशन अमृत सरोवर’ के तहत 15 अगस्त 2023 तक 50,000 अमृत सरोवर के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर में 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ लगभग 1 एकड़ का क्षेत्र होगा।

करीब 90,531 स्थलों पर सरोवर बनाने की हुई पहचान

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार अभी तक अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए लगभग 90,531 स्थलों की पहचान की गई है, जिनमें से 52,245 स्थलों पर काम शुरू कर दिया गया है। यह संख्या अमृत सरोवर के रूप में वर्षा जल संरक्षण के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

मिशन अमृत सरोवर 24 अप्रैल 2022 को शुरू किया गया

जल संरक्षण एवं जल संचयन के उद्देश्य से और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट दूर करने के लिए पीएम मोदी के आह्वान पर आजादी के 75वें साल में, आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के संकल्प के साथ मिशन अमृत सरोवर दिनांक 24 अप्रैल 2022 को शुरू किया गया।

मिशन अमृत सरोवर को सफल बनाने में जुटे हैं सरकार के कई मंत्रालय

मिशन अमृत सरोवर एक सम्पूर्ण सरकार के दृष्टिकोण पर आधारित मिशन है, जिसमें भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ जल शक्ति मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा तकनीकी सहयोग के लिए भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान मिलकर काम कर रहे हैं।

अमृत सरोवरों से जनभागीदारी की भावना को भी प्रोत्साहन

अभी तक बनाए गए अमृत सरोवरों से जनभागीदारी की भावना को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर के लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए प्रखंड स्तर पर निगरानी पर जोर दिया। मिशन अमृत सरोवर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे सफल बनाने में जहां सरकार के कई मंत्रालय और विभाग जुड़े हुए हैं वहीं ‘जनभागीदारी’ मिशन अमृत सरोवर के केन्द्र में है। इस मिशन में जनता की भागीदारी को महत्वपूर्ण बनाया गया है। इसलिए इसमें सभी स्तरों पर लोगों की भागीदारी को शामिल किया गया है।

ग्रामीण इलाकों में जल संकट को खत्म करना उद्देश्य

ग्रामीण इलाकों में पानी के संकट को खत्म करने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने पिछले वर्ष 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर के निर्माण के उद्देश्य से की थी। जाहिर है अगर देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण होगा तो भू-जल बढ़ाने में खासी मदद मिलेगी। ऐसे में कल्पना कर सकते हैं कि पीएम मोदी द्वारा लिया गया यह संकल्प पूरा होता है तो पूरे देश में जल संकट की बड़ी समस्या का समाधान होगा और हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी सुरक्षित हो जाएगा। वहीं देश में सूखा ग्रस्त इलाकों की पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा।

अमृत सरोवर के तट पर लगाए जाएंगे पौधे

अमृत सरोवर हरियाली से भी भरपूर हो, इसके भी इंतजाम किए जा रहे हैं। अमृत सरोवर के तट पर नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन और महुआ आदि के पौधे लगाए जाएंगे.

प्रत्येक अमृत सरोवर में 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता

भारत सरकार ने ‘मिशन अमृत सरोवर’ 15 अगस्त 2023 तक 50,000 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य तय किया है। इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर में 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ लगभग 1 एकड़ का क्षेत्र होगा। इसके साथ ही सरोवरों में साल भर जल की उपलब्धता बनी रहे, इसके इंतजाम भी किए गए हैं। इन्हें मुख्यत: वर्षा जल संचयन कर भरा जाएगा।

देश की प्रगति और गति को निर्धारित करने के लिए पानी जरूरी

बीते कुछ साल में विश्व के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बढ़ती हुई गर्मी के बीच पानी बचाने की जिम्मेदारी भी हर देशवासी की है। देश में कई इलाके जल संकट वाले हैं, जिनके लिए पानी की एक-एक बूंद अमृत समान होती है। ऐसे में आज भारत जिन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहा है उनमें ‘जल संरक्षण’ भी एक है। कहते हैं कि पानी की उपलब्धता और पानी की किल्लत किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं। पृथ्वी पर जल के बिना जीने की कल्पना तक नहीं की जा सकती। जल केवल मानव जाति के लिए ही नहीं बल्कि जीव-जन्तुओं और पेड़ पौधों के लिए भी आवश्यक है। समस्त जीव जगत का आधार ही जल है। इसलिए कहा भी गया है कि ‘जल ही जीवन है।’

राज्यों में बन रहे जल संरचना उपयोगकर्ता संघ

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से सभी अमृत सरोवर को योजनाबद्ध तरीके से पूरा करना सुनिश्चित करने की बात कही है। अच्छी बात यह है कि राज्य भी इसमें बढ़ चढ़कर अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस कार्य को बेहतर ढंग से करने के लिए केंद्र सरकार ने इसके अमल के हर चरण में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर खास जोर दिया है। इसके अलावा राज्यों को जल संरचना उपयोगकर्ता संघ बनाने और बेहतर विकास के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने का अनुरोध किया है। इस दिशा में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। केंद्र द्वारा इसके लिए राज्यों की तकनीकी और अन्य चिंताओं का समाधान किया गया है। कुल मिलाकर, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों ने मिशन को लेकर बहुत सकारात्मक कार्य किए हैं। तभी आज भारत इस मिशन की करीब आधी यात्रा तय कर चुका है।

विश्वव्यापी समस्या बन चुकी पानी की समस्या दूर होगी

भू-जल एक अति महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। यह सम्पूर्ण मानव जाति को प्रकृति की ओर से दिया गया एक नि:शुल्क उपहार है। यदि हम जल ग्रहण करना बंद कर दें तो हमारे शरीर के अंदर चलने वाली समस्त जैव रासायनिक प्रक्रियाएं जल के अभाव में पूर्णरूप से रुक जाएंगी। प्राचीन काल में किसी ने नहीं सोचा होगा कि पानी एक दिन बोतलों में बिकेगा। आज के युग की यही वास्तविकता है और यह सब हुआ है पृथ्वी पर जल की कमी और बढ़ती मांग के कारण। आज जल की कमी देशों और महाद्वीपों के दायरे को तोड़कर विश्व व्यापी समस्या बन चुकी है।

दो-तिहाई भाग पानी से घिरा फिर भी धरती प्यासी

धरातल का दो-तिहाई भाग पानी से घिरा है, लेकिन इसका दो से तीन प्रतिशत ही इस्तेमाल के लायक है। आज भारत सहित विश्व के अनेक देश जल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं। इस समय भारत में विश्व की करीब 17% आबादी निवास करती है। यद्यपि यहां इसके मुकाबले जल बेहद कम है। वर्तमान में भू-जल संसाधनों का उपयोग पीने, सिंचाई और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है, लेकिन जनसंख्या में तीव्र वृद्धि, शहरीकरण, औद्योगीकरण और कृषि गतिविधियों के कारण भू-जल संसाधन पर दबाव बढ़ गया है। इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए भारत सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। अब देश के युवाओं को इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा सहयोग देकर सफल बनाना चाहिए। देश की युवा शक्ति को इस अभियान के बारे में जानना चाहिए और इसकी जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए।

पीएम मोदी ने दिया अमृत सरोवरों का काम मिशन मोड में पूरा करने का सुझाव

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों को मानसून शुरू होने से पहले अमृत सरोवरों का काम मिशन मोड में पूरा करने का सुझाव दिया है। प्रधानमंत्री ने 22 फरवरी 2023 को 41वीं प्रगति बैठक में 13 राज्यों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने आधारभूत संरचनाओं में तेजी लाने के लिए गतिशक्ति पोर्टल का उपयोग करने की भी सलाह दी है।

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